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शनिवार, 2 जुलाई 2011

सबसे बड़ी आशीष

एक ७६ वर्ष की आयु के स्वस्थ और मज़बूत दिखने वाले व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जब मैंने उसकी प्रशंसा करी तो, तो वह बोला, "यह मेरे लिए सबसे बड़ी आशीष है।" मैंने उत्तर दिया, "क्या वाकई आप इसे सबसे बड़ी आशीष मानते हैं? मैं एक ऐसे मनुष्य को भी जानता हूँ जो अपनी बीमारी के लिए परमेश्वर का धन्यवादी है, क्योंकि बीमारी में हो कर ही उसने परमेश्वर पर निर्भर रहना और उसकी सामर्थ पर विश्वास करना सीखा है।" मुस्कुराते हुए उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, "आप ठीक कहते हैं, परमेश्वर पर भरोसा रख पाना अच्छी सेहत से कहीं बेहतर आशीष है। यदि बीमारी और तकलीफ द्वारा परमेश्वर और उसकी महिमा के बारे में सीखने को मिलता है, तो मैं कहूँगा कि बीमारी और तकलीफ के लिए परमेश्वर का धन्यवाद हो।"

भजनकार ने लिखा, "मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं" (भजन ११९:७१)। बहुत से विश्वासियों ने दुख और क्लेषों के समयों में ही परमेश्वर के कोमल स्पर्श और उसकी शांतिदायक उपस्थिति का अनुभव किया है, और सीखा है कि परमेश्वर कभी उनसे दूर नहीं होता। संभवतः वे नहीं चाहेंगे कि ऐसी परिस्थितियों से उन्हें दोबारा निकलना पड़े, लेकिन परमेश्वर के बारे में जो कुछ उन्होंने उन दुखों में जाना और सीखा, उसके मूल्य के सामने उनकी वे तकलीफें बहुत छोटी हैं।

अच्छा स्वास्थ्य और आर्थिक संपन्नता अवश्य बड़ी आशीषें हैं, और उनके लिए हमें परमेश्वर का धन्यवादी भी होना चाहिए। लेकिन यदि हमें बीमारी और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े तो हमें निराश और हतोसाहित नहीं होना चाहिए क्योंकि इन के द्वारा भी प्रत्येक मसीही विश्वासी अपने परमेश्वर को बेहतर जान सकता है, और अय्युब के साथ मिलकर कह सकता है: "मैंने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं" - अय्युब ४२:५।

परमेश्वर को निकटता से जान पाना सबसे बड़ी आशीष यही है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


कभी कभी परमेश्वर हमें अन्धेरों में जा लेने देता है, जिससे हम पहचान सकें कि सच्ची ज्योति वही है।

मैं ने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं। - अय्युब ४२:५

बाइबल पाठ: अय्युब ४२
Job 42:1 तब अय्यूब यहोवा को उत्तर दिया,
Job 42:2 मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती।
Job 42:3 तू कौन है जो ज्ञान रहित होकर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था।
Job 42:4 मैं निवेदन करता हूं सुन, मैं कुछ कहूंगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता दे।
Job 42:5 मैं ने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं;
Job 42:6 इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ।
Job 42:7 और ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उस ने तेमानी एलीपज से कहा, मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही।
Job 42:8 इसलिये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छांटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की मैं ग्रहण करूंगा और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूढ़ता के योग्य बर्ताव करूंगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।
Job 42:9 यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिल्दद और नामाती सोपर ने जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।
Job 42:10 जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिथे प्रार्थना की, तब यहोवा ने उसका सारा दु:ख दूर किया, और जितना अय्यूब का पहिले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया।
Job 42:11 तब उसके सब भाई, और सब बहिनें, और जितने पहिले उसको जानते पहिचानते थे, उन सभों ने आकर उसके यहां उसके संग भोजन किया और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उस सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी और उसे एक एक सिक्का और सोने की एक एक बाली दी।
Job 42:12 और यहोवा ने अय्यूब के पिछले दिनों में उसको अगले दिनों से अधिक आशीष दी और उसके चौदह हजार भेड़ बकरियां, छ: हजार ऊंट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियां हो गई।
Job 42:13 और उसके सात बेटे ओर तीन बेटियां भी उत्पन्न हुई।
Job 42:14 इन में से उस ने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दूसरी का कसीआ और तीसरी का केरेन्हप्पूक रखा।
Job 42:15 और उस सारे देश में ऐसी स्त्रियां कहीं न थीं, जो अय्यूब की बेटियों के समान सुन्दर हों, और उनके पिता ने उनको उनके भाइयों के संग ही सम्पत्ति दी।
Job 42:16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।
Job 42:17 निदान अय्यूब वृद्धावस्था में दीर्घायु होकर मर गया।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब २२-२४
  • प्रेरितों ११

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

"ईमानदार एबी"

हमारे समाज की यह दशा हो गई है कि हमें अब ईमानदारी की एक बड़ी खुराक अच्छे से पिलाई जाने की बहुत आवश्यक्ता है, विशेषकर हमारे नेताओं को। चाहे व्यापार हो, राजनीति हो, स्कूल में, घरों में यहाँ तक कि चर्चों में भी ईमानदारी का यह अति आवश्यक गुण घटता ही जा रहा है। कपट, घूस, छिपाई हुई कमाई, जमा-खर्च के दोगले रेकॉर्ड, करों की चोरी, अनचुकाए जुर्माने आदि बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि समाज का नियम बन गया है कि नियम तोड़ने से मत डरिए, विशेषकर यदि आप बचकर निकल सकते हैं तो।

ऐसे में हमें भूतपूर्व अमरीकी राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन के जीवन से उनके नैतिक और आत्मिक गुणों के बारे में सीखना चाहिए। राष्ट्रपति बनने से पहले वे अपने एक साथी के साथ वकील का कार्य करते थे। अधिकाँशतः लिंकन बाहर जाकर न्यायिक मामलों को संभालते और उनका साथी दफतर में बैठकर बाकी के संबंधित काम देखता। लिंकन दफतर वापस लौटने से पहले मुकद्दमे का शुल्क ले लिया करते थे। शुल्क लेकर वे उसे दो भागों में विभाजित करते, एक भाग को सावधानी से एक कागज़ में लपटेते और उस पर अपने साथी और मुकद्दमे का नाम सावधानी से लिख लेते थे, जिससे यदि उनके दफतर वापस पहुँच कर साथी को उसका हिस्सा देने से पहले यदि कुछ अन्होनी हो जाए तो उनके साथी को उसका हिस्सा मिलने में कोई परेशानी न हो। देखने में तो यह एक छोटी सी बात लगती है, लेकिन यह उस व्यक्ति के चरित्र को दिखाती है जिसे संसार ने "Honest Abe" (ईमानदार एबी) के उपनाम से जाना था।

हमें भी ऐसे ही जीवन जीने चाहिएं जिनसे हमारे नाम के आगे यदि कोई "ईमानदार" शब्द लगाए तो वह झूठा प्रतीत न हो। - डेनिस डी हॉन


मलाई की बातें कर के लोगों को सप्रेटा मत परोसिए।

निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगया करो। - फिलिप्पियों ४:८


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:५-९

Php 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Php 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Php 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।
Php 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।
Php 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब २०-२१
  • प्रेरितों १०:२४-४८

गुरुवार, 30 जून 2011

कुछ प्रश्न

एक शोधकर्ता ने १५०० व्यवसायिक प्रबन्धकों (Buisness Managers) के बारे में अध्ययन किया, यह जानने के लिए कि उनके नीचे काम करने वाले अपने अधिकारी में किन बातों को मूल्य देते हैं। उसके शोध के नतीजों से पता चल कि लोग ऐसे अगुवों का आद्र करते हैं जो कार्य की योग्यता रखते हैं, दूसरों को कार्य के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, निर्देष देने में निपुण हैं। परन्तु स्ब से अधिक जिस बात को लोग अपने अधिकारी में देखना चाहते थे वह थी ईमानदारी - ऐसे अगुवे जो विश्वासयोग्य हों और अपने कही बात को निभाने में पक्के हों।

यह बात केवल सांसारिक प्रब्न्धकों और अगुवों पर ही लागु नहीं होती, मसीही विश्वासियों पर भी यह बात उतनी ही लागू होती है। ईमानदारी एक ऐसा गुण है जो प्रत्येक मसीही विश्वासी में विद्यमान होना चाहिए, वाहे उसका ओहदा कोई भी हो। भजन १५ के अनुसार इस गुण को प्रत्येक परमेश्वर के भक्त की हर बात और हर कार्य में प्रदर्शित होना चाहिए। क्योंकि बाइबल का परमेश्वर अपनी हर बात ईमानदारी से पूरी करता है, उस परमेश्वर के लोगों को भी ऐसे लोगों के रूप में जने जाना चाहिए जो अपनी हर बात पूरी करते हैं।

हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी को अपने कहे के प्रति ईमानदार रहना है। यह एक ऐसा सत्य है जो मुझे विचिलित करता है। यद्यपि मुझे झूठ बोलने से बच कर रहने में कोई विशेष परेशानी नहीं होती, लेकिन कभी कभी मेरे लिए अपने कहे को निभाना कठिन अवश्य हो जाता है।

क्या हमारे आसपास के लोग हमारी ईमानदारी के लिए हमारी प्रशंसा करते हैं? क्या इसके लिए परमेश्वर हमारी प्रशंसा करता है? क्या हमारा परमेश्वर हमें वही करते देखता है जो हम ने कहा - चाहे इसके लिए हमें दुख ही क्यों न उठाना पड़े? ये कुछ प्रश्न हैं जिन पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए। - मार्ट डी हॉन


वे ही ऊपर उठ सकते हैं जो अपनी विश्वासयोग्यता के स्तर को बनाए रखना जानते हैं।

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?...जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े। - भजन १५:१, ४


बाइबल पाठ: भजन १५

Psa 15:1 हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
Psa 15:2 वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है;
Psa 15:3 जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपके मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है;
Psa 15:4 वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े;
Psa 15:5 जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब १७-१९
  • प्रेरितों १०:१-२३

बुधवार, 29 जून 2011

पारदर्शी जीवन

अपनी पुस्तक "Helping Those Who Don't Want Help" में लेखक मार्शल शैली ने एक चर्च के पाद्री के जीवन से संबंधित घटना बताई: पाद्री अपने घर के गैराज से अपनी कार बाहर निकाल रहा था कि उसे कुछ टूटने की आवाज़ सुनाई दी। कार रोक कर वह आवाज़ के कारण का पता करने नीचे उतरा और पाया कि उसके प्रीय शौक मछली पकड़ने की बंसी कार के नीचे आकर टूट गई है। उसने ऊँची आवाज़ में पूछा, "मेरी मछली मारने की बंसी से कौन खेल रहा था?" उसके ५ साल के बेटे ने सकपका कर कहा, "पिताजी मैं खेल रहा था, और उसे वापस जगह पर रखना भूल गया था।" पाद्री को बात रास तो नहीं आई, पर अपने आप पर काबू रखकर उसने बस बेटे से इतना ही कहा, "मुझे सच बताने के लिए धन्यवाद" और अपने कार्य पर निकल पड़ा। बेटे ने जाकर माँ से घटना बताई और अपने जेब खर्च से बचाए हुए दो डॉलर, जो उसकी कुल संपत्ति थी, माँ को देते हुए कहा कि मुझे पिताजी के लिए अब एक नई बंसी खरीदनी है। माँ ने कहा, "ठीक है, लेकिन तुम्हें इसके लिए पैसे देने की आवश्यक्ता नहीं है"; बेटा बोला, "लेकिन मैं ऐसा करना चाहता हूँ, क्योंकि मुझे आज यह पता चल गया है कि पिताजी अपनी मछली मारने की बंसी से अधिक मुझ से प्यार करते हैं।" माँ ने यह बात पाद्री को बता दी।

बाद में एक इतवार की चर्च सभा में पाद्री ने अपनी मंडली को यह घटना सुनाई और कहा, "यह सब जानकर मुझे बहुत बढ़िया लगा। मुझे लगा कि चलो मैंने एक बार तो वह किया जो ठीक था।" चर्च सभा के अन्त में कई लोग पाद्री के पास आए और उससे कहने लगे कि उन्हें उसका यह पारदर्शिता दिखाना और यह कहना कि मैंने एक बार तो वह किया जो ठीक था बहुत भाया। वे लोग यह मान कर चलते थे कि पाद्री कभी कुछ गलत नहीं कर सकता; लेकिन पाद्री की ईमानदारी ने लोगों के दिल को छू लिया।

यह प्रत्येक अगुवे के लिए एक बहुमूल्य शिक्षा है। अगुवे को अपने जीवन की खा़मियों और कमज़ोरियों के प्रगट होने से डरना नहीं चाहिए। जब वे अपने जीवनों के प्रति पार्दर्शी होंगे तो उनकी इस ईमानदारी के कारण लोग उन पर अधिक विश्वास रखेंगे और उनके जीवन से सीखने में हिचकिचाएंगे नहीं। यदि वे अपनी बातें छुपाएंगे और लोगों को वही बातें कही बाहर से पता चलेंगी तो फिर वे आलोचना और अविश्वास का कारण बनेंगी। अगुवों की पारदर्शिता उनके अनुसरणकर्ताओं के लिए विश्वास, प्रोत्साहन और सहायता का कारण बन सकती है। - डेव एग्नर


हमें अपने पड़ौसी की नहीं, अपनी गलतियों का ध्यान करना चाहिए।

यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। - १ युहन्ना १:८


बाइबल पाठ: याकूब ५:१३-२०

Jas 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्‍दित हो, तो वह स्‍तुति के भजन गाए।
Jas 5:14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
Jas 5:15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।
Jas 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
Jas 5:17 एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थाना की कि मेंह न बरसे, और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा।
Jas 5:18 फिर उस ने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्‍त हुई।
Jas 5:19 हे मेरे भाइयों, यदि तुम में कोई सत्य के मार्ग से भटक जाए, और कोई उस को फेर लाए।
Jas 5:20 तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब १४-१६
  • प्रेरितों ९:२२-४३

मंगलवार, 28 जून 2011

नेतृत्व की ज़िम्मेदारियाँ

प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन परमेश्वर से संबंधित बातों के प्रति अपनी कड़ुवाहट और आलोचना प्रगट करने में ज़रा भी हिचकिचाते नहीं थे। दुख की बात यह है कि उनके इस दृष्टिकोण और चर्च के प्रति बैर के लिए कई चर्च के अगुवे ही ज़िम्मेदार थे। ट्वेन ऐसे चर्च अगुवों को को जानते थे जो अपने घरों में गुलाम खरीद कर रखते थे और उनसे बहुत दुर्व्यवहार करते थे। वे ऐसे पाद्रियों को भी जानते थे जो बाइबल से गलत शिक्षा और बाइबल की गलत व्याख्या द्वारा गुलाम प्रथा को जायज़ ठहराते थे। उन्होंने ऐसे लोगों को चर्च में देखा था जो चर्च के अन्दर तो बड़े धार्मिक होने का ढोंग करते लेकिन चर्च के बाहर झूठ बोलने और गाली-गलौज करने में ज़रा नहीं हिचकचते थे। यद्यपि मार्क ट्वेन ने कुछ लोगों, जैसे अपनी माता और पत्नि में सच्चा मसीही प्रेम देखा और अनुभव किया, लेकिन वह कभी चर्च के अगुवों के बुरे और दोगले व्यवहार तथा उनके बुरे जीवन को समझ नहीं पाए और इसी कारण मसीह की ओर आकर्षित नहीं हो सके।

नेतृत्व एक विशेषाधिकार है, और इस विशेषाधिकार के साथ इसे भली भांति निभाने और इसके द्वारा लोगों का भला करने का दायित्व भी मिलता है। यह बात मसीही अगुवों और प्रचारकों पर विशेष रूप से लागू होती है। परमेश्वर अपने वचन के शिक्षकों को इस दायित्व के निर्वाह के लिए अन्य लोगों से अधिक ज़िम्मेदार मानता है; क्योंकि वे एक ऐसे पद पर हैं जहाँ से वे लोगों को मसीह के प्रति आकर्षित भी कर सकते हैं और उन्हें मसीह से निरुत्साहित करके उस से दूर भी कर सकते हैं।

चर्च के अगुवे, जैसे प्रमुख, पादरी, शिक्षक आदि की ज़िम्मेदारी निभाना एक बहुत महान और गंभीर अधिकार है। जिन्हें इस ज़िम्मेदारी के लिए बुलाया गया है उन का कार्य है लोगों को मसीह की ओर लेकर आएं न कि लोगों का मसीह से दूर होने का कारण बनें। ये अगुवे अपनी इस ज़िम्मेदारी को तभी भली भांति निभा सकते हैं जब वे उस सच्चे ज्ञान के केवल प्रचार करने वाले न हों, वरन उसे अपने जीवनों में प्रदर्शित भी करें: "जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है" (याकूब ३:१७)। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अच्छे नेता वही बन सकते हैं जो मसीह यीशु का अनुसरण करते हैं।

हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्‍योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे। - याकूब ३:१


बाइबल पाठ: याकूब ३
Jas 3:1 हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्‍योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे।
Jas 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
Jas 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं।
Jas 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्‍छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।
Jas 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
Jas 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्‍ड की आग से जलती रहती है।
Jas 3:7 क्‍योंकि हर प्रकार के वन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।
Jas 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रूकती ही नहीं, वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
Jas 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्‍पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
Jas 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
Jas 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नही होना चाहिए।
Jas 3:12 क्‍या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलता है? हे मेरे भाइयों, क्‍या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।
Jas 3:13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्‍छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्‍पन्न होती है।
Jas 3:14 पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्‍ड न करना, और न तो झूठ बोलना।
Jas 3:15 यह ज्ञान वह नहीं, जो ऊपर से उतरता है वरन सांसारिक, और शारीरिक, और शैतानी है।
Jas 3:16 इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है।
Jas 3:17 पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
Jas 3:18 और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ११-१३
  • प्रेरितों ९:१-२१

सोमवार, 27 जून 2011

फलों से पहचानिए

इतिहास साक्षी है कि अनेक बार अधर्मी और अयोग्य लोगों ने अपने प्रभावी व्यक्तित्व और विलक्षण कार्यों द्वारा प्रतापी और ऊँचे ओहदे प्राप्त कर लिये। लेकिन उनके ये स्वाभाविक गुण और विलक्षण कार्य, चाहे वे परमेश्वर के नाम से ही क्यों न किये गए हों, वह भला और आत्मिक नेतृत्व प्रदान नहीं कर सके जो परमेश्वर चाहता है और जिसके लिए अपनी सहमति देता है। इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है एक समय रूस के राज्य में रहा एक "पादरी" रासपुटिन।

रासपुटिन ने रूस के राजा ज़ार निकोलस द्वितीय के घर में अपनी पकड़ बना ली क्योंकि ऐसा लगता था कि किसी आलौकिक शक्ति द्वारा वह राजा के बिमार बेटे को ठीक रख पाता था। उस समय के अन्य चिकित्सकों की बजाए, रासपुटिन उस लड़के के लिए अधिक अच्छा कर पाता था। उसने ज़ार और उसकी पत्नि के मन यह भर दिया कि उनका बेटा केवल तब तक ही जीवित रहेगा जब तक वे उसकी बात मानते रहेंगे। राजा और रानी को अपने वश में करने के बाद रासपुटिन का व्यवहार क्रूर और अनैतिक होता गया, किंतु केवल अपनी धमकियों और भय के द्वारा ही वह महल और समाज में अपना स्थान बनाए रहा।

ठग शातिर हो सकते हैं, वे अद्भुत दिखने वाले झूठे चमत्कार भी कर सकते हैं; लेकिन जब उनके जीवन बारीके से जाँचे जाते हैं तब ही उनकी वास्तविकता पता पड़ती है। ऐसे लोग भला नेतृत्व कभी नहीं दे सकते क्यों कि उनके जीवनों में परमेश्वर के आत्मा के फल नहीं होते। उनका जीवन और भलाई वैसे ही झूठे हैं जैसे किसी सेब के पेड़ पर धागों से सेब बाँध दिये जाएं, यह दिखाने को कि वह पेड़ बहुत फल देने वाला है!

भले नेतृत्व की क्षमता बाहर से नहीं, भीतर से आती है। जिसके जीवन में परमेश्वर के आत्मा के फल (गलतियों ५:२२, २३): प्रेम, आनन्द, मेल धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम हों, वे ही भला नेतृत्व भी प्रदान कर सकते हैं।

भला नेतृत्व दे सकने वाले को पहचानना है, तो उसके जीवन में आत्मा के फलों को खोजिए। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अच्छा अगुवा वही है जो मार्ग जानता है, स्वयं उस मार्ग पर चलता है और उस मार्ग पर चलने के लिए दूसरों को प्रेरित करता है।

उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे; - मत्ती ७:१६

बाइबल पाठ: मती ७:१५-२०

Mat 7:15 झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्‍तु अन्दर में फाड़ने वाले भेड़िए हैं।
Mat 7:16 उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे; क्‍या झाडिय़ों से अंगूर, वा ऊंटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं?
Mat 7:17 इसी प्रकार हर एक अच्‍छा पेड़ अच्‍छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।
Mat 7:18 अच्‍छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्‍छा फल ला सकता है।
Mat 7:19 जो जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है।
Mat 7:20 सो उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ८-१०
  • प्रेरितों ८:२६-४०

रविवार, 26 जून 2011

अच्छा उदाहरण

१९४० के दशक में मूडी बाइबल इन्सटीट्यूट के प्रमुख, विल हौटन, पहले न्यू यॉर्क शहर में एक चर्च के पादरी हुआ करते थे, और उन्के विश्वास के उत्तम जीवन के कारण वहाँ उनका बहुत नाम था। वहाँ रहने वाला एक व्यक्ति जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करता था, आत्म हत्या करने के बारे में सोच रहा था। उसने अपने आप को एक मौका और देने की ठानी और निश्चय किया कि यदि उसे एक भी ऐसा प्रचारक मिल जाएगा जो अपने प्रचार को अपने जीवन में जी कर के दिखाता हो, तो वह उसकी बात सुनेगा। क्योंकि विल हौटन का उन दिनों बहुत नाम था इसलिए उसने विल को ही अपने अध्ययन का विष्य बनाने का निर्णय किया। उसने एक निजी जासूस को नियुक्त किया कि वह विल पर गुप्त रूप से लगातार नज़र रखे और उसकी गतिविधियों का विशलेष्ण कर के उसे बताए। कुछ समय बाद उस जासूस ने अपनी रिपोर्ट उसे पेश करी, जिसका निशकर्ष था कि विल किसी भी बात में दोषी नहीं पाया गया है। वह अविश्वासी विल के चर्च जाने लगा, उसने अपने पापों से पश्चाताप कर के प्रभु यीशु को अपना निज उद्धारकर्ता ग्रहण किया, और बाद में अपनी बेटी को मूडी बाइबल इन्सटीट्यूट में बाइबल अध्ययन के लिए भेजा।

बाइबल का एक पात्र न्हेम्याह भी ऐसा ही व्यक्ति था जिसने अपने जीवन के उदाहरण द्वारा अपने आस-पास के लोगों को प्रभावित किया। यहाँ तक कि बहुत धनी ऊँचे ओहदे वाले लोग भी शाँत होकर आदर से उसकी बात सुनते थे, तब भी जब वह उन्हें डाँट रहा होता था। क्यों? उसके जीवन जीने के स्तर के कारण। जो कुछ वह चाहता था कि दूसरे करें, वह पहले अपने जीवन में उसे कर के दिखाता था। न्हेम्याह ने कभी अपने ओहदे को दौलत जमा करने का ज़रिया नहीं बनाया, उसने कामगारों को केवल काम करने की आज्ञा नहीं दी वरन उनके साथ मिलकर उनके कठोर परिश्रम में उनका हाथ भी बंटाया। ऐसे व्य्क्ति की बात को कौन नहीं सुनता, कौन उसकी बात को टालता?

एक उत्तम जीवन, उन में जो उसे देखते हैं, आत्मिक और नैतिक बोध उत्पन्न करता है और अपनी गवाही के शब्दों पर विश्वास की सामर्थ देता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अपने होटों से बेहतर प्रचार हम अपने जीवन द्वारा कर सकते हैं।

कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - १ तिमुथियुस ४:१२


बाइबल पाठ: न्हेम्याह ५:१-१६

Neh 5:1 तब लोग और उनकी स्त्रियों की ओर से उनके भाई यहूदियों के किरुद्ध बड़ी चिल्लाहट मची।
Neh 5:2 कितने तो कहते थे, हम अपने बेटे-बेटियों समेत बहुत प्राणी हैं, इसलिये हमें अन्न मिलना चाहिये कि उसे खाकर जीवित रहें।
Neh 5:3 और कितने कहते थे, कि हम अपने अपने खेतों, दाख की बारियों और घरों को महंगी के कारण बन्धक रखते हैं, कि हमें अन्न मिले।
Neh 5:4 फिर कितने यह कहते थे, कि हम ने राजा के कर के लिये अपने अपने खेतों और दाख की बारियों पर रुपया उधार लिया।
Neh 5:5 परन्तु हमारा और हमारे भाइयों का शरीर और हमारे और उनके लड़के बाले एक ही समान हैं, तौभी हम अपने बेटे-बेटियों को दास बनाते हैं; वरन हमारी कोई कोई बेटी दासी भी हो चुकी हैं और हमारा कुछ बस नहीं चलता, क्योंकि हमारे खेत और दाख की बारियां औरों के हाथ पड़ी हैं।
Neh 5:6 यह चिल्लाहट ओर ये बातें सुनकर मैं बहुत क्रोधित हुआ।
Neh 5:7 तब अपने मन में सोच विचार करके मैं ने रईसों और हाकिमों को घुड़क कर कहा, तुम अपने अपने भाई से ब्याज लेते हो। तब मैं ने उनके विरुद्ध एक बड़ी सभा की।
Neh 5:8 और मैं ने उन से कहा, हम लोगों ने तो अपनी शक्ति भर अपने यहूदी भाइयों को जो अन्यजातियों के हाथ बिक गए थे, दाम देकर छुड़ाया है, फिर क्या तुम अपने भाइयों को बेचोगे? क्या वे हमारे हाथ बिकेंगे? तब वे चुप रहे और कुछ न कह सके।
Neh 5:9 फिर मैं कहता गया, जो काम तुम करते हो वह अच्छा नहीं है; क्या तुम को इस कारण हमारे परमेश्वर का भय मानकर चलना न चाहिये कि हमारे शत्रु जो अन्यजाति हैं, वे हमारी नामधराई न करें?
Neh 5:10 मैं भी और मेरे भाई और सेवक उनको रुपया और अनाज उधार देते हैं, परन्तु हम इसका ब्याज छोड़ दें।
Neh 5:11 आज ही अनको उनके खेत, और दाख, और जलपाई की बारियां, और घर फेर दो; और जो रुपया, अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल तुम उन से ले लेते हो, उसका सौवां भाग फेर दो;
Neh 5:12 अन्होंने कहा, हम उन्हें फेर देंगे, और उन से कुछ न लेंगे; जैसा तू कहता है, वैसा ही हम करेंगे। तब मैं ने याजकों को बुलाकर उन लोगों को यह शपथ खिलाई, कि वे इसी वचन के अनुसार करेंगे।
Neh 5:13 फिर मैं ने अपने कपड़े की छोर फाड़ कर कहा, इसी रीति से जो कोई इस वचन को पूरा न करे, उसको परमेश्वर फाड़ कर, उसका घर और कमाई उस से छुड़ाए, और इसी रीति से वह फाड़ा जाए, और छूछा हो जाए। तब सारी सभा ने कहा, आमीन ! और यहोवा की स्तुति की। और लोगों ने इस वचन के अनुसार काम किया।
Neh 5:14 फिर जब से मैं यहूदा देश में उनका अधिपति ठहराया गया, अर्थात राजा अर्तझत्र के बीसवें वर्ष से ले उसके बत्तीसवें वर्ष तक, अर्थात बारह वर्ष तक मैं और मेरे भाई अधिपति के हक का भोजन खाते रहे।
Neh 5:15 परन्तु पहिले अधिपति जो मुझ से आगे थे, वह प्रजा पर भार डालते थे, और उन से रोटी, और दाखमधु, और इस से अधिक चालीस शेकेल चान्दी लेते थे, वरन उनके सेवक भी प्रजा के ऊपर अधिकार जताते थे, परन्तु मैं ऐसा नहीं करता था, क्योंकि मैं यहोवा का भय मानता था।
Neh 5:16 फिर मैं शहरपनाह के काम में लिपटा रहा, और हम लोगों ने कुछ भूमि मोल न ली और मेरे सब सेवक काम करने के लिये वहां इकट्ठे रहते थे।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ५-७
  • प्रेरितों ८:१-२५