अमेरिका के गृह युद्ध के समय देश के दक्षिणी एवं उत्तरी भाग के निवासियों में परस्पर नफरत बैठ गई थी। एक अवसर पर जब राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन ने विद्रोही दक्षिण अमेरिका के लोगों के साथ परोपकारी व्यवहार करने की बात कही तो एक आलोचक ने खड़े होकर उन्हें स्मरण दिलाया कि उत्तर तथा दक्षिण में युद्ध चल रहा है, दक्षिण अमेरिका के लोग विद्रोही हैं, शत्रु हैं और उनका नाश किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर में लिंकन ने बड़े शांत और शिष्ट रीति तथा बड़ी बुद्धिमानी से कहा: "जब मैं उन्हें अपने मित्र बना लूँगा तो शत्रु तो स्वतः ही नष्ट हो जाएंगे"।
लिंकन की कही यह बात गंभीर है और प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दिए गए ’पहाड़ी सन्देश’ में दी गई शिक्षा के अनुसार है: "परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है" (मत्ती 5:44-45)।
हम मसीही विश्वासियों को अपने जीवन में कठिन लोगों का सामना तो करना ही पड़ेगा; कुछ ऐसे भी होंगे जिनके साथ हमें अपने संपर्क एवं व्यवहार के लिए सीमाएं भी निर्धारित करनी पड़ेंगी। लेकिन ऐसे लोगों को भी चोट पहुँचाने अथवा उन्हें नीचा दिखाने से हमें बच कर रहना है क्योंकि यह परमेश्वर का मार्ग नहीं है। इसके विपरीत परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि हम ऐसे लोगों के लिए प्रार्थना करें, उनकी भलाई का सोचें, उनके प्रति संवेदनशील और सकारात्मक रवैया रखें। संभव है इससे कोई शत्रु मित्र में परिवर्तित हो जाए। आवश्यक नहीं कि हमारे इस भले व्यवाहार का प्रत्युत्तर प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक रीति से ही दे, लेकिन तब भी हमें उसके साथ एक सामंजस्यपूर्ण और भले संबंध के लिए प्रार्थना करनी है तथा योजना बनानी है।
क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसके साथ आपके संबंध कठिन रहे हैं? प्रभु यीशु मसीह की शिक्षा एवं सहायता से उसे मित्र बना लेने की प्रक्रिया आरंभ कर लीजिए। - डेनिस फिशर
जब आप किसी की भलाई कर रहे हों तो उसके लिए आप से नफरत करना कठिन होगा।
बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो। - 1 पतरस 3:9
बाइबल पाठ: मत्ती 5:43-48
Matthew 5:43 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर।
Matthew 5:44 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो।
Matthew 5:45 जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है।
Matthew 5:46 क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते?
Matthew 5:47 और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते?
Matthew 5:48 इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है।
एक साल में बाइबल:
- श्रेष्ठगीत 5-8
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