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रविवार, 24 जनवरी 2016

सर्वोत्तम कथा


   मिशनरी मसीही सेवक एगर्टन रायर्सन यंग ने सन 1700 में कनाडा के सॉलट्यु कबीले के लोगों में सेवकाई करी। उस कबीले के मुख्या ने मसीह यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को उनके कबीले में लाने के लिए यंग का धन्यवाद किया, और टिप्पणी करी कि यह बात वे अपने जीवन में पहली बार अपने वृद्धावस्था में सुनने पाए। क्योंकि कबीले के मुख्या ने जाना कि परमेश्वर यंग के स्वर्गीय पिता हैं, इसलिए उन्होंने यंग से पूछा, "क्या परमेश्वर मेरे पिता भी हैं?" यंग ने उत्तर दिया, "जी हाँ!" जब यंग का यह उत्तर वहाँ जमा भीड़ ने सुना तो ऊँचे स्वर में अपने हर्ष का प्रगटिकरण किया।

   लेकिन कबीले के मुख्या की बात यहीं आकर समाप्त नहीं हुई; उन्होंने यंग से आगे कहा, "मैं अशिष्ट होना नहीं चाहता, लेकिन मुझे लगता है कि अपने भटके हुए भाई तक यह बात पहुँचाने के लिए आपने बड़ा लंबा समय लिया!"

   अनेकों अवसरों पर मैं अपने जीवन की परिस्थितियों के कारण यह सोचकर विचिलित होता हूँ कि काश मैं इस या उस स्थान के इन या उन लोगों तक जाकर प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने पाता। लेकिन ऐसे में परमेश्वर मुझे स्मरण दिलाता है कि दूर के स्थानों की ओर नहीं वरन अपने चारों ओर देखो, और मैं उन अनेकों लोगों को देखने पाता हूँ जिन्होंने कभी प्रभु यीशु के सुसमाचार को सुना ही नहीं है। ऐसे में मुझे यह भी स्मरण हो आता है कि मेरे पास सभी को सुनाने के लिए एक अद्भुत कथा है, "...इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है। क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा" (रोमियों 10:12-13)।

   हम मसीही विश्वासियों को यह कभी नहीं भूलना है कि हमारे पास संसार के सभी लोगों को सुनाने के लिए कोई कहानी मात्र नहीं है, वरन हमारे पास सारे संसार के लिए मानव इतिहास की सबसे आवश्यक, प्रभावशाली तथा सर्वोत्तम कथा है। - रैंडी किलगोर


प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाना एक भूख से तृप्ति पाए व्यक्ति द्वारा किसी अन्य भूखे व्यक्ति को अनन्त भोजन के स्त्रोत का पता देना है।

क्योंकि प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है; कि मैने तुझे अन्याजातियों के लिये ज्योति ठहराया है; ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो। - प्रेरितों 13:47

बाइबल पाठ: रोमियों 10:11-15
Romans 10:11 क्योंकि पवित्र शास्त्र यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा। 
Romans 10:12 यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है। 
Romans 10:13 क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। 
Romans 10:14 फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें? 
Romans 10:15 और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 9-11
  • मत्ती 15:21-39


सोमवार, 26 जनवरी 2015

कथावाचक



   बचपन में जब मेरी माँ मुझे किताब से कहानी पढ़कर सुनाती थीं तो मुझे बहुत अच्छा लगता था; मैं उनकी गोद में बैठकर उनके प्रत्येक शब्द को बड़े ध्यान से सुनता था। वो पढ़कर सुनाती थीं और मैं किताब के हर एक पृष्ठ पर बने चित्रों को बारीकी से देखता रहता था, और बड़ी उत्सुकता से अगले पृष्ठ पर जो था उसकी प्रतीक्षा करता था।

   क्या आपने कभी इस बात के बारे में सोचा है कि आप का जीवन भी एक कहानी सुनाता है? प्रत्येक परिस्थिति में - अच्छी, बुरी या सामान्य - हमारे चारों ओर के लोग हमें देख रहे हैं और जो कहानी हम अपने जीवनों से कह रहे हैं उसे सुन रहे हैं। हमारी यह कहानी ना केवल हमारे शब्दों से वरन हमारे रवैये और जीवन की परिस्थितियों के प्रति हमारी प्रतिक्रीया के द्वारा भी लोगों के सामने बयान होती है। हमारे बच्चे और नाती-पोते, हमारे जीवन साथी, हमारे पड़ौसी, हमारे सहकर्मी या सहपाठी, सभी हमारे द्वारा दिखाई जाने वाली कहानी को देखते हैं और हमारे बारे में अपनी अपनी राय बनाते हैं।

   प्रेरित पौलुस हमें स्मरण दिलाता है कि मसीही विश्वासी होने के नाते, हमारे जीवन पत्रियों के समान हैं जिन्हें लोग पढ़ते हैं, "हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है। यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों की नाईं लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है" (2 कुरिन्थियों 3:2-3)।

   हमारे चारों ओर के लोग हमारे जीवनों से कैसी कहानियाँ पढ़ रहे हैं? क्षमा की? करुणा की? उदारता की? धैर्य की? प्रेम की? या फिर कहीं कोई ऐसी कहानी भी है जो हमारे मसीही विश्वास में होने के दावे से मेल नहीं खाती?

   यदि आपने प्रभु यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार को और उसके अनुग्रह को पाया है; यदि परमेश्वर का पवित्र-आत्मा आपके अन्दर निवास करता है; यदि आप परमेश्वर की सेवकाई किसी प्रतिफल के लिए नहीं वरन उसके प्रति प्रेम से वशिभूत होकर करते हैं, तो आप एक ऐसे कथावाचक हैं जिसकी पाप के कारण नाश की ओर बढ़ते इस संसार को बहुत आवश्यकता है। प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा आपको सेंत-मेंत में मिले उद्धार और पाप क्षमा की अपनी कथा को अपने आस-पास के लोगों को सुनाते रहिए, अपने वचन, चरित्र और व्यवहार से दिखाते रहिए। - जो स्टोवैल


अपने जीवन से मसीह यीशु के अनुग्रह और प्रेम की कहानी सुनाते रहिए।

क्योंकि तुम्हारे यहां से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है, कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं। - 1 थिस्सुलुनीकियों 1:8

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 3:1-11
2 Corinthians 3:1 क्या हम फिर अपनी बड़ाई करने लगे? या हमें कितनों कि नाईं सिफारिश की पत्रियां तुम्हारे पास लानी या तुम से लेनी हैं? 
2 Corinthians 3:2 हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है। 
2 Corinthians 3:3 यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों की नाईं लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है। 
2 Corinthians 3:4 हम मसीह के द्वारा परमेश्वर पर ऐसा ही भरोसा रखते हैं। 
2 Corinthians 3:5 यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है। 
2 Corinthians 3:6 जिसने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है। 
2 Corinthians 3:7 और यदि मृत्यु की यह वाचा जिस के अक्षर पत्थरों पर खोदे गए थे, यहां तक तेजोमय हुई, कि मूसा के मुंह पर के तेज के कराण जो घटता भी जाता था, इस्त्राएल उसके मुंह पर दृष्टि नहीं कर सकते थे। 
2 Corinthians 3:8 तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? 
2 Corinthians 3:9 क्योंकि जब दोषी ठहराने वाली वाचा तेजोमय थी, तो धर्मी ठहराने वाली वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? 
2 Corinthians 3:10 और जो तेजोमय था, वह भी उस तेज के कारण जो उस से बढ़कर तेजामय था, कुछ तेजोमय न ठहरा। 
2 Corinthians 3:11 क्योंकि जब वह जो घटता जाता था तेजोमय था, तो वह जो स्थिर रहेगा, और भी तेजोमय क्यों न होगा?

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-15
  • मत्ती 17



बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

न परमेश्वर है, न आलू!

एक कम्यूनिस्ट देश में एक सामाजिक संसाधन अधिकारी गांव के एक किसान के पास पहुंचा और उसकी आलू की फसल के बारे जानना चाहा। किसान ने कहा "फसल तो बहुत बढ़िया रही।" अधिकरी प्रसन्न होकर बोला, "बहुत अच्छे, बहुत अच्छे - कितनी फसल हुई?" किसान ने बोला, "ओह, फसल तो परमेश्वर जैसी बढ़िया हुई।" अधिकारी की भृकुटि तन गई और वह सखत भाव से बोला, "कॉमरेड, तुम्हें नहीं भूलना चहिये कि हम किसी परमेश्वर में विश्वास नहीं करते और कोई परमेश्वर नहीं है।" किसान ने कहा, "जनाब आप सही कह रहे हैं, मैं भी वही कह रहा हूँ - न परमेश्वर है, न आलू!"

इस हास्य कथा में एक गहरा अर्थ छुपा है - परमेश्वर ही हर बात का स्त्रोत है - चाहे हम इसे माने या न माने। प्रेरित पौलुस ने अपने अविश्वासी श्रोताओं से कहा "क्‍योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं" (प्रेरितों १७:२८)। उसने परमेश्वर के सृष्टि की रचना और संचालन के महान कार्यों को परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह में केंद्रित दिखाया (कुलुस्सियों १:१६-१८)। उसके बिना हम एक सांस भी नहीं ले सकते, हमारे शरीर कुछ नहीं कर सकते और हमारी प्रतिदिन की आवश्यक्ताएं पूरी नहीं हो सकतीं; कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन संभव नहीं है।

नास्तिकों ने अपने आप को कायल कर रखा है कि परमेश्वर नहीं है, लेकिन हम जो प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की संतान हैं, इससे भिन्न जानते हैं। लेकिन मुख्य प्रश्न तो यह है कि क्या हम अपने इस विश्वास को अपने जीवन द्वारा प्रदर्शित भी करते हैं?

प्रत्येक मसीही विश्वासी को प्रतिदिन अपनी प्रत्येक आवश्यक्ता के लिये अपने उद्धारकर्ता प्रभु पर आश्रित और आश्वस्त रहना चाहिये, और उसके अनुग्रहकारी हाथों से मिली अपनी प्रत्येक आशीश के लिये निरंतर उसका धन्यवादी और कृतज्ञ रहना चाहिए, और अपने जीवन से इस बात की गवाही संसार के समक्ष रखनी चाहिए। - डेनिस डी हॉन


संसाधनों और आवश्यक्ता पूर्ति की शेष कड़ियां किसी के भी हाथों में प्रतीत हों, पहली कड़ी सदा परमेश्वर ही के हाथ में होती है।

क्‍योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं" - प्रेरितों १७:२८


बाइबल पाठ: कुलुस्सियों १:९-१९

इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्‍छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ।
ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।
और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्‍द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको।
और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों।
उसी ने हमें अन्‍धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
जिस से हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्‍त होती है।
वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।
क्‍योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्‍वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्‍या सिंहासन, क्‍या प्रभुतांए, क्‍या प्रधानताएं, क्‍या अधिकार, सारी वस्‍तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्‍तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है, वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।
क्‍योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ६-७
  • मत्ती २५:१-३०