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शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

विश्वासयोग्यता

   पिछले कुछ समय से सारा संसार जिस आर्थिक संकट से जूझ रहा है, उसने लोगों को अपने कर्ज़ की स्थिति की ओर बारीकी से ध्यान देने को बाध्य किया है। जब कर्ज़ लेना आसान था तो लोग उसके प्रति लापरवाह हो गए और उसका ठीक उपयोग नहीं किया। उन्होंने इस बात का आँकलन नहीं किया कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए; बस जो चाहा, उसे कर्ज़ के माध्यम से ले लिया; कर्ज़ चुकाना उनके लिए कोई ध्यान देने वाली बात नहीं थी। किंतु वर्तमान संकट में अब ऐसा नहीं है। अब अचानक ही कर्ज़ लेने वाले लोगों की आर्थिक विश्वासयोग्यता एक बहुत अहम मुद्दा बन गई है।

   एक कर्ज़ चुकाने के तरीकों में सहायता करने वाली एक कंपनी के विज्ञापन के तुरंत बाद सन्देश दिया गया, "आर्थिक विश्वासयोग्यता कहीं से खरीदी नहीं जा सकती, इसे सतत प्रयास सहित कार्य करके बनाना पड़ता है।"

   यही सिद्धांत हमारे जीवनों की विश्वासयोग्यता पर भी लागू होता है। हम अपनी विश्वासयोग्यता कहीं से खरीद नहीं सकते, इसे पाने के लिए हमें उसके अनुरूप कार्य करने पड़ते हैं, जीवन शैली दिखानी पड़ती है। हो सकता है कि कुछ विश्वासयोग्य लोगों की संगति में रहकर हम कुछ समय के लिए थोड़ी विश्वासयोग्यता ’उधार’ ले लें, किंतु यह अधिक समय नहीं चल सकता, देर-सवेर हमें अपनी निज विश्वासयोग्यता प्रकट करने की आवश्यक्ता पड़ ही जाती है।

   विश्वासयोग्यता बनाने के लिए हमें ऐसा बनना पड़ता है जिसके द्वारा लोग हम पर विश्वास रख सकें। मसीह विश्वासियों के लिए तो यह अति अनिवार्य है क्योंकि उनके जीवन परमेश्वर के नाम और प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं (१ पतरस २:१२)। जब हम अपने आप को मसीही विश्वासी कहते हैं तो मसीह की प्रतिष्ठा हमारे नाम के साथ जुड़ जाती है। यदि लोग हमें विश्वासयोग्य नहीं पाएंगे तो वे हमारे आदर्श और हमारे प्रभु पर भी विश्वास नहीं ला पाएंगे।

   विश्वासयोग्य बनने के लिए सम्मान्नीय जीवन जीना होगा। तभी लोग हम पर विश्वास कर सकेंगे, जिससे फिर वे हमारे प्रभु पर भी विश्वास कर के परमेशवर की महिमा कर सकेंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


यदि हम अपने चरित्र का ध्यान रखें तो हमारी विश्वास्योग्यता स्वतः ही बन जाएगी।

अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें। - १ पतरस २:१२

बाइबल पाठ: १ पतरस २:११-२१
1Pe 2:11  हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1Pe 2:12  अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देखकर उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्‍टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1Pe 2:13  प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1Pe 2:14  और हाकिमों के, क्‍योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1Pe 2:15  क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1Pe 2:16  और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्‍तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझकर चलो।
1Pe 2:17  सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1Pe 2:18  हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1Pe 2:19  क्‍योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1Pe 2:20  क्‍योंकि यदि तुम ने अपराध करके घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्‍या बड़ाई की बात है पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1Pe 2:21  और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्‍योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्‍ह पर चलो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति ३१-३२ 
  • मत्ती ९:१८-३८

गुरुवार, 12 जनवरी 2012

पूरे कार्य

   बचपन में मैं कराटे में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त कर ब्लैक बेल्ट पाना चाहता था। कई वर्ष पहले मैंने कराटे का प्रशिक्षण लेना आरंभ भी किया, और अपने लक्ष्य के निकट भी आ गया, किंतु अपने लक्ष्य से दो स्तर पूर्व ही मैंने अपना प्रशिक्षण छोड़ दिया। छोड़ने के दो कारण थे - मेरे प्रशिक्षक ने प्रशिक्षण की शैली मेरे मध्य प्रशिक्षण में बदल दी, तथा मैं कुछ अन्य बातों में व्यस्त हो गया और अपने प्रशिक्षण को उचित समय नहीं दे पाया।

   अब लगभग हर सप्ताह मुझे यह बात परेशान करती है कि परमेश्वर चाहता है कि मैं अपने जीवन के हर क्षेत्र में, अपने कार्यों को पूरा करने वाला बनूँ, ना कि अधूरा छोड़ देने वाला - विशेषकर उन क्षेत्रों में जो उसकी सेवकाई से संबंधित हैं। हमारे प्रभु यीशु ने इस बात को हमारे लिए उदाहरणस्वरूप रखा, जब क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़े जाने से पूर्व अपनी प्रार्थना में उसने परमेश्वर से कहा, "जो काम तू ने मुझे करने को दिया था, उसे पूरा करके मैं ने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है" (यूहन्ना १७:४)।

   जब प्रेरित पौलुस अपने जीवन के अन्त की बात कर रहा था तो उस के मन में किसी अधूरे छोड़े हुए कार्य या सेवकाई को लेकर कोई परेशानी नहीं थी। तिमुथियुस को लिखी अपनी दूसरी पत्री में, जो उसकी विदाई की तथा मृत्यु पूर्व उसके द्वारा लिखी अन्तिम पत्री थी (२ तिमुथियुस ४:६), पौलुस मसीह के लिए अपनी सेवकाई को पूरा करने के संबंध में सुन्दर रूपकों का प्रयोग करता है। उसने अपने जीवन और सेवकाई को एक मल्लयुद्ध के समान बताया: "मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं..."; फिर वह एक धावक और दौड़ के रूपक को सामने लाता है: "...मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है..." कुश्ती तथा दौड़ दोनो ही अच्छे थे क्योंकि वे परमेश्वर और सुसमाचार के लिए थे: "...मैं ने विश्वास की रखवाली की है" (२ तिमुथियुस ४:७)। पौलुस ने यह सुदृढ़ किया कि जो भी ज़िम्मेदारी परमेश्वर ने उसे सौंपी थी, परमेश्वर के अनुग्रह और सामर्थ से उसने उसे पूरा भी किया।

   मसीही विश्वासियों के लिए पौलुस का जीवन एक उदाहरण और प्रेरक है कि हम भी वे लोग हों जो अपनी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं तथा उन्हें पूरा करते हैं, विशेषकर मसीह के लिए अपनी सेवकाई से संबंधित ज़िम्मेदारियों को। - मारविन विलियम्स


अपनी जीवन दौड़ अपने अनन्त जीवन को ध्यान में रखते हुए दौड़ें।

मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। - २ तिमुथियुस ४:७

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८
2Ti 4:1  परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2Ti 4:2  कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2Ti 4:3 क्‍योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपके लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2Ti 4:4  और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2Ti 4:5  पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2Ti 4:6 क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2Ti 4:7 मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2Ti 4:8  भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २९-३० 
  • मत्ती ९:१-१७

बुधवार, 11 जनवरी 2012

अनुसर्णीय

 छोटी बच्ची अलीसा, जो अभी ६ वर्ष ही की है और जिसने अभी केवल पढ़ना सीखना ही आरंभ किया है, अपने माता-पिता तथा दादा-दादी को रोज़ सुबह अपनी अपनी बाइबल पढ़ते देखती थी। एक प्रातः उसकी दादी ने उठने पर पाया कि अलीसा घर में सब से पहले ही उठ गई थी, और सोफे पर अपनी बाइबल एवं प्रार्थना तथा मनन से संबंधित एक पुस्तक लिए बैठी हुई थी। वह बच्ची भी, जैसा वह अपने परिवार में देखती आई थी, दिन के आरंभ में परमेश्वर के साथ समय बिताने के उदाहरण का अनुसरण करना चाहती थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम एक युवा पास्टर तिमुथियुस का उल्लेख पाते हैं, जिसके पास इफिसुस के चर्च की बड़ी ज़िम्मेदारियाँ थीं। उसे मसीही विश्वासियों को प्रभु यीशु मसीह तथा मसीही जीवन और विश्वास के बारे में सिखाना होता था, आराधना की तैयारी तथा नेतृत्व करना होता था, गलत शिक्षाओं तथा धारणाओं के झूठ को उजागर कर लोगों को उनसे बच कर रहना समझाना होता था। अनुभवी तथा बुज़ुर्ग प्रेरित पौलुस ने उसे इस इलाके के चर्चों के संचालन की ज़िम्मेदारी उसे सौंपी थी और इस कार्य से संबंधित निर्देश भी दिए थे। पौलुस ने ही तिमुथियुस को समझाया था कि उसे अपने व्यक्तिगत जीवन के उदाहरण के प्रति कैसा सचेत रहना है; अपनी पत्री में पौलुस ने तिमुथियुस को लिखा, "कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा" (१ तिमुथियुस ४:१२)।

   पौलुस ने उसे आगे लिखा, "जब तक मैं न आऊं, तब तक पढ़ने और उपदेश और सिखाने में लौलीन रह" तथा " इन बातों पर स्थिर रह, क्‍योंकि यदि ऐसा करता रहेगा, तो तू अपने, और अपने सुनने वालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा" (१ तिमुथियुस ४:१३, १६)। तिमुथियुस के लिए यह आवश्यक था कि वह स्वयं अपने आत्मिक जीवन और शिक्षाओं पर ध्यान देता रहे और उन में दृढ़ बना रहे; तब ही वह दूसरों के लिए अच्छा आदर्श बना रह सकता था।

   हम सब के आस-पास लोग हैं जो हमें देख रहे हैं और हमारे जीवन उन पर प्रभाव डाल रहे हैं। इसलिए हमें ऐसे जीवन बिताने का यत्न करते रहना चाहिए जो दूसरों को परमेश्वर की निकटता में लाएं; फिर वे लोग भी अपने जीवनों के द्वारा औरों को परमेश्वर की निकटता में लाने वाले हो सकेंगे। जो शिक्षा पौलुस ने तिमुथियुस को समझाई और सिखाई, वही प्रत्येक मसीही विश्वासी को अनुसर्णीय बनाने के लिए उपयोगी तथा आवश्यक है। - ऐनी सेटस


श्रेष्ठ उदाहरण श्रेष्ठ परमर्श से कहीं अधिक लाभकारी होता है।

कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - १ तिमुथियुस ४:१२

बाइबल पाठ: १ तिमुथियुस ४:१२-१६
1Ti 4:12 कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा।
1Ti 4:13  जब तक मैं न आऊं, तब तक पढ़ने और उपदेश और सिखाने में लौलीन रह।
1Ti 4:14 उस वरदान से जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्‍चिन्‍त न रह।
1Ti 4:15  उन बातों को सोचता रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। अपनी और अपने उपदेश की चौकसी रख।
1Ti 4:16 इन बातों पर स्थिर रह, क्‍योंकि यदि ऐसा करता रहेगा, तो तू अपने, और अपने सुनने वालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २७-२८ 
  • मत्ती ८:१८-३४

मंगलवार, 10 जनवरी 2012

अनुकरण

   अमेरिका के इडाहो प्रांत में एक बहुत पुराना मार्ग है जो ओरिगोन मार्ग के नाम से जाना जाता है। १९वीं शताबदी में पश्चिम की ओर जाकर बसने वाले आरंभिक यात्री कठिन और विषम परिस्थितियों से जूझते हुए इसी मार्ग से होकर जाते थे। इस मार्ग में उनके द्वारा पड़ाव डालने का एक स्थल है जहां ज्वालामुखी से निकले लावा से बनी एक बड़ी चट्टान है। इस चट्टान को लोग रेजिस्टर रौक या पंजीकरण की चट्टान भी कहते हैं क्योंकि उस स्थान से होकर निकलने वाले उन साहसी यात्रियों में से अनेकों ने उस चट्टान पर अपना नाम खोद रखा है। यह चट्टान आज उनके उस मार्ग से होकर जाने और उनके साहस का स्मारक है।

   जब मैं रेजिस्टर रौक के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे उन यात्रियों का ध्यान आता है जो मुझ से पहले इस मार्ग से होकर गए हैं। हमारी आत्मिक यात्रा में भी हमसे पहले इस आत्मिक मार्ग पर जाने वाले कई साहसी गवाह रहे हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों के ११ अध्याय में उन में से कुछ साहसी लोगों का उल्लेख है, जैसे - गिदोन, बराक, शिमशोन, यफ्ताह, दाउद, शमूएल आदि। किंतु इन प्राचीनों के अलावा, जिन के नाम परमेश्वर के वचन में दर्ज हैं, हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी के जीवन में भी कई लोग रहे हैं जिन्होंने हमें आत्मिक मार्गदर्शन दिया है। मेरे जीवन में, मेरे माता-पिता, सन्डे स्कूल की मेरी अध्यापिका श्रीमति लिंकन, हमारे चर्च के युवा समूह के अध्यक्ष जौन रिचर्ड्स, मेरे शिक्षक तथा मार्गदर्शक रे स्टैडमैन एवं हौवर्ड हेंड्रिक्स और ऐसे ही कई अन्य लोग रहे हैं जिन्होंने मेरे जीवन में अपनी भली छाप छोड़ी और सही मार्गदर्शन दिया। इन लोगों ने किसी चट्टान पर अपने नाम तो नहीं खोदे परन्तु मेरे मन में उनका नाम अमिट है।

   इब्रानियों की पत्री का लेखक हमें स्मरण दिलाता है कि हम उन ’यात्रियों’ को स्मरण रखें जो हमसे पहले इस मार्ग से होकर निकल चुके हैं, विशेषकर उन को जिन्होंने परमेश्वर का वचन हमें सिखाया है, और साथ ही उनके विश्वास के प्रतिफल को जो उन्हें प्राप्त हुआ, भी कभी ना भूलें। लेखक हमें उत्साहित करता है कि हम उनके मार्ग का अनुकरण करें। - डेविड रोपर


जो मसीह का अनुकरण करते हैं, वे औरों को भी सही दिशा में ले चलते हैं।

इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। - इब्रानियों १२:१

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:३२-४०
Heb 11:32  अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Heb 11:33  इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
Heb 11:34  आग की ज्‍वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
Heb 11:35  स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
Heb 11:36  कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने, और कोड़े खाने, वरन बान्‍धे जाने, और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
Heb 11:37  पत्थरवाह किए गए, आरे से चीरे गए, उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए, वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
Heb 11:38  और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
Heb 11:39  संसार उन के योग्य न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्‍छी गवाही दी गई, तोभी उन्‍हें प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तु न मिली।
Heb 11:40  क्‍योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २५-२६ 
  • मत्ती ८:१-१७

सोमवार, 9 जनवरी 2012

अज्ञात का भय

   क्या कभी परमेश्वर ने आप से कुछ ऐसा करने को कहा है जो आपको ज़रा भी युक्तिसंगत नहीं लगता हो? या किसी ऐसे काम के लिए जो आपको किसी सर्वथा अनजानी स्थिति में ले जाए? आपका प्रत्युत्तर क्या होगा यदि वह आप से कहे कि आप किसी लंबे समय से प्रतीक्षित तरक्की को स्वीकार करने से इन्कार कर दें, या किसी ऐसे संबंध से मूँह मोड़ लें जिसकी आप बहुत लालसा कर रहे हों? या यदि वह आपसे संसार के किसी दूरस्त देश में जाने को कहे या आपसे मांगे कि आप अपने बच्चों को उसकी सेवकाई के लिए किसी दूर स्थान में भेज दें?

   अज्ञात हमेशा ही कई प्रकार के "तब क्या होगा" से भरा रहता है। किंतु अपने अनुसरण में परमेश्वर कई बार हमें अन्जान क्षेत्रों में जाने को कहता है; या अपनी आज्ञाकारिता में हमें क्षमा करने, अपने खज़ाने बांट देने को कहता है, या ऐसी वस्तुओं को छोड़ देने को कहता है जिनसे हमें सुरक्षा तथा आनन्द मिलता है। इन सभी बातों से हम अज्ञात के उसी "तब क्या होगा" के भय अन्तर्गत आ जाते हैं। अनजाने भविष्य और घटनाओं का भय हम पर हावी होने लगता है।

   ज़रा कल्पना कीजिए अब्राहम को कैसा लगा होगा जब परमेश्वर ने उसे अपना परिवार लेकर कूच करने को कहा, एक ऐसे स्थान की ओर जिसका उसने कोई पता तो नहीं दिया बस इतना कहा कि उसे बाद में बता दिया जाएगा (उत्पत्ति १२:१-३)। फिर परमेश्वर ने अब्राहम को दृढ़ता से डटे रहने को भी कहा - एक अनजान देश की कठिनाईयों में, चाहे उसके पित्रों के देश उर और वहां के सुख उसे कितना भी ललचाएं और वापस लौट चलने की लालसा कितनी भी प्रबल हो। अब्राहम परमेश्वर की आज्ञाकारिता में डटा रहा और अन्ततः उसने ऐसा उत्तम प्रतिफल पाया जिसकी वह कभी कल्पना भी नहीं कर सका होगा, और जो उसके वंश के लिए आज भी कायम है।

   नए वर्ष में प्रवेश भी कुछ ऐसे ही अनजाने क्षेत्र में प्रवेश के समान है। अज्ञात तथा "तब क्या होगा" का भय आते दिनों में परमेश्वर की आज्ञाकारिता में हमारे आगे बढ़ने को बाधित कर सकता है, हमें कमज़ोर बना सकता है। किंतु अब्राहम ही के समान यदि हम उस परमेश्वर की जो सब कुछ जानता है आज्ञाकारिता में डटे रहें और उसके साथ बने रहें, तो हम और हमारा भविष्य ना केवल सुरक्षित है, वरन आशीषमय भी है। - जो स्टोवैल


अन्जाने भविष्य को सर्वज्ञानी परमेश्वर के हाथों में समर्पित करने से कभी न हिचकिचाएं।

विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया। - इब्रानियों ११:८

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:८-१२
Heb 11:8  विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।
Heb 11:9  विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
Heb 11:10  क्‍योंकि वह उस स्थिर नेववाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचनेवाला और बनानेवाला परमेश्वर है।
Heb 11:11  विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्‍योंकि उस ने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्‍चा जाना था।
Heb 11:12  इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्‍पन्न हुआ।
 
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २३-२४ 
  • मत्ती ७

रविवार, 8 जनवरी 2012

अन्तिम उद्घाटन समारोह

   सन २००८ के ग्रीष्म ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के वर्णन के लिए प्रयोग करे गए शब्दों में से कुछ हैं ’अद्भुत’, ’स्तब्ध कर देने वाले’, ’असीम’। एक टिप्पणीकार ने लिखा, "यह दिखाता है कि जब किसी कलाकार को खर्च का ध्यान किए बिना कार्य करने की छूट दी जाए तो क्या होता है।"

   जब मैंने यह सब सुना तो मुझे ध्यान आया, "परमेश्वर ने भी तो सृष्टि के समय यही किया!" उसने किसी बात की कोई कमी रख ना छोड़ी। इसीलिए यह सृष्टि सुन्दरता में अनुपम, अपनी जटिलता में अद्भुत और हर बात में लाजवाब है।

   ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह अपनी हर एक बात में पूर्णतः लयबद्ध था; यदि किसी एक भी नर्तक अथवा बजाने वाले ने कलाकार द्वारा निर्धारित लय, संगीत और नृत्य मुद्रा की बजाए, अपनी इच्छा के अनुसार कुछ भी किया होता तो सारा समारोह बिगड़ जाता।

   सृष्टि के कुछ समय पश्चात यही हुआ। ओलंपिक समारोह के निर्देशक से भिन्न, परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की सर्वोच्च कृति को स्वेच्छा की स्वतंत्रता दी और उन्होंने इस स्वतंत्रता का दुरुप्योग किया। आदम और हव्वा ने स्वेच्छा का प्रयोग करते हुए वह किया जो परमेश्वर की इच्छा के विपरीत था और परमेश्वर की सृष्टि बिगड़ गई। आज भी संसार की समस्या यही है - मनुष्य द्वारा परमेश्वर की इच्छा को नज़रंदाज़ करते हुए अपनी ही इच्छा को सर्वोपरि रखना। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लिखा, "...हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया" (यशायाह ५३:६)। हमारी इस मनमानी करने की प्रवृति का परमेश्वर ने मानवीय समझ से परे हल निकाला - हमारी बर्बादी की बहाली की कीमत उस सृष्टिकार ने स्वयं ही चुका दी और मानव द्वारा अपने ही हाथों से लिखे अपने ही विनाश से बचने तथा मानव जाति की संपूर्ण बहाली का मार्ग बना दिया।

   एक दिन एक और उद्घाटन समारोह होगा, वहाँ सभी एकत्रित होंगे और स्वर्ग तथा पृथ्वी का हर प्राणी प्रभु यीशु के आगे घुटने टेकेगा (फिलिप्प्यों २:१०)। जिन्होंने मसीह यीशु में हो कर मिलने वाली बहाली की परमेश्वर की योजना को स्वीकार कर लिया है, वे सब ही स्वर्ग में अनन्त काल तक एक साथ मिलकर सिद्ध परमेश्वर की सिद्ध आराधना में सम्मिलित होंगे। - जूली एकरमैन लिंक


हम अनन्तकाल तक परमेश्वर की स्तुति करेंगे - उसे आज ही क्यों ना आरंभ करें।

हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्‍योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्‍डवत करेंगी, क्‍योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं। - प्रकाशितवाक्य १५:४

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य १५
Rev 15:1  फिर मैं ने स्‍वर्ग में एक और बड़ा और अद्भुत चिन्‍ह देखा, अर्थात सात स्‍वर्गदूत जिन के पास सातों पिछली विपत्तियां थीं, क्‍योंकि उन के हो जाने पर परमेश्वर के प्रकोप का अन्‍त है।
Rev 15:2  और मैं ने आग से मिले हुए कांच का सा एक समुद्र देखा, और जो उस पशु पर, और उस की मूरत पर, और उसके नाम के अंक पर जयवन्‍त हुए थे, उन्‍हें उस कांच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिए हुए खड़े देखा।
Rev 15:3  और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, कि हे र्स्‍वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य बड़े, और अद्भुत हैं, हे युग युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्‍ची है।
Rev 15:4  हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्‍योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्‍डवत करेंगी, क्‍योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं।
Rev 15:5  और इस के बाद मैं ने देखा, कि स्‍वर्ग में साक्षी के तम्बू का मन्‍दिर खोला गया।
Rev 15:6  और वे सातों स्‍वर्गदूत जिन के पास सातों विपत्तियां थीं, शुद्ध और चमकती हुई मणि पहिने हुए छाती पर सुनहले पटुके बान्‍धे हुए मन्‍दिर से निकले।
Rev 15:7  और उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्‍वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीवता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए।
Rev 15:8  और परमेश्वर की महिमा, और उस की सामर्थ के कारण मन्‍दिर धुएं से भर गया और जब तक उन सातों स्‍वर्गदूतों की सातों विपत्तियां समाप्‍त न हुई, तब तक कोई मन्‍दिर में न जा सका।
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति २०-२२ 
  • मत्ती ६:१९-३४

शनिवार, 7 जनवरी 2012

समर्पित कार्य

   व्याकरण में ’क्रिया’ किसी किए जा रहे, होने वाले अथवा किए गए कार्य को बताती है तथा ’क्रियाविशेषण’ उस ’क्रीया’ की गुणवन्ता को बताता है। मसीही विश्वास में एक कहावत है कि, "परमेश्वर ’क्रियाविशेषण’ से प्रेम करता है; ’कितने’ को नहीं”कितनी भलि-भांति किए गए’ को देखता है।" कहने का अर्थ है कि परमेश्वर हमारे कार्यों की मात्रा की बजाए उन कार्यों के करने के हमारे उद्देश्य और हमारे समर्पण तथा वफादारी को देखता है, तथा कितनी लगन और खराई से हम उन्हें करते हैं, उस बात का आंकलन करता है।

   परमेश्वर को प्रसन्न करने का अर्थ यह नहीं कि हम अपने आप को स्व-निर्धारित ’आत्मिक’ कार्यों में लगा लें; वरन परमेश्वर द्वारा दी गई प्रत्येक ज़िम्मेवारी का सही निर्वाह और उसे परमेश्वर के भय में करना, परमेश्वर की महिमा के लिए करना है। यह प्रतिदिन के हमारे साधारण कार्य भी हो सकते हैं जैसे, घर की सफाई, किसी बुज़ुर्ग के साथ समय बिताना, बच्चे द्वारा करी गई गन्दगी को साफ करना, बाज़ार से सामान ले कर आना, अपने व्यावास्यिक जीवन और कार्य की ज़िम्मेवारियों को निभाना, जानवारों की देख रेख करना इत्यादि; अथवा यह प्रभु के सन्देश का प्रचार, परमेश्वर के वचन को किसी अन्य भाषा में अनुवाद द्वारा उपलब्ध कराना, मिशनरी कर्यों में सहयोग देना आदि भी हो सकता है। महत्व कार्य के नाम का नहीं हमारे द्वारा किए गए कार्य की गुणवन्ता का है। प्रभु का दास प्रेरित पौलुस कहता है, "सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो" (१ कुरिन्थियों १०:३१); क्योंकि, "...हम में मसीह का मन है" (१ कुरिन्थियों २:१६)।

   मसीही विश्वासी द्वारा प्रभु यीशु को उसका जीवन-समर्पण और उसके अन्दर बसा हुआ परमेश्वर पवित्र आत्मा उसे प्रेरित करते हैं कि वह अपने प्रभु की महिमा के लिए जीए, उसके हर कार्य में उसके प्रभु का अंश संसार को दिखाई दे। उसके लिए कोई कार्य छोटा नहीं है; कोई ज़िम्मेवारी - सांसारिक हो या आत्मिक, हलके में नहीं ली जा सकती क्योंकि वह जो कुछ करता है अपने प्रभु के नाम से, उससे प्रार्थना करके, उसी की सामर्थ से, और उसी की महीमा के लिए करता है। मसीही विश्वासी का हर कार्य प्रभु को समर्पित है क्योंकि उसके कार्य की समीक्षा करने वाला और उसे प्रतिफल देने वाला परमेश्वर है। - फिलिप यैन्सी


संसार सफलता को सम्मानित करता है; परमेश्वर विश्वासयोग्यता को।

...हम में मसीह का मन है। - १ कुरिन्थियों २:१६

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों ३:८-१७
Col 3:8  पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्‍दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो।
Col 3:9  एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्‍योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उस के कामों समेत उतार डाला है।
Col 3:10  और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्‍त करने के लिये नया बनता जाता है।
Col 3:11  उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
Col 3:12  इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।
Col 3:13  और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
Col 3:14  और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो।
Col 3:15  और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
Col 3:16  मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
Col 3:17  और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति १८-१९ 
  • मत्ती ६:१-१८