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रविवार, 3 अप्रैल 2016

महत्व


   मेरे मित्र ने अपने नए जन्मे बच्चे के नाम पत्र लिखा, जिसे वह चाहता था कि उसका बेटा बड़ा होकर पढ़े। उसने पत्र में लिखा: "मेरे प्रीय पुत्र, हम, तुम्हारे माता तथा पिता, चाहते हैं कि तुम सदा प्रकाश पर ध्यान लगाए रखो। तुम्हारा चीनी भाषा का नाम है ’शिन शुआन’; चीनी भाषा में ’शिन’ का तात्पर्य वफादारी, सन्तुष्टता और ईमानदारी से होता है, तथा ’शुआन’ का तात्पर्य ज्योति और गर्माहट से होता है।" मेरे मित्र और उसकी पत्नि ने बड़ी सावधानी से अपने बेटे के लिए वह नाम चुना था जिसके अनुरूप वे उसे बनते देखना चाहते थे, जैसी अपने शिशु पुत्र के लिए उनकी उम्मीदें थीं।

   जब प्रभु यीशु ने अपने एक अनुयायी शमौन को कैफा / पतरस कहा (यूहन्ना 1:42), तो यह कोई अनायास, बेमतलब नहीं कहा गया था। मूल युनानी भाषा में कैफा या पतरस का अर्थ होता है चट्टान का टुकड़ा, अर्थात चट्टान के समान दृढ़ और मज़बूत। लेकिन शमौन को अपने नए नाम पतरस के अनुरूप बनने में कुछ समय लगा। उसके वास्तव में ’पतरस’ बनने से पहले वह एक जल्दबाज़ और बिना ध्यान से सोचे-समझे बोल देने वाला मछुआरा था जो रेत के समान अस्थिर रहता था। अपने नए नाम के अनुरूप होने के दौरान वह प्रभु यीशु से असहमत हुआ (मत्ती 16:22-23), उसने एक व्यक्ति पर तलवार चलाई (यूहन्ना 18:10-11) और तीन बार प्रभु यीशु का इन्कार भी किया (यूहन्ना 18:15-27)। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के काम नामक पुस्तक के आरंभ में हम पढ़ते हैं की यही शमौन ’पतरस’ बनकर अपने प्रभु यीशु के लिए खड़ा हो गया; इसी पतरस के प्रचार से मसीही विश्वासियों की पहली मण्डली बनी और आरंभिक मसीही मण्डलियों की स्थापना और बढ़ोतरी के लिए परमेश्वर ने उसे बहुतायत से इस्तेमाल किया।

   यदि पतरस के समान आप भी मसीह यीशु के अनुयायी हैं, तो प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के कारण अब आपकी एक नई पहचान है। प्रेरितों 11:26 में हम पढ़ते हैं कि, "...और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।" मसीही होना अर्थात मसीह के समान होना - मसीही विश्वासी होने के कारण अब आप को मसीह के समान होना है। यह उपाधि, ’मसीही’, आपको उठा कर एक महान स्तर पर लाती है और जो आप अभी नहीं हैं, परमेश्वर की सहायता और सामर्थ, से वह बनने के लिए बुलाती है। परमेश्वर अपना कोई काम अधूरा नहीं छोड़ता (फिलिप्पियों 1:6), आप के अन्दर वह अपने कार्य को अवश्य पूरा करेगा। आप बस अपनी इस नई पहचान के महत्व को समझें और परमेश्वर को अपने जीवन में कार्य करने दें, उसकी आज्ञाकारिता में बने रहें। - पो फैंग चिया


जब हम परमेश्वर को पिता कहकर संबोधित करते हैं और उसकी सनतान होने के अनुरूप जीवन व्यतीत करते हैं, हम परमेश्वर को आदर देते हैं।

और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। - फिलिप्पियों 1:6

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:32-42
John 1:32 और यूहन्ना ने यह गवाही दी, कि मैं ने आत्मा को कबूतर की नाईं आकाश से उतरते देखा है, और वह उस पर ठहर गया। 
John 1:33 और मैं तो उसे पहिचानता नहीं था, परन्तु जिसने मुझे जल से बपतिस्मा देने को भेजा, उसी ने मुझ से कहा, कि जिस पर तू आत्मा को उतरते और ठहरते देखे; वही पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देनेवाला है। 
John 1:34 और मैं ने देखा, और गवाही दी है, कि यही परमेश्वर का पुत्र है। 
John 1:35 दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे। 
John 1:36 और उसने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि कर के कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है। 
John 1:37 तब वे दोनों चेले उस की यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए। 
John 1:38 यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उसने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे। 
John 1:39 तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था। 
John 1:40 उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिये थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था। 
John 1:41 उसने पहिले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तुस अर्थात मसीह मिल गया। 
John 1:42 वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि कर के कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू केफा, अर्थात पतरस कहलाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21
  • लूका 7:31-50