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रविवार, 25 नवंबर 2012

धन्यवादी


   घर पर परमेश्वर के धन्यवादी होने का पर्व मनाने और एक साथ भोजन करने के लिए परिवार के सभी सदस्य एकत्रित थे, भोजन के लिए मेज़ पर आकर बैठे हुए थे। उन्हें देखकर और उनकी विभिन्न योग्यताओं के बारे में सोचकर मैं प्रसन्न थी और मुस्कुरा रही थी। मेज़ पर डॉकटर भी थे और संगीतज्ञ भी। मैं चिकित्सकों के लिए भी धन्यवादी थी क्योंकि उनके द्वारा हमारे शरीर स्वस्थ बने रहते हैं, और संगीतज्ञों के लिए भी क्योंकि उनके संगीत से मन प्रफुल्लित होता है तथा विचलित मस्तिष्क शांति पाते हैं।

   डॉकटरों और संगीतज्ञों की योग्यताएं एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं, किंतु उन दोनो के कार्य का प्रभावी होना एक ही बात पर निर्भर करता है - व्यवस्थित, क्रमबद्ध और सुचारू रूप से कार्यकारी संसार। यदि संसार में व्यवस्था और क्रमबद्धता नहीं होगी तो किसी बात का पूर्वानुमान संभव नहीं होगा; यदि पूर्वानुमान सही नहीं होगा तो ना संगीत बनेगा और ना ही चिकित्सा कार्यकारी होगी।

   जब परमेश्वर ने सृष्टि की रचना करी तो सब कुछ व्यवस्थित, क्रमबद्ध और सुचारू था। एक व्यवस्थित और क्रमबद्ध संसार में रोग इस बात का सूचक है कि कुछ अव्यवस्थित है; क्रमानुसार नहीं है। इसके विपरीत चंगाई इस बात का सूचक है कि अब व्यवस्था और क्रमबद्धता पुनः स्थापित हो गई है। जब यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने जानना चाहा कि क्या यीशु ही वह आने वाला उद्धारकर्ता है तो प्रभु यीशु ने उन सन्देशवाहकों से कहा: "...जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्‍धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है" (लूका ७:२२)। यह विभिन्न प्रकार कि चंगाई इस बात का प्रमाण थी कि यीशु ही वह उद्धारकर्ता है जिसकी संसार बाट जोह रहा था (मलाकी ४:२) और जो सब कुछ संसार के पाप में बिगड़ने से पहले के समान बहाल कर देगा (प्रेरितों ३:२१)।

   मैं संगीत के लिए भी धन्यवादी हूँ जो मेरे विचलित मन-मस्तिष्क को शांति देता है, और चिकित्सा के साधनों के लिए भी जिनसे मेरा शरीर स्वस्थ रहता है। यह मुझे स्मरण दिलाते रहते हैं कि मेरे प्रभु यीशु में मुझे और संसार के प्रत्येक मसीही विश्वासी को पापों से क्षमा, पाप के दण्ड से मुक्ति तथा परमेश्वर के साथ अनन्त काल की शांति और बहाली सेंत-मेंत मिली है। यही आशीषें उन सबके लिए भी ऐसे ही सेंत-मेंत उपलब्ध हैं जो प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं और उसे अपने निज उद्धारकर्ता ग्रहण कर लेते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु पाप से बिगड़े हुओं को सुधारने और बहाल करने का विशेषज्ञ है।

परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाईं कूदोगे और फांदोगे। - मलाकी ४:२

बाइबल पाठ: लूका ७:११-२३
Luk 7:11  थोड़े दिन के बाद वह नाईन नाम के एक नगर को गया, और उसके चेले, और बड़ी भीड़ उसके साथ जा रही थी। 
Luk 7:12  जब वह नगर के फाटक के पास पहुंचा, तो देखो, लोग एक मुरदे को बाहर लिए जा रहे थे, जो अपनी मां का एकलौता पुत्र था, और वह विधवा थी: और नगर के बहुत से लोग उसके साथ थे। 
Luk 7:13  उसे देख कर प्रभु को तरस आया, और उस ने कहा; मत रो। 
Luk 7:14  तब उस ने पास आकर, अर्थी को छुआ; और उठाने वाले ठहर गए, तब उस ने कहा, हे जवान, मैं तुझ से कहता हूं, उठ। 
Luk 7:15  तब वह मुरदा उठ बैठा, और बोलने लगा: और उस ने उसे उस की मां को सौप दिया। 
Luk 7:16  इस से सब पर भय छा गया; और वे परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे कि हमारे बीच में एक बड़ा भविष्यद्वक्ता उठा है, और परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपा दृष्‍टि की है। 
Luk 7:17  और उसके विषय में यह बात सारे यहूदिया और आस पास के सारे देश में फैल गई।
Luk 7:18  और यूहन्ना को उसके चेलों ने इन सब बातों का समचार दिया। 
Luk 7:19  तब यूहन्ना ने अपने चेलों में से दो को बुलाकर प्रभु के पास यह पूछने के लिये भेजा, कि क्‍या आने वाला तू ही है, या हम किसी और दूसरे की बाट देखें? 
Luk 7:20  उन्‍होंने उसके पास आकर कहा, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने हमें तेरे पास यह पूछने को भेजा है, कि क्‍या आने वाला तू ही है, या हम दूसरे की बाट जोहें?
Luk 7:21  उसी घड़ी उस ने बहुतों को बीमारियों और पीड़ाओं, और दुष्‍टात्माओं से छुड़ाया, और बहुत से अन्‍धों को आंखे दी। 
Luk 7:22  और उस ने उन से कहा, जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्‍धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है। 
Luk 7:23  और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल २४-२६ 
  • १ पतरस २