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सोमवार, 9 अप्रैल 2012

सामर्थी भुजाएं

   क्या आपने कभी स्वपन में देखा है कि आप किसी ऊँचाई से या पलंग से गिर रहे हैं, और इससे घबरा कर आप उठ बैठे हों, किंतु अपने आप को सुरक्षित अपने बिसतर पर ही पाया। लड़कपन में मेरे साथ ऐसा बहुत बार हुआ है और फिर मैं भयभीत बैठा रहता था।

   मैंने एक व्यक्ति के बारे में सुना है जिसे सोने के कुछ समय पश्चात ही ऐसा अनुभव होता था। उसे लगता था कि वह मरने पर है और एक अंतहीन के गढ़हे में गिरता ही जा रहा है। वह इस गिरने के एहसास से इतना भयभीत हो जाता था कि फिर उसके लिए सो पाना कठिन हो जाता था।

   एक संध्या जब वह व्यक्ति घूमने निकला, उसका मार्ग एक कब्रिस्तान से होकर निकला। वहां उसने एक कब्र के पत्थर पर खुदा हुआ पढ़ा, "संभालने को सनातन भुजाएं हैं"। यह पढ़ने के बाद उसे अत्यंत शांति मिली क्योंकि उसे चेत आया कि मसीही विश्वासी होने के नाते उसे डरने की कोई आवश्यक्ता नहीं है; मृत्यु के बाद प्रभु अपने लोगों को अपनी भुजाओं में लेकर उन्हें उनके स्वर्गीय घर में ले जाता है। उसे भजनकार का आश्वासन स्मरण हो आया, "चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है" (भजन २३:४)।

   अनजाने भविष्य और मृत्यु के भय से ग्रसित उस व्यक्ति ने तसल्ली पाई, भय से छुटकारा पाया क्योंकि अब वह आश्वस्त था कि चाहे सोते या जागते, जीवन में या जीवनोपरांत, वह अपने प्रभु की सनातन सामर्थी भुजाओं में सर्वदा सुरक्षित है। उस प्रेमी प्रभु परमेश्वर की भुजाओं से उसे कोई छीन नहीं सकता, गिरा नहीं सकता और उनके होते हुए कोई उसका कुछ भी नुकसान नहीं कर सकता। उस रात उसने अपने बचपन में सीखा हुआ एक गीत गाया: "मुझे ऐसे जीवन जीना सिखा कि मैं कब्र के प्रति अपनी आशंकाओं को, प्रतिदिन अपने बिस्तर में जाने की आशंकाओं से भी कमतर समझूँ।" अनन्तः वह बिना किसी भय के सो सका।

   प्रभु यीशु की सामर्थी भुजाएं आपके लिए भी खुली हैं, अपने हर भय को उसे सौंप दीजिए और उसकी सनातन भुजाओं की सुरक्षा को अपना लीजिए। - एम.आर. डी हॉन


अन्धेरा हो या उजियाला, आप परमेश्वर पर सदा भरोसा रख सकते हैं।
 
अनादि परमेश्वर तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भुजाएं हैं। - व्यवस्थाविवरण ३३:२७
 
बाइबल पाठ: भजन ४६
Psa 46:1  परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psa 46:2  इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
Psa 46:3  चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठे।
Psa 46:4  एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात् परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psa 46:5  परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
Psa 46:6  जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
Psa 46:7  सेनाओं का यहोवा हमारे संगे है, याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psa 46:8  आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उस ने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
Psa 46:9  वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है, वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
Psa 46:10  चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान् हूं, मैं पृथ्वी भर में महान् हूं!
Psa 46:11  सेनाओं का यहोवा हमारे संग है, याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल १३-१४ 
  • लूका १०:१-२४

रविवार, 8 अप्रैल 2012

अनेक गवाह

   एक ईस्टर इतवार की प्रातः ७:३० बजे, न्यूयॉर्क शहर के उस होटल में बैठा हुआ मैं एकमात्र ग्राहक था। होटल का द्वार खुला, एक व्यक्ति अन्दर आया, मुझे बैठा हुआ देखकर मेरी मेज़ के निकट आया, मुझे संबोधित करते हुए उसने कहा, "नमस्कार, प्रभु आपको आशीष दे", फिर मेरे सामने एक सुसमाचार लेख का पर्चा रखा और चला गया। मैं मुस्कुराया, उसकी इस गवाही की मन ही मन प्रशंसा करी और एहसास किया कि परमेश्वर के गवाह सब स्थानों पर उपस्थित हैं। उस रात्रि को मैं और मेरी बेटी डेबी चर्च में ३०० उत्साहपूर्ण लोगों के साथ आराधना में सम्मिलित हुए जिनमें अधिकांश जवान थे। प्रभु यीशु के प्रति उनके प्रेम और उस प्रेम के कारण अन्य लोगों से भी उनके प्रेम और सहभागिता को देखना, उस आत्मिक अन्धकार से भरे हुए शहर में मानो अन्धेरे में प्रकाश देखने के समान था।

   प्रथम ईस्वीं में प्रेरित पौलुस यूनान के कुरिन्थुस शहर आया, जो अपनी अनैतिकता, भ्रष्टाचार और वहां के समाज में व्याप्त व्यभिचार के लिए जाना जाता था। जब वहां पौलुस ने प्रभु यीशु के सुसमाचार का प्रचार करने का प्रयास किया तो उसका बहुत विरोध हुआ। किंतु प्रभु ने उसे दर्शन देकर उससे प्रचार करते रहने को कहा, और प्रभु की सामर्थ से पौलुस उस पाप और आत्मिक अन्धकार से भरे शहर में डेढ़ वर्ष तक प्रचार करता रहा: "और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, मत डर, वरन कहे जा, और चुप मत रह। क्‍योंकि मैं तेरे साथ हूं: और कोई तुझ पर चढ़ाई करके तेरी हानि न करेगा; क्‍योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं। सो वह उन में परमेश्वर का वचन सिखाते हुए डेढ़ वर्ष तक रहा" (प्रेरितों १८:९-११)।

   हम चाहे कहीं भी जाएं, परमेश्वर के लोग सब जगह विद्यमान हैं, और उनमें होकर प्रभु यीशु की सामर्थी उपस्थिति भी विद्यमान है। आप जहां हैं, प्रभु यीशु के गवाह वहां भी उपस्थित हैं, उनका पता कीजिए और उनके साथ संगति कीजिए। आप को जहां प्रभु यीशु ने रखा है वहीं प्रभु यीशु के गवाह भी बनिए और सुसमाचार का प्रचार कीजिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


आप जहां हैं, वहीं प्रभु यीशु के अनेक गवाह भी हैं।
क्‍योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं। - प्रेरितों १८:१०
 
बाइबल पाठ: प्रेरितों १८:१-११
Act 18:1  इस के बाद पौलुस अथेने को छोड़कर कुरिन्थुस में आया।
Act 18:2  और वहां अक्‍विला नाम एक यहूदी मिला, जिस का जन्म पुन्‍तुस का था और अपनी पत्‍नी प्रिस्‍किल्ला समेत इतालिया से नया आया था, क्‍योंकि क्‍लौदियुस ने सब यहूदियों को रोम से निकल जाने की आज्ञा दी थी, सो वह उन के यहां गया।
Act 18:3  और उसका और उन का एक ही उद्यम था इसलिथे वह उन के साथ रहा, और वे काम करने लगे, और उन का उद्यम तम्बू बनाने का था।
Act 18:4 और वह हर एक सब्‍त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद करके यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था।
Act 18:5  जब सीलास और तीमुथियुस मकिदुनिया से आए, तो पौलुस वचन सुनाने की धुन में लगकर यहूदियों को गवाही देता था कि यीशु ही मसीह है।
Act 18:6 परन्‍तु जब वे विरोध और निन्‍दा करने लगे, तो उस ने अपने कपड़े झाड़कर उन से कहा, तुम्हारा लोहू तुम्हारी गर्दन पर रहे: मैं निर्दोष हूं: अब से मैं अन्यजातियों के पास जाऊंगा।
Act 18:7 और वहां से चलकर वह तितुस युस्‍तुस नाम परमेश्वर के एक भक्त के घर में आया, जिस का घर आराधनालय से लगा हुआ था।
Act 18:8 तब आराधनालय के सरदार क्रिस्‍पुस ने अपने सारे घराने समेत प्रभु पर विश्वास किया, और बहुत से कुरिन्थी सुनकर विश्वास लाए और बपतिस्मा लिया।
Act 18:9  और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, मत डर, वरन कहे जा, और चुप मत रह।
Act 18:10 क्‍योंकि मैं तेरे साथ हूं: और कोई तुझ पर चढ़ाई कर के तेरी हानि न करेगा; क्‍योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।
Act 18:11  सो वह उन में परमेश्वर का वचन सिखाते हुए डेढ़ वर्ष तक रहा।

एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल १०-१२ 
  • लूका ९:३७-६२

शनिवार, 7 अप्रैल 2012

"सामान्य"

   जब मेरे डॉक्टर ने कहा कि मुझे कैंसर है, तो उसके आगे मैं उसकी कोई बात सुन ही नहीं पाई; मैंने सुनने का प्रयास तो किया किंतु कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं वापस घर आई, कंबल ओढ़ कर बिस्तर पर पड़ गई और सो गई, मानो मेरे आँखें मूँद लेने से मेरी बिमारी बदल जाएगी या ठीक हो जाएगी।

   फिर जब मैं अपनी बीमारी के बारे में अपने रिश्तेदारों और प्रीय जनों को बता पाने का साहस जुटाने पाई, तो मेरी सहेली जूडी ने जो कहा वह मेरे लिए अविस्मरणीय है। जूडी ने मेरी बिमारी के बारे में जानने के बाद पहले अपनी संवेदनाएं जताईं, फिर बोली; "अब ऐसा होगा, तीन दिनों तक तो तुम्हें बहुत बुरा लगेगा। फिर तुम इस बात पर ध्यान देना आरंभ करोगी कि अब इससे आगे मुझे क्या करना है। उसके बाद जीवन का तुम्हारा एक नया "सामान्य" बन जाएगा और तुम अपनी दिनचर्या निभाना आरंभ कर दोगी।" कुछ ठहर कर वह बोली, "यह कुछ ऐसा ही है जैसा मरना, गाड़े जाना और फिर पुनरुत्थान के साथ नया जीवन।"

   उस समय मैंने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। मुझे पूरा विश्वास था कि जीवन, जैसा मैंने जाना है, मेरे लिए अब अन्त हो गया है; अब कभी कुछ पहले जैसा नहीं रहेगा। मैं दोबारा "सामान्य" अनुभव करने के बारे में सोच भी नहीं पा रही थी। लेकिन मेरी सहेली की बात सही थी। तीन दिन पश्चात जब मैं सो कर उठी तो मुझे अनुभव हुआ कि मेरी दशा इतनी बुरी भी नहीं है। फिर धीरे धीरे, कैंसर की दवाओं के कारण होने वाले क्लेष के बावजूद, मेरी शारीरिक और मानसिक दशा काफी सुधर गई; जैसे मैं अपने पुराने असतित्व के लिए मर कर अब नए असतित्व में, एक नए "सामान्य" के साथ पुनर्जीवित हो गई और मैं अपने नए "सामान्य" के साथ अपनी दिनचर्या जीने लगी।

   प्रभु यीशु मसीह में विश्वास द्वारा "नए जन्म" में भी कुछ ऐसा ही होता है। पापों से पश्चाताप करके प्रभु यीशु में विश्वास लाने और उसे अपना निज उद्धारकर्ता ग्रहण करने वाला मनुष्य भी अपने पुराने मनुष्यत्व के लिए तो "मर" जाता है और साथ ही प्रभु यीशु में एक नए मनुष्यत्व के साथ नया जन्म प्राप्त करता है, जिसमें उसके लिए अब एक नया "सामान्य" होता है - संसार के माप-दंडों के अनुसार नहीं वरन प्रभु यीशु के माप दंडों के अनुसार।

   हम जो मसीह यीशु में पाप और संसार के लिए "मर" गए, वे उस "मरने" के द्वारा एक असतित्व से निकलकर एक दूसरे ही असतित्व में "नया जन्म" भी पा लेते हैं; एक ऐसे असतित्व में जो महिमामयी है, जिसका "सामान्य" अलौकिक है, जिससे हम अब उस नए जीवन की चाल चलें (रोमियों ६:४)। - जूली ऐकरमैन लिंक


मसीह "में" होने का अर्थ है उसके जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान में उसके साथ संभागी होना।
 
सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। - रोमियों ६:४
 
बाइबल पाठ: रोमियों ६:१-१३
Rom 6:1  सो हम क्‍या कहें क्‍या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
Rom 6:2  कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्‍योंकर जीवन बिताएं?
Rom 6:3  क्‍या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
Rom 6:4   सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
Rom 6:5  क्‍योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्‍चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे।
Rom 6:6  क्‍योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्‍व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्‍व में न रहें।
Rom 6:7  क्‍योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8   सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9  क्‍योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10  क्‍योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया, परन्‍तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11  ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्‍तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12  इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13  और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल ७-९ 
  • लूका ९:१८-३६

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

बलिदान

   इटली के एक चित्रकार ने १६०२ में एक चित्र बनाया, जिसका शीर्षक है "The Taking of Christ" (प्रभु यीशु का पकड़वाया जाना)। गहरे रंगों में बना यह चित्र वशीभूत कर देने वाला है। इसमें गतसमनी के बाग़ में प्रभु यीशु के पकड़वाए जाने की घटना का चित्रण है। चित्र में दो बातें दर्शक का ध्यान अपनी ओर खेंचती हैं: पहली है प्रभु यीशु का पकड़वाने वाला यहूदा, जिसे पहचान कि निशानी के रुप में प्रभु यीशु को प्रेम का चुंबन देते दिखाया गया है, और दूसरी है दोनो हाथ बांधे शान्त स्वभाव के साथ खड़ा हुआ प्रभु यीशु, जो अपने साथ हो रहे अन्याय के लिए कोई प्रतिरोध नहीं कर रहा है। यद्यपि प्रभु यीशु सृष्टि का सृष्टिकर्ता है और सर्वसामर्थी है, किंतु उस गतसमनी के बाग़ में उसने अपने आप को अपने पकड़ने वालों के हाथ में क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए सौंप दीया।

   अपने पकड़वाए के बहुत पहले प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कह दिया था कि कोई उसका जीवन उस से नहीं ले सकता, वह स्वयं ही अपने प्राण आप देगा (यूहन्ना १०:१८)। इतना ही नहीं, प्रभु यीशु के जन्म से सैकड़ों वर्ष पूर्व, परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता, यशायाह ने प्रभु यीशु से संबंधित अपनी भविष्यवाणियों में यह बात बता दी थी: "वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला" (यशायाह ५३:७)।

   प्रभु यीशु का यह बलिदान उसके महान प्रेम का सूचक है; उसने कहा था: "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो" (यूहन्ना १५:१३)।

   ज़रा सोचिए, उसने आप से इतना प्रेम किया कि अपने आप को आपके लिए बलिदान कर दिया। आपने उसके इस प्रेम के लिए उसे क्या दिया? - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु के कीलों से छिदे हाथ परमेश्वर के प्रेम से छिदे हृदय को दिखाते हैं।

वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला। - यशायाह ५३:७
बाइबल पाठ: यशायाह ५३:१-१२
Isa 53:1  जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास कया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
Isa 53:2  क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।
Isa 53:3  वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी, और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।
Isa 53:4  निश्चय उस ने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।
Isa 53:5  परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।
Isa 53:6  हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे, हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isa 53:7  वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।
Isa 53:8  अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया; मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी।
Isa 53:9  और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उस ने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isa 53:10  तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा, उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी।
Isa 53:11  वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा, और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा।
Isa 53:12  इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा, क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया, तौभी उस ने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।
एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल ४-६ 
  • लूका ९:१-१७

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

झूठी आशाएं

   जर्मनी के बवेरिया में स्थित एक सुन्दर स्थल डाकाओ (Dachau) संसार में अपनी सुन्दरता के नहीं वरन एक भयानक नरसंहार का स्थल होने के कारण जाना जाता है। दूसरे विश्वयुद्ध के समय नाट्ज़ी जर्मनी की सेनाओं ने यहूदियों के संहार के लिए जो योजना कार्यान्वित की थी उसका एक भाग था यहां पर बना कैदी शिविर, जहां लाखों यहूदियों को स्थान स्थान से बेघर कर के लाया गया, फिर उन्हें अमानवीय दशा में रखने और निर्मम रीति से उनसे कठोर बेगार मेहनत करवाने  के बाद, उन्हें मौत के घाट उतारा गया, केवल इसलिए क्योंकि वे यहूदी थे! आज इस स्थल पर एक अजायबघर है जो इस भयानक नरसंहार की यादों और बातों पर बनाया गया है और प्रतिवर्ष अनेकों सैलिनी जो दूसरे विश्वयुद्ध के इतिहास में रुचि रखते हैं, यहां आते हैं।

   आज, इस स्थान के इतिहास के परिपेक्ष में, अजायबघर में आने वालों के लिए, वहां के एक लोहे से बने प्रवेश द्वार पर लिखे स्वागत के शब्दों के कटु कटाक्ष की अन्देखी कर पाना कठिन है। उस द्वार पर जर्मन भाषा में लिखा है: Arbeit Macht Frei; अर्थात "कार्य स्वतंत्र करता है" - यहां वे कैदी अमानवीय दशा में कठोर कार्य करने के बाद "स्वतंत्र" तो कर दिए गए। किंतु इस कटु सत्य को छुपाने के लिए, और आने वाले कैदियों के मन में स्वतंत्रता की एक झूठी उम्मीद बनाने के लिए उन का स्वागत इन शब्दों से किया जाता था।

   आज भी असंख्य लोग इसी भ्रम में फंसे हैं कि अपने भले और धर्म के कार्यों के द्वारा वे स्वर्ग का मार्ग पा सकते हैं, परमेश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। वे भूल जाते हैं कि स्वर्ग परमेश्वर का स्थान है, जिसमें प्रवेश परमेश्वर की इच्छानुसार है; वहां प्रवेश पाने के लिए कोई परमेश्वर को बाध्य नहीं कर सकता। परम पवित्र परमेश्वर के साथ निवास के लिए उसके निर्धारित मानकों के अनुसार पवित्र होने की भी आवश्यक्ता है, और कोई मनुष्य ऐसा नहीं है जो अपने किसी प्रयास से उन मानकों पर खरा उतर सके, वैसा पवित्र बन सके, या किसी रिति से वह पवित्रता अर्जित कर सके।

   केवल एक ही मार्ग है जो मनुष्यों को स्वर्ग में प्रवेश के योग्य पवित्रता देता है - पापों की क्षमा और उन पापों का उसके जीवन से हटाया जाना; और यह केवल प्रभु यीशु में विश्वास, पापों से पश्चाताप और प्रभु यीशु से मिली पापों कि क्षमा से ही संभव है। परमेश्वर की ओर से उसके साथ का अनन्त जीवन परमेश्वर के अनुग्रह ही से मिलने वाला परमेश्वर का दान है, यह जीवन किन्ही कर्मों के द्वारा कमाया नहीं जा सकता: "क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे" (इफिसियों २:८, ९)। परमेश्वर के अनुग्रह का यही मार्ग परमेश्वर द्वारा स्वर्ग के लिए दिया गया मार्ग है, क्योंकि "जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं" (२ कुरिन्थियों ५:२१)।

   जैसे जर्मन सेना के लोगों ने उस शिविर में लाए जाने वाले लोगों को स्वतंत्रता के भ्रम में रखकर उनसे कठोर परिश्रम करवाया, आज शैतान भी आपको ऐसे ही भले और धर्म के कार्यों के भ्रम में डालकर, या "परिश्रम ही आराधना है" जैसी बातों में उलझा कर व्यर्थ परिश्रम करवाके सच्चे परमेश्वर के सच्चे मार्गों से दूर रखने ना पाए। झूठी आशाओं में फंसने से सावधान रहें; केवल प्रभु यीशु के कलवरी के क्रूस पर किए गए कार्य के द्वारा ही वह सच्ची स्वतंत्रता मिल सकती है, और वह भी बिलकुल सेंतमेंत। - सिंडी हैस कैस्पर


हम परमेश्वर के द्वारा बचाए जाते हैं, कर्मों के द्वारा नहीं।
 
क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। - इफिसियों २:८, ९
 
बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१०
Eph 2:1  और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2  जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्‍तान थे।
Eph 2:4 परन्‍तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5  जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7  कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Eph 2:10 क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल १-३ 
  • लूका ८:२६-५६

बुधवार, 4 अप्रैल 2012

महत्वता

   विभिन्न खेल-कूद के दल अपने नाम विभिन्न सोच के साथ रखते हैं। कुछ इतिहास और इतिहास बनाने वाले नायकों से नाम लेते हैं, तो कोई प्रकृति और प्रकृति की सुन्दरता को नाम का आधार बनाते हैं। कुछ तो आकर्षक और चटक रंगों के नाम अपने दल पर ले लेते हैं। एक दल ने तो एक नाचीज़ घोंघे के नाम को ही अपना लिया!

   हुआ यों कि १९८० के दशक में सैंटा क्रूज़ में स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना आरंभ ही किया था। इस विश्वविद्यालय के लोग, कुछ अन्य बड़े और नामी शिक्षण संस्थाओं द्वारा, खेल-कूद पर दिए जाने वाले अत्याधिक महत्व को इतना महत्वपूर्ण नहीं आँकते थे। इसलिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की छात्र परिषद ने निर्णय लिया कि वे अपने दल का ऐसा नाम रखेंगे जो उनकी इस विचारधारा को भी दर्शाए और अन्य नामों से बिलकुल भिन्न भी हो। अपनी इसी सोच के अन्तर्गत उन्होंने अपने दल का नाम रखा "Banana Slug" जो एक पीला, लसलसा, धीमी गति से चलने वाला ऐसा घोंघा होता है जिसके ऊपर अन्य घोंघों की तरह कोई कठोर खोल नहीं होता। खेल कूद को दिए जाने वाले अत्याधिक महत्व पर, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, द्वारा यह एक रोचक कटाक्ष था।

   मुझे खेल-कूद से सदा ही लगाव रहा है, इसलिए मैं यह भी जानता हूँ कि ये बहुत आसानी से और अनजाने ही आवश्यक्ता से अधिक महत्वपूर्ण बन सकते हैं। खेल-कूद का जीवन में अपना स्थान है, उनकी उपयोगिता है, किंतु उस स्थान और उपयोगिता के बाहर यदि वे जीवन के लिए अन्य आवश्यक बातों के समय और प्रयास में आड़े आने लगें तो भली बात बुरी बन जाती है। हमें अपने जीवनों में उनकी महत्वता को आँकने और उस के अनुसार अपने जीवन के लिए आवश्यक बातों की प्राथमिकता को निर्धारित करने की आवश्यकता है जिससे सब कार्य सुचारू रूप से चले, और एक के कारण दूसरे का नुकसान ना हो।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए एक और बात है जिसका उसे सदा ध्यान रखना चाहिए - संसार के कार्य और परमेश्वर की बातों के बीच का तालमेल। जैसा हमारे प्रभु यीशु ने बताया था: "तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख" (मत्ती २२:३७-३९), यही जीवन में हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता मीका के द्वारा परमेश्वर ने अपनी प्रजा को समझाया था कि वे कैसे उसे प्रसन्न करने वाला जीवन जी सकते हैं; मीका ने परमेश्वर की ओर से कहा: "हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?" (मीका ६:८)।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए यह अनिवार्य है कि उसके जीवन में परमेश्वर की जो उस से उम्मीदें हैं उन्हें छोड़ और कोई बात प्राथमिकता ना लेने पाए। यदि प्राथमिकताओं के सही आँकलन और निर्वाह में गलती हुई और संसार तथा संसार के कार्यों एवं बातों ने परमेश्वर का स्थान ले लिया तो इसके परिणाम उन के मसीही विश्वास और विश्वास के जीवन तथा आशीषों के लिए अति हानिकारक होंगे।

   आप के जीवन की महत्वता किस के लिए है - परमेश्वर या संसार? - बिल क्राउडर


अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें; कम महत्व की बातों पर अधिक समय गँवाने से सावधान रहें।
हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? - मीका ६:८
बाइबल पाठ: मीका ६:१-८
Mic 6:1  जो बात यहोवा कहता है, उसे सुनो: उठकर, पहाड़ों के साम्हने वादविवाद कर, और टीले भी तेरी सुनने पाएं।
Mic 6:2  हे पहाड़ों, और हे पृथ्वी की अटल नेव, यहोवा का वादविवाद सुनो, क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है।
Mic 6:3  हे मेरी प्रजा, मैं ने तेरा क्या किया, और क्या करके मैं ने तुझे उकता दिया है?
Mic 6:4  मेरे विरूद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया, और तेरी अगुवाई करने को मूसा, हारून और मरियम को भेज दिया।
Mic 6:5  हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरूद्ध कौन सी युक्ति की, और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मति दी? और शित्तीम से गिल्गाल तक की बातों का स्मरण कर, जिस से तू यहोवा के धर्म के काम समझ सके।
Mic 6:6  मैं क्या लेकर यहोवा के सम्मुख आऊं, और ऊपर रहने वाले परमेश्वर के साम्हने झुकूं? क्या मैं होमबलि के लिये एक एक वर्ष के बछड़े लेकर उसके सम्मुख आऊं?
Mic 6:7  क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, वा तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित्त में अपने पहिलौठे को वा अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूं?
Mic 6:8  हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है, और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपके परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
एक साल में बाइबल: 
  • रूथ १-४ 
  • लूका ८:१-२५

मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

लालसाएं

   शरद ऋतु लंबी चली है और ठंड भी बहुत रही है, अब मैं गरमी के लिए तरस रहा हूँ। मैं बिना पत्तों के सूने और नंगे पड़े पेड़ों और ज़मीन पर निर्जीव सूखे भूरे पत्तों को देखते देखते अघा गया हूँ। अब मेरी तीव्र लालसा है कि इन मरे हुए पत्तों के बीच में से नए हरे अँकुर फूटते हुए दिखाई दें, पेड़ फिर से हरे दिखने लगें और चारों ओर हरियाली के साथ फूलों का सुन्दर नज़ारा हो।

   किंतु जैसे जैसे मैं अपने प्रीय मौसम की लालसा करता हूँ, मुझे मेरी माँ की आवाज़ भी आती है, "अपनी ज़िन्दगी ऐसे ही प्रतीक्षाओं में ना बिता देना।"

   यदि आप मेरी जैसी प्रवृति वाले व्यक्ति हैं तो आप भी मेरे समान ही कुछ इस प्रकार की कल्पनाएं करते होंगे: "जब ऐसा और ऐसा होगा, तब मैं यह करूँगा..."; या, "यदि वह ऐसा करेगा, तब ही मैं भी यह करूँगा..."; या, "मुझे तब ही संतुष्टि मिलेगी जब..."; या, "मैं तो बस इस से प्रसन्न होऊँगा कि..."; इत्यादि।

   भविष्य की भलाई की लालसा में हम यह भूल जाते हैं कि प्रत्येक दिन, चाहे उस दिन मौसम या परिस्थितियाँ कैसी भी हों, परमेश्वर का दिया हुआ वरदान है, जिसे परमेश्वर ही की महिमा के लिए बिताया जाना चाहिए।

   लेखक रौन ऐश के अनुसार, "हम वहीं हैं जहाँ हमें होना चाहिए और हम वही सीख रहे हैं जो हमें सीखना चाहिए। बस अपने पथ पर बने रहिए क्योंकि आज के अनुभवों से परमेश्वर आपको वह सिखा रहा है जो कल की परिस्थितियों में आपके लिए उपयोगी होगा; आज उसने आपको वहाँ रखा है जहाँ से आप कल के लिए तैयार हो सकते हैं।"

   प्रत्येक ऋतु में भलाई करने और आनन्दित होने के लिए भी कारण होते हैं (सभोपदेशक ३:१२)। यह हम सब के लिए प्रतिदिन की चुनौती है कि हम हर दिन में करने के लिए कुछ भला और आनन्दित होने के लिए कोई कारण ढूँढ़ें, और फिर उस दिन में वह भलाई भी करें और उस आनन्द को भी मनाएं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हर ऋतु आनन्द का कोई कारण लाती है।
 
मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं; और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे। - सभोपदेशक ३:१२, १३
 
बाइबल पाठ: सभोपदेशक ३:१-१३
Ecc 3:1  हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
Ecc 3:2  जन्म का समय, और मरण का भी समय; बोने का समय, और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
Ecc 3:3  घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
Ecc 3:4  रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
Ecc 3:5  पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है?
Ecc 3:6  ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
Ecc 3:7  फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
Ecc 3:8  प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।
Ecc 3:9  काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?
Ecc 3:10  मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
Ecc 3:11  उस ने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते हैं; फिर उस ने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी जो काम परमेश्वर ने किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।
Ecc 3:12  मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;
Ecc 3:13  और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों १९-२१ 
  • लूका ७:३१-५०