प्रति वर्ष लगभग 20 लाख लोग लंडन के सेंट
पॉल्स कैथीड्रल को देखने आते हैं। उस भव्य इमारत को देखने और निहारने के लिए अन्दर
प्रवेश करने के शुल्क की कीमत चुकाना सर्वथा उपयुक्त है। सर क्रिस्टोफर रैन द्वारा
17वीं शताब्दी के अन्त की ओर बनाई गई इस इमारत की सुंदरता अद्भुत है। परन्तु मसीही
आराधना के इस स्थान पर पर्यटन, यहां होने वाली उपासना से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है।
इस कैथीड्रल का प्रमुख उद्देश्य है “आने वाले सभी लोग अपनी विवधता में भी यीशु
मसीह में परमेश्वर की परिवर्तित कर देने वाली उपस्थिति का अनुभव करें।” यदि आप
इमारत में घूमना, और वहाँ की वास्तुकला को निहारना चाहते हैं, तो आपको प्रवेश
शुल्क देना होगा। परन्तु प्रतिदिन होने वाली आराधना सभाओं में से किसी में
सम्मिलित होने के लिए प्रवेश करने पर कोई कीमत नहीं है।
परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए
क्या कीमत चुकानी पड़ती है? वहाँ प्रवेश निःशुल्क है, क्योंकि प्रभु यीशु ने सबके
लिए सारी कीमत अपने बलिदान के द्वारा चुका दी है, “इसलिये कि सब ने पाप किया है
और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा
जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं”
(रोमियों 3:23-24)। जब हम अपनी आत्मिक आवश्यकता का अंगीकार करते हैं, और विश्वास
के द्वारा प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर के अनुग्रह से उपलब्ध पापों की क्षमा को
स्वीकार करते हैं, तो हम एक नए जीवन में प्रवेश करते हैं, परमेश्वर के परिवार के
सदस्य बन जाते हैं, प्रभु में अनन्त जीवन के वारिस हो जाते हैं।
आप भी आज ही और अभी, इस नए जीवन में प्रवेश
कर सकते हैं, क्योंकि कलवारी के क्रूस अपर अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा
प्रभु यीशु ने आपके पापों की सारी कीमत चुका दी है; अब आपको उसे चुकाने के लिए कुछ
भी करने की आवश्यकता नहीं है; आपको बस उसे स्वीकार करके अपने जीवन में लागू करना
है। - डेविड मैक्कैस्लैंड
प्रभु
यीशु ने कीमत चुकाई, जिससे हम परमेश्वर के राज्य में प्रवेश पा सकें।
परन्तु
जितनों ने उसे ग्रहण किया,
उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल
पाठ: रोमियों 3:20-28
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं
ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती
है।
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह
पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि
कुछ भेद नहीं।
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है,
सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया,
जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो
पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से
आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस
से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।
Romans 3:27 तो घमण्ड करना कहां रहा उस की तो जगह ही नहीं: कौन सी व्यवस्था के
कारण से? क्या कर्मों की व्यवस्था से? नहीं,
वरन विश्वास की व्यवस्था के कारण।
Romans 3:28 इसलिये हम इस परिणाम पर पहुंचते हैं, कि मनुष्य
व्यवस्था के कामों के बिना, विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।
एक
साल में बाइबल:
- भजन 54-56
- रोमियों 3