ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

जीवन जल



      1960 के दशक में ‘किंग्स्टन ट्राएओ’ नामक एक गीत मण्डली ने “डेज़र्ट पीट” नामक एक गाना जारी किया जो कि एक कहानी सुनाता है। उस कहानी में रेगिस्तान में यात्रा करने वाले और प्यास से बेहाल एक काओ-ब्वौए के बारे में बताया गया है जिसे एक हैंडपंप मिलता है। उस हैंडपंप के पास ही एक जग में पानी रखा है और साथ ही एक पर्चा रखा है जिस पर डेज़र्ट पीट ने लिख कर रखा है कि उस जग के पानी को पीने की बजाए, उसे पहले हैंडपंप को चलाने के लिए उसमें डालें और फिर हैंडपंप को चलाएँ, तो बहुतायत से ठंडा पेय जल प्राप्त हो जाएगा, और फिर उस जग को भर कर वहीं उस पर्चे के साथ रख दें।

      प्यास से बेहाल उस काओ-ब्वौए के सामने बड़ा प्रलोभन था कि वह उस जग में उपलब्ध जल को पी ले, न कि उसे हैंडपंप में डालकर उपलब्ध जल से भी वंचित हो जाने का जोखिम उठाए। परन्तु वह अपने उस लोभ को दबाकर पर्चे पर लिखे निर्देशानुसार जल को हैंडपंप में डालता है और पंप को चलाना आरंभ करता है। उसकी इस आज्ञाकारिता के परिणामस्वरूप उसे ठंडा पीने योग्य तथा संतुष्टि प्रदान करने वाला स्वच्छ जल बहुतायत से प्राप्त होता है। यदि वह डेज़र्ट पीट की बात पर विश्वास नहीं करता तो उसे बस वह एक जग भर बासी और गर्म पानी ही मिलता।

      यह मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई इस्राएल की बियाबान की यात्रा को स्मरण करवाता है। जब वे प्यास से बेहाल होने लगे (निर्गमन 17:1-7), तो मूसा ने परमेश्वर से सहायता माँगी। परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह होरेब की चट्टान पर अपनी लाठी से प्रहार करे। मूसा ने परमेश्वर की बात पर विश्वास किया और आज्ञाकारिता में चट्टान पर मारा, और उस पत्थर से बहुतायत से जल निकल पड़ा।

      परन्तु दुःख की बात है कि इस्राएल ने सदा ही मूसा की आज्ञाकारिता के इस उदाहरण का अनुसरण नहीं किया। अन्ततः “...सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुनने वालों के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा” (इब्रानियों 4:2)।

      कभी-कभी हमें जीवन मरुभूमि के समान लगने लगता है। परन्तु परमेश्वर हमारी आत्मिक प्यास सबसे अनेपक्षित परिस्थितियों द्वारा भी बुझा सकता है। जब हम विश्वास द्वारा परमेश्वर के वचन की प्रतिज्ञाओं पर भरोसा करते हैं, तो हम जीवन जल की नदियों तथा दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परमेश्वर के अनुग्रह का अनुभव कर सकते हैं। - डेनिस फिशर

परमेश्वर के लिए हमारी प्यास को केवल प्रभु यीशु, जो जीवन जल का स्त्रोत है, बुझा सकता है।

फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। - यूहन्ना 7:37-38

बाइबल पाठ: निर्गमन 17:1-7
Exodus 17:1 फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली सीन नाम जंगल से निकल चली, और यहोवा के आज्ञानुसार कूच कर के रपीदीम में अपने डेरे खड़े किए; और वहां उन लोगों को पीने का पानी न मिला।
Exodus 17:2 इसलिये वे मूसा से वादविवाद कर के कहने लगे, कि हमें पीने का पानी दे। मूसा ने उन से कहा, तुम मुझ से क्यों वादविवाद करते हो? और यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?
Exodus 17:3 फिर वहां लोगों को पानी की प्यास लगी तब वे यह कहकर मूसा पर बुड़बुड़ाने लगे, कि तू हमें लड़के बालों और पशुओं समेत प्यासों मार डालने के लिये मिस्र से क्यों ले आया है?
Exodus 17:4 तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और कहा, इन लोगों से मैं क्या करूं? ये सब मुझे पत्थरवाह करने को तैयार हैं।
Exodus 17:5 यहोवा ने मूसा से कहा, इस्राएल के वृद्ध लोगों में से कुछ को अपने साथ ले ले; और जिस लाठी से तू ने नील नदी पर मारा था, उसे अपने हाथ में ले कर लोगों के आगे बढ़ चल।
Exodus 17:6 देख मैं तेरे आगे चलकर होरेब पहाड़ की एक चट्टान पर खड़ा रहूंगा; और तू उस चट्टान पर मारना, तब उस में से पानी निकलेगा जिससे ये लोग पीएं। तब मूसा ने इस्राएल के वृद्ध लोगों के देखते वैसा ही किया।
Exodus 17:7 और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहां वादविवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, कि क्या यहोवा हमारे बीच है वा नहीं?

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 6-8
  • 1 तिमुथियुस 5