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गुरुवार, 19 अप्रैल 2018

लालसा



   नेजाहुआलकोयोटल (1402-1472) उच्चारण करने में कठिन परन्तु बहुत सार्थक नाम है। इस नाम का अर्थ होता है “भूखा कोयोट”, (कोयोट भेड़िए की जाति का जंगली जानवर है), और इस नाम वाले व्यक्ति के लेख एक आत्मिक भूख को दिखाते हैं। यह व्यक्ति, यूरोपीय लोगों के वहाँ आगमन से पहले, मेक्सिको में शासक और कवि था। उसने लिखा, “वास्तव में मैं जिन देवताओं की उपासना करता हूँ, वे पत्थर की बनी मूर्तियां हैं जो न बोल सकती हैं और न ही अनुभव कर सकती हैं...इस सारी सृष्टि का रचियता कोई बहुत ही सामर्थी, परन्तु अदृश्य और गुप्त परमेश्वर है। केवल वही है जो मेरे दुःख में मुझे सांतवना दे सकता है, और मेरी हृदय की वेदना में मेरी सहायक हो सकता है। मेरी लालसा है कि वही मेरा सहयाक और रक्षक बने।

   हम नहीं जानते कि नेजाहुआलकोयोटल ने उस सृष्टिकर्ता परमेश्वर को पाया या नहीं; परन्तु अपने राज्य के समय में उसने “उस परमेश्वर के लिए जो सुंदरता से चित्रकारी करता है” एक पिरामिड बनवाया, और अपने राज्य में मानव-बलि को प्रतिबंधित कर दिया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 42 का लेखक पुकारता है, “जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जा कर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?” (पद 2)। प्रत्येक मनुष्य उस सच्चे परमेश्वर की वैसी लालसा रखे जैसे “जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है...” (पद 1)।

   आज भी सँसार में बहुतेरे “भूखे कोयोट” हैं जो यह जानते हैं कि प्रसिद्धि, धन-संपत्ति, और संबंधों की मूर्तियां उनके हृदयों में बने रिक्त स्थान को भर नहीं पाएंगीं। केवल वही जीवता और सच्चा प्रभु परमेश्वर जिसने अपने आप को प्रभु यीशु के रूप में संसार पर प्रकट किया, हमारे जीवनों को परिपूर्णता प्रदान कर सकता है, सार्थक बना सकता है। यह उनके लिए जो उस सच्चे परमेश्वर को प्राप्त करने की लालसा रखते हैं, एक अच्छा समाचार है – प्रभु यीशु ही उनकी इस लालसा की पूर्ति है। - केला ओकोआ


हमारी प्रत्येक अभिलाषा की गहराई में परमेश्वर की लालसा है।

हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। इस प्रकार से मैं ने पवित्रास्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं। - भजन 63:1-2

बाइबल पाठ: भजन 42
Psalms 42:1 जैसे हरिणी नदी के जल के लिये हांफती है, वैसे ही, हे परमेश्वर, मैं तेरे लिये हांफता हूं।
Psalms 42:2 जीवते ईश्वर परमेश्वर का मैं प्यासा हूं, मैं कब जा कर परमेश्वर को अपना मुंह दिखाऊंगा?
Psalms 42:3 मेरे आंसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
Psalms 42:4 मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण कर के मेरा प्राण शोकित हो जाता है।
Psalms 42:5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा।
Psalms 42:6 हे मेरे परमेश्वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिये मैं यर्दन के पास के देश से और हर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूं।
Psalms 42:7 तेरी जलधाराओं का शब्द सुनकर जल, जल को पुकारता है; तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया हूं।
Psalms 42:8 तौभी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करूणा प्रगट करेगा; और रात को भी मैं उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवन दाता ईश्वर से प्रार्थना करूंगा।
Psalms 42:9 मैं ईश्वर से जो मेरी चट्टान है कहूंगा, तू मुझे क्यों भूल गया? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे क्यों शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं?
Psalms 42:10 मेरे सताने वाले जो मेरी निन्दा करते हैं मानो उस में मेरी हडि्डयां चूर चूर होती हैं, मानो कटार से छिदी जाती हैं, क्योंकि वे दिन भर मुझ से कहते रहते हैं, तेरा परमेश्वर कहां है?
Psalms 42:11 हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा।


एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 6-8
  • लूका 15:1-10