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मंगलवार, 4 अक्टूबर 2011

आशा का लंगर

 सर्दियों की बारिश में एक अख़बार बाँटने वाला लड़का एक घर के दरवाज़े की ओट में खड़ा "प्रातः का अखबार" पुकार रहा था। बारिश से वह भीग गया था और ठंड से काँप रहा था। गर्म कोट और छाते के सहारे एक व्यक्ति उसके पास आया और उससे अखबार लेते हुए बोला, "ऐसा मौसम तुम्हारे लिए बहुत परेशानी वाला है; है ना?" लड़के ने उत्तर दिया, "श्रीमन, मैं इससे विचलित नहीं होता, क्योंकि सूर्य फिर अवश्य ही चमकेगा।"

   विपरीत परिस्थितियों की सर्द हवाएं और पाप के घने बादल हमें अवश्य निराश कर सकते हैं, लेकिन हम बेहतर दिनों की आशा रख सकते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि परमेश्वर नियंत्रण में है और हमारे जीवनों में कार्यरत है। इसी आशा को परमेश्वर के वचन में "आत्मा का लंगर" कहा गया है (इब्रानियों ६:१९)। यह वह लंगर है जो कभी निराश नहीं करता (रोमियों ५:५), सदा की धार्मिकता का वायदा देता है (गलतियों५:५), अनन्त जीवन इसके साथ जुड़ा है (तीतुस १:२)। यह वह जीवित आशा है जो मसीह के मृतकों में से पुनरुत्थान (१ पतरस १:३) और मसीह के पुनरागमन (तीतुस २:१३) पर आधारित है।

   जब परिस्थितियाँ सामर्थ से बाहर प्रतीत हों और जीवन के तनाव हमें दबाने और पीसने लगें तो इस बात में आश्वस्त रहें कि जिस प्रभु यीशु ने हमारे लिए अपने प्राण दे दिए, वह अब भी हमारे हित में कार्य कर रहा है और हमें कभी निस्सहाय नहीं छोड़ेगा। हम परमेश्वर के वायदों पर पूरा भरोसा रख कर धैर्य के साथ परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। हमारा "आशा का लंगर" हमें स्थिर रखेगा और भटकने नहीं देगा। - डेनिस डी हॉन

भोर से पहले अन्धकार घना हो जाता है।

वह आशा हमारे प्राण के लिये ऐसा लंगर है जो स्थिर और दृढ़ है, और परदे के भीतर तक पहुंचता है। - इब्रानियों ६:१९
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों ६:९-२०
    Heb 6:9  पर हे प्रियो यद्यपि हम ये बातें कहते हैं तौभी तुम्हारे विषय में हम इस से अच्छी और उद्धार वाली बातों का भरोसा करते हैं।
    Heb 6:10  क्‍योंकि परमेश्वर अन्यायी नहीं, कि तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो तुम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया, कि पवित्र लोगों की सेवा की, और कर रहे हो।
    Heb 6:11  पर हम बहुत चाहते हैं, कि तुम में से हर एक जन अन्‍त तक पूरी आशा के लिये ऐसा ही प्रयत्‍न करता रहे।
    Heb 6:12  ताकि तुम आलसी न हो जाओ; वरन उन का अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।
    Heb 6:13  और परमेश्वर ने इब्राहीम को प्रतिज्ञा देते समय जब कि शपथ खाने के लिये किसी को अपने से बड़ा न पाया, तो अपनी ही शपथ खा कर कहा।
    Heb 6:14  कि मैं सचमुच तुझे बहुत आशीष दूंगा, और तेरी सन्‍तान को बढ़ाता जाऊंगा।
    Heb 6:15  और इस रीति से उस ने धीरज धर कर प्रतिज्ञा की हुई बात प्राप्‍त की।
    Heb 6:16  मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाया करते हैं और उन के हर एक विवाद का फैसला शपथ से पक्का होता है।
    Heb 6:17  इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा, कि उसकी मनसा बदल नहीं सकती तो शपथ को बीच में लाया।
    Heb 6:18  ताकि दो बे-बदल बातों के द्वारा जिन के विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अन्‍होना है, हमारा दृढ़ता से ढाढ़स बन्‍ध जाए, जो शरण लेने को इसलिये दौड़े हैं, कि उस आशा को जो साम्हने रखी हुई है प्राप्‍त करें।
    Heb 6:19  वह आशा हमारे प्राण के लिये ऐसा लंगर है जो स्थिर और दृढ़ है, और परदे के भीतर तक पहुंचता है।
    Heb 6:20  जहां यीशु मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुए की रीति पर प्रवेश हुआ है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह २०-२२ 
  • इफिसियों ६

सोमवार, 3 अक्टूबर 2011

हर परिस्थिति में जयवंत

   मैं पाल और वायु के सहारे चलने वाली नौकाओं की एक नौका दौड़ देखने गया। मुख्य प्रतिस्पर्धा दो नौकाओं ’लिबर्टी’ और ऑस्ट्रेलिया २’ में थी। ’लिबर्टी’ नौका की बनावट कुछ भारी थी और वह १५-२० नौट की गति वाली हवाओं में सबसे अच्छी चलती थी जब कि ’ऑस्ट्रेलिया २’ की बनावटा हलकी थी किंतु उसकी तली को स्थिरता के लिए विशेष प्रकार से बनाया गया था और वह ७-१२ नौट की गति वाली हवाओं में सबसे अच्छी चलती थी। लेकिन हवा और परिस्थिति कैसी भी हो, दोनो नौकाओं के नाविक उपलब्ध वायु वेग का भरपूरी से उपयोग करके अपनी नौका को आगे निकाल ले जाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे थे।

   मसीही विश्वासी भी कुछ बातों में इन दोनो नौकाओं के समान होते हैं; कुछ के चरित्र का निखार जीवन की तेज़ हवाओं और विपरीत परिस्थितियों में होता है, तो कुछ जीवन की धीमी हवाओं और सहज परिस्थितियों में निखर कर सामने आते हैं। लेकिन जीवन की परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हमें, उन नाविकों के समान, परमेश्वर द्वारा दी गई हर परिस्थिति का भरपूरी से उपयोग करना सीखना चाहिए। हमारा परमेश्वर पिता जानता है कि हमारी बनावट कैसी है और किन परिस्थितियों में हम सबसे अच्छा कार्य कर सकते हैं। भजनकार कहता है, "क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठ कर तरंगों को उठाती है" (भजन १०७:२५); तथा, "वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं" (भजन १०७:२९)। जैसे परमेश्वर प्रकृति पर पूर्णतः नियंत्रण रखता है, वैसे ही हमारे जीवन की परिस्थितियों पर भी पूर्णतः नियंत्रण रखता है।

   उस नौका दौड़ के प्रतिस्पर्धियों को तो मौसम की पूर्व जानकरी देने वालों से आते समय के मौसम और वायु वेग की जानकारी पर निर्भर रहना पड़ता है, वह चाहे वह जानकारी सही निकले या गलत; लेकिन परमेश्वर के विश्वासियों को यह आश्वासन है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, हमारा परमेश्वर सदैव हमारे साथ है। जीवन का ’मौसम’ चाहे शांत हो अथवा ’तूफानी’ हमारा परमेश्वर हमें सुरक्षित हमारी बन्दरगाह तक लेकर आएगा। - पौल वैन गोर्डर


हम वायु की दशा और दिशा तो नहीं बदल सकते लेकिन अपने जीवन नौका के पाल को अवश्य ठीक से नियंत्रित कर सकते हैं।

तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है। - भजन १०७:२८
 
बाइबल पाठ: भजन १०७:२१-३१
    Psa 107:21  लोग यहोवा की करूणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
    Psa 107:22  और वे धन्यवादबलि चढ़ाएं, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें।
    Psa 107:23  जो लोग जहाज़ों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं;
    Psa 107:24  वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं।
    Psa 107:25  क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है।
    Psa 107:26  वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उन के जी में जी नहीं रहता;
    Psa 107:27  वे चक्कर खाते, और मतवाले की नाई लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है।
    Psa 107:28  तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है।
    Psa 107:29  वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं।
    Psa 107:30  तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है।
    Psa 107:31  लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १७-१९ 
  • इफिसियों ५:१७-३३

रविवार, 2 अक्टूबर 2011

संचालक कौन?

   उत्तरी ध्रुव के निकटवर्ती देश ग्रीनलैंड के समुद्री तट का जल सदा बर्फीला रहता है। यहाँ समुद्र के जल में छोटी-बड़ी हिमशिलाएं अनगिनित संख्या में तैरती रहती हैं। कई बार देखा जाता है कि छोटी हिमशिला एक दिशा में बह रही होती हैं तो बड़ी हिमशिलाएं उनके विपरीत दिशा में बह रही होती हैं। इस विरोधाभास का कारण है उन हिमशिलाओं को संचालित करने वाली शक्तियाँ। छोटी हिमशिलाएं सतह पर चल रही हवा के वेग से प्रभावित होकर बहती हैं, लेकिन बड़ी हिमशिलाएं जल में डूबी अपनी गहराई के कारण गहरे जल की धाराओं के प्रभाव से बहती हैं।

   हमें भी जब परेशानियों, कठिनाईयों और परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, तो दो प्रकार के प्रभाव हमारे जीवन में कार्य करते हैं - एक वे जो सतह पर बहने वाली हवाओं के समान अस्थिर, अप्रत्याशित एवं दुखदायी होते हैं, और दूसरे प्रभाव - जो पहले प्रभावों से अधिक शक्तिशाली तथा गहरे समुद्र की धाराओं के समान होते हैं - परमेश्वर की अटल योजनाओं और ज्ञान के, उसके विश्वासियों के जीवन को संचालित करने वाले प्रभाव।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार आसफ अन्यायी और दुष्ट लोगों की समृद्धि को समझने के लिए परेशान था; जब वह परमेश्वर के सम्मुख इस विष्य पर मनन करने आया, तो उसे इस बात से संबंधित परमेश्वर का उद्देश्य समझ में आया (भजन ७३:१७)। अय्युब ने क्लेषों का सामना करते हुए परमेश्वर पर अपने विश्वास के संबंध में कहा, यदि वह मुझे घात भी करेगा तौभी मैं उस पर भरोसा रखूँगा (अय्युब १३:१५)। पौलुस प्रेरित इस बात पर दृढ़ था कि, "मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया" (गलतियों २:२०); अपने इसी विश्वास के कारण वह कह सका "हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते" (२ कुरिन्थियों ४:८)।

   चाहे सतह पर चलने वाली हवाएं कितने भी रुख बदलें, कितनी भी तेज़ चलें; हमें घबराने की आवश्यक्ता नहीं है। यदि हमारा विश्वास सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर प्रभु यीशु पर है तो उसके प्रेम और ज्ञान की सामर्थी गहरी धाराएं हमें शांति पूर्वक सही दिशा में ही ले कर चलती रहेंगी; वह ही हमारा संचालक रहेगा, संसार की परिस्थितियां नहीं। - डेनिस डी हॉन

मसीह के साथ तूफान का सामना करना बिन मसीह के शांत जल में यात्रा करने से उत्तम है।

मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। - गलतियों २:२०
 
बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ४:७-१८
    2Co 4:7  परन्‍तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
    2Co 4:8  हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
    2Co 4:9  सताए तो जाते हैं, पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
    2Co 4:10  हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
    2Co 4:11  क्‍योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरणहार शरीर में प्रगट हो।
    2Co 4:12  सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर।
    2Co 4:13  और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।
    2Co 4:14  क्‍योंकि हम जानते हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जान कर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।
    2Co 4:15  क्‍योंकि सब वस्‍तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
    2Co 4:16  इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।
    2Co 4:17  क्‍योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्‍त जीवन महिमा उत्‍पन्न करता जाता है।
    2Co 4:18  और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्‍योंकि देखी हुई वस्‍तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुएं सदा बनी रहती हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १४-१६ 
  • इफिसियों ५:१-१६

शनिवार, 1 अक्टूबर 2011

पिता का नियंत्रण

   इंग्लैंड से न्यूयॉर्क जा रहे एक यात्री पानी के जहाज़ को रात्रि में अचानक उठे समुद्री तूफान का सामना करना पड़ा। जहाज़ तेज़ हवाओं और ऊँची लहरों में हिचकोले लेने लगा और सभी यात्री घबरा कर उठ बैठे। यात्रियों में जहाज़ के कप्तान का परिवार भी था। कप्तान की ८ वर्षीय बेटी भी डर कर उठ बैठी और रोने लगी, उसकी माँ ने उसे दिलासा दी और समझाया। बेटी ने माँ से पूछा, "पिताजी कहाँ हैं?" माँ ने उत्तर दिया, "वे ऊपर नियंत्रण कक्ष में हैं।" यह सुनकर वह बच्ची अपने बिस्तर में शाँत होकर लेट गई और फिर से सो गई। बाहर तूफान अभी भी ज़ोर मार रहा था, जहाज़ अभी भी हिचकोले ले रहा था, लेकिन वह बच्ची अब शाँत थी क्योंकि उस बच्ची को अब भरोसा था - जहाज़ उसके पिता के नियंत्रण में था, अब उसे भय नहीं था।

   कोई भी मसीही विश्वासी ज़िन्दगी के तूफानों से अछूता नहीं रह सकता, सब को उनका सामना करना पड़ता है। उद्धार के लिए परमेश्वर का अनुग्रह कभी इस आश्वासन के साथ नहीं आता कि अब से कभी किसी परेशानी का सामना उद्धार पाने वाले को नहीं करना पड़ेगा। लेकिन परमेश्वर का यह आशवासन प्रत्येक विश्वास करने वाले के साथ अवश्य रहता है कि ज़िन्दगी के हर तूफान में परमेश्वर की उपस्थिति उनके साथ अवश्य बनी रहेगी, और उसकी सामर्थ उन्हें हर परिस्थिति में शांति देती रहेगी, उनकी रक्षा करती रहेगी।

   परमेश्वर हमारे जीवन का और हमारी परिस्थितियों का नियंत्रक है, वह अपने दाहिने हाथ में हमें संभाल्र रहता है। विपरीत हवाओं के थपेड़े और अस्थिरता की लहरें हमें झकझोर सकती हैं, लेकिन हमारे स्वर्गीय पिता का नियंत्रण सदा बना रहता है; यदि हम उस पर अपना विश्वास बनाए रखेंगे, वह हमारे हृदयों को भी शांत करेगा और तूफान के प्रहारों को भी। - पौल वैन गोर्डर


यदि हमारा उद्धारकर्ता हमारे जीवन का संचालक है, तो हमें बेचैन होकर इधर-उधर भागने की कोई आवश्यक्ता नहीं।

... हे अल्पविश्वासियों, क्‍यों डरते हो? तब उस ने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया। - मत्ती ८:२६
 
बाइबल पाठ: मत्ती ८:२३-२७
    Mat 8:23  जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
    Mat 8:24  और देखो, झील में एक एसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
    Mat 8:25  तब उन्‍होंने पास आ कर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं।
    Mat 8:26  उस ने उन से कहा, हे अल्पविश्वासियों, क्‍यों डरते? हो तब उस ने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया।
    Mat 8:27  और लोग अचम्भा करके कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ११-१३ 
  • इफिसियों ४

शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

जैसा कहो वैसा करो

   एक पिता प्रार्थना में अपने परिवार की अगुवाई कर रहा था। प्रार्थना के विषयों में उस ने अपने पड़ौस में रहने वाली विधवा और उसकी आवश्यक्ताओं के बार में भी प्रार्थना करी। अपनी प्रार्थना में पिता ने परमेश्वर के सामने उस विधवा की आवश्यक्ताओं को गिनाया और परमेश्वर को यह भी बताया कि किन तरीकों से परमेश्वर उसकी आवश्यक्ताएं पूरी कर सकता है। पिता की यह प्रार्थना सुन कर, सहानुभूति में, उसकी पत्नि के आँसु बहने लगे। लेकिन उनका पुत्र प्रार्थना सुनते सुनते सोचने लगा; जब पिता ने प्रार्थना अन्त करी तो वह पिता से बोला, "पिताजी ज़रा अपना बटुआ मुझे दीजिए, मैं अभी जा कर, आपकी प्रार्थनानुसार उस विधवा की सभी आवश्यक्ताएं पूरी करके आप की प्रार्थना का उत्तर ले आता हूँ!" वह युवक समझ रहा था कि प्रार्थना और उसके अनुरूप कार्य साथ-साथ चलते हैं।

   जब हम परमेश्वर से वार्तालाप करें तो साथ-साथ परमेश्वर के लिए कार्य करने को भी तैयार रहें। जब हम परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह संसार रूपी खेत से अपने राज्य के लोगों रूपी फसल की कटाई के लिए मज़दूर भेजे, तो साथ ही हमें इस कार्य के लिए संसार में जाने को परमेश्वर के लिए उपलब्ध भी रहना चाहिए। यदि हम उस से अपने किसी मित्र के लिए उद्धार माँगें तो हमें उस मित्र के सामने प्रभु के लिए गवाही देने और प्रभु का वचन उस तक पहुँचाने को तत्पर रहना चाहिए। जब हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि वह शीघ्र आए तो उसके आगमन के लिए अपने आप को तैयार रखना चाहिए - अपने व्यवसाय में नैतिकता, प्रभु से मिली अपनी संपदा के श्रेष्ठ भंडारी बनने, और अपनी जीवन शैली में प्रभु को आदर एवं प्रथम स्थान देने के द्वारा।

   प्रभु यीशु के चेले युहन्ना ने अपनी पहली पत्री में इस विचार को समझाया है। उसने लिखा कि हमें अपने प्रेम को केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं रखना है, उसे अपने कर्मों में प्रदर्शित भी करना है - "और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्‍योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं" (१ युहन्ना ३:२२)। हमारी प्रार्थनाओं की सार्थकता, उन प्रार्थनाओं के अनुरूप हमारे कार्यों द्वारा प्रदर्शित होती है। - पौल वैन गोर्डर

हमारे कर्म हमारी प्रार्थनाओं की सार्थकता के सूचक और उत्तर बनते हैं।

हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। - १ युहन्ना ३:१८
 
बाइबल पाठ: - १ युहन्ना ३:७-१८
    1Jn 3:7  हे बालको, किसी के भरमाने में न आना; जो धर्म के काम करता है, वही उस की नाईं धर्मी है।
    1Jn 3:8  जो कोई पाप करता है, वह शैतान की ओर से है, क्‍योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है: परमेश्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे।
    1Jn 3:9  जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नहीं करता; क्‍योंकि उसका बीज उस में बना रहता है: और वह पाप कर ही नहीं सकता, क्‍योंकि परमेश्वर से जन्मा है।
    1Jn 3:10  इसी से परमेश्वर की सन्‍तान, और शैतान की सन्‍तान जाने जाते हैं; जो कोई धर्म के काम नहीं करता, वह परमेश्वर से नहीं, और न वह, जो अपने भाई से प्रेम नहीं रखता।
    1Jn 3:11  क्‍योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें।
    1Jn 3:12  और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्‍ट से था, और जिस ने अपने भाई को घात किया: और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे।
    1Jn 3:13  हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना।
    1Jn 3:14  हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुंचे हैं; क्‍योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं: जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है।
    1Jn 3:15  जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्‍त जीवन नहीं रहता।
    1Jn 3:16  हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उस ने हमारे लिए अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
    1Jn 3:17  पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्‍योंकर बना रह सकता है?
    1Jn 3:18  हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ९-१० 
  • इफिसियों ३

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

अप्रत्याशित उत्तर

   बाइबल संबंधित पुस्तकों के लेखक और वक्ता जोश मैक्डोअवल अपनी दिवंगत माँ के मृत्युपूर्व उद्धार पा लेने के बारे में अनिश्चित थे और यह बात उन्हें बहुत परेशान कर रही थी। इस बात को सोच कर कि संभवतः उनकी माँ अनन्त के विनाश में चली गईं हैं और अब कभी वे अपनी माँ से नहीं मिल पाएंगे, वे निराशा में जाने लगे थे। ऐसे में, यद्यपि यह प्रार्थना उन्हें असंभव प्रतीत हुई, फिर भी उन्हों ने परमेश्वर से माँगा कि, "प्रभु मुझे किसी रीति से यह उत्तर दीजिए, जिससे मैं पुनः सामन्य पर आ जाऊँ; मुझे अपनी माँ के उद्धार के बारे में जानना ही है।"

   इस प्रार्थना के दो दिन पश्चात जोश समुद्र तट पर घूमने गए; वे वहाँ तट पर विचरण कर रहे थे कि वहाँ मछली पकड़ने को बैठी एक महिला ने उन से वार्तालाप आरंभ किया और पूछा कि "आप मूलतः कहाँ के रहने वाले हैं?" जोश ने उत्तर दिया "मिशिगन की यूनियन सिटी के, जो कि..." उनकी बात काटते हुए उस महिला ने बात पूरी करी, "..बैटल क्रीक का एक भाग है; मेरे कुछ कुटुंबी वहाँ रहा करते थे - क्या आप वहाँ के किसी मैक्डोवल परिवार को जानते हैं?" जोश आश्चर्यचकित होकर बोले, "जी हाँ; मैं जोश मैक्डोवेल हूँ!" महिला ने विसमित हो कर उत्तर दिया, "मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है; मैं तुम्हारी माँ की चचेरी बहन हूँ।" जोश ने उनसे पूछा, "क्या आपको मेरी माँ के आत्मिक जीवन के बारे में कुछ ज्ञान है?" महिला बोली, "हाँ, अवश्य; बहुत वर्ष पूर्व, जब मैं और तुम्हारी माँ युवतियाँ ही थे, तो हमारे कसबे में एक मसीही प्रचारक आए थे और उन्हों ने मसीही विश्वास के लिए सभाएं संबोधित करीं थीं। सभाओं की चौथी रात को मैंने और तुम्हारी माँ ने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया था।" इतना सुनते ही जोश आनन्द से चिल्ला उठे, "प्रभु की स्तुति और महिमा हो"; वे इतनी ज़ोर से चिल्लाए कि आस-पास बैठे अन्य मछली पकड़ने वाले उन्हें विसमय से देखने लगे। परमेश्वर ने अद्भुत रीति से जोश को उन की असंभव प्रतीत होने वाली प्रार्थना का स्पष्ट उत्तर दे दिया था।

   यदि हम परमेश्वर के आज्ञाकारी रहते हैं और उसकी इच्छानुसार प्रार्थना में उससे माँगते हैं तो वह अवश्य हमें उत्तर देता है। हमारी प्रार्थनाओं के उत्तर देने की परमेश्वर की क्षमता पर हमें कभी शक नहीं करना चाहिए और ना ही उसे हलका आंकना चाहिए। संभव है कि आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर बस आने ही को है। - डेनिस डी हॉन


जब हम परमेश्वर से निश्चित हो कर माँगते हैं, तो निश्चित ही वह उत्तर देता है।

और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्‍योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं। - १ युहन्ना ३:२२
 
बाइबल पाठ: १ युहन्ना ३:१९-२४
    1Jn 3:19  इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उस विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे।
    1Jn 3:20  क्‍योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है और सब कुछ जानता है।
    1Jn 3:21  हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के सामने हियाव होता है।
    1Jn 3:22  और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्‍योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं।
    1Jn 3:23  और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उस ने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें।
    1Jn 3:24  और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और यह उस में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ७-८ 
  • इफिसियों २

बुधवार, 28 सितंबर 2011

सबसे महान सेवकाई

   स्कॉटलैण्ड के सुप्रसिद्ध प्रचारक जौन नौक्स, बहुत बीमार हुए, उन्होंने अपनी पत्नि को बुलाया और कहा, "मुझे बाइबल का वह खंड पढ़कर सुनाओ जिसके द्वारा मैं स्थिर किया गया था।" उनकी पत्नि ने बाइबल पढ़ना आरंभ किया, युहन्ना १७ में प्रभु यीशु की सुन्दर प्रार्थना सुनने के बाद, नौक्स ने प्रार्थना करना आरंभ कर दिया। उन्होंने अपने साथ के लोगों के लिए प्रार्थना करी, उन लोगों के लिए प्रार्थना करी जिन्होंने सुसमाचार की अवहेलना करी थी और प्रभु यीशु को उद्धारकर्ता मानने से इन्कार कर दिया था, उन लोगों कि लिए प्रार्थना करी जिन्होंने अभी हाल ही में प्रभु यीशु को उद्धारकर्ता ग्रहण किया था। उन्होंने परमेश्वर से उन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करी जो सुसमाचार की सेवकाई में लगे हुए हैं और सताव का सामना कर रहे हैं। प्रार्थना करते करते प्रभु के उस सेवक की आत्मा सदा के लिए अपने प्रभु से जा मिली। वह व्यक्ति जिसके लिए स्कॉटलैण्ड की रानी - मेरी, ने कहा था: "मैं अपने शत्रुओं की सेना से अधिक उस व्यक्ति की प्रार्थनाओं से घबराती हूँ" अपनी जीवन के अन्तिम क्षण तक प्रार्थना की सेवकाई में लगा रहा।

   प्रार्थना मसीही विश्वासी के जीवन में कार्य करने की सामर्थ है। यद्यपि अकसर लोग प्रार्थना को परमेश्वर की उपासना का एक भाग मानते हैं, लेकिन प्रार्थना उससे बढ़ कर परमेश्वर के लिए हमारी सेवकाई का आवश्यक अंग है। हमारे प्रभु ने जितना अपने शिष्य शमौन पतरस के लिए उसे निराशाओं से उभारने के द्वारा किया, उतना ही उसके लिए प्रार्थना के द्वारा भी किया।

   प्रार्थना हमारा प्रधान कर्तव्य है - यदि हम इस बात को मानते हैं तो हम प्रार्थना में अधिक समय भी बिताएंगे। जब हम किसी के लिए और कुछ ना भी करने पाएं, तब भी हम उसके लिए प्रार्थना कर सकते हैं; और ऐसा करके हम अपनी सबसे महान सेवकाई को पूरा करेंगे। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

परमेश्वर के योद्धा अपने युद्ध अपने घुटनों पर झुक कर लड़ते हैं।

परन्‍तु मैं ने तेरे लिये विनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना। - लूका २२:३२

बाइबल पाठ: लूका २२:३१-४६
    Luk 22:31  शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को मांग लिया है कि गेंहूं की नाई फटके।
    Luk 22:32  परन्‍तु मैं ने तेरे लिये विनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना।
    Luk 22:33  उस ने उस से कहा; हे प्रभु, मैं तेरे साथ बन्‍दीगृह जाने, वरन मरने को भी तैयार हूं।
    Luk 22:34  उस ने कहा, हे पतरस मैं तुझ से कहता हूं, कि आज मुर्ग बांग ना देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्‍कार न कर लेगा कि मैं उसे नहीं जानता।
    Luk 22:35  और उस ने उन से कहा, कि जब मैं ने तुम्हें बटुए, और झोली, और जूते बिना भेजा था, तो क्‍या तुम को किसी वस्‍तु की घटी हुई थी? उन्‍होंने कहा; किसी वस्‍तु की नहीं।
    Luk 22:36  उस ने उन से कहा, परन्‍तु अब जिस के पास बटुआ हो वह उसे ले, और वैसे ही झोली भी, और जिस के पास तलवार न हो वह अपने कपड़े बेच कर एक मोल ले।
    Luk 22:37  क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि यह जो लिखा है, कि वह अपराधियों के साथ गिना गया, उसका मुझ में पूरा होना अवश्य है; क्‍योंकि मेरे विषय की बातें पूरी होने पर हैं।
    Luk 22:38  उन्‍होंने कहा, हे प्रभु, देख, यहां दो तलवारें हैं: उस ने उन से कहा, बहुत हैं।
    Luk 22:39  तब वह बाहर निकल कर अपनी रीति के अनुसार जैतून के पहाड़ पर गया, और चेले उसके पीछे हो लिए।
    Luk 22:40  उस जगह पहुंच कर उस ने उन से कहा, प्रार्थना करो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो।
    Luk 22:41  और वह आप उन से अलग एक ढेला फेंकने के टप्‍पे भर गया, और घुटने टेक कर प्रार्थना करने लगा।
    Luk 22:42  कि हे पिता यदि तू चाहे तो इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले, तौभी मेरी नहीं परन्‍तु तेरी ही इच्‍छा पूरी हो।
    Luk 22:43  तब स्‍वर्ग से एक दूत उस को दिखाई दिया जो उसे सामर्थ देता था।
    Luk 22:44  और वह अत्यन्‍त संकट में व्याकुल होकर और भी हृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा, और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्‍दों की नाईं भूमि पर गिर रहा था।
    Luk 22:45  तब वह प्रार्थना से उठा और अपने चेलों के पास आकर उन्‍हें उदासी के मारे सोता पाया; और उन से कहा, क्‍यों सोते हो?
    Luk 22:46  उठो, प्रार्थना करो, कि परीक्षा में न पड़ो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५-६ 
  • इफिसियों १