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मंगलवार, 14 मई 2019

बीज



      मुझे एक महिला से एक अद्भुत ई-मेल प्राप्त हुआ; उसने लिखा, “आपकी माँ प्रथम कक्षा में मेरी शिक्षिका थीं। वे बहुत अच्छी तथा दयालु शिक्षिका तो थीं, साथ ही वे बहुत अनुशासनप्रिय भी थीं। उन्होंने हमें भजन 23 स्मरण कर के रखने के लिए कहा था, और वे उसे हम से सारी कक्षा के सामने बुलवाती थीं, जिससे मुझे बहुत घबराहट होती थी। परन्तु, जब तक कि मैं आगे चलकर मसीही विश्वासी नहीं बन गई, तब तक बाइबल के साथ केवल वही हमारा संपर्क था। और तब जब मैंने भजन 23 को पढ़ा तो श्रीमति मैक्कैस्लैंड की स्मृतियाँ ताज़ा हो आईं।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रभु यीशु ने एक बड़ी भीड़ को एक बीज बोने वाले का दृष्टांत सुनाया। उस बीज बोने वाले ने विभिन्न प्रकार की भूमियों, अर्थात मार्ग की कठोर भूमि, पथरीली भूमि, झाड़ियों वाली भूमि और अच्छी तैयार की गई भूमि, पर बीज डाला (मत्ती 13:1-9)। जबकि अन्य भूमियों पर डाले गए बीज से कोई फल नहीं आया, अच्छी तैयार की गई भूमि पर बोया गया बीज तीस, साठ, और सौ गुना फल लाया। प्रभु यीशु ने उस भूमि को परमेश्वर का वचन सुनने तथा समझने वाले व्यक्ति के समान बताया, जिसके जीवन से वह बीज उत्तम फसल लेकर आता है।

      मेरी माँ ने बीस वर्ष तक पहली कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाया था, और उन्हें पढ़ाने में उन्होंने शिक्षा के विषयों के साथ-साथ उन बच्चों के जीवनों में दयालुता तथा परमेश्वर के प्रेम के सन्देश के बीज भी डाले थे।

      उनकी उस भूतपूर्व विद्यार्थी ने अपनी ई-मेल उस े श र िक्षा के विषयों के साथ के अन्त में लिखा, “बाद में मेरे मसीही विश्वास के जीवन में और लोगों ने भी प्रभाव डाला है, परन्तु मेरा मन सदा भजन 23 तथा आपकी माँ के दयालु स्वभाव की ओर लौट कर जाता है।”

      आज, परमेश्वर के प्रेम का बोया गया एक बीज, कल एक अद्भुत फसल ला सकता है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


बीज बोना हमारा काम है – उससे फसल उत्पन्न करना परमेश्वर का।

मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। - 1 कुरिन्थियों 3:6-7

बाइबल पाठ: मत्ती 13:1-9
Matthew 13:1 उसी दिन यीशु घर से निकलकर झील के किनारे जा बैठा।
Matthew 13:2 और उसके पास ऐसी बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई कि वह नाव पर चढ़ गया, और सारी भीड़ किनारे पर खड़ी रही।
Matthew 13:3 और उसने उन से दृष्‍टान्‍तों में बहुत सी बातें कही, कि देखो, एक बोने वाला बीज बोने निकला।
Matthew 13:4 बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे और पक्षियों ने आकर उन्हें चुग लिया।
Matthew 13:5 कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरे, जहां उन्हें बहुत मिट्टी न मिली और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण वे जल्द उग आए।
Matthew 13:6 पर सूरज निकलने पर वे जल गए, और जड़ न पकड़ने से सूख गए।
Matthew 13:7 कुछ झाड़ियों में गिरे, और झाड़ियों ने बढ़कर उन्हें दबा डाला।
Matthew 13:8 पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।
Matthew 13:9 जिस के कान हों वह सुन ले।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30



गुरुवार, 6 दिसंबर 2018

दयालुता



      जब मैं बच्चा था, तब मैं एल. फ्रैंक बौम की ‘लैंड ऑफ ओज़’ श्रंखला की पुस्तकों को बड़ी रुचि के साथ पढ़ता था। हाल ही में उसी श्रंखला की एक पुस्तक रिंकीटिंक इन ओज़ मेरे हाथ लगी, समस्त मूल कलाकृतियों के साथ। एक बार फिर मैं बौम के उस व्यावाहारिक भलाई से भरे चरित्र, राजा रिंकीटिंक की मस्खरी हरकतों पर हँसा। उस पुस्तक के एक अन्य चरित्र, राजकुमार इंगा ने राजा का सही वर्णन दिया: “उनका हृदय दयालु और कोमल है, और यह बुद्धिमान होने से कहीं बेहतर है।”

      यह बात कितनी साधारण किन्तु कितनी विवेकपूर्ण है। परन्तु शायद ही कोई होगा जिसने अपने किसी प्रिय जन का हृदय अपनी किसी कठोर बात के द्वारा दुखाया न हो। ऐसा करने के द्वारा हम न केवल उस समय की शान्ति और सुख में परेशानी उत्पन्न करते हैं परन्तु जिनसे हम प्रेम करते हैं उनके प्रति की गई भलाई में से भी बहुत कुछ बिगाड़ देते हैं। एक 18वीं सदी की लेखिका हन्नाह मोर ने कहा, “एक छोटी सी दयाहीनता, बहुत बड़ा अपराध होती है।”

      भला समाचार यह है कि कोई भी दयालु हो सकता है। हो सकता है कि हम कोई प्रोत्साहित करने वाला सन्देश प्रचार न कर सकें, कठिन प्रश्नों के उत्तर न देने पाएँ, या बहुत से लोगों तक सुसमाचार सन्देश न पहुँचा पाएँ; परन्तु हम सभी दयालु अवश्य हो सकते हैं।

      कैसे? प्रार्थना के द्वारा। हमारे हृदयों को नम्र करने का यही एक तरीका है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा: “हे यहोवा, मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे होठों के द्वार पर रखवाली कर! मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे; मैं अनर्थकारी पुरूषों के संग, दुष्ट कामों में न लगूं, और मैं उनके स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं में से कुछ न खाऊं!” (भजन 141: 3-4)।

      ऐसे सँसार में जहाँ प्रेम ठण्डा पड़ गया है, परमेश्वर के हृदय से आने वाली दयालुता किसी के भी लिए सबसे अधिक सहायक और स्वस्थ करने वाली बात हो सकती है। - डेविड रोपर


यह ज्ञान कि परमेश्वर ने मुझ से असीम प्रेम किया है, 
मुझे बाध्य करेगा कि मैं भी सँसार में जाऊँ तथा औरों से ऐसा ही प्रेम करूँ। - ओस्वोल्ड चैम्बर्स

और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्‍डा हो जाएगा। परन्तु जो अन्‍त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। - मत्ती 24:12-13


बाइबल पाठ: भजन 141
Psalms 141:1 हे यहोवा, मैं ने तुझे पुकारा है; मेरे लिये फुर्ती कर! जब मैं तुझ को पुकारूं, तब मेरी ओर कान लगा!
Psalms 141:2 मेरी प्रार्थना तेरे साम्हने सुगन्ध धूप, और मेरा हाथ फैलाना, संध्या काल का अन्नबलि ठहरे!
Psalms 141:3 हे यहोवा, मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे होठों के द्वार पर रखवाली कर!
Psalms 141:4 मेरा मन किसी बुरी बात की ओर फिरने न दे; मैं अनर्थकारी पुरूषों के संग, दुष्ट कामों में न लगूं, और मैं उनके स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं में से कुछ न खाऊं!
Psalms 141:5 धर्मी मुझ को मारे तो यह कृपा मानी जाएगी, और वह मुझे ताड़ना दे, तो यह मेरे सिर पर का तेल ठहरेगा; मेरा सिर उस से इन्कार न करेगा। लोगों के बुरे काम करने पर भी मैं प्रार्थना में लौलीन रहूंगा।
Psalms 141:6 जब उनके न्यायी चट्टान के पास गिराए गए, तब उन्होंने मेरे वचन सुन लिये; क्योंकि वे मधुर हैं।
Psalms 141:7 जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हडि्डयां अधोलोक के मुंह पर छितराई हुई हैं।
Psalms 141:8 परन्तु हे यहोवा, प्रभु, मेरी आंखे तेरी ही ओर लगी हैं; मैं तेरा शरणागत हूं; तू मेरे प्राण जाने न दे!
Psalms 141:9 मुझे उस फन्दे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
Psalms 141:10 दुष्ट लोग अपने जालों में आप ही फंसें, और मैं बच निकलूं।


एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 3-4
  • 1 यूहन्ना 5