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सोमवार, 3 अप्रैल 2017

जीवन


   अमेरिका के अभिनेता और हास्य कलाकार, जॉर्ज बर्न्स ने कहा, "यदि आप मुझसे पूछें कि लंबी आयु तक जीने का सबसे महत्वपूर्ण आधार क्या है, तो मैं कहूँगा चिन्ता और तनाव से मुक्त रहना। परन्तु यदि आप मुझ से यह ना भी पूछें, तो भी मैं आप से यही कहूँगा!" बर्न्स को, जो 100 वर्ष की आयु तक जीवित रहे, लोगों को हंसाना अच्छा लगता था, और प्रकट है कि वे अपने इस परामर्श का स्वयं भी पालन करते थे।

   परन्तु जब हमारे जीवन इतने अनिश्चित हैं, इतनी समस्याओं और आवश्यकताओं से भरे हैं, तो हम चिन्ता एवं तनाव से मुक्त कैसे रह सकते हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने, उन मसीही विश्वासियों को जिन्हें प्रथम शताब्दी में अपने मसीही विश्वास के कारण सताव में आकर एशिया में स्थान स्थान पर तितर-बित्तर होना पड़ा था, प्रोत्साहित करते हुए लिखा, "इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है" (1 पतरस 5:6-7)।

   पतरस ने यह बात सताव एवं तकलीफों से बचने का मार्ग देने के लिए नहीं कही थी (पद 9), वरन इसलिए जिससे शैतान के हमलों के समय हम मसीही विश्वासी उन हमलों के विरुद्ध जयवंत होकर खड़े रहने की सामर्थ तथा शान्ति पा सकें (पद 8-10)। बजाए इसके कि हम चिन्ता और तनाव से ग्रसित होकर जीवन बिताएं, परमेश्वर ने हमें उसके प्रेम में आनन्दित रहने और उस प्रेम को औरों के साथ बाँटने के लिए चुना है।

   हमारा उद्देश्य यह नहीं होना चाहिए कि हमारा जीवन कितने वर्षों का हो सकता है, वरन यह कि जीवन के जितने भी वर्ष परमेश्वर ने हमें दिए हैं उन्हें परमेश्वर के प्रेम की सेवकाई में भरपूरी से व्यय करें। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर मेरा पिता है, 
मैं अपने बारे में ऐसा कुछ भी नहीं सोच सकता हूँ जिसे वह भूल गया हो;
 इसलिए मुझे चिन्ता करने की क्या आवश्यकता है? - ओस्वॉल्ड चैंबर्स

जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? - भजन 56:3-4

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:1-11
1 Peter 5:1 तुम में जो प्राचीन हैं, मैं उन की नाईं प्राचीन और मसीह के दुखों का गवाह और प्रगट होने वाली महिमा में सहभागी हो कर उन्हें यह समझाता हूं। 
1 Peter 5:2 कि परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर। 
1 Peter 5:3 और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन झुंड के लिये आदर्श बनो। 
1 Peter 5:4 और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Peter 5:5 हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्‍धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। 
1 Peter 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1 Peter 5:7 और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। 
1 Peter 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1 Peter 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं। 
1 Peter 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा। 
1 Peter 5:11 उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। 

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 19-21
  • लूका 7:31-50