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शुक्रवार, 20 मई 2016

सत्य वचन


   बहुत से लोगों का मानना है कि परमेश्वर का वचन बाइबल केवल कालपनिक कहानियों का संकलन है - एक लड़के ने दैत्य को मारा; एक मनुष्य को बड़ी सी मछली ने निगल लिया; एक व्यक्ति ने पानी का जहाज़ बनाकर अपने परिवार तथा जानवरों को जलप्रलय से बचा लिया, आदि। यहाँ तक कि कुछ धार्मिक लोग भी यही मानते हैं कि बाइबल की बातें अच्छी नैतिक कहानियां हैं जो हमें कुछ आत्मिक बातों की शिक्षाएं प्रदान करने के लिए लिखी गई हैं।

   किंतु स्वयं प्रभु यीशु ने बाइबल की इन घटनाओं को सत्य घटनाएं कहकर लोगों के सामने इनकी पुष्टि करी। नूह द्वारा जलप्रलय से बचने के लिए जहाज़ बनाने के द्वारा प्रभु यीशु ने समझाया कि उसका पुनःआगमन भी ऐसे ही होगा, जब लोग उसकी आशा भी नहीं कर रहे होंगे: "जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा" (मत्ती 24:37-39)।

   प्रभु यीशु ने मछली के पेट में काटे गए योना के तीन दिनों के उदाहरण के द्वारा कब्र में बिताए जाने वाले अपने तीन दिनों को समझाया "यूनुस तीन रात दिन जल-जन्‍तु के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्र तीन रात दिन पृथ्वी के भीतर रहेगा" (मत्ती 12:40)। प्रेरित पतरस ने अपनी पत्री में नूह और जलप्रलय की घटना के द्वारा भविष्य में प्रभु यीशु के पुनःआगमन के विषय में सचेत किया (2 पतरस 2:4-9)।

   परमेश्वर ने हमें अपना वचन दिया है, जो सत्य है, यथार्थ है और प्रमाणित है; ना कि कालपनिक कहानियों का संकलन है। अनेक प्रयासों के बावजूद आज तक बाइबल की कोई एक बात भी गलत प्रमाणित नहीं हो पाई है। परमेश्वर का यह अटल वचन हमें चिताता है कि प्रभु यीशु का पुनःआगमन होगा और वह अपने अनुयायियों को अनन्त काल तक अपने साथ सुख और शान्ति में रहने के लिए ले जाएगा तथा जगत न्याय में जाएगा। प्रभु यीशु ने जो चिन्ह उसके पुनःआगमन के समय के पूरा होने के सम्बंध में दिए हैं (मत्ती 24), वे आज के इस समय में हमारी आंखों के सामने पूरे हो रहे हैं; क्या आप उसके पुनःआगमन और अपने न्याय के लिए तैयार हैं? - सिंडी हैस कैस्पर

यदि हम प्रभु यीशु के पुनःआगमन की प्रतीक्षा में हैं 
तो हमारे पास आशावान रहने का उचित और भला कारण है।

आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। - यूहन्ना 1:1

बाइबल पाठ: मत्ती 24:32-44
Matthew 24:32 अंजीर के पेड़ से यह दृष्‍टान्‍त सीखो: जब उस की डाली को मल हो जाती और पत्ते निकलने लगते हैं, तो तुम जान लेते हो, कि ग्रीष्म काल निकट है। 
Matthew 24:33 इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, वरन द्वार ही पर है।
Matthew 24:34 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक ये सब बातें पूरी न हो लें, तब तक यह पीढ़ी जाती न रहेगी। 
Matthew 24:35 आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी। 
Matthew 24:36 उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता। 
Matthew 24:37 जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। 
Matthew 24:38 क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहिले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह शादी होती थी। 
Matthew 24:39 और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उन को कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। 
Matthew 24:40 उस समय दो जन खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा और दूसरा छोड़ दिया जाएगा। 
Matthew 24:41 दो स्‍त्रियां चक्की पीसती रहेंगी, एक ले ली जाएगी, और दूसरी छोड़ दी जाएगी। 
Matthew 24:42 इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। 
Matthew 24:43 परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्‍वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता; और अपने घर में सेंध लगने न देता। 
Matthew 24:44 इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 6:45-71