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सोमवार, 10 अगस्त 2015

अनुकंपा


   फ्रांसिस शेफर एक प्रसिद्ध लेखक और मसीही विश्वास की व्याख्या करने वाले हुए। उन्हें डिसलेक्सिया नामक लिखने-पढ़ने से संबंधित एक मानसिक रोग था जिसके कारण वे कभी शब्दों को सही लिख नहीं पाते थे। जब वे कॉलेज गए तो वर्तनी की अशुद्धता के कारण उनके लिखित कार्यों में उन्हें सदा ही कम अंक मिलते थे। कॉलेज के प्रथम वर्ष में ही एक प्राध्यापक ने उन से कहा, "जो तुमने लिखा है वह दर्श्नशास्त्र का एक अति उत्तम लेख है, ऐसा जैसा मैंने आज तक नहीं पढ़ा; लेकिन इस लेख की वर्तनी जितनी खराब है, वैसी मैंने आज तक नहीं देखी! मैं क्या करूँ? मैं तुम्हें उत्तीर्ण नहीं कर सकता।" फ्रांसिस ने उन्हें उत्तर दिया, "श्रीमानजी, मैं बचपन से आज तक कभी भी सही लिख नहीं पाया। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि आप केवल उसे जान लें जो मैंने लिखा है, और लिखे हुए की वर्तनी पर ध्यान ना करें?" कुछ देर तक विचार करने के बाद उस प्राध्यापक ने ने उत्तर दिया, "ठीक है श्री. शेफर; हम ऐसा ही करेंगे।" उस प्राध्यापक के अनुकंपा एवं बुद्धिमता से भरे प्रत्युत्तर ने एक प्रतिभावान जवान को प्रोत्साहित किया और वह आगे चलकर 1960-70 के दशकों में जीवन के उत्तर खोज रही परेशान पीढ़ी के अनेक जवानों को प्रभु यीशु के पास तथा मसीही विश्वास में लाने का माध्यम बन सका।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्य में आने वाले प्रभु यीशु मसीह के विषय में लिखा, "कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा" (यशायाह 42:3)। प्रभु यीशु के चरित्र का यह चित्रण एक अति सामर्थी किंतु बहुत ही नम्र व्यक्ति को दिखाता है जो कभी किसी का नुकसान करना नहीं चाहता; जो कम से कम आशा की स्थिति में भी निराश लोगों की सहायता करके सभी को उभारने का प्रयास करता है। यही प्रभु यीशु ने संसार में आने के बाद किया और आज भी करता आ रहा है - निराशा और पाप के बन्धनों में जकड़े हुओं को मुक्त करना तथा कमज़ोर मन वालों और निरुत्साहित लोगों को प्रोत्साहित करना।

   प्रभु यीशु संसार के सभी लोगों को पाप के दोष तथा दण्ड से मुक्त करने आए थे, लोगों को पाप के लिए दोषी प्रमाणित करने नहीं। आज भी जो कोई उन पर विश्वास करता है, पापों से पश्चाताप करके उनसे अपने पापों की क्षमा माँगता है उन्हें प्रभु उद्धार और आशीष देता है, उनके जीवन को बहाल करता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


जब हम टूटे मन के साथ प्रभु यीशु के पास आते हैं वह हमें संपूर्ण कर देता है।

जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। - भजन 103:13-14

बाइबल पाठ: यशायाह 42:1-9
Isaiah 42:1 मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा। 
Isaiah 42:2 न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा। 
Isaiah 42:3 कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। 
Isaiah 42:4 वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जाहेंगे।
Isaiah 42:5 ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहोवा है, वह यों कहता है: 
Isaiah 42:6 मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले, 
Isaiah 42:7 बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उन को काल कोठरी से निकाले। 
Isaiah 42:8 मैं यहोवा हूं, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूंगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूंगा। 
Isaiah 42:9 देखो, पहिली बातें तो हो चुकी हैं, अब मैं नई बातें बताता हूं; उनके होने से पहिले मैं तुम को सुनाता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-80
  • रोमियों 11:1-18