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बुधवार, 1 जुलाई 2015

वापसी


   अमेरिका के कॉलेजों की परस्पर खेल स्पर्धाओं में सबसे लंबा लगातार चल रहा जीत का सिलसिला जनवरी 18, 2012 को तब समाप्त हुआ जब येल विश्वविद्यालय की टीम ने ट्रिनिटी कॉलेज की टीम को स्क्वैश के खेल के मुकाबले में हरा दिया। 14 वर्षों में लगातार जीते गए 252 स्क्वैश मुकाबलों में जीतते रहने के बाद मिली इस हार के अगली प्रातः ट्रिनिटी कॉलेज के खेल प्रशिक्षक पौल असियान्ते को अपने एक मित्र और फुटबॉल के राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति-प्राप्त तथा जाने-माने प्रशिक्षक द्वारा लिखा गया एक ई-मेल मिला, जिसमें उन्होंने अपने मित्र पौल को लिखा, "यह तुम्हारे लिए वापसी करने का अवसर है!" यह ई-मेल लिखने के दस दिन के बाद उस जाने-माने फुटबॉल प्रशिक्षक की टीम अपने एक खेल मुकाबले में हार गई! कभी ना कभी हार का सामना सभी को करना पड़ता ही है।

   खेल स्पर्धाओं में होने वाली हार के कारण होने वाली ग्लानि, हमारे आत्मिक जीवन में होने वाली हार की ग्लानि को प्रतिबिंबित करती है। यदि हमने परमेश्वर और अपने साथ के अन्य लोगों को दुखी या निराश किया है तो हम उस ग्लानि से कैसे उभर और निकल सकते हैं? सर्वप्रथम, इस बात को कभी नहीं भूलें कि परमेश्वर हमारी रचना को जानता है और यह भी कि हम कमज़ोर पड़ सकते हैं, गिर सकते हैं (भजन 103:14) और अपने लोगों को परमेश्वर का आश्वासन है: "चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है" (भजन 37:24)। इसीलिए प्रेरित यूहन्ना अपनी पत्री में लिखता है: "यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है" (1 यूहन्ना 1:8-10)। परमेश्वर हमें क्षमा करने और सब अधर्म से शुद्ध करने के लिए इसलिए तैयार रहता है क्योंकि सभी मनुष्यों के सभी पापों का दण्ड प्रभु यीशु अपने ऊपर ले चुका है, उसे भोग चुका है; इसलिए अब किसी को अपने पापों का दण्ड भुगतने की आवश्यकता नहीं है, प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास और माँगी गई क्षमा के द्वारा सभी पापों के सभी दण्डों से बचा जा सकता है (1 यूहन्ना 2:2)।

   परमेश्वर द्वारा समस्त मानव जाति को उपलब्ध करवाया गया यह क्षमा और वापसी का अवसर हमें पाप के दासत्व से मुक्त कर के अतीत की गलतियों की निराशा में रहने की बजाए पुनः अपने वर्तमान तथा भविष्य को संवारने-सुधारने का अवसर प्रदान करता है। हमें धोकर शुद्ध करने की परमेश्वर की विश्वासयोग्यता, हमें एक शुद्ध मन के साथ परमेश्वर की ओर वापसी के लिए प्रेरित करती है।

   आप की स्थिति, पाप और निराशा आपकी अपनी या दुनिया की नज़रों में चाहे कैसी भी भयानक और गिरी हुई क्यों ना हो, आज परमेश्वर आपको प्रभु यीशु में होकर क्षमा करने और अनन्त काल के आनन्द में वापसी करने के लिए बुला रहा है। क्या आप उसके निमंत्रण को स्वीकार करेंगे? - डेविड मैक्कैसलैंड


अतीत के अंधकार में जीते रहने की बजाए परमेश्वर के साथ आज की ज्योति और कल की उज्जवल आशा के आनन्द में जीएं।

क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। - भजन 103:14

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:5-2:2
1 John 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है; कि परमेश्वर ज्योति है: और उस में कुछ भी अन्धकार नहीं। 
1 John 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। 
1 John 1:7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 
1 John 1:8 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। 
1 John 1:9 यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। 
1 John 1:10 यदि कहें कि हम ने पाप नहीं किया, तो उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है। 
1 John 2:1 हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धार्मिक यीशु मसीह। 
1 John 2:2 और वही हमारे पापों का प्रायश्‍चित्त है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 20-21
  • प्रेरितों 10:24-48