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बुधवार, 27 अप्रैल 2011

"प्रभु मुझे संवेदनशील बनाईये!"

एक चर्च में प्रचार करते हुए प्रचारक ने देखा कि उसकी सुनहरी घड़ी रौशनी में जगमगा रही थी। उसने लिखा, "मैं देख रहा था कि लोगों का ध्यान उस चमकती हुई घड़ी की वजह से बंट रहा है। परमेश्वर ने मुझसे कहा, ’इस घड़ी को उतार दो; यह लोगों का ध्यान सन्देश से हटा रही है।’ मैंने कहा, ’प्रभु अपने पिता की दी हुई घड़ी को तो मैं पहने रह सकता हूँ!’ लेकिन परमेश्वर मुझे छोटी छोटी बातों के लिए संवेदनशील होना सिखा रहा था। मैंने बात को समझा और घड़ी को उतार दिया, और उसके बाद कभी प्रचार करते समय उसे नहीं पहना।" परमेश्वर की आत्मा द्वारा छोटी छोटी बातों के लिए भी किये गए इशारों के प्रति संवेदनशील रहना एक परिपक्व मसीही विश्वासी की निशानी है।

हर बार निश्चित रूप से परमेश्वर की वाणी को पहचानना आसान नहीं है। अन्दर से उठने वाली आवाज़ कई बार किसी भय, किसी स्वार्थ या शैतान द्वारा भी उत्पन्न हो सकती है। किंतु फिर भी यदि हम परमेश्वर के वचन के अध्ययन द्वारा परमेश्वर के सिद्धांत समझ लें और अपने आप को परमेश्वर के आत्मा के आधीन कर दें तो हम उसके कही गई बातों को भी पहचान सकेंगे। इब्रानियों की पत्री का लेखक कहता है कि परिपक्व विश्वासीयों की ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास द्वारा सही और गलत की पहचान करने में सक्षम हो जाती हैं (इब्रानियों ५:१४)।

जो भी मसीह को स्वयं से प्रथम स्थान देता है वह परमेश्वर की ओर से है और उसे हम आश्वस्त होकर मान सकते हैं। परन्तु जो कुछ भी दया रहित, प्रेम रहित या स्वार्थपूर्ण है वह परमेश्वर की ओर से नहीं है और यदि हम ऐसे कार्य करते हैं तो परमेश्वर के आत्मा को दुखी करते हैं। जब कभी किसी भी विश्वासी से ऐसा कोई भी कार्य हो जाए जिससे परमेश्वर का आत्मा दुखी होता है तो उसे तुरंत परमेश्वर के सम्मुख अपने पाप को मान लेना चाहिए और क्षमा प्रार्थना द्वारा परमेश्वर के साथ अपने संबंध को ठीक कर लेने चाहिएं।

प्रत्येक विश्वासी को परमेश्वर की वाणी के समझने के लिए सदा परमेश्वर से माँगना चाहिए - "प्रभु मुझे संवेदनशील बनाईये!" - डेनिस डी हॉन


अपना नियंत्रण परमेश्वर के आत्मा को सौंप देने से हम आत्म-नियंत्रण से विहीन नहीं हो जाते।

और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। - इफिसियों ४:३०


बाइबल पाठ: इब्रानियों १५

Heb 5:1 क्‍योंकि हर एक महायाजक मनुष्यों में से लिया जाता है, और मनुष्यों ही के लिये उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बन्‍ध रखती हैं, ठहराया जाता है: कि भेंट और पाप बलि चढ़ाया करे।
Heb 5:2 और वह अज्ञानों, और भूले भटकों के साथ नर्मी से व्यवहार कर सकता है इसलिये कि वह आप भी निर्बलता से घिरा है।
Heb 5:3 और इसी लिये उसे चाहिए, कि जैसे लोगों के लिये, वैसे ही अपने लिये भी पाप-बलि चढ़ाया करे।
Heb 5:4 और यह आदर का पद कोई अपने आप से नहीं लेता, जब तक कि हारून की नाई परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाए।
Heb 5:5 वैसे ही मसीह ने भी महायाजक बनने की बड़ाई अपने आप से नहीं ली, पर उस को उसी ने दी, जिस ने उस से कहा था, कि तू मेरा पुत्र है, आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।
Heb 5:6 वह दूसरी जगह में भी कहता है, तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।
Heb 5:7 उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्‍द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्यनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।
Heb 5:8 और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी।
Heb 5:9 और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा मानने वालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया।
Heb 5:10 और उसे परमेश्वर की ओर से मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक का पद मिला।
Heb 5:11 इस के विषय में हमें बहुत सी बातें कहनी हैं, जिन का समझना भी कठिन है; इसलिये कि तुम ऊंचा सुनने लगे हो।
Heb 5:12 समय के विचार से तो तुम्हें गुरू हो जाना चाहिए था, तौभी क्‍या यह आवश्यक है, कि कोई तुम्हें परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा फिर से सिखाए? और ऐसे हो गए हो, कि तुम्हें अन्न के बदले अब तक दूध ही चाहिए।
Heb 5:13 क्‍योंकि दूध पीने वाले बच्‍चे को तो धर्म के वचन की पहिचान नहीं होती, क्‍योंकि वह बालक है।
Heb 5:14 पर अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्‍द्रियाँ अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं।

एक साल में बाइबल:
  • १ राजा १-२
  • लूका १९:२८-४८

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

शांत हो जाओ

कुछ लोग शांत वातावरण सहन नहीं कर सकते - सुबह उठते ही वे रेडियो चालु कर देते हैं; यदि वे टी.वी. नहीं देख रहे होते तो घर में ऊंची आवाज़ में संगीत बज रहा होता है। परन्तु वे कभी प्रकृति के शांत मधुर संगीत का आनन्द नहीं उठाते। उन्हें परमेश्वर की शांत और धीमी आवाज़ सुनाई नहीं देती।

इस शोर भरे संसार में एकांत में बिताए शांत समय की आशीशों का उल्लेख भजन ४६ में मिलता है। भजनकार भजन का आरंभ सामर्थ से बाहर विनाशकारी शक्तियों का सामना करते हुए भी परमेश्वर मे अटल विश्वास से करता है; वो पृथ्वी के उलट-पुलट होने, गरजते समुद्र की विशाल उफनती लहरों, पहाड़ों के डोलने और कांप कर समुद्र में गिर जाने के बारे में लिखता है। फिर वह शांत नदी के प्रवाह की बात करता है जो जीवनदाई जल लेकर आती है। इसके बाद भजनकार वर्णन करता है परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह करने वाली उग्र सांसारिक शक्तियों का जिनका विनाश होता है। तब लेखक परमेश्वर की महान विजय का चित्रण करके परमेश्वर का सन्देश कहता है, "चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं।" पूरा भजन शांत होकर अशांत संसार की उथल-पुथल में भी परमेश्वर के कार्य को होता हुए देखने का आहावन है - परमेश्वर किसी परिस्थिति से हारता नहीं, उसका कार्य निरंतर होता रहता है।

हम परमेश्वर की आवाज़ प्रकृति की मधुर तथा सौम्य आवाज़ में और उसके वचन में दिये गई प्रतिज्ञाओं में सुनते हैं। वह चाहता है कि हम जाने कि वो उपस्थित है और सब कुछ उसके नियंत्रण में है। लेकिन उसकी आवाज़ कोलाहल में नहीं सुनाई देती; उसकी आवाज़ सुनने के लिए हमें बाहर से ही नहीं, अन्दर से भी शांत होना होगा। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


परमेश्वर की शांत और धीमी आवाज़ वे ही सुन सकते हैं जो शांत होकर उसकी सुनने के लिए समय देते हैं।

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। - भजन ४६:१०


बाइबल पाठ: भजन ४६

Psa 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psa 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
Psa 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psa 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psa 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
Psa 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
Psa 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psa 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उस ने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
Psa 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है, वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
Psa 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!
Psa 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है, याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल २३-२४
  • लूका १९:१-२७

सोमवार, 25 अप्रैल 2011

उसकी सुनो!

मैं एक किशोर को जानता हूँ जिसके पास एक पुरानी कार है जिसे वह ठीक करने का प्रयास कर रहा है। इस किशोर का पिता एक अनुभवी कार मैकिनिक है और अपने पुत्र की सहायता करने को तैयार है। लेकिन इस किशोर को अपने पिता की सलाह पसंद नहीं आती, वह अपने मित्रों की ही सुनता है जो कार ठीक करने के बारे में उतना ही जानते हैं जितना वह स्वयं जानता है।

यह मुझे पतरस की याद दिलाता है; प्रभु यीशु मसीह अपने साथ प्रार्थना करने के लिए याकूब, यूहन्ना और पतरस को पहाड़ पर लेकर गए। कुछ देर में उन तीनों चेलों को तो नींद आ गई और वे सो गए, किंतु प्रभु प्रार्थना में लगे रहे। पिता परमेश्वर से प्रार्थना करते करते प्रभु का दिव्य तेज चमकने लगा तथा मूसा और एलियाह उससे बातें करने उस पहाड़ पर उतर आए। इतने में पतरस की आँख खुल गई और इस अद्भुत दृश्य से भावाभिभूत होकर उसने वहाँ मूसा, एलियाह और प्रभु यीशु के लिए तीन मण्डप बनाने का प्रस्ताव रखा। तब वहाँ परमेश्वर की वाणी पभु यीशु के संदर्भ में सुनाई दी, "...यह मेरा पुत्र और मेरा चुना हुआ है, इस की सुनो" (लूका ९:३५)।

मूसा व्यवस्था का प्रतीक था जो अपना कार्य कर चुकी थी, एलियाह भविष्यवाणीयों का प्रतीक था जो पूरी हो रहीं थीं और अब उनके साथ परमेश्वर का जीवित वचन प्रभु यीशु था और उन्हें यीशु की बात सुननी तथा माननी थी।

परमेश्वर की वह आज्ञा "उसकी सुनो" आज भी हमारे जीवनों के लिए है, किंतु उस किशोर की तरह हम अपने स्वर्गीय पिता की सुनने के बजाए संसार की व्यर्थ आवाज़ें ही सुनना पसन्द करते हैं। परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह द्वारा इस संसार से बातें कर रहा है, उसका लिखित वचन बाइबल संसार के लिए उसका आधिकारिक संदेश है। बाइबल की शिक्षाओं के विरुद्ध किसी अन्य सलाह का पालन करना निराशा और दुख को आमंत्रित करना है।

प्रभु यीशु परमेश्वर का दिव्य पुत्र है - उसकी सुनो! - डेव एगनर


जीवित वचन को जानना ही लिखित वचन को समझने की कुंजी है।

और उस बादल में से यह शब्‍द निकला, कि यह मेरा पुत्र और मेरा चुना हुआ है, इस की सुनो। - लूका ९:३५


बाइबल पाठ: मरकुस ९:१-८

Mar 9:1 और उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कई ऐसे हैं, कि जब तक परमेश्वर के राज्य को सामर्थ सहित आता हुआ न देख लें, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कदापि न चखेंगे।
Mar 9:2 छ: दिन के बाद यीशु ने पतरस और याकूब और यूहन्ना को साथ लिया, और एकान्‍त में किसी ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और उन के साम्हने उसका रूप बदल गया।
Mar 9:3 और उसका वस्‍त्र ऐसा चमकने लगा और यहां तक अति उज्ज़वल हुआ, कि पृथ्वी पर कोई धोबी भी वैसा उज्ज़वल नहीं कर सकता।
Mar 9:4 और उन्‍हें मूसा के साथ एलिय्याह दिखाई दिया, और वे यीशु के साथ बातें करते थे।
Mar 9:5 इस पर पतरस ने यीशु से कहा, हे रब्‍बी, हमारा यहां रहना अच्‍छा है: इसलिये हम तीन मण्‍डप बनाएं; एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये।
Mar 9:6 क्‍योंकि वह न जानता या, कि क्‍या उत्तर दे इसलिये कि वे बहुत डर गए थे।
Mar 9:7 तब एक बादल ने उन्‍हें छा लिया, और उस बादल में से यह शब्‍द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है उस की सुनो।
Mar 9:8 तब उन्‍होंने एकाएक चारों ओर दृष्‍टि की, और यीशु को छोड़ अपने साथ और किसी को न देखा।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल २१-२२
  • लूका १८:२४-४३

रविवार, 24 अप्रैल 2011

नए जीवन की ज़िम्मेदारी

ईस्टर के अगले दिन अखबार की सुर्खियाँ थीं "सारे संसार ने मसीह का पुनरुत्थान मनाया"; और उसी मुख्यपृष्ठ पर अन्य समाचार संसार में विभिन्न स्थानों पर चल रहे युद्ध, जातिवाद की हिंसा, संघर्ष एवं मृत्यु के थे। इन सब निराशाजनक समाचारों को पढ़कर मुझे लगा, "यह सब परसपर कितना विरोधी है!" समाचार सुर्खियाँ बताती हैं कि संसार मसीह का पुनरुत्थान मना रहा है, लेकिन शेष पृष्ठ दर्षा रहा है कि कैसे संसार के लोग मसीह के पुनरुत्थान से मिलने वाले अनुग्रह, शांति और आशीश को व्यर्थ कर रहे हैं। संसार भर के वो करोड़ों लोग जो ईस्टर के दिन चर्च जाकर मसीह के पुनरुत्थान का पर्व मनाते हैं, उनमें से अधिकांश्तः अपने जीवनों द्वारा इस एतिहासिक तथ्य को और उसके आत्मिक अभिप्राय को दर्शाते ही नहीं हैं।

कई बार हम मसीह में अपने विश्वास को दर्शाने के बाहरी हाव-भाव तो दिखाते हैं, लेकिन मसीह के साथ अपने जोड़े जाने के अर्थ को जी कर नहीं दिखाते। रोमियों के नाम अपनी पत्री के ६ अध्याय में पौलुस बताता है कि हम मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ा दिये गए हैं और अब पाप के लिए मर गए हैं, लेकिन हम मसीह के साथ जीवित भी किए गए हैं कि हम एक नया जीवन जी कर दिखाएं। इसलिए वह अपनी एक अन्य पत्री में कहता है, "सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्‍तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ।" (कुलिस्सियों ३:१, २)

मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाए जाने के कारण अब हमें यह सौभाग्य है कि हम उसके लिए जिएं भी। ऐसा करके हम मसीह के पुनरुत्थान से मिली आशीश और सामर्थ के लिए उसे अपना आभार प्रगट करते हैं। - रिचर्ड डी हॉन


जिस सामर्थ ने मसीह की कब्र को खोल दिया, वही सामर्थ हमारे लिए जीवन की भरपूरी के द्वार भी खोलती है।

...जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। - रोमियों ६:४


बाइबल पाठ: रोमियों ६:१-१३

Rom 6:1 सो हम क्‍या कहें क्‍या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
Rom 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्‍यों कर जीवन बिताएं?
Rom 6:3 क्‍या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
Rom 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
Rom 6:5 क्‍योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुड़ गए हैं, तो निश्‍चय उसके जी उठने की समानता में भी जुड़ जाएंगे।
Rom 6:6 क्‍योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्‍व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्‍व में न रहें।
Rom 6:7 क्‍योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9 क्‍योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10 क्‍योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया, परन्‍तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्‍तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमश्‍ेवर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल १९-२०
  • लूका १८:१-२३

शनिवार, 23 अप्रैल 2011

उम्मीद का जीवन

जब यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के काले दिन का अन्त हुआ, तो ऐसा लगा कि सबसे अनोखे जीवन का अन्त हो गया। कुछ वर्षों से मसीह ने अपने चेलों और लोगों की भीड़ को अपनी शिक्षाओं और आश्चर्यकर्मों की विलक्षणता द्वारा अचंभित कर रखा था। लेकिन क्रूस पर चढ़ाए गए यीशु ने न तो क्रूस से बचना चाहा और न ही क्रूस से उतर आना चाहा, और अब उसकी मृत्यु हो चुकी थी। अब उससे कोई उम्मीद रखना व्यर्थ लग रहा था।

लेकिन पुनरुत्थान की उस पहली सुबह उम्मीद फिर से जाग उठी। सूर्योदय के कुछ ही समय के बाद मरियम मगदलीनी ने यीशु के चेलों, पतरस और युहन्ना को बताया कि उसने तथा उसकी साथियों ने यीशु की कब्र को खाली पाया। चित्रकार यूजीन बर्नेन्ड ने पतरस और युहन्ना को इस समचार के सुनने के पश्चात कब्र दौड़ कर यीशु की कब्र पर जाते हुए चित्रित किया है। बर्नेन्ड के चित्र में उन दोनो के चेहरों पर उभरते मनोभावों को दर्शाया गया है। दोनो के चेहरों पर परसपर विरोधाभास वाले भावे दिखाई देते हैं - वेदना तथा राहत, दुख तथा अचंभा, निराशा तथा अचरज; उनकी निगाहें उत्सुकता से आगे की ओर लगीं हुई हैं, और उनके झुके हुए शरीर खाली कब्र और जीवित उद्धारकर्ता की ओर हमारा ध्यान खींचते हैं।

मसीह यीशु आज भी जीवित है, तथा आज भी अपने अनुयायियों के जीवन में उद्धार का आश्चर्यकर्म करता है। परन्तु हम में से कई आज भी ऐसे अपने दिन बिताते हैं जैसे वह अभी भी कब्र में ही हो।

कितना भला हो कि हम उम्मीद से भरकर और खाली कब्र के आगे उस जीवित मसीह की ओर अपनी निगाहें लगाएं जो हमें अपने पुनरुत्थान की शक्ति से भर सकता है। - डेव एग्नर


कलवरी का बलिदान पुनरुत्थान द्वारा विजेता हो गया।

तब पतरस और वह दूसरा चेला निकल कर कब्र की ओर चले। और दोनों साथ साथ दौड़ रहे थे, परन्‍तु दूसरा चेला पतरस से आगे बढ़कर कब्र पर पहिले पहुंचा। - यूहन्ना २०:३, ४


बाइबल पाठ: यूहन्ना २०:१-१०

Joh 20:1 सप्‍ताह के पहिले दिन मरियम मगदलीनी भोर को अंधेरा रहते ही कब्र पर आई, और पत्थर को कब्र से हटा हुआ देखा।
Joh 20:2 तब वह दौड़ी और शमौन पतरस और उस दूसरे चेले के पास जिस से यीशु प्रेम रखता था आकर कहा, वे प्रभु को कब्र में से निकाल ले गए हैं और हम नहीं जानतीं, कि उसे कहां रख दिया है।
Joh 20:3 तब पतरस और वह दूसरा चेला निकल कर कब्र की ओर चले।
Joh 20:4 और दोनों साथ साथ दौड़ रहे थे, परन्‍तु दूसरा चेला पतरस से आगे बढ़कर कब्र पर पहिले पहुंचा।
Joh 20:5 और झुककर कपड़े पड़े देखे: तौभी वह भीतर न गया।
Joh 20:6 तब शमौन पतरस उसके पीछे पीछे पहुंचा और कब्र के भीतर गया और कपड़े पड़े देखे।
Joh 20:7 और वह अंगोछा जो उसके सिर से बन्‍धा हुआ या, कपड़ों के साथ पड़ा हुआ नहीं परन्‍तु अलग एक जगह लपेटा हुआ देखा।
Joh 20:8 तब दूसरा चेला भी जो कब्र पर पहिले पहुंचा था, भीतर गया और देखकर विश्वास किया।
Joh 20:9 वे तो अब तक पवित्र शास्‍त्र की वह बात न समझते थे, कि उसे मरे हुओं में से जी उठना होगा।
Joh 20:10 तब ये चेले अपने घर लौट गए।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल १६-१८
  • लूका १७:२०-३७

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

वैध वसीयत

एडिनबर्ग के रौबी फ्लोकहार्ट नामक एक सुसमाचार प्रचारक ने प्रभु यीशु की मत्यु और पुनरुत्थान को समझाने के लिए दो आपबीति कहानियाँ सुनाईं।

रौबी की मित्रता एक ऐसे कैदी से हुई जिसे मृत्युदण्ड दिया गया था। जब उस कैदी का अपनी वसीयत बनाने का समय आया तो जो भी थोड़ा सा पैसा उसके पास था, उसने रौबी के नाम कर दिया। इसके कुछ समय पश्चात कैदी को मृत्युदण्ड से क्षमा मिल गई, इसलिए उसकी बनाई हुई वाचा कार्यान्वित नहीं हुई; रौबी ने कहा, "क्योंकि वो जीवित रहा, इसलिए मुझे वसीयत से कुछ नहीं मिला।"

रौबी ने उसके नाम वसीयत करने वाले एक दूसरे व्यक्ति के बारे में बताया। इस वसीयत से भी उसे कुछ नहीं मिला, क्योंकि वसीयत बनाने वाले की मृत्यु के पश्चात कोई कपटी वकील आया और सब कुछ हड़प कर गया। रौबी ने कहा, "यदि मेरा मित्र जीवित होता तो निश्चित करता कि उसके मित्र रौबी को कुछ मिले; किंतु क्योंकि वह मर चुका था इसलिए अब अपनी वसीयत का सही रीति से निभाया जाना वह सुनिश्चित नहीं कर सकता था।"

प्रभु यीशु, नई वाचा का महान वाचाकर्ता निसन्देह मरा, इसलिए उसके रक्त द्वारा प्रमाणित उसकी अनमोल वाचा वैध है और लागू है। प्रायश्चित के लिए यीशु की मृत्यु के कारण उसने हम सब के लिए अनन्त उद्धार को हासिल कर लिया है।

लेकिन वह कब्र में पड़ा नहीं रहा, तीसरे दिन वह फिर जी उठा। आज वह जीवित है तथा सुनिश्चित करता है कि उसकी वाचा पूर्ण रूप से निभायी जाए। उसका जीवित होना इस बात की गारंटी है कि उसकी नई वाचा में जिन आशीशों की प्रतिज्ञा दी गई है वे उसे अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता मानने वाले प्रत्येक विश्वासी को सम्पूर्णतया प्राप्त होंगी।

मसीह की मृत्यु उसकी वाचा के लागू होने को सुनिश्चित करती है; उसका पुनरुत्थान हमारे अमूल्य मीरास की गारंटी है। - पौल वैन गोर्डर


केवल एक जीवित उद्धारकर्ता ही मरते संसार को बचा सकता है।

क्‍योंकि जहां वाचा बान्‍धी गई है वहां वाचा बान्‍धने वाले की मृत्यु का समझ लेना भी अवश्य है। - इब्रानियों ९:१६


बाइबल पाठ: इब्रानियों ९:१६-२८

Heb 9:16 क्‍योंकि जहां वाचा बान्‍धी गई है वहां वाचा बान्‍धने वाले की मृत्यु का समझ लेना भी अवश्य है।
Heb 9:17 क्‍योंकि ऐसी वाचा मरने पर पक्की होती है, और जब तक वाचा बान्‍धने वाला जीवित रहता है, तब तक वाचा काम की नहीं होती।
Heb 9:18 इसी लिये पहिली वाचा भी बिना लोहू के नहीं बान्‍धी गई।
Heb 9:19 क्‍योंकि जब मूसा सब लोगों को व्यवस्था की हर एक आज्ञा सुना चुका, तो उस ने बछड़ों और बकरों का लोहू लेकर, पानी और लाल ऊन, और जूफा के साथ, उस पुस्‍तक पर और सब लोगों पर छिड़क दिया।
Heb 9:20 और कहा, कि यह उस वाचा का लोहू है, जिस की आज्ञा परमेश्वर ने तुम्हारे लिये दी है।
Heb 9:21 और इसी रीति से उस ने तम्बू और सेवा के सारे सामान पर लोहू छिड़का।
Heb 9:22 और व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्‍तुएं लोहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं और बिना लोहू बहाए क्षमा नहीं होती।
Heb 9:23 इसलिये अवश्य है, कि स्‍वर्ग में की वस्‍तुओं के प्रतिरूप इन के द्वारा शुद्ध किए जाएं पर स्‍वर्ग में की वस्‍तुएं आप इन से उत्तम बलिदानों के द्वारा।
Heb 9:24 क्‍योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्र स्थान में जो सच्‍चे पवित्र स्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया, पर स्‍वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के साम्हने दिखाई दे।
Heb 9:25 यह नहीं कि वह अपने आप को बार बार चढ़ाए, जैसा कि महायाजक प्रति वर्ष दूसरे का लोहू लिये पवित्रस्थान में प्रवेश किया करता है।
Heb 9:26 नहीं तो जगत की उत्‍पत्ति से लेकर उस को बार बार दुख उठाना पड़ता पर अब युग के अन्‍त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे।
Heb 9:27 और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।
Heb 9:28 वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ और जो लोग उस की बाट जोहते हैं, उन के उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप के दिखाई देगा।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल १४-१५
  • लूका १७:१-१९

गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

पिता के प्रेम का दर्द

वियतनाम युद्ध के समय, सन १९६८ अमरीकी नौसेना के कमान एडमिरल एल्मो ज़ुम्वौल्ट ने संभाली। अमरीकी सेना के सैनिकों के हताहत होने को कम करने के लिए उन्होंने जल मार्गों के किनारों पर एक रासायनिक Agent Orange छिड़कने का आदेश दिया, जिससे जल तट पर वनस्पति मर गई और शत्रु के सैनिकों के छुप कर हमला बोलने के रास्ते बन्द हो गए।

उन जल मार्गों पर गश्त करने वाली नौसेना की नौकाओं में से एक की कमान एडमिरल एल्मो के २१ वर्षीय पुत्र के हाथ में थी। विडंबना यह हुई कि उस छिड़के हुए रासायनिक के संपर्क में आने के कारण उनके पुत्र को एक घातक किस्म का कैंसर हो गया। पिता और पुत्र दोनो यह जानते थे कि कैंसर का कारण वह रासायनिक ही है। यह एक हृदय विदारक कहानी है एक पिता की जिसके एक निर्णय का दुख उसके पुत्र को उठाना पड़ा, किंतु दोनो ही का यह मानना था कि उस समय रासायनिक छिड़कवाए जाने का वह निर्णय सही था।

मानव जाति के लिए पाप और मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए परमेश्वर पिता ने जान-बूझ कर एक ऐसा निर्णय लिया जिसके कारण उसके एकमात्र और प्रीय पुत्र को बयान से बाहर कष्ट और दुख उठाने पड़े। मानव जाति को उसके बलिदान द्वारा उद्धार दिलवाने के निर्णय के बाद पिता को अपने निर्दोष और निष्कलंक पुत्र का भीड़ द्वारा ठ्ठा उड़ाये जाने, कोड़ों की मार खाने और क्रूस पर हाथों और पैरों में कीलों द्वारा ठोके जाने का दर्दनाक दृश्य देखना और सहना पड़ा। परमेश्वर पिता को खामोशी से बर्दाशत करना पड़ा जब समस्त मानव जाति के पाप उसके निष्पाप पुत्र पर लाद दिये गए और वह दीन और नम्र पुत्र जिसने सदा सबका भला चाहा और किया, वर्णन से बाहर पीड़ा और तिरिस्कार से होकर गुज़रा।

ऐसे में यीशु के प्रति हमारी कृतघन्ता पिता परमेश्वर के दुख को और बढ़ा देती है। उसके अद्भुत बलिदान के लिए हमें सदा उसका कृतज्ञ और धन्यवादी रहना चाहिए तथा साधारण विश्वास के साथ उसके क्रूस पर किए गए कार्य को ग्रहण कर के उद्धार स्वीकर करना चाहिए। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर के प्रेम का सच्चा माप यही है कि उसके प्रेम को कभी मापा नहीं जा सकता।

तब उन्‍होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया... - मत्ती २७:३५


बाइबल पाठ: मत्ती २७:२७-५०

Mat 27:27 तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की।
Mat 27:28 और उसके कपड़े उतार कर उसे किरिमजी बागा पहिनाया।
Mat 27:29 और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्‍डा दिया और उसके आगे घुटने टेक कर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राज नमस्‍कार।
Mat 27:30 और उस पर थूका और वही सरकण्‍डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे।
Mat 27:31 जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतार कर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
Mat 27:32 बाहर जाते हुए उन्‍हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्‍होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
Mat 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर।
Mat 27:34 उन्‍होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्‍तु उस ने चख कर पीना न चाहा।
Mat 27:35 तब उन्‍होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया और चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
Mat 27:36 और वहां बैठ कर उसका पहरा देने लगे।
Mat 27:37 और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि यह यहूदियों का राजा यीशु है।
Mat 27:38 तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएं क्रूसों पर चढ़ाए गए।
Mat 27:39 और आने जाने वाले सिर हिला हिला कर उस की निन्‍दा करते थे।
Mat 27:40 और यह कहते थे, कि हे मन्‍दिर के ढाने वाले और तीन दिन में बनाने वाले, अपने आप को तो बचा; यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।
Mat 27:41 इसी रीति से महायाजक भी शास्‍त्रियों और पुरिनयों समेत ठट्ठा कर करके कहते थे, इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।
Mat 27:42 यह तो इस्राएल का राजा है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
Mat 27:43 उस ने परमेश्वर का भरोसा रखा है, यदि वह इस को चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्‍योंकि इस ने कहा था, कि मैं परमेश्वर का पुत्र हूं।
Mat 27:44 इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उस की निन्‍दा करते थे।
Mat 27:45 दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्‍धेरा छाया रहा।
Mat 27:46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्‍द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्‍यों छोड़ दिया?
Mat 27:47 जो वहां खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुन कर कहा, वह तो एलिय्याह को पुकारता है।
Mat 27:48 उन में से एक तुरन्‍त दौड़ा, और स्‍पंज लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्‍डे पर रख कर उसे चुसाया।
Mat 27:49 औरों ने कहा, रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।
Mat 27:50 तब यीशु ने फिर बड़े शब्‍द से चिल्ला कर प्राण छोड़ दिए।

एक साल में बाइबल:
  • २ शमूएल १२-१३
  • लूका १६