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सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

हर परिस्थिति में जयवंत

   मैं पाल और वायु के सहारे चलने वाली नौकाओं की एक नौका दौड़ देखने गया। मुख्य प्रतिस्पर्धा दो नौकाओं ’लिबर्टी’ और ऑस्ट्रेलिया २’ में थी। ’लिबर्टी’ नौका की बनावट कुछ भारी थी और वह १५-२० नौट की गति वाली हवाओं में सबसे अच्छी चलती थी जब कि ’ऑस्ट्रेलिया २’ की बनावटा हलकी थी किंतु उसकी तली को स्थिरता के लिए विशेष प्रकार से बनाया गया था और वह ७-१२ नौट की गति वाली हवाओं में सबसे अच्छी चलती थी। लेकिन हवा और परिस्थिति कैसी भी हो, दोनो नौकाओं के नाविक उपलब्ध वायु वेग का भरपूरी से उपयोग करके अपनी नौका को आगे निकाल ले जाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे थे।

   मसीही विश्वासी भी कुछ बातों में इन दोनो नौकाओं के समान होते हैं; कुछ के चरित्र का निखार जीवन की तेज़ हवाओं और विपरीत परिस्थितियों में होता है, तो कुछ जीवन की धीमी हवाओं और सहज परिस्थितियों में निखर कर सामने आते हैं। लेकिन जीवन की परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हमें, उन नाविकों के समान, परमेश्वर द्वारा दी गई हर परिस्थिति का भरपूरी से उपयोग करना सीखना चाहिए। हमारा परमेश्वर पिता जानता है कि हमारी बनावट कैसी है और किन परिस्थितियों में हम सबसे अच्छा कार्य कर सकते हैं। भजनकार कहता है, "क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठ कर तरंगों को उठाती है" (भजन १०७:२५); तथा, "वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं" (भजन १०७:२९)। जैसे परमेश्वर प्रकृति पर पूर्णतः नियंत्रण रखता है, वैसे ही हमारे जीवन की परिस्थितियों पर भी पूर्णतः नियंत्रण रखता है।

   उस नौका दौड़ के प्रतिस्पर्धियों को तो मौसम की पूर्व जानकरी देने वालों से आते समय के मौसम और वायु वेग की जानकारी पर निर्भर रहना पड़ता है, वह चाहे वह जानकारी सही निकले या गलत; लेकिन परमेश्वर के विश्वासियों को यह आश्वासन है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, हमारा परमेश्वर सदैव हमारे साथ है। जीवन का ’मौसम’ चाहे शांत हो अथवा ’तूफानी’ हमारा परमेश्वर हमें सुरक्षित हमारी बन्दरगाह तक लेकर आएगा। - पौल वैन गोर्डर


हम वायु की दशा और दिशा तो नहीं बदल सकते लेकिन अपने जीवन नौका के पाल को अवश्य ठीक से नियंत्रित कर सकते हैं।

तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है। - भजन १०७:२८
 
बाइबल पाठ: भजन १०७:२१-३१
    Psa 107:21  लोग यहोवा की करूणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
    Psa 107:22  और वे धन्यवादबलि चढ़ाएं, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें।
    Psa 107:23  जो लोग जहाज़ों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं;
    Psa 107:24  वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं।
    Psa 107:25  क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है।
    Psa 107:26  वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उन के जी में जी नहीं रहता;
    Psa 107:27  वे चक्कर खाते, और मतवाले की नाई लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है।
    Psa 107:28  तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है।
    Psa 107:29  वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं।
    Psa 107:30  तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है।
    Psa 107:31  लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १७-१९ 
  • इफिसियों ५:१७-३३

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