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शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

क्या स्मरण रखें; क्या भूलें

   एक बुद्धिमान पास्टर ने मुझे बताया कि जब वे निराश होने लगते हैं तो वे उस विस्मय और अद्भुत आनन्द को स्मरण करते हैं जो उन्होंने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण करने पर अनुभव किया था और उनका मन पुनः प्रफुल्लित हो उठता है। किंतु वे कभी भी उन दो व्यक्तियों को स्मरण करने का प्रयास नहीं करते जिन्होंने चर्च की उनकी प्रथम सेवकाई में उनको हानि पहुँचाई थी; क्योंकि उन दोनो को याद कर के वे अपनी शान्ति भंग करना नहीं चाहते और न ही पुराने विद्वेष को जाग उठने का अवसर देना चाहते हैं।

   इस्त्राएल के राजा और भजनों के लेखक दाऊद ने परमेश्वर के लिए कहा, "हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना" (भजन १०३:२)। परमेश्वर की दया को स्मरण करना और साथ ही यह भी याद करना कि कैसे उसने हमारे पाप क्षमा किए, हमें चंगा किया, अब तक हमारी देखरेख करता रहा है और हम पर अपनी आशीषें उंडेलेता रहा है भला है। ऐसा करने से हम परमेश्वर के और अधिक धन्यवादी और उस पर अधिक दृढ़ विश्वास करने वाले बन जाते हैं।

   प्रेरित पौलुस ने लिखा, "...यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है" (फिलिप्पियों ३:१३, १४)। यदि पौलुस अपने पुराने जीवन को, जिसमें वह मसीही विश्वासियों को सताने वाला था, स्मरण करता रहता तो निराशा में पड़ जाता; और यदि अपने नए मसीही जीवन की सफलताओं और परमेश्वर से मिले हुए प्रकाशनों के बारे में सोचता रहता तो घमंड में पड़ जाता। इसलिए जो कुछ बीत गया, उसे पीछे छोड़ कर वह अपना ध्यान केवल आगे के कार्य की ओर लगाए रखता था।

   आत्मिक रूप से परिपक्व मसीही विश्वासी इस बात का ध्यान रखते हैं कि वे उन बातों को स्मरण रखें जो मसीह यीशु और उसके द्वारा प्राप्त उद्धार से संबंधित हैं और उन्हें अधिक बहुमूल्य बनाती हैं, तथा उन बातों को भूल जाएं जो उनके मसीही जीवन में अग्रसर होने में बाधा बनती हैं।

   हमें क्या स्मरण रखना है और क्या नहीं इसके विष्य में सचेत रहना चहिए। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

जिसे भूल जाना चाहिए उसे स्मरण करके तथा जिसे स्मरण रखना चाहिए उसे भूल कर हम अपने जीवन में पराजय को न्यौता देते हैं।

हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। - भजन १०३:२
...यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों ३:१३, १४

 
बाइबल पाठ: भजन १०३
    Psa 103:1  हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
    Psa 103:2  हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
    Psa 103:3  वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
    Psa 103:4  वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है,
    Psa 103:5  वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
    Psa 103:6  यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।
    Psa 103:7  उस ने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
    Psa 103:8  यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।
    Psa 103:9  वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
    Psa 103:10  उस ने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है।
    Psa 103:11  जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।
    Psa 103:12  उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उस ने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।
    Psa 103:13  जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।
    Psa 103:14  क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
    Psa 103:15  मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है,
    Psa 103:16  जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।
    Psa 103:17  परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,
    Psa 103:18  अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं।
    Psa 103:19  यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है।
    Psa 103:20  हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो!
    Psa 103:21  हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओं, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो!
    Psa 103:22  हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ५० 
  • इब्रानियों ८