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बुधवार, 19 अगस्त 2020

सृष्टिकर्ता

 


        मुझे फोटो खींचने का शौक है, और मुझे परमेश्वर के रचनात्मक कार्यों को अपने कैमरे में कैद कर लेना बहुत अच्छा लगता है। मुझे परमेश्वर के चिह्न फूलों की कोमल पंखुड़ियों पर, हर सूर्यास्त और सूर्योदय में, आकाश के बादलों में, और सितारों से सजे आकाश में, सभी जगह दिखाई देते हैं।

        मेरे कैमरे के शक्तिशाली लेंस, परमेश्वर द्वारा बनाए गए जीव-जन्तुओं की अठखेलियों को दूर ही से, उन्हें बिना छेड़े हुए, कैमरे में कैद कर लेने देते हैं। मैंने गिलहरियों को चेरी के पेड़ों पर शोर मचाते हुए, खूबसूरत तितलियों को एक से दूसरे फूलों पर जाते हुए, समुद्री कछुओं को समुद्र के पथरीले किनारे पर धूप सेकते हुए कैमरे में ले लिया है। हर एक फोटो अपने आप में अद्भुत और अनूठी है, और मुझे मेरे अद्भुत सृष्टिकर्ता की आराधना करने के लिए प्रेरित करती है।

        परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि की सराहना करते हुए उसकी आराधना करने वाली मैं पहली या अकेली नहीं हूँ। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 104 के भजनकार ने प्रकृति में परमेश्वर की सृष्टि के अद्भुत नमूनों के विषय गीत गाया (पद 24)। वह कहता है, इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनत जलचर जीव-जन्तु, क्या छोटे, क्या बड़े भरे पड़े हैं” (पद 25) और परमेश्वर में आनन्दित होता है कि वह अपनी सृष्टि की निरंतर और पूर्ण देखभाल करता रहता है (पद 27-31)।अपने चारों ओर परमेश्वर द्वारा जीवन प्रदान किए गए जीव-जंतुओं को देख कर, भजनकार कृतज्ञता के साथ आराधना करने लगता है: “मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूंगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूंगा” (पद 33)।

        परमेश्वर की उत्कृष्ट और विशाल सृष्टि पर मनन करते हुए हम उसकी रचनाओं में सूक्ष्म कारीगरी और हर बात का बारीकी से रखे गए ध्यान पर गौर कर सकते हैं, और सृष्टिकर्ता की रचनात्मक कला की सराहना कर सकते हैं। हम भी भजनकार के साथ अपने सृष्टिकर्ता की स्तुति में धन्यवाद के गीत गा सकते हैं, उसके सामर्थ्य, वैभव, और प्रेम के लिए उसकी आराधना कर सकते हैं। - होकिटिल डिक्सन

 

परमेश्वर अद्भुत है, और उसके कार्य भी।


तू ही अकेला यहोवा है; स्वर्ग वरन सब से ऊंचे स्वर्ग और उसके सब गण, और पृथ्वी और जो कुछ उस में है, और समुद्र और जो कुछ उस में है, सभों को तू ही ने बनाया, और सभों की रक्षा तू ही करता है; और स्वर्ग की समस्त सेना तुझी को दण्डवत करती हैं। - नहेम्याह 9:6

बाइबल पाठ: भजन 104:24-34

भजन 104:24 हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है।

भजन 104:25 इसी प्रकार समुद्र बड़ा और बहुत ही चौड़ा है, और उस में अनगिनत जलचर जीव-जन्तु, क्या छोटे, क्या बड़े भरे पड़े हैं।

भजन 104:26 उस में जहाज भी आते जाते हैं, और लिव्यातान भी जिसे तू ने वहां खेलने के लिये बनाया है।

भजन 104:27 इन सब को तेरा ही आसरा है, कि तू उनका आहार समय पर दिया करे।

भजन 104:28 तू उन्हें देता है, वे चुन लेते हैं; तू अपनी मुट्ठी खोलता है और वे उत्तम पदार्थों से तृप्त होते हैं।

भजन 104:29 तू मुख फेर लेता है, और वे घबरा जाते हैं; तू उनकी सांस ले लेता है, और उनके प्राण छूट जाते हैं और मिट्टी में फिर मिल जाते हैं।

भजन 104:30 फिर तू अपनी ओर से सांस भेजता है, और वे सिरजे जाते हैं; और तू धरती को नया कर देता है।

भजन 104:31 यहोवा की महिमा सदा काल बनी रहे, यहोवा अपने कामों से आनन्दित हो!

भजन 104:32 उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी कांप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं निकलता है।

भजन 104:33 मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूंगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूंगा।

भजन 104:34 मेरा ध्यान करना, उसको प्रिय लगे, क्योंकि मैं तो यहोवा के कारण आनन्दित रहूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 103-104
  • 1 कुरिन्थियों 2

रविवार, 20 अक्टूबर 2019

सुन्दरता



      मुझे ग्रैंड कैनियन निहारना बहुत अच्छा लगता है। जब भी मैं उस घाटी के किनारे खड़े होकर उसे निहारता हूँ, मुझे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की उस भव्य कृति में कुछ नए अंश दिखाई देते हैं; यह सब मुझे स्तब्ध कर देते हैं। यद्यपि ग्रैंड कैनियन धरती में बने एक बहुत विशाल ‘गढ्ढे’ के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है, फिर भी वह मुझे स्वर्ग के बारे में विचार करने पर विवश करती है।

      एक बार एक बारह वर्षीय लड़के ने बड़ी ईमानदारी से मुझसे पूछा, “क्या स्वर्ग उबाऊ नहीं होगा? क्या आप को नहीं लगता कि सारे समय परमेश्वर की प्रशंसा करते-करते हम थक जाएँगे?” परन्तु जब धरती में बना एक ‘गढ्ढा’ इतना आकर्षक और सुन्दर हो सकता है कि हम उसे निहारते हुए नहीं थकते हैं, तो हम उस आनन्द की तो केवल कल्पना ही कर सकते हैं जब हम सृष्टि और उसकी सारी सुन्दरता के स्त्रोत, हमारे प्रेमी स्वर्गीय पिता परमेश्वर को देखेंगे – एक नई सृष्टि की अद्भुत कारीगरी के साथ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने इस लालसा को व्यक्त किया जब उसने लिखा, “एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं” (भजन 27:4)। परमेश्वर की उपस्थिति से बढ़कर सुन्दर और कुछ है ही नहीं, जब हम प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के साथ उसके खोजी होते हैं, तो उसकी उपस्थिति में होने की इच्छा हमें इस पृथ्वी पर उसकी ओर खींचती है, और उसे आमने-सामने देखने की लालसा हमारे अन्दर जागृत करती है।

      तब हम अपने अद्भुत प्रभु परमेश्वर की आराधना और सराहना करते हुए कभी नहीं थकेंगे, क्योंकि उसकी भलाईयों और उसके हाथों की सृष्टि के अचरजों का कोई अन्त नहीं होगा, वे सदा नए होते रहेंगे; और उसकी उपस्थिति सदा काल तक हमारे लिए उसकी सुन्दरता और उसके प्रेम का स्तब्ध कर देने वाला प्रगटीकरण करती ही रहेगी। - जेम्स बैंक्स

हमारी सृष्टि अनन्तकाल के लिए परमेश्वर का आनन्द लेने के लिए हुई है।

क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम ले कर अपने हाथ उठाऊंगा। - भजन 63:3-4

बाइबल पाठ: भजन 27:1-4
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3



गुरुवार, 10 सितंबर 2015

सराहना और आलोचना


   हाल ही में हुए एक अध्ययन में 200,000 लोगों से साक्षात्कार में पूछा गया कि उनको और बेहतर कार्य करने से क्या रोकता है और अध्ययन के नतीजों से पता चला कि इस प्रश्न के उत्तरों की सूचि में सबसे ऊपर था कार्यकर्ताओं के अधिकारियों द्वारा उनके कार्य की सराहना एवं उनमें अधिकारियों के विश्वास की कमी। इस शोध ने दिखाया कि सराहना पाना एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है।

   प्रेरित पौलुस भी संभवतः कुरिन्थियों के मसीही विश्वासियों कि इस मूलभूत आवश्यकता को जानता था, इसीलिए उन्हें सुधारने के लिए लिखी गई पत्री का आरंभ, उनका आत्मिक अगुवा होने के कारण पौलुस ने परमेश्वर द्वारा उनके जीवन में दिखाए जाने वाले अनुग्रह के लिए धन्यवाद करने के साथ किया, फिर पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों की सराहना करी, उसके बाद ही उसने अनुशासन के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग किया।

   कभी कुरिन्थुस के ये मसीही विश्वासी परमेश्वर से दूर थे, लेकिन अब प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान द्वारा समस्त संसार को उपलब्ध पापों की क्षमा को परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा प्राप्त करके वे परमेश्वर की निकटता में बढ़ रहे थे। प्रभु यीशु के साथ बने संबंध में हो कर वे उससे अपने आत्मिक जीवन के लिए सामर्थ प्राप्त कर रहे थे जिससे उनका आध्यात्मिक विकास हो रहा था (1 कुरिन्थियों 1:4-7)। कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों के जीवन में किए जा रहे परमेश्वर के कार्य के लिए पौलुस लगातार और विचारपूर्वक परमेश्वर का धन्यवादी रहता था। क्योंकि कुरिन्थुस के वे विश्वासी उनके लिए पौलुस के इस प्रेम, विश्वास और सराहना को भली-भांति जानते थे, इसलिए उन्होंने उससे आलोचना के कठोर शब्द भी स्वीकार कर लिए।

   जब भी हम परमेश्वर के आज्ञाकारी लोगों के संपर्क में आते हैं, और हमें उनके जीवन में कुछ कमियों का आभास होता है तो आलोचना से पहले उनके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें, उनके द्वारा परमेश्वर के लिए हो रहे कार्यों की सराहना करें, और उसके बाद ही किसी आलोचना के लिए कोई कठोर शब्द प्रयोग करें। - मारविन विलियम्स


प्रशंसा ऊँची आवाज़ में करें; आलोचना धीमी आवाज़ में मृदुता के साथ करें।

वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। - प्रेरितों 11:23

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 1:1-9
1 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित होने के लिये बुलाया गया और भाई सोस्थिनेस की ओर से। 
1 Corinthians 1:2 परमेश्वर की उस कलीसिया के नामि जो कुरिन्थुस में है, अर्थात उन के नाम जो मसीह यीशु में पवित्र किए गए, और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं; और उन सब के नाम भी जो हर जगह हमारे और अपने प्रभु यीशु मसीह के नाम की प्रार्थना करते हैं।
1 Corinthians 1:3 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Corinthians 1:4 मैं तुम्हारे विषय में अपने परमेश्वर का धन्यवाद सदा करता हूं, इसलिये कि परमेश्वर का यह अनुग्रह तुम पर मसीह यीशु में हुआ। 
1 Corinthians 1:5 कि उस में हो कर तुम हर बात में अर्थात सारे वचन और सारे ज्ञान में धनी किए गए। 
1 Corinthians 1:6 कि मसीह की गवाही तुम में पक्की निकली। 
1 Corinthians 1:7 यहां तक कि किसी वरदान में तुम्हें घटी नहीं, और तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने की बाट जोहते रहते हो। 
1 Corinthians 1:8 वह तुम्हें अन्‍त तक दृढ़ भी करेगा, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के दिन में निर्दोष ठहरो। 
1 Corinthians 1:9 परमेश्वर सच्चा है; जिसने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-9
  • 2 कुरिन्थियों 3


सोमवार, 28 जुलाई 2014

सृष्टि


   एक खगोल शास्त्री ने अन्दाज़ा लगाया कि करोड़ों वर्ष पहले मंगल ग्रह से जीवाणु पृथ्वी पर आ गिरे, और उन जीवाणुओं के क्रमिक विकास द्वारा ही धरती तरह तरह के प्राणियों से भर गई है। विज्ञान पर भरोसा रखने वाले अनेक लोग पृथ्वी पर जीवन के आरंभ का कारण दूरस्त अंतरिक्ष में खोज रहे हैं, वे तरह तरह के अन्दाज़े लगाते हैं, मत प्रतिपादित करते हैं किंतु आज तक भी यह नहीं जान पाए कि पृथ्वी पर जीवन कैसे आरंभ हुआ क्योंकि वे परमेश्वर के वचन बाइबल में स्पष्ट लिखित बात को मानने से इंकार करते हैं कि परमेश्वर ने ही हर प्रकार के जीव जन्तु और मानव की सृष्टि की और उन्हें पृथ्वी पर रखा है।

   ये लोग यह तो मानने को तैयार हैं कि किसी भी रीति से जीवन को ना संभाल सकने वाले मंगल ग्रह पर जीवन आरंभ हुआ और वहाँ तो विकसित नहीं होने पाया परन्तु बिना किसी अन्तरिक्ष यान के जीवन की संभावना के बिलकुल प्रतिकूल अन्तरिक्ष की लाखों मील की दूरी तय करके वह जीवन पृथ्वी पर जीवित पहुँच भी गया और अपने मूल ग्रह से बिलकुल पृथक ग्रह और वहाँ के अलग ही वातावरण में उसे जीवित बने रहने, बढ़ने तथा अनेक रूप से विकसित होते रहने के लायक वातावरण भी मिल गया; लेकिन वे यह कदापि मानने को तैयार नहीं हैं कि परमेश्वर है और उसने ही पृथ्वी को जीवन संभाल सकने के योग्य बनाया है, और अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं की सृष्टि करके प्रत्येक को अपने अपने स्थान पर फलने-फूलने को रखा है; वे यह भी मानने को कदापि तैयार नहीं हैं कि परमेश्वर ने ही मानव जाति की सृष्टि करी और अपनी श्वास के द्वार उसे जीवन प्रदान किया (उत्पत्ति 1:27)।

   उन लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा सृष्टि की रचना के आश्चर्यक्रम को स्वीकार करने से सरल है यह स्वीकार करना कि बिना किसी आरंभिक वस्तु के ही सब कुछ स्वतः ही आरंभ हो गया, सुचारू रूप से स्थापित हो गया और कार्य करने लगा और सुनियोजित रीति से बढ़ने और विकसित भी होने लगा। इन लोगों को परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्युब को दी गई सलाह, "हे अय्यूब! इस पर कान लगा और सुन ले; चुपचाप खड़ा रह, और ईश्वर के आश्चर्यकर्मों का विचार कर" (अय्युब 37:14) पर गंभीरता से सोचना चाहिए। साथ ही परमेश्वर ने जो प्रश्न अय्युब से किया था, "जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे" (अय्युब 38:4), उसका उत्तर भी देना चाहिए।

   भला हो कि हम परमेश्वर के अस्तित्व और उसकी अद्भुत सृजन की सामर्थ पर विश्वास करें, उसकी विलक्षण सृष्टि को सराहें और हमें बनाने तथा हमारी देख-भाल करने के लिए उसका धन्यवाद करें। - डेव ब्रैनन


केवल परमेश्वर ही है जो कुछ नहीं से सब कुछ बना सकता है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: अय्युब 38:3-18
Job 38:3 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे। 
Job 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे। 
Job 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा? 
Job 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया, 
Job 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे? 
Job 38:8 फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया; 
Job 38:9 जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लपेट दिया, 
Job 38:10 और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़ लगा दिए, कि 
Job 38:11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं? 
Job 38:12 क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है, 
Job 38:13 ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करे, और दुष्ट लोग उस में से झाड़ दिए जाएं? 
Job 38:14 वह ऐसा बदलता है जैसा मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है, और सब वस्तुएं मानो वस्त्र पहिने हुए दिखाई देती हैं। 
Job 38:15 दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बांह तोड़ी जाती है। 
Job 38:16 क्या तू कभी समुद्र के सोतों तक पहुंचा है, वा गहिरे सागर की थाह में कभी चला फिरा है? 
Job 38:17 क्या मृत्यु के फाटक तुझ पर प्रगट हुए, क्या तू घोर अन्धकार के फाटकों को कभी देखने पाया है? 
Job 38:18 क्या तू ने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बतला दे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 4-6


रविवार, 27 जुलाई 2014

प्रोत्साहक


   लोगों के अन्दर पाए जाने वाले गुणों में से एक जिसकी मैं बहुत सराहना करती हूँ है शान्त रीति से, बिना सामने आए, प्रोत्साहन देते रहना। मुझे स्मरण है जब मैं अस्पताल में कुछ समय भर्ती रहने के पश्चात घर लौटी तो मेरी एक सहेली, जैकी - जिसका स्वयं भी कुछ दिन पहले ही एक ऑपरेशन हुआ था, ने मुझे एक पुस्तक भेजी जिसमें परमेश्वर द्वारा हम से की गई प्रतिज्ञाएं लिखीं थी।

   मेरे अंकल बॉब उन लोगों के प्रति बहुत धन्यवादी थे जिन्होंने कैंसर उपचार केंद्र में उनकी देख-रेख करी थी, और उन्होंने धन्यवाद स्वरूप उन लोगों के अधिकारियों को उन कर्मचारियों की सराहना से भरे अनेक पत्र लिख कर भेजे।

   मेरी एक रिश्तेदार ब्रैन्डा को लगभग 20 वर्ष पहले अपने बच्चे की मृत्यु का दुख झेलना पड़ा था, और आज उसके द्वारा किए गए हमदर्दी के कार्यों को अनेक लोग सराहते हैं, समरण करते हैं।

   अकसर देखा जाता है कि जो लोग अत्याधिक दुख - भौतिक या मानसिक, से होकर निकले हैं वे दूसरों को सांत्वना तथा प्रोत्साहन भी सबसे बेहतर और बढ़कर देने पाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की प्रेरितों के कार्य पुस्तक में एक व्यक्ति का उल्लेख है जिसका नाम था बर्नबास, जिसे उस समय के लोग शान्ति का पुत्र कहते थे (प्रेरितों 4:6); उसके लिए लिखा गया है कि, "वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा और विश्वास से परिपूर्ण था..." (प्रेरितों 11:24) और वह दूसरों को प्रोत्साहित करता था कि "...सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो" (प्रेरितों 11:23)। उसके इस प्रकार से मसीही विश्वासियों और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने से बहुत से लोग प्रभावित हुए होंगे, तभी तो परमेश्वर के वचन में उसका नाम इतने आदर के साथ लिखा गया है।

   जैसे हम अपने जीवन में किसी से प्रोत्साहन पा कर आशीषित हुए हैं, वैसे ही हमें भी औरों के लिए प्रोत्साहक होना है, अपने अनुभवों से दुसरों को शान्ति और सांत्वना प्रदान करनी है, प्रभु यीशु के प्रेम को उन तक पहुँचाना है। -सिंडी हैस कैस्पर


प्रोत्साहन द्वारा मनुष्य की आत्मा आशा से भर उठती है।

सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58

बाइबल पाठ: प्रेरितों 11:22-26
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्‍ताकिया भेजा। 
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। 
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। 
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया। 
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्‍ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्‍ताकिया ही में मसीही कहलाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-3