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शनिवार, 19 मई 2012

व्यक्तिगत विश्वास

   बचपन में मेरा पालन-पोषण सिंगापुर में हुआ था और मुझे स्मरण है कि मेरे कई मित्रों को उनके ग़ैर-मसीही माता-पिता द्वारा घरों से इस लिए निकाल बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने मसीह यीशु में विश्वास किया। मेरे इन मित्रों को अपने विश्वास के कारण दुखः उठाना पड़ा, किंतु इससे उनका विश्वास और सुदृढ़ हुआ। उनकी तुलना में, मेरा जन्म और पालन-पोषण एक मसीही परिवार में हुआ, इसलिए मुझे उनके समान दुखः तो नहीं उठाने पड़े, किंतु अपने मसीही विश्वास से संबंधित बातों के लिए मुझे भी व्यक्तिगत निर्णय लेने पड़े और फिर उन पर बने रहना पड़ा।

   जो इस्त्राएली यहोशू के साथ, परमेश्वर द्वारा वाचा में दिए गए कनान देश में आए थे, उन्होंने परमेश्वर के महान और सामर्थी कार्य देखे थे और उस पर विश्वास किया था (न्यायियों २:७)। परन्तु उनकी अगली पीढ़ी ही के बारे में लिखा है कि "....तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उस ने इस्राएल के लिये किया था" (न्यायियों २:१०)। इसका परिणाम यह हुआ कि वे शीघ्र ही अपने परमेश्वर और विश्वास से हट गए और अन्य देवी-देवताओं की उपासना करने लगे (न्यायियों २:१२)। उस पीढ़ी ने अपने पितरों के विश्वास को व्यक्तिगत रीति से अपना विश्वास नहीं बनाया था, इसलिए वे विश्वास में स्थिर नहीं रह सके।

   कोई भी पीढ़ी अपनी पिछली पीढ़ी के विश्वास के आधार पर ही स्थिर नहीं रह सकती; सबको एक नए और ताज़ा व्यक्तिगत विश्वास में आना अनिवार्य है। जब कठिनाईयों और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है तो जो विश्वास व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित नहीं है, वह लड़खड़ा जाएगा और ठोकर खाएगा; किंतु जिस के पास विश्वास के व्यक्तिगत अनुभव हैं वह स्थिर भी रहेगा और उन परिस्थितियों में से और दृढ़ भी होकर निकलेगा। जो दूसरी, तीसरी, चौथी या अन्य किसी पीढ़ी के मसीही हैं उनके पास विश्वास की एक बहुत अच्छी विरासत तो है, लेकिन उन्हें भी मसीह में व्यक्तिगत विश्वास की उतनी ही आवश्यक्ता है जितनी कि किसी नए विश्वासी को।

   मसीही विश्वास का एक नया और ताज़ा अनुभव लीजिए, परमेश्वर के वचन के अध्ययन में व्यक्तिगत रुचि दिखाईए। आप अपने व्यक्तिगत विश्वास के आधार पर ही अपने प्रभु के लिए प्रभावशाली जीवन व्यतीत कर सकते हैं। - सी.पी.हिया


यदि आपका विश्वास व्यक्तिगत नहीं है तो सच्चा और खरा भी नहीं है।


और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उस ने इस्राएल के लिए किया था। - न्यायियों २:१०

बाइबल पाठ: न्यायियों २:६-१३
Jdg 2:6  जब यहोशू ने लोगों को विदा किया था, तब इस्राएली देश को अपने अधिकार में कर लेने के लिए अपने अपने निज भाग पर गए।
Jdg 2:7  और यहोशू के जीवन भर, और उन वृद्ध लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और देख चुके थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिए कैसे कैसे बड़े काम किए हैं, इस्राएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे।
Jdg 2:8  निदान यहोवा का दास नून का पुत्र यहोशू एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया।
Jdg 2:9  और उसको तिम्नथेरेस में जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नाम पहाड़ की उत्तर अलंग पर है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई।
Jdg 2:10 और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उस ने इस्राएल के लिए किया था।
Jdg 2:11  इसलिए इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नाम देवताओं की उपासना करने लगे;
Jdg 2:12 वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराए देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत्‌ किया, और यहोवा को रिस दिलाई।
Jdg 2:13  वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे।


एक साल में बाइबल: 

  • १ इतिहास ७-९ 
  • यूहन्ना ६:२२-४४