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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

मन से



      अनेकों संस्कृतियों में, ऊँची आवाज़ में रोना, विलाप करना, कपड़े फाड़ना, आदि, व्यक्तिगत गहरे शोक या गंभीर राष्ट्रीय आपदा आदि के समय में दुःख व्यक्त करने के स्वीकारीय तरीके हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम के समय में इस्राएल के लोगों द्वारा भी इसी प्रकार की दिखाई देने वाली क्रियाएँ, परमेश्वर से विमुख हो जाने के प्रति पश्चाताप और दुःख के सूचक थे।

      पश्चाताप व्यक्त करने का बाहरी स्वरूप, यदि वह मन से हो, तो बहुत प्रभावी क्रिया हो सकता है। परन्तु इसमें यदि परमेश्वर के प्रति सच्ची भीतरी भावना नहीं है, तो यह मात्र दिखावा है, हमारे विश्वासी समाज में भी, और व्यर्थ है।

      परमेश्वर से विमुख हो जाने के कारण, यहूदा के राज्य पर टिड्डियों द्वारा आए विनाश के बाद, परमेश्वर ने योएल भविष्यद्वक्ता द्वारा उन लोगों से सच्चा पश्चाताप करके उसकी ओर लौट आने को कहा, जिससे बह्विश्य में वे लोग उसके न्याय तथा और अधिक प्रबल दण्ड से बच सकें: “तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ” (योएल 2:12)।

      फिर योएल ने लोगों से सच्चे मन से परमेश्वर को अपना प्रत्युत्तर देने का आह्वान किया: “अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है” (पद 13)। सच्चा पश्चाताप मन से आता है।

      परमेश्वर की बहुत लालसा है कि सभी उसके समक्ष अपने अपने पापों का अंगीकार करके, उनके लिए पश्चाताप करें और उससे पापों की क्षमा प्राप्त करें, जिससे फिर वे उसके साथ प्रेम के बंधन में, उसके परिवार के सदस्य, उसकी सन्तान बनकर जीवन व्यतीत कर सकें, पूरे मन, आत्मा और सामर्थ्य से उसकी सेवा कर सकें, उससे आशीषों को प्राप्त कर सकें।

      परमेश्वर से क्षमा और आशीषे प्राप्त करने के आज जो भी आपको उसके सामने स्वीकार करना है, निःसंकोच कर लीजिए – सच्चे मन से। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर आपके मन की बात सुनना चाहता है।

क्योंकि परमेश्वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्‍चाताप उत्पन्न करता है जिस का परिणाम उद्धार है और फिर उस से पछताना नहीं पड़ता: परन्तु संसारी शोक मृत्यु उत्पन्न करता है। - 2 कुरिन्थियों 7:10

बाइबल पाठ: योएल 2:12-17
Joel 2:12 तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ।
Joel 2:13 अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
Joel 2:14 क्या जाने वह फिरकर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
Joel 2:15 सिय्योन में नरसिंगा फूँको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
Joel 2:16 लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो; पुरनियों को बुला लो; बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
Joel 2:17 याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्या कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1