ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

झूठी आशाएं

   जर्मनी के बवेरिया में स्थित एक सुन्दर स्थल डाकाओ (Dachau) संसार में अपनी सुन्दरता के नहीं वरन एक भयानक नरसंहार का स्थल होने के कारण जाना जाता है। दूसरे विश्वयुद्ध के समय नाट्ज़ी जर्मनी की सेनाओं ने यहूदियों के संहार के लिए जो योजना कार्यान्वित की थी उसका एक भाग था यहां पर बना कैदी शिविर, जहां लाखों यहूदियों को स्थान स्थान से बेघर कर के लाया गया, फिर उन्हें अमानवीय दशा में रखने और निर्मम रीति से उनसे कठोर बेगार मेहनत करवाने  के बाद, उन्हें मौत के घाट उतारा गया, केवल इसलिए क्योंकि वे यहूदी थे! आज इस स्थल पर एक अजायबघर है जो इस भयानक नरसंहार की यादों और बातों पर बनाया गया है और प्रतिवर्ष अनेकों सैलिनी जो दूसरे विश्वयुद्ध के इतिहास में रुचि रखते हैं, यहां आते हैं।

   आज, इस स्थान के इतिहास के परिपेक्ष में, अजायबघर में आने वालों के लिए, वहां के एक लोहे से बने प्रवेश द्वार पर लिखे स्वागत के शब्दों के कटु कटाक्ष की अन्देखी कर पाना कठिन है। उस द्वार पर जर्मन भाषा में लिखा है: Arbeit Macht Frei; अर्थात "कार्य स्वतंत्र करता है" - यहां वे कैदी अमानवीय दशा में कठोर कार्य करने के बाद "स्वतंत्र" तो कर दिए गए। किंतु इस कटु सत्य को छुपाने के लिए, और आने वाले कैदियों के मन में स्वतंत्रता की एक झूठी उम्मीद बनाने के लिए उन का स्वागत इन शब्दों से किया जाता था।

   आज भी असंख्य लोग इसी भ्रम में फंसे हैं कि अपने भले और धर्म के कार्यों के द्वारा वे स्वर्ग का मार्ग पा सकते हैं, परमेश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। वे भूल जाते हैं कि स्वर्ग परमेश्वर का स्थान है, जिसमें प्रवेश परमेश्वर की इच्छानुसार है; वहां प्रवेश पाने के लिए कोई परमेश्वर को बाध्य नहीं कर सकता। परम पवित्र परमेश्वर के साथ निवास के लिए उसके निर्धारित मानकों के अनुसार पवित्र होने की भी आवश्यक्ता है, और कोई मनुष्य ऐसा नहीं है जो अपने किसी प्रयास से उन मानकों पर खरा उतर सके, वैसा पवित्र बन सके, या किसी रिति से वह पवित्रता अर्जित कर सके।

   केवल एक ही मार्ग है जो मनुष्यों को स्वर्ग में प्रवेश के योग्य पवित्रता देता है - पापों की क्षमा और उन पापों का उसके जीवन से हटाया जाना; और यह केवल प्रभु यीशु में विश्वास, पापों से पश्चाताप और प्रभु यीशु से मिली पापों कि क्षमा से ही संभव है। परमेश्वर की ओर से उसके साथ का अनन्त जीवन परमेश्वर के अनुग्रह ही से मिलने वाला परमेश्वर का दान है, यह जीवन किन्ही कर्मों के द्वारा कमाया नहीं जा सकता: "क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे" (इफिसियों २:८, ९)। परमेश्वर के अनुग्रह का यही मार्ग परमेश्वर द्वारा स्वर्ग के लिए दिया गया मार्ग है, क्योंकि "जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं" (२ कुरिन्थियों ५:२१)।

   जैसे जर्मन सेना के लोगों ने उस शिविर में लाए जाने वाले लोगों को स्वतंत्रता के भ्रम में रखकर उनसे कठोर परिश्रम करवाया, आज शैतान भी आपको ऐसे ही भले और धर्म के कार्यों के भ्रम में डालकर, या "परिश्रम ही आराधना है" जैसी बातों में उलझा कर व्यर्थ परिश्रम करवाके सच्चे परमेश्वर के सच्चे मार्गों से दूर रखने ना पाए। झूठी आशाओं में फंसने से सावधान रहें; केवल प्रभु यीशु के कलवरी के क्रूस पर किए गए कार्य के द्वारा ही वह सच्ची स्वतंत्रता मिल सकती है, और वह भी बिलकुल सेंतमेंत। - सिंडी हैस कैस्पर


हम परमेश्वर के द्वारा बचाए जाते हैं, कर्मों के द्वारा नहीं।
 
क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। - इफिसियों २:८, ९
 
बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१०
Eph 2:1  और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2  जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्‍तान थे।
Eph 2:4 परन्‍तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5  जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7  कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्‍योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे।
Eph 2:10 क्‍योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्‍हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • १ शमूएल १-३ 
  • लूका ८:२६-५६

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें