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शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुद्रिका



      जब विदेश से आए एक व्यक्ति से मेरी जान-पहचान हुई तो मेरा ध्यान उसके विशिष्ट अंग्रेज़ी उच्चारण और छोटे ऊंगली में पहनी हुई मुद्रिका पर गया। बाद में मुझे पता चला कि वह मुद्रिका मात्र आभूषण नहीं था, वह उसके परिवार के इतिहास का भी सूचक है, उस मुद्रिका पर बने पारिवारिक चिन्ह के द्वारा।

      यह परमेश्वर के वचन बाइबल में, हाग्गै की पुस्तक में उल्लेखित मुद्रिका के समान था। पुराने नियम के इस भविष्यद्वक्ता की इस संक्षिप्त सी पुस्तक में हाग्गै लोगों से परमेश्वर के मंदिर के पुनःनिर्माण को फिर से आरंभ करने का आह्वान करता है। उन लोगों को देश से निष्कासित कर दिया गया था, फिर वे लौट कर अपने देश आए और उन्होंने मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ किया। परन्तु शत्रुओं के विरोध के कारण मंदिर निर्माण का कार्य रुक गया था। हाग्गै के सन्देश में यहूदा के अगुवे जरूब्बाबेल के लिए भी प्रतिज्ञा थी कि उसे एक मुद्रिका के समान चुनकर अगुवा नियुक्त किया गया था।

      प्राचीन समय में मुद्रिका को पहचान के माध्यम के समान भी प्रयोग किया जाता था। अपने नाम का हस्ताक्षर करने के स्थान पर लोग अपनी मुद्रिका को गर्म मोम या नर्म मिट्टी पर दबाकर अपना चिन्ह बना देते थे। परमेश्वर की सन्तान होने के नाते हम मसीही भी सँसार पर अपनी छाप छोड़ते हैं – अपने कार्यों, व्यवहार, सुसमाचार प्रचार, आस-पास के लोगों के साथ प्रेम के व्यवहार, सँसार में शोषण की समाप्ति के लिए कार्य करने, आदि के द्वारा।

      हम में से प्रत्येक की अपने विशिष्ट छाप है जो दिखाती है कि हम कैसे परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए हैं और हमें परमेश्वर ने, उसके कार्यों के लिए, क्या-क्या वरदान, इच्छाएँ और बुद्धिमता प्रदान की है। अब यह हम पर है कि अपनी बुलाहट के अनुसार परमेश्वर के लिए इस सँसार में उसकी मुद्रिका का कार्य करें – लोगों पर उसके प्रेम और उद्धार की छाप छोडें। - एमी बाउचर पाई


हम परमेश्वर के वारिस और राजदूत हैं, संसार पर उसके प्रेम की छाप छोड़ने के लिए।

सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। - 2 कुरिन्थियों 5:20

बाइबल पाठ: हाग्गै 2:15-23
Haggai 2:15 अब सोच-विचार करो कि आज से पहिले अर्थात जब यहोवा के मन्दिर में पत्थर पर पत्थर रखा ही नहीं गया था,
Haggai 2:16 उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दास ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।
Haggai 2:17 मैं ने तुम्हारी सारी खेती को लू और गरूई और ओलों से मारा, तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है।
Haggai 2:18 अब सोच-विचार करो, कि आज से पहिले अर्थात जिस दिन यहोवा के मन्दिर की नेव डाली गई, उस दिन से ले कर नौवें महीने के इसी चौबीसवें दिन तक क्या दशा थी? इसका सोच-विचार करो।
Haggai 2:19 क्या अब तक बीज खत्ते में है? अब तक दाखलता और अंजीर और अनार और जलपाई के वृक्ष नहीं फले, परन्तु आज के दिन से मैं तुम को आशीष देता रहूंगा।
Haggai 2:20 उसी महीने के चौबीसवें दिन को दूसरी बार यहोवा का यह वचन हाग्गै के पास पहुंचा, यहूदा के अधिपति जरूब्बाबेल से यों कह :
Haggai 2:21 मैं आकाश और पृथ्वी दोनों को कम्पाऊंगा,
Haggai 2:22 और मैं राज्य-राज्य की गद्दी को उलट दूंगा; मैं अन्यजातियों के राज्य-राज्य का बल तोडूंगा, और रथों को चढ़वैयों समेत उलट दूंगा; और घोड़ों समेत सवार एक दूसरे की तलवार से गिरेंगे।
Haggai 2:23 सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, उस दिन, हे शालतीएल के पुत्र मेरे दास जरूब्बाबेल, मैं तुझे ले कर अंगूठी के समान रखूंगा, यहोवा की यही वाणी है; क्योंकि मैं ने तुझी को चुन लिया है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20



शनिवार, 27 मई 2017

छाप


   जुलाई 1860 में विश्व का सबसे पहला नर्सिंग विद्यालय लंडन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में खोला गया। आज वह विद्यालय किंग्स कॉलेज का एक भाग है और वहाँ नर्सिंग पढ़ने आई छात्राओं को "नाईटिंगेल्स" कहा जाता है। नर्सिंग ही के समान, उस विद्यालय को भी फ्लोरेंस नाईटिंगेल्स ने, जिसने क्रीमियाई युध्द के दौरान नर्सिंग पध्द्ति में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया था, स्थापित किया था। जब भावी नर्सें अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेती हैं तो वे सेवा की शपथ लेती हैं जिसे "नाईटिंगेल शपथ" कहा जाता है। यह सब नर्सिंग पर फ्लोरेंस नाईटिंगेल द्वारा छोड़ी गई छाप को दिखाता है।

   फ्लोरेंस नाईटिंगेल के समान ही अनेकों लोगों ने हमारे संसार में प्रभावी छाप छोड़ी है। परन्तु जितनी प्रभावी छाप प्रभु यीशु ने छोड़ी है, उतनी किसी ने कभी भी, कहीं भी नहीं छोड़ी है। प्रभु यीशु के जन्म, जीवन, क्रूस पर दिया गया बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान की गाथा पिछले 2000 वर्षों से सारे संसार में लोगों के जीवनों को परिवर्तित करती आ रही है।

   सारे संसार में प्रभु यीशु के नाम से उनके अनुयायी जाने जाते रहे हैं, आरंभिक मसीही विश्वासियों की मण्डलियों में भी: "और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए" (प्रेरितों 11:26)।

   जो प्रभु यीशु मसीह के नाम को उपनाते हैं, फिर वे उसके नाम से ही पहचाने जाते हैं क्योंकि उनके जीवन उसके प्रेम और अनुग्रह के द्वारा बदल दिए जाते हैं। हम मसीही विश्वासी, यीशु मसीह के नाम को अपनाने के द्वारा संसार के समक्ष यह घोषणा करते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे जीवनों में अनन्तकाल का परिवर्तन किया है, हम पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है; और अब हमारी यह लालसा है कि यही छाप औरों के जीवन में भी दिखाई दे। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु के अनुयायी - मसीही - उसके नाम की छाप द्वारा जाने जाते हैं।

और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:19-26
Acts 11:19 सो जो लोग उस क्‍लेश के मारे जो स्‍तिफनुस के कारण पड़ा था, तित्तर बित्तर हो गए थे, वे फिरते फिरते फीनीके और कुप्रुस और अन्‍ताकिया में पहुंचे; परन्तु यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन न सुनाते थे। 
Acts 11:20 परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्‍ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे। 
Acts 11:21 और प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे। 
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा। 
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। 
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। 
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया। 
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23