मेरी
दूसरी बेटी, ब्रिटा, अपनी बड़ी बहन के कमरे में, बड़े बच्चों के बिस्तर में सोने के
लिए बहुत उत्सुक्त रहती थी। मैं हर रात्रि उसे वहां बिस्तर में सुलाती थी, और उसे
निर्देश देती थी कि वह बिस्तर में ही रहे, वहां से उतर कर कहीं नहीं जाए, अन्यथा
मैं उसे उसके छोटे बच्चों के खटोले में ही लेटा दूंगी। किन्तु मैं बहुत बार उसे
बिस्तर से निकल कर गलियारे में घूमते हुए पाती थी, और मुझे अपनी निरुत्साहित बेटी
को लेजा कर खटोले में सुलाना पड़ता था। कई वर्षों के बाद मुझे पता चला की उसकी बड़ी
बहन उसके साथ अपना कमरा बाँटना नहीं चाहती थी, इसलिए सामान्यतः ब्रिटा से प्रेम
भाव दिखाते रहने वाली वह बहन, रात में उसे अपने कमरे से बाहर भेजने के लिए, उससे
कहती थी की उसे सुनाई दिया है कि माँ ब्रिटा को बुला रही है, और ब्रिटा अपनी बहन
की बात मानकर, मेरे निर्देशों की अनसुनी करके, बिस्तर से निकलकर मुझे ढूँढने बाहर आ
जाती थी, और फिर मुझे उसे खटोले में लेटाना पड़ता था।
हम
सभी को गलत आवाज़ को सुनने और मानने के गलत परिणाम भुगतने पड़ते हैं। परमेश्वर के
वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब परमेश्वर ने एक जन को बेतेल भेजा, तो उसे स्पष्ट
निर्देश भी दिए कि वहां पर वह न तो कुछ खाए और न कुछ पीए, और न ही जिस मार्ग से
गया था उसी मार्ग से लौटे (1 राजाओं 13:9)। इसलिए जब राजा यारोबाम ने उसे अपने साथ
भोजन करने के लिए आमंत्रित किया तो उस नबी ने राजा के निमंत्रण को अस्वीकार कर
दिया। परन्तु कुछ समय के बाद जब एक वृद्ध नबी ने उसे अपने साथ आने और उसके घर में
भोजन के लिए कहा, तो पहले तो उसने मना किया, किन्तु फिर उसने वृद्ध नबी की झूठी बातों
में आकर उस का निमंत्रण स्वीकार कर लिया और उस वृद्ध नबी के घर जाकर, परमेश्वर के
निर्देशों के विरुद्ध, भोजन कर लिया, और इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़े।
जैसे
मैं चाहती थी कि ब्रिटा बड़े बच्चों के बिस्तर पर सोने का आनन्द ले, किन्तु बहकावे
में आकर अनाज्ञाकारिता करना उसे भारी पड़ता था, उसी प्रकार परमेश्वर भी चाहता है कि
हम उसके आज्ञाकारी बने रहें, क्योंकि उसने अपनी आज्ञाएं हमारी भलाई के लिए हमें दी
हैं, और हमारा आज्ञाकारी न रहना उसे दुखी करता है तथा हमें हानि पहुँचाता है। -
कर्स्टन होल्म्बर्ग
परमेश्वर का वचन ही सबसे अधिक महत्त्व रखता
है।
भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे,
कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! – व्यवस्थाविवरण 5:29
बाइबल पाठ: 1 राजाओं 13:11-22
1 Kings 13:11 बेतेल
में एक बूढ़ा नबी रहता था, और उसके एक बेटे ने आकर उस से उन
सब कामों का वर्णन किया जो परमेश्वर के जन ने उस दिन बेतेल में किए थे; और जो बातें उसने राजा से कही थीं, उन को भी उसने
अपने पिता से कह सुनाया।
1 Kings 13:12 उसके
बेटों ने तो यह देखा था, कि परमेश्वर का वह जन जो यहूदा से
आया था, किस मार्ग से चला गया, सो उनके
पिता ने उन से पूछा, वह किस मार्ग से चला गया?
1 Kings 13:13 और
उसने अपने बेटों से कहा, मेरे लिये गदहे पर काठी बान्धो;
तब उन्होंने गदहे पर काठी बान्धी, और वह उस पर
चढ़ा,
1 Kings 13:14 और
परमेश्वर के जन के पीछे जा कर उसे एक बांजवृझ के तले बैठा हुआ पाया; और उस से मूछा, परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया था,
क्या तू वही है?
1 Kings 13:15 उसने
कहा हां, वही हूँ। उसने उस से कहा, मेरे
संग घर चलकर भोजन कर।
1 Kings 13:16 उसने
उस से कहा, मैं न तो तेरे संग लौट सकता, और न तेरे संग घर में जा सकता हूँ और न मैं इस स्थान में तेरे संग रोटी
खाऊंगा, वा पानी पीऊंगा।
1 Kings 13:17
क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यह आज्ञा मिली है, कि
वहां न तो रोटी खाना और न पानी पीना, और जिस मार्ग से तू
जाएगा उस से न लौटना।
1 Kings 13:18 उसने
कहा, जैसा तू नबी है वैसा ही मैं भी नबी हूँ; और मुझ से एक दूत ने यहोवा से वचन पाकर कहा, कि उस
पुरुष को अपने संग अपने घर लौटा ले आ, कि वह रोटी खाए,
और पानी पीए। यह उसने उस से झूठ कहा।
1 Kings 13:19 अतएव
वह उसके संग लौट गया और उसके घर में रोटी खाई और पानी पीया।
1 Kings 13:20 और जब
वे मेज पर बैठे ही थे, कि यहोवा का वचन उस नबी के पास पहुंचा,
जो दूसरे को लौटा ले आया था।
1 Kings 13:21 और
उसने परमेश्वर के उस जन को जो यहूदा से आया था, पुकार के कहा,
यहोवा यों कहता है इसलिये कि तू ने यहोवा का वचन न माना, और जो आज्ञा तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे दी थी उसे भी नहीं माना;
1 Kings 13:22 परन्तु
जिस स्थान के विषय उसने तुझ से कहा था, कि उस में न तो रोटी
खाना और न पानी पीना, उसी में तू ने लौट कर रोटी खाई,
और पानी भी पिया है इस कारण तुझे अपने पुरखाओं के कब्रिस्तान में
मिट्टी नहीं दी जाएगी।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 8-10
- मरकुस 11:19-33
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