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बुधवार, 19 नवंबर 2014

असफल


   अमेरिका में 1970 के दशक में एक प्रचलित सनक थी मोटरसाईकिल द्वारा लंबी दूरी की छलाँग लगाना। इस सनक की पराकाष्ठा, और संभवतः गहराई भी 8 सितंबर 1974 को देखने को मिली जब इडाहो प्रांत की स्नेक रिवर घाटी में हज़ारों दर्शक इवेल नीवेल को घाटी के एक छोर से दूसरे छोर तक एक विशेष रीति से बनाई गई ’स्काई साईकिल’ द्वारा छलाँग लगाने को देखने के लिए एकत्रित हुए। अन्ततः इवेल का यह प्रयास असफल रहा और कुछ दूर तक की छलांग के बाद वह पैराशूट द्वारा नीचे धरती पर आ गया। कुछ दर्शकों ने प्रश्न किया, "नीचे आने से पहले इवेल घाटी की चैड़ाई की कितनी दूरी तय कर सका?" लेकिन महत्वपूर्ण बात यह नहीं थी कि उसने कितनी दूरी तय करी, वरन यह कि वह पूरी दूरी तय नहीं कर सका, अपने लक्ष्य से कम रह गया और असफल माना गया।

   यह घटना पाप के साथ हमारे संघर्ष का एक अच्छा उदाहरण है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने रोमियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा, "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों 3:23)। कोई मनुष्य ऐसा नहीं है जो पाप के कारण मनुष्य और परमेश्वर के बीच आई दूरी को अपने प्रयास से पार कर सके। इसीलिए परमेश्वर ने प्रभु यीशु को इस संसार में भेजा जिससे वह अपने बलिदान तथा पुनरुत्थान के द्वारा पापों से पश्चाताप और उस पर विश्वास करने वाले सभी लोगों के लिए परमेश्वर और मनुष्य के बीच की उस घाटी को पार करने का मार्ग बन सके, लोगों को परमेश्वर तक ले जाने वाला बन सके।

   प्रभु यीशु ने पृथ्वी पर एक निषकलंक और निषपाप जीवन व्यतीत किया और समस्त मानव जाति के सभी पापों के दण्ड को अपने ऊपर लेकर सब के लिए उस दण्ड को सह लिया, वह हमारे बदले में मारा गया, गड़ा गया और अफिर तीसरे दिन मृतकों में से जीवित हो उठा और आज जीवित परमेश्वर है जो जगत के न्यायी के रूप में एक बार फिर आएगा: "क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है" (प्रेरितों 17:31)। जिस कार्य में हम मनुष्य केवल असफल रह सकते थे, वह प्रभु यीशु ने अपने बड़े प्रेम में होकर हम सब के लिए कर के दे दिया, उसे सभी के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध करवा दिया।

   अब हमें अपने किसी असफल प्रयास को करने की नहीं वरन केवल पापों से पश्चाताप करने और प्रभु यीशु के कार्य को स्वीकार करके उसे अपने जीवनों में लागू कर लेने की आवश्यकता है, और उद्धार तथा परमेश्वर से मेल मिलाप का कार्य हमारे लिए पूरा हो जाएगा। क्या आपने परमेश्वर तथा अपने मध्य की यह दूरी प्रभु यीशु में होकर पाट ली है? - बिल क्राउडर


मसीह यीशु का क्रूस उस दूरी को पाट देता है जिसे हम अपने प्रयासों से कभी पाट नहीं सकते।

नि:सन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप न हुआ हो। - सभोपदेशक 7:20 

बाइबल पाठ: रोमियों 3:19-28
Romans 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे। 
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है। 
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं। 
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं। 
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। 
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। 
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे। 
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो। 
Romans 3:27 तो घमण्ड करना कहां रहा उस की तो जगह ही नहीं: कौन सी व्यवस्था के कारण से? क्या कर्मों की व्यवस्था से? नहीं, वरन विश्वास की व्यवस्था के कारण। 
Romans 3:28 इसलिये हम इस परिणाम पर पहुंचते हैं, कि मनुष्य व्यवस्था के कामों के बिना विश्वास के द्वारा धर्मी ठहरता है।

एक साल में बाइबल: 
  • रोमियों 1-4


गुरुवार, 15 नवंबर 2012

दूरीयां पाट दीजिए


   जर्मनी के एक शहर में कुछ अमरीकी मिशनरी सुसमाचार प्रचार के लिए अपनी बस के पास खड़े थे। वे लोगों से वार्तालाप के अवसर ढूंढ रहे थे जिस से फिर उन तक उद्धार के सुसमाचार को पहुँचाएं। वहां के दो युवकों ने उपद्रव करके उन्हें परेशान करने की ठानी, और वे अपने सिर पर खोपड़ी और हड्डी के निशान बने पटुके बांधे हुए उन मिशनरीयों की ओर गड़बड़ी करने के लिए बढ़े। लेकिन उन मिशनरीयों ने बड़ी गर्म-जोशी और सहृदयता से उनका स्वागत किया और बड़े प्रेम से उनसे वार्तालाप आरंभ किया; यह उन युवकों के लिए अप्रत्याशित था। वे कुछ देर वहां रुके और उन्होंने प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार सुना। एक ने उसी दिन प्रभु यीशु को अपना निज उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया और दूसरे ने अगले दिन यह कर लिया।

   वे दोनों युवक और वे मिशनरी संस्कृति में, नागरिकता में, उद्देश्यों में एक दूसरे से बहुत भिन्न थे। एक अन्धकार में थे और अन्धकार के साम्राज्य को फैलाना चाहते थे, तो दूसरे जीवन की ज्योति लोगों के मनों में प्रज्वलित करना चाहते थे। उन दोनों के बीच एक बड़ी दूरी थी, किंतु निस्वार्थ प्रेम और प्रेम पूर्ण वार्तालाप ने वह दूरी सहजता से पाट दी और उद्धार के सुसमाचार को सुनने तथा स्वीकार करने के लिए मनों को तैयार कर दिया।

   क्या आप भी आज इसी विभिन्न प्रकार की भिन्नता की समस्या का सामना कर रहे हैं जिस से लोगों से संपर्क और वार्तालाप आरंभ करना आपको कठिन लगता है? निस्वार्थ प्रेम का प्रदर्शन और प्रेम पूर्ण वार्तालाप को आज़माईये। प्रभु यीशु का प्रेम जिसने स्वर्ग और पृथ्वी की दूरी पाट दी वह संसार की हर दूरी को पाटने में सक्षम है, उसी प्रेम को अपने जीवन में दिखा कर सभी दूरीयां पाट दीजिए। - डेव ब्रैनन


पाप के अंधकार से भरे संसार में प्रभु यीशु उद्धार का मार्ग और परमेश्वर की ज्योति है।

...और वह[यीशु] उसके[लेवी के] घर में भोजन करने बैठे; और बहुत से चुंगी लेने वाले और पापी यीशु और उसके चेलों के साथ भोजन करने बैठे; क्‍योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। - मरकुस २:१५

बाइबल पाठ: मरकुस २:१३-१७
Mar 2:13  वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्‍हें उपदेश देने लगा। 
Mar 2:14   जाते हुए उस ने हलफई के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Mar 2:15  और वह उठ कर, उसके पीछे हो लिया: और वह उसके घर में भोजन करने बैठे; और बहुत से चुंगी लेने वाले और पापी यीशु और उसके चेलों के साथ भोजन करने बैठे; क्‍योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। 
Mar 2:16  और शास्‍त्रियों और फरीसियों ने यह देख कर, कि वह तो पापियों और चुंगी लेने वालों के साथ भोजन कर रहा है, उसक चेलों से कहा, वह तो चुंगी लेने वालों और पापियों के साय खाता-पीता है!! 
Mar 2:17  यीशु ने यह सुन कर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्‍तु बीमारों को है: मैं धमिर्यों को नहीं, परन्‍तु पापियों को बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल १-२ 
  • इब्रानियों ११:१-१९

शनिवार, 21 जुलाई 2012

योग्य

   जब मेरे बच्चे छोटे थे, तो मुझे लगता था कि वे मेरी उपलब्धियों से, चाहे वे कितनी भी थोड़ी या छोटी क्यों न हों, अवश्य ही प्रभावित होंगे - वे मेरे द्वारा लिखी पुस्तकें पढ़ेंगे और मेरे प्रवचन देने जाने के कार्यक्रमों को मान देंगे। फिर मुझे ज्ञात हुआ कि उन्होंने कभी भी मेरे द्वारा लिखी कोई पुस्तक नहीं पढ़ी और ना ही उन्हें मेरे प्रवचन के कार्यक्रमों में कोई रुचि थी। आखिरकर जब मेरे सबसे बड़े बेटे ने मेरी एक पुस्तक पढ़ी भी, तो उसने साथ ही पढ़ने के कारण को भी मुझे बता दिया - कि मैं लोगों को यह कहना बन्द करूँ कि मेरे बच्चों ने मेरी पुस्तकें नहीं पढ़ीं हैं!

   छोटे बच्चों के लिए अपने बड़ों की उपलब्धियों का कोई विशेष महत्व नहीं होता, क्योंकि वे उनकी समझ और संसार से बाहर कि बातें हैं। उनसे मिलने और उन्हें प्रभावित करने के लिए उनके स्तर पर आना उनके समान उनके संसार में रहना, उनके साथ समय बिताना आवश्यक है; जैसे उनके साथ लूडो या सांप-सीढ़ी खेलना, या मैदान में गेंद के साथ कुछ खेलना इत्यादि। जब हम अपने आप को उनके स्तर पर लाते हैं तब ही वे हमारे साथ सामंजस्य बनाने पाते हैं, हमारे साथ संबंध प्रगाढ़ करने पाते हैं, अपनी बात हमें बताने और समझाने के लिए खुलने पाते हैं। संसार में हमारा स्तर, ज्ञान, प्रतिभा और सामर्थ उन्हें प्रभावित नहीं करता; हमारा उनके समान हो कर उनकी बातों को समझना ही उन्हें प्रभावित करता है, उन्हें भाता है, और हमारे और उनके बीच की दूरी को पाटने पाता है।

   यही परमेश्वर ने हमारे साथ और हमारे लिए किया; परमेश्वरत्व के सारी महिमा और सामर्थ छोड़कर वह एक साधारण मनुष्य बनकर स्वर्ग से इस पृथ्वी पर एक साधारण मनुष्य के समान रहने आ गया। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के चेले यूहन्ना प्रेरित ने लिखा, "और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (यूहन्ना १:१४)। हमारे स्तर पर आने के द्वारा उसने अपने और हमारे बीच की सारी दूरी हमेशा के लिए पाट दी और मनुष्य के संसार से स्वर्ग तक जाने का मार्ग तैयार कर के दे दिया।

   जब हम उसके द्वारा करी गई इस बात की गंभीरता और गहराई का, स्वर्ग के वैभव, महिमा और सामर्थ को छोड़कर एक साधारण मनुष्य के समान जीवन जीने में किए गए त्याग का, और हमारे पापों के लिए अपने आप को बलिदान करने के द्वारा चुकाई गई उस कीमत का अंदाज़ा लगाने पाते हैं जो प्रभु यीशु ने हमारे लिए चुकाई, तब ही हम समझने पाते हैं कि क्यों केवल वह ही हमारी आरधना और उपासना के योग्य है। - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु ने अनन्त और असीम प्रमेश्वर तथा नाश्वान एवं सीमित मनुष्य के बीच की दूरी पाट दी।

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। - यूहन्ना १:१४

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१-११
Php 2:1  सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है।
Php 2:2  तो मेरा यह आनन्‍द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।
Php 2:3  विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्‍छा समझो।
Php 2:4  हर एक अपनी ही हित की नहीं, बरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे।
Php 2:5  जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
Php 2:6  जिस ने परमेश्वर के स्‍वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्‍तु न समझा।
Php 2:7  वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Php 2:8   और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Php 2:9  इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है।
Php 2:10  कि जो स्‍वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं, वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Php 2:11  और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन २९-३० 
  • प्रेरितों २३:१-१५