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रविवार, 5 जून 2011

आत्म रक्षा से परे

न्यू यॉर्क शहर के एक निष्ठुर इलाके में पलने बढ़ने के कारण दो भाईयों, जैफ और जैरी मौनरो को अत्म रक्षा प्रणालियों में दिल्चस्पी हुई। उन्हों ने निरस्त्र युद्ध कला सीखी और उसमें पारंगत हो गए और १९७८ में उन्होंने Kung Fu सिखाने का एक स्कूल आरंभ किया। फिर इन भाइयों ने अपने इलाके को अपराध से बचाए रखने के लिए अपना एक दल बनाया। कुछ समय पश्चात उनका दल और एक अन्य ऐसा ही दल मिल गए और इस तरह विख्यात Guardian Angels (सुरक्षा दूत) संस्था की स्थापना हुई।

एक दिन उनके इस सुरक्षा दूत दल का एक सदस्य जैरी के समीप आया, अपनी ऊंगुली उसकी तरफ ऐसे तानी मानो पिस्तौल हो और बोला, "तुम कुंग फू में तो बहुत अच्छे हो, लेकिन - ठाँए" - जैसे उसपर गोली चला दी हो। जैरी तुरंत उसका आशय समझ गया - उसकी आत्म रक्षा की कुशलता बन्दूक की गोली के सामने कुछ भी नहीं थी। तब एक दुसरे सदस्य ने जैरी से पूछा, "मान लो कि किसी दिन गश्त लगाते हुए तुम गोली से उड़ा दिये जाते हो, तब अपनी मृत्युओप्राँत का अनन्तकाल कहाँ बिताओगे?"

जैरी ने माना कि उसने इस के बारे में कभी नहीं सोचा था। उसने यह घटना अपने भाई जैफ को बताई और दोनो भाइयों को बोध हुआ कि उन्हें अपने जीवनों में परमेश्वर की आवश्यक्ता है। आज जैफ और जैरी मसीही विश्वासी हैं, और वे अपनी कुंग फू कला के प्रदर्शन के द्वारा लोगों को उस अंतिम, उतकृष्ठ और सर्वोच सुरक्षा के बारे में बताते हैं, जिसका वर्णन दाउद ने भजन ५९ में किया।

आज के समाज में हम अति असुरक्षित हैं। सूक्षम ’वायरस’ से लेकर परमाणु आस्त्रों तक से, किसी वस्तु द्वारा कभी भी हमें भारी नुकसान पहुँचाया जा सकता है। हमें परमेश्वरीय सुरक्षा की, परमेश्वर पर सदा ही निर्भर रहने की घोर आवश्यक्ता है क्योंकि वो ही संकट में हमारी ढाल और हमारी सुरक्षा है। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर के लोगों को यह विशेषाधिकार है कि जब मुसीबत उनके दरवाज़े पर दस्तक दे, तब वे बेझिझक परमेश्वर के दरवाज़े पर दस्तक दे सकते हैं।

क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। - भजन ५९:१६

बाइबल पाठ: भजन ५९

Psa 59:1 हे मेरे परमेश्वर, मुझ को शत्रुओं से बचा, मुझे ऊंचे स्थान पर रखकर मेरे विरोधियों से बचा,
Psa 59:2 मुझ को बुराई करने वालों के हाथ से बचा, और हत्यारों से मेरा उद्वार कर।
Psa 59:3 क्योंकि देख, वे मेरी घात में लगे हैं; हे यहोवा, मेरा कोई दोष वा पाप नहीं है, तौभी बलवन्त लोग मेरे विरूद्ध इकट्ठे होते हैं।
Psa 59:4 वह मुझ निर्दोष पर दौड़ दौड़कर लड़ने को तैयार हो जाते हैं। मुझ से मिलने के लिये जाग उठ, और यह देख!
Psa 59:5 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर सब अन्यजाति वालों को दण्ड देने के लिये जाग; किसी विश्वासघाती अत्याचारी पर अनुग्रह न कर।
Psa 59:6 वे लागे सांझ को लौट कर कुत्ते की नाईं गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। देख वे डकारते हैं,
Psa 59:7 उनके मुंह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, कौन सुनता है?
Psa 59:8 परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हंसेगा; तू सब अन्य जातियों को ठट्ठों में उड़ाएगा।
Psa 59:9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊंचा गढ़ है।
Psa 59:10 परमेश्वर करूणा करता हुआ मुझ से मिलेगा, परमेश्वर मेरे द्रोहियों के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
Psa 59:11 उन्हें घात न कर, न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर बितर कर, उन्हें दबा दे।
Psa 59:12 वह अपने मुंह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फंसे हुए पकड़े जाएं।
Psa 59:13 जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएं तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है।
Psa 59:14 वे सांझ को लौट कर कुत्ते की नाईं गुर्राएं, और नगर के चारों ओर घूमें।
Psa 59:15 वे टुकड़े के लिये मारे मारे फिरें, और तृप्त न होने पर रात भर वहीं ठहरे रहें।
Psa 59:16 परन्तु मैं तेरी सामर्थ का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जय जयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।
Psa 59:17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास २३-२४
  • यूहन्ना १५

शनिवार, 4 जून 2011

हम अकेले नहीं

न्यू यॉर्क शहर की भूमिगत रेल में दो युवकों ने रेल गाड़ी के अन्दर सोया हुआ प्रतीत होने वाले और अमीर दिखने वाले व्यक्ति को लूटने का प्रयास किया। जैसे ही उन्होंने यह वारदात अन्जाम दी, मानो रेल का सारा डिब्बा सजीव हो उठा। वह सोया हुआ प्रतीत होने वाला व्यक्ति चोरों को फंसाने के लिए था, और जिन मुसाफिरों ने बिजली की तेज़ी से उन चोरों पर हमला किया और उन्हें पकड़ लिया वे सब पुलिस कर्मी थे जिन्हें आम यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेल के डिब्बों में तैनात किया गया था। यद्यपि ये यात्रि दिखने वाले पुलिस कर्मी विदित नहीं थे, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए वे तत्पर और तैयार वहीं उपस्थित थे।

ऐसी ही सुरक्षा की एक तसवीर हम २ राजा ६ अध्याय में पढ़ते हैं। इस्त्राएल को अरामी सेना ने युद्ध के लिए घेर रखा था, लेकिन परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता एलीशा बिलकुल निश्चिंत था। जब एलीशा के दास ने अरामियों को लेकर अपनी चिंता एलीशा पर प्रकट करी तो एलीशा ने परमेश्वर से प्रार्थना करी और परमेश्वर ने उस दास की आँखें खोलीं जिससे वह वहाँ चारों ओर विद्यमान अग्निमय रथों और घोड़ों वाली स्वर्गदूतों की सेना को देखने पाया जो अरामी सेना से इस्त्राएल की सुरक्षा के लिए परमेश्वर ने तैनात कर रखी थी।

परमेश्वरीय संरक्षण केवल किताबों में लिखी कहानी नहीं है। परमेश्वर की इच्छा पूरी करने वाले उसके विश्वासियों को आज भी उसका भरपूर संरक्षण उपलबद्ध है; और हम निश्चिंत इस सुरक्षा में विश्वास कर सकते हैं, और निडर होकर शत्रु शैतान का सामना कर सकते हैं। अस्त्य और अविश्वास की सेनाओं के विरुद्ध चाहे यह युद्ध कितना भी विषम क्यों न हो, हमें परमेश्वर पर अपना भरोसा नहीं छोड़ना है, क्योंकि जैसा एलीशा ने अपने दास से कहा: " मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं" (२ राजा ६:१६)। मार्ट डी हॉन


जब परमेश्वर हमारे साथ हो और उसकी बाहें हमें संभाले हुए हों तो किसी भी परिस्थिति का सामना करने में कोई झिझक नहीं।

जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं। - २ राजा ६:१६


बाइबल पाठ: २ राजा ६:८-२३

2Ki 6:8 ओर अराम का राजा इस्राएल से युद्ध कर रहा था, और सम्मति करके अपने कर्मचारियों से कहा, कि अमुक स्थान पर मेरी छावनी होगी।
2Ki 6:9 तब परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा के पास कहला भेजा, कि चौकसी कर और अमुक स्थान से होकर न जाना क्योंकि वहां अरामी चढ़ाई करनेवाले हैं।
2Ki 6:10 तब इस्राएल के राजा ने उस स्थान को, जिसकी चर्चा करके परमेश्वर के भक्त ने उसे चिताया था, भेजकर, अपनी रक्षा की और इस प्रकार एक दो बार नहीं वरन बहुत बार हुआ।
2Ki 6:11 इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो उस ने अपने कर्मचारियों को बुलाकर उन से पूछा, क्या तुम मुझे न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु ! हे राजा ! ऐसा नहीं,
2Ki 6:12 एलीशा जो इस्राएल में भविष्यद्वक्ता है, वह इस्राएल के राजा को वे बातें भी बताया करता है, जो तू शयन की कोठरी में बोलता है।
2Ki 6:13 राजा ने कहा, जाकर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेजकर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है।
2Ki 6:14 तब उस ने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया।
2Ki 6:15 भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय ! मेरे स्वामी, हम क्या करें?
2Ki 6:16 उस ने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं।
2Ki 6:17 तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है।
2Ki 6:18 जब अरामी उसके पास आए, तब एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की कि इस दल को अन्धा कर डाल। एलीशा के इस वचन के अनुसार उस ने उन्हें अन्धा कर दिया।
2Ki 6:19 तब एलीशा ने उन से कहा, यह तो मार्ग नहीं है, और न यह नगर है, मेरे पीछे हो लो; मैं तुम्हें उस मनुष्य के पास जिसे तुम ढूंढ़ रहे हो पहुंचाऊंगा। तब उस ने उन्हें शोमरोन को पहुंचा दिया।
2Ki 6:20 जब वे शोमरोन में आ गए, तब एलीशा ने कहा, हे यहोवा, इन लोगों की आंखें खोल कि देख सकें। तब यहोवा ने उनकी आंखें खोलीं, और जब वे देखने लगे तब क्या देखा कि हम शोमरोन के मध्य में हैं।
2Ki 6:21 उनको देखकर इस्राएल के राजा ने एलीशा से कहा, हे मेरे पिता, क्या मैं इनको मार लूं? मैं उनको मार लूं?
2Ki 6:22 उस ने उत्तर दिया, मत मार। क्या तू उनको मार दिया करता है, जिनको तू तलवार और धनुष से बन्धुआ बना लेता है? तू उनको अन्न जल दे, कि खा पीकर अपने स्वामी के पास चले जाएं।
2Ki 6:23 तब उस ने उनके लिये बड़ी जेवनार की, और जब वे खा पी चुके, तब उस ने उन्हें विदा किया, और वे अपने स्वामी के पास चले गए। इसके बाद अराम के दल इस्राएल के देश में फिर न आए।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास २१-२२
  • यूहन्ना १४

शुक्रवार, 3 जून 2011

निराशा में भी आशा

अंग्रेज़ी कवि एलिक्ज़ैंडर पोप ने लिखा, "आशा मनुष्य के अन्दर सदा उत्पन्न होती रहती है, क्योंकि मनुष्य धन्य होने के लिए ही सृजा गया है।" किंतु जब आशा जाती रहे तो मनुष्य क्या करे, किसकी ओर मुड़े?

एक अस्पताल के निर्देशक ने अपने साथ बीती घटना बताई: कैंसर से ग्रसित एक जवान व्यक्ति हर बार की तरह अपना इलाज लेने उसके अस्पताल में आया। उस दिन एक नया चिकित्सक बैठा था; उस विकित्सक ने बेपरवाही और कुछ बेरहमी से उस युवक से कहा - "तुम जानते हो न कि तुम इस साल भर भी ज़िन्दा नहीं रहने वाले हो।" अपना इलाज लेने के बाद लौटते हुए वह जवान अस्पताल के निर्देशक के पास आया और रो पड़ा; रोते हुए वह बोला, "उस डॉक्टर ने मेरी आशा मुझसे छीन ली।" निर्देशक ने कहा, "ठीक बात है, उसने ऐसा किया तो है; अब यह समय है कि कोई नई आशा खोजी जाए।"

इस घटना पर टिप्पणी करते हुए लुइस स्मीड्स ने लिखा, "जब आशा समाप्त हो जाए तो क्या उसे फिर से जगाया जा सकता है? जब परिस्थिति बिलकुल निराशाजनक हो तो क्या कोई आशा रखी जा सकती है? ये वे प्रश्न हैं जो हमें अनन्त काल की आशा की ओर मोड़ देते हैं, क्योंकि मसीही विश्वास में आशा किसी "संभव" पर नहीं वरन परमेश्वर की अटल प्रतिज्ञाओं पर है।" क्योंकि न परमेश्वर का अन्त हो सकता है, न उसकी भलाई और उसकी प्रतिज्ञाओं का, इसलिए मसीही विश्वास में आशा का भी कोई अन्त संभव नहीं; क्योंकि परमेश्वर आशा का दाता है (रोमियों १५:१३) इसलिए हर निराशा में भी मसीही विश्वासी की आशा वर्तमान रहती है।

जब हमारी आशा परमेश्वर और हमें पाप तथा मृत्यु से छुड़ाने वाले उसके पुत्र हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह पर आधारित है, तो कवि एलिक्ज़ैंडर पोप द्वारा उपरोक्त कही बात एक सदा विद्यमान वास्तविकता बन जाती है; हम हर निराशा में भी धन्य होते हैं। आशा का दाता हमारा परमेश्वर तब भी हम में आशा को प्रवाहित करता रहता है जब हमारी अपनी सारी आशा समाप्त हो जाती है। - डेनिस डी हॉन


परमेश्वर पर अपने विश्वास द्वारा ही हम अपनी हर परिस्थिति को संभाल पाते हैं।

धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिस ने परमेश्वर को अपना आधार माना हो। - यर्मियाह १७:७

बाइबल पाठ: यर्मियाह १७:५-८

Jer 17:5 यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है।
Jer 17:6 वह निर्जल देश के अधमूए पेड़ के समान होगा और कभी भलाई न देखेगा। वह निर्जल और निर्जन तथा लोनछाई भूमि पर बसेगा।
Jer 17:7 धन्य है वह पुरुष जो यहोवा पर भरोसा रखता है, जिस ने परमेश्वर को अपना आधार माना हो।
Jer 17:8 वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १९-२०
  • यूहन्ना १३:२१-३८

गुरुवार, 2 जून 2011

प्रशंसा की आवश्यक्ता

केन को उसके मित्र ने अपने घर भोजन पर बुलाया। भोजन तो बहुत बढ़िया था किंतु भोजन के बाद परोसा गया मिष्ठान इतना अच्छा नहीं था; लेकिन फिर भी केन को उस मिष्ठान की तारीफ करने के लिए कुछ अच्छा मिल गया और उसने तारीफ करी भी।

अगली बार जब केन अपने मित्र के घर भोजन पर आया तो फिर से भोजनोपरांत वैसा ही मिष्ठान परोसा गया, और इस बार यह मिष्ठान भोजन के समान ही लाजवाब था। केन बिना किसी भी प्रकार का एक भी शब्द कहे, परोसा हुआ सब कुछ खाता गया। अन्ततः उसके मित्र की पत्नी से रहा नहीं गया और वह बोल उठी, "पिछली बार जो मिष्ठान मैंने परोसा था, मैं स्वयं उससे शर्मिंदा थी, लेकिन आप ने उसकी तारीफ करी; इस बार जो मिष्ठान मैंने परोसा है, शायद उससे अच्छा मैंने इसे कभी नहीं बनाया, लेकिन आप ने उसके विष्य में कुछ भी नहीं कहा?" केन ने उत्तर दिया, "इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि आज जो आपने परोसा है वह लाजवाब है, और जो पिछली बार परोसा था वह इतना अच्छा नहीं था। चाहे प्रशंसा का कारण आज हो, लेकिन प्रशंसा की आवश्यक्ता तो उसी दिन थी।"

लोगों के साथ हमारे सबंध कुछ इसी तरह हैं - कुछ लोगों को अधिक प्रशंसा की आवश्यक्ता होती है, कुछ को कम। यदि कोई चीज़ वास्तव में बुरी है तो झूठे ही उसे भला कहने या उसकी प्रशंसा करना गलत है। लेकिन किसी व्यक्ति में कितनी भी त्रुटि अथवा अपूर्णता क्यों न हो, हम उसमें कोई न कोई प्रशंसा के योग्य गुण पा सकते हैं।

एक कुचला हुआ सरकण्डा या लौ रहित धुंआ देती हुई बाती किस काम की हो सकती है? कुचला सरकण्डा तो अपने आप ही सीधा नहीं रह सकता, वह किसी दूसरे को क्या सहारा देगा; धुंआ देती बाती से दीवार काली और साँस में धुंए की बेचैनी ही मिल सकती है, लेकिन प्रभु यीशु के लिए कहा गया, "यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है, मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा। वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा, और न बाजारों में कोई उसका शब्‍द सुनेगा। वह कुचले हुए सरकण्‍डे को न तोड़ेगा, और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए। और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी। " - मती १२:१८-२१

हमारे चारों ओर निराशा से भरे लोग हैं। मसीही विश्वासी होने के कारण हमारी यह ज़िम्मादारी है कि अपने प्रभु के समान हम न किसी को तुच्छ जाने और न किसी का तिरिस्कार करें, इन कुचले हुए सरकंडों और धुंआ देती बातियों को भी उभारें। हमारा जरा सा प्रयास, एक सकरात्मक रवैया और थोड़ी सी प्रशंसा ऐसे हतोत्साहित लोगों को भी प्रोत्साहन देने में सक्षम है।

निराश लोगों में भी प्रशंसा के कारण खोजिए, समाज को इसकी बहुत आवश्यक्ता है।

जिस किसी के चेहरे पर आपको मुस्कान दिखाई न दे, उसे अपनी मुस्कान दे दीजिए।

उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है। - नीतिवचन १२:२५


बाइबल पाठ: नीतिवचन १२:१७-२८

Pro 12:17 जो सच बोलता है, वह धर्म प्रगट करता है, परन्तु जो झूठी साक्षी देता, वह छल प्रगट करता है।
Pro 12:18 ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोचविचार का बोलना तलवार की नाई चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।
Pro 12:19 सच्चाई सदा बनी रहेगी, परन्तु झूठ पल ही भर का होता है।
Pro 12:20 बुरी युक्ति करने वालों के मन में छल रहता है, परन्तु मेल की युक्ति करने वालों को आनन्द होता है।
Pro 12:21 धर्मी को हानि नहीं होती है, परन्तु दुष्ट लोग भारी विपत्ति में डूब जाते हैं।
Pro 12:22 झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है।
Pro 12:23 चतुर मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊंचे शब्द से प्रचार करता है।
Pro 12:24 कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं, परन्तु आलसी बेगारी में पकड़े जाते हैं।
Pro 12:25 उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है।
Pro 12:26 धर्मी अपने पड़ोसी की अगुवाई करता है, परन्तु दुष्ट लोग अपनी ही चाल के कारण भटक जाते हैं।
Pro 12:27 आलसी अहेर का पीछा नहीं करता, परन्तु कामकाजी को अनमोल वस्तु मिलती है।
Pro 12:28 धर्म की बाट में जीवन मिलता है, और उसके पथ में मृत्यु का पता भी नहीं।

एक साल में बाइबल:
२ इतिहास १७-१८
यूहन्ना १३:१-२०

बुधवार, 1 जून 2011

निश्चित छुटकारा

इस संसार के किसी भी आनन्द से बढ़कर परमेश्वर की संगति का आनन्द है; लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल कहीं भी यह नहीं कहता कि परमेश्वर के लोग शारीरिक दुख, मानसिक अस्वस्थता या आत्मिक अन्धकार का कभी सामना नहीं करेंगे।

महान प्रचारक स्पर्जन अकसर घोर निराशा में पड़ जाया करता था। स्पर्जन की जीवनी के लेखक आर्नल्ड डालिमोर ने लिखा, "इन निराशा के अन्धकार के समयों में वे किस वेदना से होकर निकलते होंगे, हम नहीं जानते...ऐसे में परमेश्वर से करी गई उनकी प्रार्थनाएं भी उन को ढाढ़स नहीं बन्धा पातीं थीं। उनकी निराशा के विशाल दुर्ग के नीचे जैसे अन्धकार की गहरी काल कोठरियाँ थीं।"

भजन ८८ परमेश्वर के भक्त हेमन द्वारा लिखा भजन है और संपूर्ण भजन संग्रह में एकमात्र ऐसा भजन है जो आरंभ से लेकर अन्त तक शोक और उदासी से भरा हुआ है। दाउद के लिखे कई भजनों में दुख और उदासी तो हैं लेकिन वे अन्ततः आशा पर समाप्त होते हैं, लेकिन हेमन का यह भजन अन्धकार के साथ अन्त होता है।

ऐसा शोकमय भजन कैसे हमें प्रोत्साहित कर सकता है? सर्वप्रथम यह भजन हमें सिखाता है कि परमेश्वर के लोग भी घोर निराशा और दुख से होकर निकल सकते हैं; दूसरे, यह भजन यह भी सिखाता है कि इन निराशा की परिस्थितियों में क्या करें - हेमन के समान अपनी व्यथा परमेश्वर के आगे मुक्त भाव से उंडेल दें; तीसरे, इस भजन का भजन संग्रह में विद्यमान होना इस बात का प्रमाण है कि हृदय से निकली वेदना की पुकार परमेश्वर अन्सुनी नहीं करता।

हेमन के इस भजन में बाइबल के ज्ञानी प्रभु यीशु की वेदना के समानन्तर में हेमन की वेदना के वर्णन को पाते हैं। हम जानते हैं कि जब कलवरी के क्रूस पर प्रभु यीशु समस्त संसार का पाप लिए हुए चढ़ाए गए, तब परमेश्वर ने भी उनसे मुँह मोड़ लिया था। वे परमेश्वर द्वारा उस समय इसलिए त्यागे गए जिससे फिर हम अपने पाप के कारण त्यागे न जाएं; अब जो प्रभु यीशु में विश्वास लाते हैं वे कभी परमेश्वर द्वारा त्यागे नहीं जाएंगे।

हमारे लिए अब परमेश्वर का वायदा है कि चाहे हमें अपनी व्यथा का अन्त न भी दिखाई दे, लेकिन क्लेशों से छुटकारा निश्चित है। - डेनिस डी हॉन


जैसे परमेश्वर हमारे साथ उजाले में रहता है, निश्चय ही वैसे ही वह अंधियारे में भी हमारे साथ बना रहता है।

क्योंकि मेरा प्राण क्लेश में भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुंचा है। - भजन८८:३



बाइबल पाठ: भजन ८८

Psa 88:1 हे मेरे उद्धारकर्त्ता परमेश्वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूं।
Psa 88:2 मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुंचे, मेरे चिल्लाने की ओर कान लगा!
Psa 88:3 क्योंकि मेरा प्राण क्लेश में भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुंचा है।
Psa 88:4 मैं कबर में पड़ने वालों में गिना गया हूं; मैं बलहीन पुरूष के समान हो गया हूं।
Psa 88:5 मैं मुर्दों के बीच छोड़ा गया हूं, और जो घात होकर कबर में पड़े हैं, जिनको तू फिर स्मरण नहीं करता और वे तेरी सहायता रहित हैं, उनके समान मैं हो गया हूं।
Psa 88:6 तू ने मुझे गड़हे के तल ही में, अन्धेरे और गहिरे स्थान में रखा है।
Psa 88:7 तेरी जलजलाहट मुझी पर बनी हुई है, और तू ने अपने सब तरंगों से मुझे दु:ख दिया है;
Psa 88:8 तू ने मेरे पहिचान वालों को मुझ से दूर किया है और मुझ को उनकी दृष्टि में घिनौना किया है। मैं बन्दी हूं और निकल नही सकता;
Psa 88:9 दु:ख भोगते भोगते मेरी आंखे धुन्धला गई। हे यहोवा मैं लगातार तुझे पुकारता और अपने हाथ तेरी ओर फैलाता आया हूं।
Psa 88:10 क्या तू मुर्दों के लिये अदभुत् काम करेगा? क्या मरे लोग उठकर तेरा धन्यवाद करेंगे?
Psa 88:11 क्या कबर में तेरी करूणा का, और विनाश की दशा में तेरी सच्चाई का वर्णन किया जाएगा?
Psa 88:12 क्या तेरे अदभुत् काम अन्धकार में, वा तेरा धर्म विश्वासघात की दशा में जाना जाएगा?
Psa 88:13 परन्तु हे यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी है, और भोर को मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुंचेगी।
Psa 88:14 हे यहोवा, तू मुझ को क्यों छोड़ता है? तू अपना मुख मुझ से क्यों छिपाता रहता है?
Psa 88:15 मैं बचपन ही से दु:खी वरन अधमुआ हूं, तुझ से भय खाते मैं अति व्याकुल हो गया हूं।
Psa 88:16 तेरा क्रोध मुझ पर पड़ा है, उस भय से मैं मिट गया हूं।
Psa 88:17 वह दिन भर जल की नाई मुझे घेरे रहता है, वह मेरे चारों ओर दिखाई देता है।
Psa 88:18 तू ने मित्र और भाईबन्धु दोनों को मुझ से दूर किया है, और मेरे जान- पहिचान वालों को अन्धकार में डाल दिया है।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १५-१६
  • यूहन्ना १२:२७-५०

मंगलवार, 31 मई 2011

निराश को आशा

एक बहुप्रचलित धारणा है कि क्योंकि हमारे सारे दुखों का स्त्रोत अदन की वाटिका में हमारे आदि माता-पिता आदम और हव्वा द्वारा हुआ पाप है, इसलिए हमारी सभी व्याधियों की जड़ भी हमारा कोई पाप ही होगा। इसी धारणा के अन्तर्गत प्रभु यीशु के चेलों ने उस जन्म के अंधे को भी देखा, और यीशु से पूछा, "हे रब्‍बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्‍धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?" लेकिन प्रभु के उत्तर ने उन्हें चौंका दिया और इस गलत धारणा की जड़ पर तीखा प्रहार किया, "यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्‍तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।" (यूहन्ना ९:२, ३)

अधिकाँश शारीरिक रोग तो सामाजिक रीति से नीची नज़रों से नहीं देखे जाते, लेकिन मानसिक रोगों के विष्य में अभी भी गलत धारणाएं समाज में बसी हुई हैं। समाज अभी भी मानसिक रोग से ग्रसित मनुष्य को एक अति संकीर्ण मानसिकता के तहत तुच्छ जानता है, उसे तिरिस्करित रखता है और उसे ढंग से समझना नहीं चाहता। विवियन क्लार्क ने एक चर्चा के विष्य में लिखा जिसका मुद्दा था "क्या निराशा का मानसिक रोग एक मसीही विश्वासी के लिए पाप है?" एक व्यक्ति ने कहा, "अवश्य ही यह पाप है क्योंकि निराशा पवित्रआत्मा के एक फल - आनन्द, के विपरीत है, और दोनो एक साथ विद्यमान नहीं हो सकते।" दूसरे ने कहा, "किसी मसीही विश्वासी के लिए निराशा होकर रहना संभव ही नहीं है।" यह सब सुनकर उस चर्चा के लिए एकत्रित समूह में से एक उदास चेहेरे वाली महिला उठकर चली गई, कई दिन से वह निराश थी, और ऐसी टिप्पणियों ने उसकी निराशा को और बढ़ा दिया।

यह संभव है कि मानसिक परेशानियाँ किसी गलत व्यवहार, बुरी आदत या किसी पाप के कारण हों, लेकिन पाप किस से नहीं होता? हम सब परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करने के दोषी हैं, लेकिन सभी तो मानसिक रोगों से ग्रस्त नहीं हो जाते। मानसिक रोगों के कारण बहुत जटिल और विविध हैं; सब को संकीर्ण नज़रिये से देखकर एक ही बात के आधीन कर देना कदापि सही नहीं है।

प्रत्येक मसीही विश्वासी को अपने प्रति प्रभु के लगातार बने रहने वाले अनुग्रह और धैर्य को ध्यान में रखते हुए किसी मानसिक रोगी या निराश व्यक्ति को देखकर उसपर तुरंत किसी पाप का दोष नहीं मढ़ देना चाहिए।

निराश को आशा देने के लिए उसके साथ सहानुभुति और प्रेम का व्यवहार करना चाहिए और प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिए कि, "हे प्रभु मैं इस व्यक्ति के जीवन में आपका कार्य कर सकूँ, इसके मन में आपकी शाँति पहुँचा सकूँ, मुझे ऐसी बुद्धि और सामर्थ दें।" - डेनिस डी हॉन


अनुकंपा किसी दूसरे के दुख को हर लेने के लिए हर संभव प्रयास करती है।

हे रब्‍बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्‍धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने? - यूहन्ना ९:२


बाइबल पाठ: यूहन्ना ९:१-११

Joh 9:1 फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्‍धा था।
Joh 9:2 और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्‍बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्‍धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?
Joh 9:3 यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्‍तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।
Joh 9:4 जिस ने मुझे भेजा है हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।
Joh 9:5 जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं।
Joh 9:6 यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्‍धे की आंखों पर लगा कर।
Joh 9:7 उस से कहा जा शीलोह के कुण्‍ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया।
Joh 9:8 तब पड़ोसी और जिन्‍होंने पहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे क्‍या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था?
Joh 9:9 कितनों ने कहा, यह वही है: औरों ने कहा, नहीं परन्‍तु उसके समान है: उस ने कहा, मैं वही हूं।
Joh 9:10 तब वे उस से पूछने लगे, तेरी आंखें क्‍योंकर खुल गईं?
Joh 9:11 उस ने उत्तर दिया, कि यीशु नाम एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आंखों पर लगा कर मुझ से कहा, कि शीलोह में जाकर धो ले; सो मैं गया, और धोकर देखने लगा।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १३-१४
  • यूहन्ना १२:१-२६

सोमवार, 30 मई 2011

विश्वास की भविष्यवाणी

एक लंबी और कठिन शीत ऋतु के बाद बसन्त के सुखदायी, साफ आसमान और चमकती धुप के दिन आरंभ हुए। ऐसे में ध्रुवीय ठंडी हवाओं से भरा एक तूफान आया, और ऐसा लगने लगा कि शीत ऋतु फिर से आरंभ हो गई है। जो बन्द घरों में रहना पसन्द नहीं करते, वे घबराने लगे; जो आंगन में बार बार जमने वाली बर्फ को साफ करते करते थक चुके थे वे फिर इसी काम में लगने के विचार से पस्त होकर अपनी कुर्सियों पर पसर गए और घर गर्म रखने के खर्च का अन्दाज़ लगाने लगे। हर तरफ निराशा का माहौल था, लेकिन दुबारा ठंडा हो जाने पर किसी ने भी यह निश्कर्ष नहीं निकाला कि सदियों से चला आ रहा मौसम बदलने का क्रम आक्समत ही रुक गया है या बदल गया है, और न ही किसी ने कहा कि पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर घूमने की दिशा उलट गई है। पुनः ठंडे हुए मौसम से निराश होने वालों ने जब बीते समयों का ध्यान किया तो उनको याद आया कि बदलती ऋतु में ऐसे ठंडे तूफान पहले भी आए हैं, और वे आश्वस्त हो गए कि बसन्त ऋतु फिर शीघ्र ही अपनी पूरी बहार में आ जाएगी।

ऐसे ही जब हम अपनी बीते समयों की आशीशों को ध्यान करते हैं तो हमें वर्तमान में आशा और आते समय के लिए हिम्मत मिलती है। भजन ७७ का लेखक निराशा में इतना धंस चुका था कि अब उसे कोई आशा नहीं रही थी, उसकी नींद जाती रही थी और वह अपनी दशा के बारे में किसी से कोई बात भी करना नहीं चाहता था। लेकिन फिर कुछ हुआ - उसने अपने पुरखाओं को स्मरण किया; उसे ध्यान आय कि वे भी घोर निराशाजनक परिस्थितियों से होकर निकले थे और परमेश्वर ने उन्हें सभी परिस्थितियों में न केवल सुरक्षित रखा, वरन उनसे सकुशल निकाला भी। अपने पुरखाओं के प्रति परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करने से भजन के लेखक का विश्वास भी पु्नर्जीवित हो गया।

परमेश्वर का वचन बाइबल हमें स्मरण दिलाती है कि विकट परिस्थितियों से होकर निकलने वाले हम प्रथम नहीं हैं। परमेश्वर के लोग सदा ही ऊँच-नीच का सामना करते रहे हैं और परमेश्वर उन्हें हर परिस्थिति से निकालता रहा है।

निराशा का अन्धकार कितना ही गहरा क्यों न हो, विश्वास की भविष्यवाणी सदा उज्जवल भविष्य ही की रहती है। - मार्ट डी हॉन


बीते समय में परमेश्वर से मिली भलाई और भविष्य के लिए उसकी प्रतिज्ञाएं हमें वर्तमान में आशा देती हैं।

मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं। - भजन ७७:१०


बाइबल पाठ: भजन ७७:१-१५

Psa 77:1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा।
Psa 77:2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा, रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं।
Psa 77:3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर कर के करहाता हूं, मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला)
Psa 77:4 तू मुझे झपकी लगने नहीं देता, मैं ऐसा घबराया हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती।
Psa 77:5 मैंने प्राचीनकाल के दिनों को, और युग युग के वर्षों को सोचा है।
Psa 77:6 मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता और मन में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं:
Psa 77:7 क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा और फिर कभी प्रसन्न न होगा?
Psa 77:8 क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है?
Psa 77:9 क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उस ने क्रोध करके अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला)
Psa 77:10 मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं।
Psa 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा।
Psa 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा।
Psa 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्राता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है?
Psa 77:14 अद्भुत काम करनेवाला ईश्वर तू ही है, तू ने अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है।
Psa 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १०-१२
  • यूहन्ना ११:३०-५७