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रविवार, 30 दिसंबर 2012

संतुलन


   महान भौतिक शास्त्री और नोबल पुरुस्कार विजेता एल्बर्ट आईन्सटाईन ने अपने पुत्र एड्युअर्ड को लिखे एक पत्र में उसे सलाह दी थी: "जीवन एक साईकिल चलाने के समान है। अपना संतुलन बनाए रखने के लिए आगे बढ़ते रहना अनिवार्य है।" यह सलाह बहुत बुद्धिमतापूर्ण और व्यावहरिक है।

   यही सलाह मसीही जीवन पर भी लागू होती है। ऐसे बहुत से मसीही विश्वासी हैं जो अपने विश्वास के सहारे कठिन और दुखदाई परिस्थितियों में भी आगे बढ़ते रहते हैं, परन्तु यदि वे किसी व्यक्तिगत नैतिक पराजय में पड़ जाते हैं तो अपने जीवन का संतुलन खो कर निराशाओं में गिर जाते हैं। फिर उनके जीवन में पछताते हुए हाथ मलते रहना और अपने आप को परमेश्वर की क्षमा के अयोग्य समझना उन्हें उठने नहीं देते और वे अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम अनेक ऐसे पात्रों को पाते हैं जो अपने जीवनों में गंभीर पराजयों में पड़े: इब्राहिम ने फिरौन से अपनी पत्नि सारा के बारे में झूठ बोला (उत्पत्ति १२:११-१७); याकूब ने अपने भाई की आशीषें पाने के लिए अपने पिता को धोखा दिया (उत्पत्ति २७:१८-२९); मूसा ने परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता करी और चट्टान से बोलने की बजाए उस पर लाठी से चोट करी (गिनती २०:७-१२)। इनकी असफलताओं के बावजूद इनके विषय में इब्रानियों ११:३९ में लिखा गया है: "...और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई...।" बाइबल के ये पात्र अन्ततः प्रशंसा के पात्र इसलिए बने क्योंकि अपने गिरने के बाद ये गिरे हुए नहीं पड़े रहे, वरन इन्होंने पुनः परमेश्वर की ओर दृष्टि करी और फिर से उसके पीछे चल निकले।

   क्या किसी पाप में पड़ने के कारण या कोई गलत निर्णय लेने के कारण आप अपना आत्मिक संतुलन खो बैठे हैं और अपने आप को गिरा हुआ अनुभव कर रहे हैं? अपनी गलती अथवा पाप के लिए पश्चाताप करें और अनुग्रह में पुनः अवसर देने वाले परमेश्वर प्रभु यीशु से क्षमा मांगें। वह आपको फिर से उठा कर खड़ा करेगा और आगे बढ़ने की सामर्थ देगा - यह उसका वायदा है: "" (१ यूहन्ना १:९)। - डेनिस फिशर


हमारा परमेश्वर पुनः अवसर देने वाला परमेश्वर है।

धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है। - भजन ३४:१९

बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:३२-४०
Heb 11:32  अब और क्या कहूँ क्योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Heb 11:33 इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
Heb 11:34 आग की ज्‍वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
Heb 11:35 स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरुत्थान के भागी हों।
Heb 11:36 कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने; वरन बान्‍धे जाने; और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
Heb 11:37 पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
Heb 11:38  और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
Heb 11:39  संसार उन के योग्य न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तौभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली।
Heb 11:40  क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
एक साल में बाइबल: ज़कर्याह १३-१४ प्रकाशितवाक्य २१