मेरी
पत्नि कई प्रकार की सब्जियों को एक साथ मीट के साथ मिलाकर बहुत स्वादिष्ट भोजन
बनाती है। वह विभिन्न सब्जियों और मसालों को लेकर, उसमें मीट के टुकड़े डाल कर धीमी
आंच पर उन्हें पकने के लिए रख देती है। छः से सात घंटे पकने के पश्चात उस से उठने
वाली सुगंध घर में भर जाती है और उस पके हुए भोजन का स्वाद लाजवाब होता है। यह
मेरे लिए सदा ही लाभदायक रहता है कि मैं जल्दबाज़ी न करूँ, वरन धैर्य से उन सभी
वस्तुओं को एक साथ मिलकर पक जाने दूँ। उनके साथ पक जाने से जो स्वाद और सुगंध आती
है वह उनके अकेले-अकेले पकने में कभी नहीं आ पाती है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में जब पौलुस ने, सताव के परिप्रेक्ष्य में वाक्याँश “सब...मिलकर” का
प्रयोग किया तो उसने मूल भाषा में वह शब्द प्रयोग किया जिससे हमें आज सहक्रियता शब्द मिलता है। रोम के मसीही विश्वासियों को
लिखी अपनी पत्री में पौलुस ने लिखा, “और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये
सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं
के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं”
(रोमियों 8:28)। वह चाहता था कि रोम में रहने वाले वे मसीही विश्वासी जान लें के
परमेश्वर, जो उनके सताव का रचियता नहीं था, उनकी समस्त परिस्थितियों को लेकर,
उन्हें अपनी ईश्वरीय योजना के साथ सहक्रिय करके, अन्ततः उन सब बातों को मिलाकर
उनके लिए अद्भुत भलाई ही उत्पन्न करके देगा। पौलुस जिस भलाई की बात कर रहा था वह
भौतिक एवं नाश्मान बातें जैसे स्वास्थ्य, संपदा, प्रसिद्धी, या सफलता आदि नहीं थी
वरन परमेश्वर के पुत्र, प्रभु यीशु मसीह के स्वरूप में ढलना था (पद 29)।
हम
भी धैर्य तथा भरोसे के साथ प्रतीक्षा करें, क्योंकि हमारा स्वर्गीय पिता हमारे प्रति
लाए जा रहे सारे दुखों, परेशानियों, बुराईयों आदि को लेकर, उन्हें अपनी भलाई के
साथ मिलाकर, हमारी भलाई तथा अपनी महिमा के लिए विलक्षण कार्य कर रहा है। वह कार्य जब
तैयार होकर हमारे समक्ष आएगा तो उसकी उत्तमता को देखकर हम चकित हो जाएँगे। वह हमें
प्रभु यीशु मसीह के स्वरूप में ढाल रहा है। - मार्विन विलियम्स
परमेश्वर के प्रति धैर्य तथा उसके समय की
प्रतीक्षा सदा ही हमें उन्नति प्रदान करती है।
परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं
उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31
बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-39
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये
सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं
के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से
जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि
वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से
ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें
बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और
जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में
क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो
हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न
रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ
हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष
कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा
देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा,
और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन
भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से
अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट,
या उपद्रव, या अकाल, या
नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध
होने वाली भेंड़ों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम
उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर
हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं,
कि न मृत्यु, न जीवन, न
स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान,
न भविष्य, न सामर्थ्य, न
ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि,
हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु
मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 27-28
- मत्ती 8:18-34
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