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शुक्रवार, 20 जून 2014

अच्छे पड़ौसी


   जून 2011 में जब विनाशकारी बाढ़ के कारण उत्तरी डकोटा प्रांत के मिनोट कस्बे के लोगों को अपने घर छोड़ने तथा खाली करने पड़े तो उस इलाके के लोगों ने वह किया जो उनके लिए स्वाभाविक था - ज़रूरतमन्दों की सहायता। उस कस्बे से एक घंटे की यात्रा की दूरी पर रहने वाले भी, बिना किसी के कहे, सहायता करने के लिए वहाँ पहुँच गए। किसी ने लोगों को रहने के लिए स्थान प्रदान किए तो किसी ने उनके सामान को सुरक्षित रखने के लिए स्थान दिया। उत्तरी डकोटा के लोग अपने व्यवहार द्वारा दिखा रहे थे कि अच्छे पड़ौसी होने का क्या अर्थ होता है।

   मसीह यीशु के अनुयायियों के लिए भी अच्छा पड़ौसी होना, अर्थात दूसरों के प्रति प्रेम और आदर का व्यवहार रखना एक स्वाभाविक बात होनी चाहिए (मत्ती 22:39; यूहन्ना 13:35; 1यूहन्ना 4:7-11)। चाहे हमारे पास उन उत्तरी डकोटा के निवासियों के समान किसी प्राकृतिक आपदा के समय नाटकीय ढंग से प्रतिक्रीया करने के अवसर ना भी हों, तो भी अपने आस-पास के लोगों से प्रेम और आदर का व्यवहार करने के अवसर तो सदा विद्यमान रहते हैं। अच्छे पड़ौसी होने के लिए हम दूसरों के साथ कृपालू हो सकते हैं (लूका 10:29-37), उनके साथ पक्षपात ना करें (लैव्यवस्था 19:13-18; याकूब 2:1-8), उनसे सत्य बोलें (इफिसियों 4:25), उनके प्रति क्षमाशील रहें (इफिसियों 4:32; कुलुस्सियों 3:13)।

   मसीही विश्वासी सबसे अच्छे पड़ौसी बन कर रह सकते हैं क्योंकि दूसरों के प्रति प्रेम, आदर और क्षमा का व्यवहार हमारे प्रभु के संसार के प्रति व्यवहार से हमें मिला है; प्रभु यीशु ने सारे संसार से प्रेम किया और सभी के उद्धार के लिए अपने प्राण दिए, और आज भी उस पर विश्वास लाने वाले सभी लोगों को क्षमा करके अपने साथ स्वर्ग में रखने की चाह रखता है। - मार्विन विलियम्स


अपने पड़ौसी के प्रति हमारा प्रेम ही मसीह यीशु के प्रति हमारे प्रेम का माप है।

हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए। - 1 यूहन्ना 4:11

बाइबल पाठ: लूका 10:29-37
Luke 10:29 परन्तु उसने अपनी तईं धर्मी ठहराने की इच्छा से यीशु से पूछा, तो मेरा पड़ोसी कौन है? 
Luke 10:30 यीशु ने उत्तर दिया; कि एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिये, और मार पीट कर उसे अधमूआ छोड़कर चले गए। 
Luke 10:31 और ऐसा हुआ; कि उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था: परन्तु उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:32 इसी रीति से एक लेवी उस जगह पर आया, वह भी उसे देख के कतरा कर चला गया। 
Luke 10:33 परन्तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया। 
Luke 10:34 और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियां बान्‍धी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उस की सेवा टहल की। 
Luke 10:35 दूसरे दिन उसने दो दिनार निकाल कर भटियारे को दिए, और कहा; इस की सेवा टहल करना, और जो कुछ तेरा और लगेगा, वह मैं लौटने पर तुझे भर दूंगा। 
Luke 10:36 अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? 
Luke 10:37 उसने कहा, वही जिसने उस पर तरस खाया: यीशु ने उस से कहा, जा, तू भी ऐसा ही कर।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-81