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गुरुवार, 12 मार्च 2020

विश्वास



      मेरी स्वाभाविक प्रवृत्ति नकारात्मक रहने की है; मैं बहुत शीघ्र ही जीवन की परिस्थितियों का नकाराताम्क अंत होने के बारे में सोचने लग जाती हूँ। यदि मुझे किसी एक कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़े, तो मैं बड़ी सरलता से यह भी मानने लग जाती हूँ कि मुझे अन्य कार्यों में भी कठिनाइयाँ ही होंगी; यहाँ तक कि यद्यपि इन दो बातों का कोई सम्बन्ध नहीं है, मुझे फिर भी यह भी लगने लगता है कि मैं अब कभी झुक कर अपने पैरों की ऊँगलियाँ भी नहीं छूने पाऊँगी। और यह की मैं कैसी अभागी माँ हूँ, जो कुछ भी ठीक से नहीं कर सकती है। किसी एक भी बात में असफलता, अनावश्यक रूप से अन्य अनेकों बातों के विषय मेरी भावनाओं को प्रभावित करती है।

      इसलिए मेरे लिए यह कल्पना करना सरल है कि परमेश्वर के वचन बाइबल के एक भविष्यद्वक्ता, हबक्कुक, की प्रतिक्रया क्या रही होगी जब परमेश्वर ने उसे आते समय की बातों को दिखाया। परमेश्वर के लोगों पर आने वाली विपत्तियों को देखकर उसके पास हताश होने के बहुत कारण थे; उसे पता था की आगे लम्बे और कठिन वर्ष आने वाले हैं। आने वाली बातें वास्तव में निराशाजनक थीं; सभी भोजन वस्तुओं और सुख की बातों का भयंकर अकाल आने वाला था। उसके शब्दों से मैं नकारात्मक परिस्थितियों की निराशा की ओर खिंचने लगती हूँ; किन्तु तभी वह मुझे एक छोटे से शब्द “तौभी” के द्वारा झकझोर देता है – “तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा” (हबक्कुक 3:18)। उसे जिन कठिनाइयों की अपेक्षा थी, उनके होते हुए भी, हबक्कुक को आनन्दित होने का कारण मिला – परमेश्वर में।

      हो सकता है कि हम अपनी समस्याओं को बढ़ा-चढ़ा कर कहने की प्रवृत्ति रखते हों, परन्तु हबक्कुक के समक्ष निश्चय ही कुछ बहुत ही विकट परिस्थितियाँ खड़ी थीं। और यदि वह उन परिस्थितियों में भी परमेश्वर की स्तुति कर सका, तो फिर हम भी कर सकते हैं। जब हम निराशाओं से घिरे और दबे हुए हों, तब हम अपने सिर उठा कर परमेश्वर की और देख सकते हैं, और हमारे प्रति उसके प्रेम तथा उसकी भली योजनाओं में विश्वास रख सकते हैं। - कर्स्टन होल्म्बर्ग

परमेश्वर हमारी निराशाओं में भी आनन्द का कारण है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: हबक्कुक 3: 17-19
Habakkuk 3:17 क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई  के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों,
Habakkuk 3:18 तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा।।
Habakkuk 3:19 यहोवा परमेश्वर मेरा बलमूल है, वह मेरे पांव हरिणों के समान बना देता है, वह मुझ को मेरे ऊंचे स्थानों पर चलाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 17-19
  • मरकुस 13:1-20