क्या कभी परमेश्वर ने आप से कुछ ऐसा करने को कहा है जो आपको ज़रा भी युक्तिसंगत नहीं लगता हो? या किसी ऐसे काम के लिए जो आपको किसी सर्वथा अनजानी स्थिति में ले जाए? आपका प्रत्युत्तर क्या होगा यदि वह आप से कहे कि आप किसी लंबे समय से प्रतीक्षित तरक्की को स्वीकार करने से इन्कार कर दें, या किसी ऐसे संबंध से मूँह मोड़ लें जिसकी आप बहुत लालसा कर रहे हों? या यदि वह आपसे संसार के किसी दूरस्त देश में जाने को कहे या आपसे मांगे कि आप अपने बच्चों को उसकी सेवकाई के लिए किसी दूर स्थान में भेज दें?
अज्ञात हमेशा ही कई प्रकार के "तब क्या होगा" से भरा रहता है। किंतु अपने अनुसरण में परमेश्वर कई बार हमें अन्जान क्षेत्रों में जाने को कहता है; या अपनी आज्ञाकारिता में हमें क्षमा करने, अपने खज़ाने बांट देने को कहता है, या ऐसी वस्तुओं को छोड़ देने को कहता है जिनसे हमें सुरक्षा तथा आनन्द मिलता है। इन सभी बातों से हम अज्ञात के उसी "तब क्या होगा" के भय अन्तर्गत आ जाते हैं। अनजाने भविष्य और घटनाओं का भय हम पर हावी होने लगता है।
ज़रा कल्पना कीजिए अब्राहम को कैसा लगा होगा जब परमेश्वर ने उसे अपना परिवार लेकर कूच करने को कहा, एक ऐसे स्थान की ओर जिसका उसने कोई पता तो नहीं दिया बस इतना कहा कि उसे बाद में बता दिया जाएगा (उत्पत्ति १२:१-३)। फिर परमेश्वर ने अब्राहम को दृढ़ता से डटे रहने को भी कहा - एक अनजान देश की कठिनाईयों में, चाहे उसके पित्रों के देश उर और वहां के सुख उसे कितना भी ललचाएं और वापस लौट चलने की लालसा कितनी भी प्रबल हो। अब्राहम परमेश्वर की आज्ञाकारिता में डटा रहा और अन्ततः उसने ऐसा उत्तम प्रतिफल पाया जिसकी वह कभी कल्पना भी नहीं कर सका होगा, और जो उसके वंश के लिए आज भी कायम है।
नए वर्ष में प्रवेश भी कुछ ऐसे ही अनजाने क्षेत्र में प्रवेश के समान है। अज्ञात तथा "तब क्या होगा" का भय आते दिनों में परमेश्वर की आज्ञाकारिता में हमारे आगे बढ़ने को बाधित कर सकता है, हमें कमज़ोर बना सकता है। किंतु अब्राहम ही के समान यदि हम उस परमेश्वर की जो सब कुछ जानता है आज्ञाकारिता में डटे रहें और उसके साथ बने रहें, तो हम और हमारा भविष्य ना केवल सुरक्षित है, वरन आशीषमय भी है। - जो स्टोवैल
अन्जाने भविष्य को सर्वज्ञानी परमेश्वर के हाथों में समर्पित करने से कभी न हिचकिचाएं।
विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया। - इब्रानियों ११:८
बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:८-१२
Heb 11:8 विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेनेवाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।
Heb 11:9 विश्वास ही से उस ने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रहकर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
Heb 11:10 क्योंकि वह उस स्थिर नेववाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचनेवाला और बनानेवाला परमेश्वर है।
Heb 11:11 विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उस ने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्चा जाना था।
Heb 11:12 इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति २३-२४
- मत्ती ७
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