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रविवार, 1 मार्च 2020

दृढ़



      मैं कैलिफोर्निया की निवासी हूँ और धूप से चमकती हुई चीजें मुझे अच्छी लगती हैं, तथा सभी ठंडी चीज़ों से मैं बच कर रहना चाहती हूँ। परन्तु मुझे बर्फ के सुन्दर दृश्यों की फोटो देखना अच्छा लगता है। इसलिए जब मुझे अपनी एक सहेली द्वारा उसकी खिड़की के बाहर उगने वाले एक पौधे का चित्र प्राप्त हुआ तो मैं मुस्कुराई; मेरी सहेली इल्लिनोय में रहती है और उस फोटो की प्रशंसा शीघ्र ही उदासी में बदल गयी क्योंकि उस पौधे की शाखाएं बर्फ के बोझ से झुकी हुई थीं। मैं सोचने लगी कि ये शाखाएं कितने समय तक बर्फ के बोझ को सहने पाएंगी? क्या वो इस बोझ से टूट नहीं जाएँगी?

      उस पौधे की शाखाओं पर पड़े उस जोखिम को देखकर मुझे अपने कन्धों पर पड़े चिन्ताओं का बोझ स्मरण हो आया। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने यह कहने के पश्चात कि सबसे उत्तम खज़ाने पृथ्वी के या नाशवान नहीं होते हैं, उन्होंने प्रोत्साहित किया कि हम अपनी चिंताओं और परेशानियों को उन्हें सौंप दें। इस सृष्टि का सृष्टिकर्ता और पालनहार अपने बच्चों से प्रेम करता है और उनके लिए उपलब्ध करवाता है, इसलिए हमें अपने बहुमूल्य समय को चिंता में गंवाने की आवश्यकता नहीं है। परमेश्वर हमारी आवश्यकताओं को जानता है और उनके लिए प्रावधान करेगा (मत्ती 6:19-32)।

      हमारा प्रभु परमेश्वर यह भी जानता है कि हम चिंता करने के प्रलोभन में पड़ेंगे। इसीलिए वह कहता है कि हम पहले उसके निकट आ जाएं, वर्तमान में उसके प्रावधान और उपस्थिति पर भरोसा रखें, और विश्वास के साथ दिन प्रति दिन का जीवन जीएँ (पद 33-34)।

      इस जीवन में हमें अभिभूत करने वाली कठिनाइयों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ेगा, जो हमारे कंधों को चिंताओं के बोझ तले दबा सकते हैं। हम इस चिंता के बोझ तले कुछ समय के लिए दब भी सकते हैं; परन्तु जब हम प्रभु में भरोसा बनाए रखेंगे तो ये बोझ हमें तोड़ने नहीं पाएंगे, प्रभु की सामर्थ्य हमें दृढ़ बनाए रखेगी। - जोशील डिक्सन

जब हम सभी भली वस्तुओं के देने वाले पर भरोसा रखेंगे, 
तो चिंता हमें तोड़ने नहीं पाएगी।

[प्रभु यीशु ने कहा] हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: मत्ती 6:25-34
Matthew 6:25 इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?
Matthew 6:26 आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते।
Matthew 6:27 तुम में कौन है, जो चिन्‍ता कर के अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
Matthew 6:28 और वस्‍त्र के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं।
Matthew 6:29 तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Matthew 6:30 इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा?
Matthew 6:31 इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Matthew 6:32 क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए।
Matthew 6:33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Matthew 6:34 सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37



गुरुवार, 7 नवंबर 2019

अवसर



      लिंडा को बहुत अचम्भा हो रहा था; उसने उस दंपत्ति से कहा, “जबकि आप मुझे जानते भी नहीं हैं, तो भी आप मेरे प्रति इतने कृपालु कैसे हो सकते हैं?” लिंडा के कुछ गलत निर्णयों के कारण उसे एक अन्य देश में जेल में छः वर्ष बिताने पड़े थे। जब वह रिहा हुई तो उसके पास जाने के लिए कोई स्थान नहीं था और उसे लग रहा था कि अब जीवन में उसके लिए कुछ शेष नहीं रहा है। उसका परिवार उसे वापस घर लाने के लिए आवश्यक पैसों को जुटाने के प्रयास में लगा था; ऐसे में एक कृपालु दंपत्ति ने उसे अपने घर में आश्रय और भोजन दिया, तथा उसकी सहायता करने के लिए हाथ बढ़ाया। लिंडा उनकी इस कृपा से इतनी प्रभावित हुई कि उसने उनसे उस प्रेमी और दयालु परमेश्वर के सुसमाचार के बारे में सुनना स्वीकार किया जो अब भी उससे भी प्रेम करता था और उसे फिर से जीवन का अवसर देना चाहता था।

      लिंडा मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल की एक पात्र, नाओमी की याद दिलाती है; नाओमी विधवा थी, उसने परदेश में अपने पति और दोनों बेटों को गँवा दिया था, और तब उसे भी लगता था कि अब उसके जीवन में कुछ शेष नहीं रहा है (रूत 1)। परन्तु प्रभु परमेश्वर ने नाओमी को नहीं छोड़ा था; नाओमी की बहु के प्रेम और बोआज़ नामक एक धर्मी व्यक्ति की सहायता से नाओमी ने परमेश्वर के प्रेम का अनुभव किया और उसे जीवन में एक अवसर और मिला (रूत 4:13-17)।

      वही परमेश्वर आज हमारी भी चिंता एवँ देखभाल करता है। औरों के प्रेम के द्वारा हमें उसकी उपस्थिति और कार्य का आभास मिलता है; वह हमें ऐसे लोगों के द्वारा भी जिन्हें हम भलीभांति नहीं जानते हैं, सहायता प्रदान करता है। सबसे उत्तम बात यह है कि वह हमें भी एक और अवसर देने के लिए तैयार है। लिंडा और नाओमी के समान हमें भी हमारे दैनिक जीवन में कार्यरत परमेश्वर के अनदेखे हाथ की पहचान, और उसके द्वारा प्रदान किए गए अवसर का सदुपयोग करने की आवश्यकता है। - कीला ओकोआ

परमेश्वर हमें अवसर देता है।

उसने न तो जीवित पर से और न मरे हुओं पर से अपनी करूणा हटाई! – रूत 2:20

बाइबल पाठ: रूत 4:13-17
Ruth 4:13 तब बोअज ने रूत को ब्याह लिया, और वह उसकी पत्नी हो गई; और जब वह उसके पास गया तब यहोवा की दया से उसको गर्भ रहा, और उसके एक बेटा उत्पन्न हुआ।
Ruth 4:14 तब स्त्रियों ने नाओमी से कहा, यहोवा धन्य है, जिसने तुझे आज छुड़ाने वाले कुटुम्बी के बिना नहीं छोड़ा; इस्राएल में इसका बड़ा नाम हो।
Ruth 4:15 और यह तेरे जी में जी ले आनेवाला और तेरा बुढ़ापे में पालने वाला हो, क्योंकि तेरी बहू जो तुझ से प्रेम रखती और सात बेटों से भी तेरे लिये श्रेष्ट है उसी का यह बेटा है।
Ruth 4:16 फिर नाओमी उस बच्चे को अपनी गोद में रखकर उसकी धाई का काम करने लगी।
Ruth 4:17 और उसकी पड़ोसिनों ने यह कहकर, कि नाओमी के एक बेटा उत्पन्न हुआ है, लड़के का नाम ओबेद रखा। यिशै का पिता और दाऊद का दादा वही हुआ।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 40-42
  • इब्रानियों 4



मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019

भरोसेमंद



      प्रभु यीशु मसीह को अपने जीवन समर्पित करने से पहले, मैं और मेरे पति गंभीरता से तलाक लेने पर विचार कर रहे थे। परन्तु परमेश्वर से प्रेम करने और उसके आज्ञाकारी बने रहने के प्रति समर्पित होने के पश्चात, हम दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे के प्रति समर्पण किया। हमने बुद्धिमता के परामर्श को ढूँढा और पवित्र आत्मा को निमंत्रण दिया कि वह हमें व्यक्तिगत रीति से तथा जोड़े के रूप में परिवर्तित करे। हमारा स्वर्गीय पिता हमारी सहायता करता रहता है कि हम परस्पर संवाद के कौशल को और विक्सित करते चले जाएँ। वह हमें सिखा रहा है कि हम कैसे उससे प्रेम करते रहें और उसपर भरोसा बनाए रखें – तथा एक दूसरे के साथ भी ऐसा ही करें – चाहे कुछ भी हो जाए।

      परन्तु, यद्यपि हम अपने विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ मनाने के निकट पहुँच रहे हैं, कभी-कभी मैं  जो कुछ परमेश्वर ने हमारी परीक्षाओं और संघर्षों में होकर हमारे लिए किया है, उसे भूलने लगती हूँ। कभी-कभी मुझे अज्ञात के गहरे भय के साथ संघर्ष करना पड़ता है – उस सदैव भरोसेमंद परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखने के स्थान पर मैं अनावश्यक चिंताओं का अनुभव करती हूँ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में व्यवस्थाविवरण 1 में मूसा ने परमेश्वर के भरोसेमंद होने की पुष्टि की। उसने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया कि वे विश्वास में आगे बढ़ते जाएँ जिससे कि वे अपनी विरासत का आनन्द उठा सकें (पद 21)। परन्तु परमेश्वर के उन लोगों ने परमेश्वर पर अपने भविष्य के लिए भरोसा रखने से पहले उस सब का विवरण माँगा जो उसने उनके भविष्य के लिए रखा था और उस सबका भी कि आगे उन्हें क्या मिलेगा (पद 22, 23)।

      प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी भी कभी-कभी भय या चिन्ता के सामने हताश हो जाते हैं। जिन कठिनाईयों का हमें संभवतः सामना करना पड़ सकता है वे हमें भरोसा बनाए रखने से रोक सकती हैं और परमेश्वर तथा औरों के साथ हमारे संबंधों में बाधाएं डाल सकती हैं। परन्तु पवित्र आत्मा हमारी सहायता करता है और बीते समय में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का स्मरण करवाकर वह हमें बलवंत कर सकता है कि हम परमेश्वर के कल, आज, और कल भी भरोसेमंद होने पर भरोसा बनाए रखें। - जोशील डिक्सन

बीते समय की परमेश्वर की विश्वासयोग्यता, उसके अनन्तकाल तक भरोसेमंद रहने का प्रमाण है।

परमेश्वर सच्चा है; जिसने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है। - 1 कुरिन्थियों 1:9

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 1:21-33
Deuteronomy 1:21 देखो, उस देश को तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साम्हने किए देता है, इसलिऐ अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस पर चढ़ो, और उसे अपने अधिकार में ले लो; न तो तुम डरो और न तुम्हारा मन कच्चा हो।
Deuteronomy 1:22 और तुम सब मेरे पास आकर कहने लगे, हम अपने आगे पुरूषों को भेज देंगे, जो उस देश का पता लगाकर हम को यह सन्देश दें, कि कौन सा मार्ग हो कर चलना होगा और किस किस नगर में प्रवेश करना पड़ेगा?
Deuteronomy 1:23 इस बात से प्रसन्न हो कर मैं ने तुम में से बारह पुरूष, अर्थात गोत्र पीछे एक पुरूष चुन लिया;
Deuteronomy 1:24 और वे पहाड़ पर चढ़ गए, और एशकोल नाम नाले को पहुँचकर उस देश का भेद लिया।
Deuteronomy 1:25 और उस देश के फलों में से कुछ हाथ में ले कर हमारे पास आए, और हम को यह सन्देश दिया, कि जो देश हमारा परमेश्वर यहोवा हमें देता है वह अच्छा है।
Deuteronomy 1:26 तौभी तुम ने वहाँ जाने से ना किया, किन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के विरुद्ध हो कर
Deuteronomy 1:27 अपने अपने डेरे में यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि यहोवा हम से बैर रखता है, इस कारण हम को मिस्र देश से निकाल ले आया है, कि हम को एमोरियों के वश में कर के सत्यनाश कर डाले।
Deuteronomy 1:28 हम किधर जाएँ? हमारे भाइयों ने यह कहके हमारे मन को कच्चा कर दिया है, कि वहाँ के लोग हम से बड़े और लम्बे हैं; और वहाँ के नगर बड़े बड़े हैं, और उनकी शहरपनाह आकाश से बातें करती हैं; और हम ने वहाँ अनाकवंशियों को भी देखा है।
Deuteronomy 1:29 मैं ने तुम से कहा, उनके कारण त्रास मत खाओ और न डरो।
Deuteronomy 1:30 तुम्हारा परमेश्वर यहोवा जो तुम्हारे आगे आगे चलता है वह आप तुम्हारी ओर से लड़ेगा, जैसे कि उसने मिस्र में तुम्हारे देखते तुम्हारे लिये किया;
Deuteronomy 1:31 फिर तुम ने जंगल में भी देखा, कि जिस रीति कोई पुरूष अपने लड़के को उठाए चलता है, उसी रीति हमारा परमेश्वर यहोवा हम को इस स्थान पर पहुँचने तक, उस सारे मार्ग में जिस से हम आए हैं, उठाये रहा।
Deuteronomy 1:32 इस बात पर भी तुम ने अपने उस परमेश्वर यहोवा पर विश्वास नहीं किया,
Deuteronomy 1:33 जो तुम्हारे आगे आगे इसलिये चलता रहा, कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूंढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट हो कर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिस से तुम चलो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 18-19
  • 2 तिमुथियुस 3



शनिवार, 5 अक्टूबर 2019

शान्ति



      बैटी की पुत्री विदेश यात्रा से लौटी थी, और वह अस्वस्थ अनुभव कर रही थी। जब उसकी पीड़ा असहनीय हो गई तो बैटी और उसके पति अपनी पुत्री को लेकर अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग में ले गए। वहाँ पहुँचने पर डॉक्टरों और नर्सों ने अपना काम करना आरंभ कर दिया, और बैटी बेचैन सी कभी टहलती, और कभी बैठ जाती। कुछ समय के पश्चात एक नर्स ने आकर बैटी को सांत्वना देते हुए कहा, “चिन्ता मत कीजिए, वह ठीक हो जाएगी; हम उसकी अच्छी देखभाल करेंगे और उसे स्वस्थ बना देंगे।” उस पल में बैटी ने शान्ति और प्रेम को अपने ऊपर प्रवाहित होते अनुभव किया। उसे यह एहसास हुआ कि यद्यपि वह चिन्तित होकर अपनी बेटी के आस-पास मंडरा रही थी, वह प्रभु ही है जो  उसकी बेटी की देखभाल कर रहा था और उस कठिन समय में उसे भी शान्ति प्रदान कर रहा था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में परमेश्वर ने अपने लोगों को स्मरण दिलाया कि जब वे मरुभूमि और जंगल में से होकर जा रहे थे तब परमेश्वर उनपर प्रेमी पिता के समान मंडराता रहता था, उसने उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा। परमेश्वर ने उकाब पक्षी के रूपक के द्वारा उन्हें बताया कि उसने उन पर अपने पंख फैला रखे थे और उन्हें ऊपर उठाए रखता था (32:11)। परमेश्वर चाहता था कि वे लोग स्मरण रखें कि चाहे उन्हें उस यात्रा में कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करना पड़ा था, परन्तु परमेश्वर ने उन्हें कभी छोड़ा नहीं था, वह सदा उनके साथ-साथ बना रहता था।

      हमें भी अनेकों प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, परन्तु हम भी इस बात से शान्ति पा सकते हैं कि हमारा परमेश्वर पिता हमें कभी नहीं छोड़ता है। जब भी हमें लगता है कि हम गिरने लगे हैं, हमारा परमेश्वर उकाब के समान अपने पंखों पर हमें उठा लेता है, अपनी शान्ति से हमें सांत्वना प्रदान करता है। - एमी बाउचर पाई

हमारा परमेश्वर पिता हम पर मंडराता रहता है।

तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। - व्यवस्थाविवरण 31:6

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 32:7-12
Deuteronomy 32:7 प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे।
Deuteronomy 32:8 जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उसने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए।
Deuteronomy 32:9 क्योंकि यहोवा का अंश उसकी प्रजा है; याकूब उसका नपा हुआ निज भाग है।
Deuteronomy 32:10 उसने उसको जंगल में, और सुनसान और गरजने वालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उसने उसके चंहु ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आंख की पुतली के समान उसकी सुधि रखी।
Deuteronomy 32:11 जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मंडराता है, वैसे ही उसने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया।
Deuteronomy 32:12 यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया देवता न था।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 23-25
  • फिलिप्पियों 1



बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

प्रार्थना



      किसी ऐसे जन को मन लगा कर प्रार्थना करते सुनना जो हम से प्रेम करता है बहुत मधुर होता है। जब हम किसी मित्र को परमेश्वर द्वारा दी गई अन्तःदृष्टि और अनुकंपा के साथ प्रार्थना करते हुए सुनते हैं, तो कुछ ऐसा लगता है मानो स्वर्ग पृथ्वी को स्पर्श कर रहा हो। यह जानना कितना अच्छा है कि हमारे प्रति परमेश्वर की दया के कारण, हमारी प्रार्थनाएं स्वर्ग में उस तक पहुंचती हैं और सुनी जाती हैं। कभी-कभी हो सकता है कि जब हम प्रार्थना करते हैं तो हमारे पास व्यक्त करने के लिए उचित शब्द अथवा भाव न हों। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को सिखाया कि वे सदा प्रार्थना करें और निराश होकर प्रार्थना करना न छोड़ दें (लूका 18:1)। बाइबल हमें यह भी सिखाती है कि ऐसा करने का एक और कारण भी है, क्योंकि “मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है” (रोमियों 8:34)।

      क्योंकि प्रभु यीशु हमारे लिए प्रार्थनाएं करता रहता है, इसलिए हम प्रार्थना करने में कभी अकेले नहीं होते हैं। वह हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है, और हमारे पक्ष में होकर हमारे लिए परमेश्वर पिता से बातचीत करता है। ऐसे में हमें अपने शब्दों की वाक्पटुता के विषय चिन्तित होने के आवश्यकता नहीं है, क्यों जैसा प्रभु यीशु हमें समझता है वैसा कोई और हमें नहीं समझता है। वह हर बात में हमारी सहायता करता है, और हमारी प्रत्येक आवश्यकता को परमेश्वर के समक्ष प्रस्तुत करता है। वह यह भी जानता है कि कब हमारे द्वारा माँगी जा रही बात हमारे लिए भली नहीं होगी, और वह हमारे प्रत्येक निवेदन अथवा चिन्ता का अपनी सिद्ध बुद्धिमत्ता एवं प्रेम के साथ सही उत्तर, सही समय पर प्रदान करता है।

      प्रभु यीशु मसीह प्रार्थनाओं में हमारा सिद्ध सहयोगी है – ऐसा मित्र जो हमारे लिए असीम अनुग्रह के साथ विनती करता है। हमारे लिए उसके द्वारा की जाने वाली प्रार्थनाओं की मनोहरता शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है। इसलिए हमें सदा हर बात के लिए धन्यवाद के साथ प्रार्थना करते रहना चाहिए। - जेम्स बैंक्स

प्रभु यीशु के साथ प्रार्थना करने से बढ़कर और कोई सौभाग्य नहीं है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6

बाइबल पाठ: रोमियों 8:31-34
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 14-16
  • इफिसियों 5:1-16



शनिवार, 24 अगस्त 2019

औरों के



      मेरा मित्र जेमी एक विशाल अन्तर्राष्ट्रीय कंपनी में काम करता है। उस कंपनी में काम करने के उसके आरंभिक दिनों की बात है कि एक व्यक्ति उसके दफ्तर में उसके पास आया और उससे बातचीत करने लगा, उसने जेमी से पता किया कि वह वहाँ क्या काम कर रहा है। जेमी ने उस व्यक्ति को अपने काम के बारे में बताने के पश्चात, उससे उसका नाम पूछा, तो उस व्यक्ति ने कहा ‘मेरा नाम रिच है’; जेमी ने उत्तर दिया कि ‘आपसे मिलकर प्रसन्नता हुई; आप यहाँ पर क्या काम करते हैं?’ तो व्यक्ति ने जेमी को उत्तर दिया, ‘मैं यहाँ का मालिक हूँ!’ जेमी ने उस पल अचानक ही पहचाना कि उसका यह आकस्मिक, सामान्य शिष्टाचार के अन्तर्गत किया जा रहा वार्तालाप, सँसार के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक के साथ हो रहा था।

      आज के आत्म-प्रशंसा और “मैं” के महत्व को ऊपर रखने के युग में, जेमी की यह कहानी हमारा ध्यान पौलुस प्रेरित द्वारा परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पी की मसीही मण्डली को लिखी गई पत्री की बात स्मरण की ओर खींचती है: “विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो” (फिलिप्पियों 2:3)। पौलुस यहाँ जिन गुणों का वर्णन कर रहा है वे उन में पाए जाते हैं जो अपने पर नहीं वरन औरों पर अपना ध्यान लगाते हैं।

      जब हम “दूसरे को अपने आप से अच्छा” समझते हैं, तब हम मसीह यीशु के समान दीनता को प्रगट करते हैं (पद 3); हम अपने जीवनों से प्रभु यीशु के जीवन को प्रतिबिंबित करते हैं जो सेवा लेने नहीं परन्तु औरों की सेवा करने के लिए आए थे (मरकुस 10:45)। जब हम प्रभु यीशु के समान सेवक का स्वरूप धारण कर लेते हैं (2:7), तब हम में प्रभु यीशु का स्वभाव आ जाता है (पद 5)।

      आज जब हम औरों के साथ बातचीत करें, उनके साथ संपर्क में आएँ, तो हम केवल अपने बारे में ही न सोचें, वरन औरों के हितों की भी चिंता करें (पद 4)। - डेव ब्रैनन


औरों की सेवा के द्वारा परमेश्वर की सेवा करें।

क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे। - मरकुस 10:45

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2: 1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है।
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
Philippians 2:4 हर एक अपने ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्‍ता करे।
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19



गुरुवार, 15 अगस्त 2019

शरण स्थान



      जब हम शरण स्थान के विषय विचार करते हैं, तो पक्षियों के पंखों का ध्यान करना स्वाभाविक नहीं होता है। यद्यपि पक्षियों के पंख बचाव के लिए बहुत कमज़ोर दिखाई दे सकते हैं, परन्तु जैसे वे दिखते हैं, उससे कहीं अधिक उनमें और भी है। पक्षियों के पंख परमेश्वर की कारीगरी का अद्भुत उदाहरण हैं। पंख के दो प्रकार होते हैं, एक कोमल सपाट और दूसरा रोएँदार। सपाट प्रकार के पंख में बहुत छोटे-छोटे हुक समान कांटे होते हैं जो आपस में फंस कर ज़िप के समान एक साथ बन्द हो जाते हैं; और रोएँदार पंख पक्षी को गरम रखते हैं। दोनों प्रकार के पंख मिलकर पक्षी की हवा और वर्षा से रक्षा करते हैं। परन्तु पक्षियों के बच्चों के केवल रोएँदार पंख ही होते हैं, इसलिए माता-पक्षी को उन्हें अपने पंखों तले ले कर उनकी हवा और वर्षा से रक्षा करनी पड़ती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में इसी प्रकार से परमेश्वर द्वारा हमें अपनी आड़ में लेकर हमारी रक्षा करने का चित्रण किया गया है (भजन 91:4)। इससे जो चित्र उभरता है वह आराम और सुरक्षा का है, जैसे कि माता पक्षी अपने बच्चों को अपने पंखों तले लेकर उन्हें बचा कर रखती है। जैसे बच्चे अपने माता-पिता की बाहों की छत्र-छाया में जीवन की कठिनाइयों की आँधियों से सुरक्षित बचे रहते हैं, उसी प्रकार परमेश्वर की उपस्थिति भी हम मसीही विश्वासियों के लिए जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में एक सुरक्षित शरण-स्थान है।

      हम चाहे परेशानियों और दुखों से होकर निकलें, फिर भी हम उनका सामना बिना किसी भय के कर सकते हैं क्योंकि परमेश्वर हमारा शरण स्थान है। - लिंडा वॉशिंगटन


जब भय के कारण आशा धूमिल पड़ने लगे, 
तो हमारे शरण स्थान पिता परमेश्वर की आड़ में आ जाएँ।

तू जो अपने दाहिने हाथ के द्वारा अपने शरणगतों को उनके विरोधियों से बचाता है, अपनी अद्भुत करूणा दिखा। अपने आंखो की पुतली के समान सुरक्षित रख; अपने पंखों के तले मुझे छिपा रख, उन दुष्टों से जो मुझ पर अत्याचार करते हैं, मेरे प्राण के शत्रुओं से जो मुझे घेरे हुए हैं। - भजन 17:7-9

बाइबल पाठ: भजन 91
Psalms 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
Psalms 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।
Psalms 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;
Psalms 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
Psalms 91:5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,
Psalms 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
Psalms 91:7 तेरे निकट हज़ार, और तेरी दाहिनी ओर दस हज़ार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा।
Psalms 91:8 परन्तु तू अपनी आंखों की दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा।
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।
Psalms 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें।
Psalms 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।
Psalms 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा।
Psalms 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।
Psalms 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
Psalms 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 91-93
  • रोमियों 15:1-13



बुधवार, 14 अगस्त 2019

प्रेम


      थोमस बर्नाडो ने, चीन में मिशनरी डॉक्टर बन कर जाने के सपने के साथ, 1865 में लंडन अस्पताल के मेडिकल स्कूल में प्रवेश लिया। लेकिन शीघ्र ही बर्नाडो को अपने ही आँगन में एक अत्यावश्यकता दिखाई दी – लंडन की गलियों में रहने और मरने वाले अनेकों बेघर बच्चे। बर्नाडो ने इस भयावह स्थिति के बारे में कुछ करने का निश्चय किया। लंडन के पूर्वी छोर पर निर्धन बच्चों की देखभाल के लिए घर बनाने के साथ बर्नाडो ने लगभग 60,000 लड़के और लड़कियों को गरीबी और अकाल मृत्यु से बचाया। धर्मशास्त्री और पास्टर जौन स्टोट ने कहा, “आज हम उसे लावारिस बच्चों का संरक्षक संत कह सकते हैं।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि, “यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है” (मत्ती 19:14)। प्रभु की यह बात सुनने से वहाँ की भीड़, तथा प्रभु यीशु के शिष्यों को हुए अचरज की कल्पना कीजिए। प्राचीन काल में, बच्चों का कोई विशेष महत्व नहीं होता था, और उन्हें जीवन के हाशिए पर ही अधिक रखा जाता था। लेकिन फिर भी प्रभु यीशु ने बच्चों का स्वागत किया, उन्हें आशीष दी, और महत्व दिया।

      बाइबल के नए नियम खण्ड के एक लेखक ने मसीही अनुयायियों के लिए एक चनौती प्रस्तुत की जब उसने लिखा, “हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें” (याकूब 1:27)। प्रथम शताब्दी के उन अनाथ बच्चों के समान, आज समाज के प्रत्येक वर्ग, जाति, और पारिवारिक वातावरण के बच्चे, उपेक्षाओं, मानव व्यापार, दुर्व्यवहार, मादक पदार्थों इत्यादि के कारण खतरे में हैं। हम इन छोटे बच्चों की देखभाल करके जिनसे प्रभु यीशु प्रेम करता है, उस परमेश्वर पिता के प्रति अपना आदर व्यक्त कर सकते हैं जो हम से प्रेम करता है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु के प्रेम की अभिव्यक्ति बनें।

हे भाइयो, तुम समझ में बालक न बनो: तौभी बुराई में तो बालक रहो, परन्तु समझ में सियाने बनो। - 1 कुरिन्थियों 14:20

बाइबल पाठ: मत्ती 18:1-10
Matthew 18:1 उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?
Matthew 18:2 इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया।
Matthew 18:3 और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे।
Matthew 18:4 जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा।
Matthew 18:5 और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है।
Matthew 18:6 पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहिरे समुद्र में डुबाया जाता।
Matthew 18:7 ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिस के द्वारा ठोकर लगती है।
Matthew 18:8 यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्‍डा या लंगड़ा हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए।
Matthew 18:9 और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर फेंक दे।
Matthew 18:10 काना हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90
  • रोमियों 14



शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

प्रेम और बलिदान



      ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने 400 दिन जेल में बिताने के बाद छोड़े जाने पर मिलीजुली भावनाएं व्यक्त कीं। उसने रिहा होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, जेल में ही पीछे छूट गए अपने मित्रों के लिए भी चिन्ता व्यक्त की। उसने कहा कि उसके लिए अपने संगी पत्रकारों से, जो उसके साथ ही बन्दी बनाए गए थे, विदा लेना बहुत कठिन था क्योंकि यह ज्ञात नहीं था कि उन्हें और कितना समय जेल में रहना पड़ेगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा ने भी अपने मित्रों और साथियों को छोड़ देने को लेकर बहुत चिन्ता व्यक्त की। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा जब सीनै पर्वत पर परमेश्वर के साथ था, तो नीचे उसके भाई, बहन और उसके साथी इस्रालियों ने एक सोने का बछड़ा बना कर उसकी उपासना करनी आरंभ कर दी (निर्गमन 32:11-14)। उनकी इस मूर्तिपूजा से क्रोधित होकर परमेश्वर ने इस्राएलियों का नाश करके मूसा से एक नई जाति बनाने के लिए कहा। परन्तु मूसा ने इसके लिए मना किया और इस्राएलियों के लिए परमेश्वर से विनती की। यह दिखाते हुए कि मूसा अपने लोगों की कितनी अधिक चिंता करता था, उसने परमेश्वर से कहा, “तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे” (पद 32)।

      प्रेरित पौलुस ने भी अपने परिवार, मित्रों और संगी इस्राएलियों के लिए ऐसी ही चिंता व्यक्त की। प्रभु यीशु मसीह में उनके अविश्वास से दुखी होकर, पौलुस ने कहा कि यदि उसके प्रभु यीशु मसीह के साथ संबंध विच्छेद करने से वह अपने लोगों को बचा पाए, तो वह यह भी करने को तैयार है (रोमियों 9:3)।

      दोनों, मूसा और पौलुस ने वैसे ही प्रेम को व्यक्त किया जैसा प्रभु यीशु मसीह ने हमसे किया है। परन्तु जिस प्रेम और बलिदान को वे दोनों कह कर व्यक्त कर रहे थे, उसे प्रभु यीशु ने हमारे लिए कर के दिखाया। प्रभु का यह प्रेम और बलिदान ही उन्हें हमारा और जगत का उद्धारकर्ता बनाता है। - मार्ट डीहौन


हमारे द्वारा औरों की देखभाल और चिंता करना, 
हमारे प्रति प्रभु यीशु के प्रेम को प्रतिबिंबित करता है।

हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। - गलातियों 6:1-2

बाइबल पाठ: निर्गमन 32:21-32
Exodus 32:21 तब मूसा हारून से कहने लगा, उन लोगों ने तुझ से क्या किया कि तू ने उन को इतने बड़े पाप में फंसाया?
Exodus 32:22 हारून ने उत्तर दिया, मेरे प्रभु का कोप न भड़के; तू तो उन लोगों को जानता ही है कि वे बुराई में मन लगाए रहते हैं।
Exodus 32:23 और उन्होंने मुझ से कहा, कि हमारे लिये देवता बनवा जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को, जो हमें मिस्र देश से छुड़ा लाया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?
Exodus 32:24 तब मैं ने उन से कहा, जिस जिसके पास सोने के गहनें हों, वे उन को तोड़कर उतार लाएं; और जब उन्होंने मुझ को दिया, मैं ने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा
Exodus 32:25 हारून ने उन लोगों को ऐसा निरंकुश कर दिया था कि वे अपने विरोधियों के बीच उपहास के योग्य हुए,
Exodus 32:26 उन को निरंकुश देखकर मूसा ने छावनी के निकास पर खड़े हो कर कहा, जो कोई यहोवा की ओर का हो वह मेरे पास आए; तब सारे लेवीय उस के पास इकट्ठे हुए।
Exodus 32:27 उसने उन से कहा, इस्त्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि अपनी अपनी जांघ पर तलवार लटका कर छावनी से एक निकास से दूसरे निकास तक घूम घूमकर अपने अपने भाइयों, संगियों, और पड़ोसियों घात करो।
Exodus 32:28 मूसा के इस वचन के अनुसार लेवियों ने किया और उस दिन तीन हजार के अटकल लोग मारे गए।
Exodus 32:29 फिर मूसा ने कहा, आज के दिन यहोवा के लिये अपना याजकपद का संस्कार करो, वरन अपने अपने बेटों और भाइयों के भी विरुद्ध हो कर ऐसा करो जिस से वह आज तुम को आशीष दे।
Exodus 32:30 दूसरे दिन मूसा ने लोगों से कहा, तुम ने बड़ा ही पाप किया है। अब मैं यहोवा के पास चढ़ जाऊंगा; सम्भव है कि मैं तुम्हारे पाप का प्रायश्चित्त कर सकूं।
Exodus 32:31 तब मूसा यहोवा के पास जा कर कहने लगा, कि हाय, हाय, उन लोगों ने सोने का देवता बनवाकर बड़ा ही पाप किया है।
Exodus 32:32 तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 77-78
  • रोमियों 10



रविवार, 21 अप्रैल 2019

समझ तथा चिन्ता



      जब एक व्यक्ति से पूछा गया कि क्या उसे लगता है कि आज के समाज की समस्या उदासीन रहना तथा जानकारी न रखना हो सकती है, तो उसने मुस्कुराते हुई उत्तर दिया, “न मैं यह जानता हूँ, और न ही इसकी परवाह करता हूँ।”

      मुझे लगता है कि आज अनेकों निराश लोग सँसार तथा औरों के प्रति ऐसा ही अनुभव करते हैं। परन्तु जब बात हमारे जीवन की परेशानियों और चिंताओं की है, तो एक है जो सब कुछ जानता है और हमारी चिंता भी करता है – प्रभु यीशु मसीह। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 53 अध्याय प्रभु यीशु के दुख उठाने और मारे जाने की भविष्यवाणी है, जो उनके जन्म से लगभग 700 वर्ष पूर्व लिखी गई। इस भविष्यवाणी में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे लिए क्या कुछ सहन किया। वे “वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला” (पद 7); “मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी” (पद 8); “तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी” (पद 10)।

      कलवारी के क्रूस पर प्रभु यीशु ने स्वेच्छा से हमारे पाप और दोष को अपने ऊपर उठा लिया, उनकी पूरी-पूरी कीमत चुका दी। जितना प्रभु यीशु मसीह ने हमारे लिए सहा, उतना कभी किसी ने नहीं सहा है। प्रभु जानते थे कि हमें पापों से बचाने के लिए उन्हें क्या कीमत चुकानी पड़ेगी, और उन्होंने सप्रेम हमारे लिए उस कीमत को चुकाया (पद 4-6)।

      प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण, वे आज जीवित हैं, अपने लोगों के साथ सदा उपास्थिति हैं। हम चाहे कैसी भी, कोई भी परिस्थिति का सामना क्यों कर रहे हों, प्रभु उसे समझता है, हमारे लिए चिंता करता है, और हमें उस परिस्थिति से पार लेकर चलेगा। - डेविड मैक्कैस्लैंड


वह यहां नहीं, परन्तु जी उठा है; स्मरण करो; कि उसने गलील में रहते हुए तुम से कहा था। - लूका 24:6

बाइबल पाठ: यशायाह 53
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला।
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16



मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

कार्य



      मेरे बेटी ने अपनी एक सहेली को, शीघ्र ही अपने प्रश्न का उत्तर पाने की आशा से, अपने मोबाइल फोन से टेक्सट सन्देश भेजा। उसके फोन पर जानकारी आ गई कि उसकी सहेली ने उसका सन्देश पढ़ लिया है, इसलिए वह उत्सुकता से उत्तर की प्रतीक्षा करने लगी। कुछ ही पल बीते थे कि वह बेचैन होने लगी, फिर उत्तर आने में हो रहे विलम्ब के कारण वह चिढ़ने लगी, मुँह से कराहने की आवाजें निकालने लगी। और थोड़ी देर में उसका चिढ़ना चिन्ता में परिवर्तित हो गया, उसे लगने लगा कि कहीं उत्तर आने में विलम्ब का कारण यह तो नहीं है कि उनके बीच में कुछ समस्या उत्पन्न हो रही है। थोड़े समय पश्चात उत्तर आ गया, और मेरी बेटी निश्चिंत हुई कि उनका संबंध ठीक था। उसकी सहेली प्रश्न के उत्तर से संबंधित बातों के विवरण खोज कर भेजने से पहले उन्हें व्यवस्थित कर रही थी।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में  दानिय्येल नबी भी अपनी प्रार्थना के उत्तर पाने के लिए व्याकुल था। दानिय्येल ने एक बड़ी लड़ाई का डरावना दर्शन देखा था, और उसने उपवास और प्रार्थना के साथ परमेश्वर से उसके विषय पूछा था (10:3, 12)। तीन सप्ताह तक उसके पास कोई उत्तर नहीं पहुँचा (पद 2, 13)। अन्ततः एक स्वर्गदूत आया और उसने दानिय्येल को आश्वस्त किया कि उसकी प्रार्थनाएं “उसी दिन” सुन ली गईं थीं। किन्तु उन प्रार्थनाओं का उत्तर दानिय्येल तक लाने में शैतान बाधा डाल रहा था, और स्वर्गदूत को शैतान से संघर्ष करना पड़ा था। चाहे दानिय्येल को यह पता नहीं था, किन्तु दानिय्येल के प्रार्थना करने से उत्तर उस तक पहुँचने के मध्य के उन तीन सप्ताह में भी परमेश्वर अपना कार्य कर रहा था।

      यह भरोसा कि परमेश्वर हमारी प्रार्थनाएं सुनता है, हमें कभी-कभी विचलित कर सकता है जब हमें अपनी प्रार्थनाओं के अपेक्षानुसार उत्तर नहीं मिलते हैं। हम यह सोचने लगते हैं कि उसे हमारी परवाह है भी कि नहीं। परन्तु दानिय्येल का अनुभव हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर उनके पक्ष में जिन से वह प्रेम करता है, अपना कार्य करता रहता है, चाहे यह हम पर प्रगट न भी हो। - कर्स्टेन होम्बर्ग


परमेश्वर अपने लोगों के लिए सदैव कार्य करता रहता है।

जैसे तू वायु के चलने का मार्ग नहीं जानता और किस रीति से गर्भवती के पेट में हड्डियां बढ़ती हैं, वैसे ही तू परमेश्वर का काम नहीं जानता जो सब कुछ करता है। - सभोपदेशक 11:5

बाइबल पाठ: दानिय्येल 10:1-14
Daniel 10:1 फारस देश के राजा कुस्रू के राज्य के तीसरे वर्ष में दानिय्येल पर, जो बेलतशस्सर भी कहलाता है, एक बात प्रगट की गई। और वह बात सच थी कि बड़ा युद्ध होगा। उसने इस बात को बूझ लिया, और उसको इस देखी हुई बात की समझ आ गई।
Daniel 10:2 उन दिनों मैं, दानिय्येल, तीन सप्ताह तक शोक करता रहा।
Daniel 10:3 उन तीन सप्ताहों के पूरे होने तक, मैं ने न तो स्वादिष्ट भोजन किया और न मांस वा दाखमधु अपने मुंह में रखा, और न अपनी देह में कुछ भी तेल लगाया।
Daniel 10:4 फिर पहिले महिने के चौबीसवें दिन को जब मैं हिद्देकेल नाम नदी के तीर पर था,
Daniel 10:5 तब मैं ने आंखें उठा कर देखा, कि सन का वस्त्र पहिने हुए, और ऊफाज देश के कुन्दन से कमर बान्धे हुए एक पुरूष खड़ा है।
Daniel 10:6 उसका शरीर फीरोजा के समान, उसका मुख बिजली के समान, उसकी आंखें जलते हुए दीपक की सी, उसकी बाहें और पांव चमकाए हुए पीतल के से, और उसके वचनों के शब्द भीड़ों के शब्द का सा था।
Daniel 10:7 उसको केवल मुझ दानिय्येल ही ने देखा, और मेरे संगी मनुष्यों को उसका कुछ भी दर्शन न हुआ; परन्तु वे बहुत ही थरथराने लगे, और छिपने के लिये भाग गए।
Daniel 10:8 तब मैं अकेला रहकर यह अद्‌भुत दर्शन देखता रहा, इस से मेरा बल जाता रहा; मैं भयातुर हो गया, और मुझ में कुछ भी बल न रहा।
Daniel 10:9 तौभी मैं ने उस पुरूष के वचनों का शब्द सुना, और जब वह मुझे सुन पड़ा तब मैं मुंह के बल गिर गया और गहरी नींद में भूमि पर औंधे मुंह पड़ा रहा।
Daniel 10:10 फिर किसी ने अपने हाथ से मेरी देह को छुआ, और मुझे उठा कर घुटनों और हथेलियों के बल थरथराते हुए बैठा दिया।
Daniel 10:11 तब उसने मुझ से कहा, हे दानिय्येल, हे अति प्रिय पुरूष, जो वचन मैं तुझ से कहता हूं उसे समझ ले, और सीधा खड़ा हो, क्योंकि मैं अभी तेरे पास भेजा गया हूं। जब उसने मुझ से यह वचन कहा, तब मैं खड़ा तो हो गया परन्तु थरथराता रहा।
Daniel 10:12 फिर उसने मुझ से कहा, हे दानिय्येल, मत डर, क्योंकि पहिले ही दिन को जब तू ने समझने-बूझने के लिये मन लगाया और अपने परमेश्वर के साम्हने अपने को दीन किया, उसी दिन तेरे वचन सुने गए, और मैं तेरे वचनों के कारण आ गया हूं।
Daniel 10:13 फारस के राज्य का प्रधान इक्कीस दिन तक मेरा साम्हना किए रहा; परन्तु मीकाएल जो मुख्य प्रधानों में से है, वह मेरी सहायता के लिये आया, इसलिये मैं फारस के राजाओं के पास रहा,
Daniel 10:14 और अब मैं तुझे समझाने आया हूं, कि अन्त के दिनों में तेरे लोगों की क्या दशा होगी। क्योंकि जो दर्शन तू ने देखा है, वह कुछ दिनों के बाद पूरा होगा।

एक साल में बाइबल:  
  • न्यायियों 16-18
  • लूका 7:1-30



रविवार, 17 मार्च 2019

भरोसा



      कुछ संस्कृतियों में यह अपेक्षा की जाती है कि आयु में कम व्यक्ति अपने से बड़े को कमरे में पहले जाने देगा; जबकि कुछ अन्य में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जिसका ओहदा अधिक ऊँचा होगा, वह पहले प्रवेश करेगा। हमारी परम्पराएँ चाहे जो भी हों, ऐसे समय भी आते हैं जब यह चुनना कठिन होता है कि महत्वपूर्ण मामलों में पहले कौन होगा, विशेषकर तब जब पहले होने का विशेषाधिकार हमारा अपना होता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक, अब्राहम, के विषय हम देखते हैं कि उसके तथा उसके भतीजे लूत के पास इतना पशु-धन और नौकर थे कि उनके सेवकों में बारंबार होने वाली नोक-झोंक के कारण उनका साथ रहना और यात्रा करना कठिन होने लगा था। संघर्ष से बच कर रहने के लिए अब्राहम ने सलाह दी कि वे दोनों अलग हो जाएँ, और उदारतापूर्वक लूत को अधिकार दिया कि वह पहला चुनाव करे कि उसे किस ओर जाना है “तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं। क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा” (उत्पत्ति 13:8-9)। लूत ने अपने लिए यार्दन नदी की घाटी का उपजाऊ इलाका चुना, और अब्राहम के लिए शेष इलाका जो उसके समान उपजाऊ नहीं था, छोड़ दिया।

      बड़ा होने पर भी अब्राहम ने इस परिस्थिति में अपने विशेषाधिकार पर बल नहीं दिया, परन्तु अपने भविष्य को परमेश्वर के हाथों में छोड़ दिया। लूत के चुनाव ने आगे चलाकर उसके तथा उसके परिवार के लिए बहुत परेशानी खड़ी कर दी (देखें उत्पत्ति 19)। किन्तु अब्राहम परमेश्वर की अगुवाई और अनुग्रह में बढ़ता तथा सामर्थी होता चला गया।

      आज जब हमारे समक्ष अनेकों प्रकार के विकल्प और चुनाव होते हैं, तो हम अपने स्वर्गीय पिता पर भरोसा रखें कि वह हमारा मार्गदर्शन करेगा, हमें सही मार्ग पर ले जाएगा। उसका हमसे वायदा है कि वह हमारी देखभाल करेगा, हमारी प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करेगा; हम उसपर भरोसा बनाए रखें। - डेविड मैक्कैस्लैंड


जो चुनाव परमेश्वर पर छोड़ देते हैं, परमेश्वर उन्हें सदा सर्वोत्तम ही देता है। - जिम ईलियट

और जब कभी तुम दाहिनी वा बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो। – यशायाह 30:21

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 13:1-18
Genesis 13:1 तब अब्राम अपनी पत्नी, और अपनी सारी सम्पत्ति ले कर, लूत को भी संग लिये हुए, मिस्र को छोड़ कर कनान के दक्खिन देश में आया।
Genesis 13:2 अब्राम भेड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने-रूपे का बड़ा धनी था।
Genesis 13:3 फिर वह दक्खिन देश से चलकर, बेतेल के पास उसी स्थान को पहुंचा, जहां उसका तम्बू पहले पड़ा था, जो बेतेल और ऐ के बीच में है।
Genesis 13:4 यह स्थान उस वेदी का है, जिसे उसने पहले बनाई थी, और वहां अब्राम ने फिर यहोवा से प्रार्थना की।
Genesis 13:5 और लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे।
Genesis 13:6 सो उस देश में उन दोनों की समाई न हो सकी कि वे इकट्ठे रहें: क्योंकि उनके पास बहुत धन था इसलिये वे इकट्ठे न रह सके।
Genesis 13:7 सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच में झगड़ा हुआ: और उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।
Genesis 13:8 तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं।
Genesis 13:9 क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।
Genesis 13:10 तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।
Genesis 13:11 सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गए।
Genesis 13:12 अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया।
Genesis 13:13 सदोम के लोग यहोवा के लेखे में बड़े दुष्ट और पापी थे।
Genesis 13:14 जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात यहोवा ने अब्राम से कहा, आंख उठा कर जिस स्थान पर तू है वहां से उत्तर-दक्खिन, पूर्व-पश्चिम, चारों ओर दृष्टि कर।
Genesis 13:15 क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को युग युग के लिये दूंगा।
Genesis 13:16 और मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों के समान बहुत करूंगा, यहां तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा।
Genesis 13:17 उठ, इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर; क्योंकि मैं उसे तुझी को दूंगा।
Genesis 13:18 इसके पशचात्‌ अब्राम अपना तम्बू उखाड़ कर, माम्रे के बांजों के बीच जो हेब्रोन में थे जा कर रहने लगा, और वहां भी यहोवा की एक वेदी बनाई।

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 30-31
  • मरकुस 15:1-25



शनिवार, 16 मार्च 2019

हाथ



      मैंने असावधानी के कारण रेस्टोरेंट के काउंटर पर अपने ग्लास को लुढ़का दिया, और उसका पेय निकलकर काउंटर के किनारे से होकर नीचे फर्श की ओर बहने लगा। अपने शर्मिन्दगी को छुपाने के प्रयासों में मैं उस तरल पेय को हाथों से चुल्लू बनाकर समेटने के प्रयासों में लग गई, किन्तु जो हाथों में आया भी, वह उँगलियों के बीच में से होकर फिर नीचे बह गया, और कुछ ही देर में मेरे पैर गीले फर्श पर थे, और मेरे हाथों में चम्मच भर भी पेय नहीं था।

      कभी-कभी मेरा जीवन भी ऐसा ही  होता है। मैं अपने आप को अनेकों कार्यों में एक साथ फंसा हुआ पाती हूँ – समस्याओं के समाधान ढूँढने, विभिन्न बातों के विवरणों पर ध्यान रखने, और परिस्थितियों पर नियंत्रण रखने के प्रयासों में फंसा हुआ। परन्तु मैं चाहे जितना भी प्रयास कर लूँ, अपने हाथों को चाहे जैसे भी संभाल लूँ और उनसे ज़ोर लगा लूँ, मेरे दुर्बल हाथ उन सभी बातों को एक साथ संभालने में सक्षम नहीं होने पाते हैं और कुछ न कुछ मेरे हाथों से फिसलकर नीचे गिर ही जाता है और मुझे फिर शर्मिन्दगी होती है।

      परन्तु मेरा परमेश्वर सब कुछ कर पाने में सक्षम है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह नबी की पुस्तक में लिखा है कि परमेश्वर विश्व भर के जल – अर्थात सभी महासागरों, नदियों, जलाशयों, और वर्षा को, अपने चुल्लू में ले सकता है (40:12)! केवल उसके ही हाथ इतने बड़े और सामर्थी हैं कि सब कुछ को सुरक्षित थामे रह सकते हैं। इसलिए हमें उस चम्मच भर से अधिक को थामने और संभालने का प्रयास नहीं करना चाहिए, जितने के लिए उसने हमारे हाथ बनाए हैं। किसी भी बात से कभी भी अभिभुतित अनुभव होने के स्थान पर, हम निःसंकोच होकर अपने चिंताएं और देखभाल उसके सक्षम हाथों में छोड़ सकते हैं। - कर्स्टेन होम्बर्ग


हम अपनी सभी चिंताओं और देखभाल को परमेश्वर पर छोड़ सकते हैं।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: यशायाह 40:9-17
Isaiah 40:9 हे सिय्योन को शुभ समचार सुनाने वाली, ऊंचे पहाड़ पर चढ़ जा; हे यरूशलेम को शुभ समाचार सुनाने वाली, बहुत ऊंचे शब्द से सुना, ऊंचे शब्द से सुना, मत डर; यहूदा के नगरों से कह, अपने परमेश्वर को देखो!
Isaiah 40:10 देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है।
Isaiah 40:11 वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अंकवार में लिये रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे धीरे ले चलेगा।
Isaiah 40:12 किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के बित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाडिय़ों को कांटे में तौला है?
Isaiah 40:13 किस ने यहोवा की आत्मा को मार्ग बताया वा उसका मन्त्री हो कर उसको ज्ञान सिखाया है?
Isaiah 40:14 उसने किस से सम्मति ली और किस ने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखा कर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?
Isaiah 40:15 देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूलि के किनकों सरीखे उठाता है।
Isaiah 40:16 लबानोन भी ईधन के लिये थोड़ा होगा और उस में के जीव-जन्तु होमबलि के लिये बस न होंगे।
Isaiah 40:17 सारी जातियां उसके साम्हने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरीं हैं।

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 28-29
  • मरकुस 14:54-72



रविवार, 17 फ़रवरी 2019

कल



      मुझे खुला नीला आकाश देखना अच्छा लगता है। आकाश हमारे महान सृष्टिकर्ता की अतिउत्तम कृतियों का एक सुन्दर भाग है जिसे हमें आनन्द प्रदान करने के लिए दिया गया है। कल्पना कीजिए कि वायुयान चालक उसके दृश्य को कितना पसन्द करते होंगे। वे उड़ने के लिए खुले आकाश का वर्णन करने के लिए उड़ान से संबंधित अनेकों अभिव्यक्तियों का प्रयोग करते हैं, जिनमें से मेरी पसंदीदा अभिव्यक्ति है “आप कल तक देख सकते हैं।”

      “कल को देखना” हमारी दृष्टि से परे है। कभी-कभी तो हम वह भी नहीं देख या समझ पाते हैं जो जीवन आज हमारी ओर भेज रहा है; हम हमारे आज के साथ भी संघर्ष करते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि “और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है” (याकूब 4:14)।

      परन्तु भविष्य को लेकर हमारी यह सीमित दृष्टि किसी चिंता का कारण नहीं है। वरन इसके ठीक विपरीत, क्योंकि हम मसीही विश्वासी उस परमेश्वर में विश्वास करते हैं जो हमारे कल को भली-भांति देख सकता है, इसलिए हम यह भी विश्वास करते हैं कि उसे यह भी पता है कि कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए किन बातों की आवश्यकता होगी। प्रेरित पौलुस यह जानता था। इसीलिए उसने हमें आशापूर्णा शब्दों के द्वारा प्रोत्साहित किया: “क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं” (2 कुरिन्थियों 5:7)।

      जब हम परमेश्वर पर हमारे आज के दिन तथा हमारे अनदेखे कल की बातों के लिए भरोसा रखते हैं, तो फिर हमें जीवन द्वारा हमारी ओर भेजी जाने वाली किसी भी परिस्थिति के विषय चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है। हम बस अपने परमेश्वर पिता के साथ चलते रहें, क्योंकि वह जानता है कि कल क्या होगा; और वह हमारे कल की प्रत्येक परिस्थिति के लिए सामर्थी एवँ बुद्धिमान है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर आरंभ से ही अन्त तक देख लेता है।

सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:34

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:1-9
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें।
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं।
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है।
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 21-22
  • मत्ती 28



गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019

आनन्द



      एक युवा जापानी महिला द्वारा व्यवस्थित एवँ सुनियोजित होने पर लिखी गई पुस्तक की सँसार भर में बीस लाख से भी अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। उस महिला का मुख्य सन्देश लोगों को अपने घरों और अलमारियों में से अनावश्यक वस्तुओं – वे वस्तुएँ जो उनके लिए बोझ हैं, को निकाल बाहर करने में सहायक हो रहा है। उसका कहना है कि “उस वस्तु को उठाओ, और अपने आप से पूछो कि ‘क्या इससे मुझे आनन्द मिलता है?’ यदि उत्तर हाँ है तो उसे रखे रहो अन्यथा उसे किसी और को दे दो।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को उभारा कि प्रभु यीशु मसीह के साथ अपने संबंधों में वे आनन्द के खोजी रहें, “प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो” (फिलिप्पियों 4:4)। उसने उन से कहा कि चिंता से अव्यवस्थित जीवन जीने के स्थान पर, वे प्रत्येक बात को धन्यवाद के साथ प्रार्थना में प्रभु के हाथों में समर्पित कर दें, और परमेश्वर की शान्ति उनके हृदय एवँ विचारों को संभाले रहेगी (पद 6-7)।

      जब हम अपनी दिनचर्या के कार्यों तथा दायित्वों को देखते हैं, तो हम पाते हैं कि उनमें से सभी हमारे लिए आनन्दायक नहीं होते हैं। परन्तु हम अपने आप से प्रश्न कर सकते हैं, “इसके द्वारा कैसे मेरे तथा परमेश्वर के हृदय में आनंद लाया जा सकता है?” उस कार्य को करने के कारण को लेकर हमारे दृष्टिकोण में लाए गए परिवर्तन के द्वारा हम उसके प्रति अपनी भावनाओं को भी परिवर्तित कर सकते हैं। इसीलिए पौलुस आगे कहता है कि “निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो” (पद 8)।

      पौलुस के ये शब्द हमारे विचार करने के लिए महत्वपूर्ण, और हमें आनन्द देने के लिए उपयुक्त हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु पर केंद्रित रहना आनन्दित रहने का आरंभ है।

...क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-9
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो।
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 1-3
  • मत्ती 24:1-28