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सोमवार, 22 मई 2017

बुध्दि


   प्रत्येक वर्ष स्कूलों एवं कॉलेजों में दीक्षान्त समारोह आयोजित होते हैं, उन छात्रों के उपलक्ष में जिन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर के उससे संबंधित उपाधियों को प्राप्त करने की योग्यता प्राप्त की है। उस दीक्षान्त समारोह के उपरान्त वे छात्र संसार में जाकर चुनौतियों का सामना करते हैं। संसार में चुनौतियों का सामना करने के लिए केवल शैक्षिक ज्ञान होना ही काफी नहीं होता है। सफलता की कुंजी है, जो उन्होंने सीखा है उसे बुध्दिमानी के साथ व्यावाहरिक जीवन में लागू करना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में बुध्दि को एक ऐसे खज़ाने के समान दर्शाया गया है जो खोजे जाने के सर्वथा योग्य है। वह धन-संपत्ति से बढ़कर है (नीतिवचन 3:13-18); उसका स्त्रोत एकमात्र सिध्द तथा बुध्दिमान परमेश्वर है (रोमियों 16:27); और यह प्रभु यीशु के कार्यों तथा व्यवहार में, जिसमें "बुध्दि और ज्ञान के सारे भण्डार छिपे हुए हैं" (कुलुस्सियों 2:3) मिलती है। बुध्दि परमेश्वर के वचन के अध्ययन और उसे व्यवहार में लाने से आती है। इसका एक उदाहरण है प्रभु यीशु का पवित्र-शास्त्र के अपने ज्ञान द्वारा शैतान द्वारा लाई गई परीक्षाओं पर जयवन्त होना (लूका 4:1-13)। कहने का तात्पर्य है कि वास्तव में बुध्दिमान व्यक्ति जीवन को परमेश्वर के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है और परमेश्वर की बुध्दि के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करता है।

   इस प्रकार जीवन जीने का प्रतिफल क्या है? बाइबल में नीतिवचन हमें बताते हैं कि बुध्दि मधु के समान के मीठी (नीतिवचन 24:13-14) है, और धन्य हैं वे जो इसे पाते हैं (नीतिवचन 3:13)। इसलिए, परमेश्वर की सम्मति के अनुसार बुध्दि की खोज में रहिए, क्योंकि इसका मोल सोने और चान्दी से भी कहीं अधिक बढ़कर है। - जो स्टोवैल


बुध्दि को खोजने और उसके अनुसार जीवन जीने से ही आशीषें प्राप्त होती हैं।

तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं। तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:104-105

बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:1-13
Proverbs 3:1 हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना; 
Proverbs 3:2 क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा। 
Proverbs 3:3 कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उन को अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदय रूपी पटिया पर लिखना। 
Proverbs 3:4 और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।
Proverbs 3:5 तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। 
Proverbs 3:6 उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 
Proverbs 3:7 अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना। 
Proverbs 3:8 ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हड्डियां पुष्ट रहेंगी। 
Proverbs 3:9 अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना; 
Proverbs 3:10 इस प्रकार तेरे खत्ते भरे और पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा।
Proverbs 3:11 हे मेरे पुत्र, यहोवा की शिक्षा से मुंह न मोड़ना, और जब वह तुझे डांटे, तब तू बुरा न मानना, 
Proverbs 3:12 क्योंकि यहोवा जिस से प्रेम रखता है उसको डांटता है, जैसे कि बाप उस बेटे को जिसे वह अधिक चाहता है।
Proverbs 3:13 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 16-18
  • यूहन्ना 7:28-53


रविवार, 21 मई 2017

नया जीवन


   क्रोएशिया के ज़गरेब शहर में टूटे हुए संबंधों का संग्रहालय है, जिसमें अनेकों अज्ञात लोगों द्वारा दिए गए टूटे हुए प्रेम संबंधों के स्मारक चिन्ह रखे गए हैं। वहाँ एक कुल्हाड़ी है जिससे एक ठुकराए हुए प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के घर का सामान तोड़ डाला था। प्रेमियों द्वारा एक दुसरे को भेंट में दिए गए अनेकों खिलोने हैं, टूटे काँच और फ्रेम में लगे कई प्रेम-पत्र हैं, बहुत से विवाह-वस्त्र हैं; ये सभी अपनी मूक भाषा में उस टूटे हुए प्रेम से होने वाली व्यथा और गहरी चोट का ब्यान करते हैं। उस संग्रहालय में आने वाले आगन्तुकों में से कुछ अपने साथ हुई किसी ऐसी ही घटना को याद करके रोते हैं या नम आँखों के साथ जाते हैं, तो कुछ प्रेमी-जोड़े एक दूसरे से वायदे कर के कि वे ऐसा अपने साथ नहीं होने देंगे, एक दूसरे का आलिंगन करके जाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के भविष्यद्वकता, यशायाह ने लिखा, "प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं" (यशायाह 61:1)। सैंकड़ों वर्षों के बाद प्रभु यीशु मसीह ने अराधनालय में खड़े होकर यशायाह द्वारा लिखे गए इस लेख को पढ़ा, और "तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है" (लूका 4:21)। यशायाह द्वारा लिखे गए ये शब्द भावनाओं की किसी चोट में सहायता से बढ़कर, परमेश्वर की सहायता से मिलने वाले बदले हुए हृदय और नूतन आत्मा की बात करते हैं, जो परमेश्वर से उसके अनुयायियों को उपहार स्वरूप मिलते हैं: "और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो" (यशायाह 61:3)।

   हम सब ने अपने जीवनों में टूटे हुए वायदे और पछतावे का अनुभव किया है। लेकिन हम जिस भी दुःख से होकर निकले हों, प्रभु यीशु हमें नए जीवन, चँगाई और आशा की प्रतिज्ञा देता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर त्रासदी को भी विजयोत्सव में परिवर्तित कर सकता है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: यशायाह 61:1-3; लूका 4:16-22
Isaiah 61:1 प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; 
Isaiah 61:2 कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं 
Isaiah 61:3 और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।

Luke 4:16 और वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ। 
Luke 4:17 यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक उसे दी गई, और उसने पुस्‍तक खोल कर, वह जगह निकाली जहां यह लिखा था। 
Luke 4:18 कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं। 
Luke 4:19 और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूं। 
Luke 4:20 तब उसने पुस्‍तक बन्‍द कर के सेवक के हाथ में दे दी, और बैठ गया: और आराधनालय के सब लोगों की आंख उस पर लगी थीं। 
Luke 4:21 तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है। 
Luke 4:22 और सब ने उसे सराहा, और जो अनुग्रह की बातें उसके मुंह से निकलती थीं, उन से अचम्भा किया; और कहने लगे; क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं?

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27


शनिवार, 20 मई 2017

केंद्र बिन्दु


   मैंने एक बार एक महिला को, उसके बारे में जिसकी वह सहायता कर रही थी यह कहते सुना, "वह मेरा शिष्य है।" मसीह यीशु के शिष्य होने के नाते हम सभी मसीही विश्वासियों को प्रभु यीशु का सुसमाचार सुनाने और प्रभु के शिष्य बनाने तथा उनके आत्मिक बढ़ोतरी का ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। परन्तु प्रभु यीशु को केन्द्र बिन्दु बनाना सिखाने के स्थान पर अपने आप पर ध्यान केंद्रित करवा लेना सरल होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रेरित पौलुस इस बात से चिंतित था कि कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों का ध्यान प्रभु यीशु पर केन्द्रित होने से भटक रहा था। उन दिनों के दो सबसे अच्छे प्रचारक थे पौलुस तथा अपुल्लोस। उन्हें लेकर मसीही विश्वासियों की मण्डली में विभाजन आने लगा था; कुछ कहते थे कि हम पौलुस के अनुयायी हैं, तो कुछ अन्य अपने आप को अपुल्लोस का अनुयायी बताते थे। उन लोगों का ध्यान उध्दारकर्ता मसीह यीशु के स्थान पर मसीह के शिष्यों, मनुष्यों पर, अर्थात गलत स्थान पर केंद्रित होता जा रहा था। लेकिन पौलुस ने उन्हें अपनी गलती सुधारने के लिए कहा: "मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है। क्या मसीह बँट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया? या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?" (1 कुरिन्थियों 1:12-13), उसने उन्हें समझाया कि वह तथा अपुल्लोस तो केवल मसीह के सह-कर्मी हैं। महत्व इसका नहीं है कि कौन लगाता है या कौन सींचता है, महत्व उसका है जो बढ़ोतरी देता है अर्थात परमेश्वर। मसीही विश्वासी तो परमेश्वर की खेती हैं, उसकी रचना हैं; वे न तो पौलुस के हैं और न ही अपुल्लोस के, वरन केवल प्रभु यीशु के हैं।

   प्रभु यीशु ने हमें आज्ञा दी है कि हम जाकर लोगों को उसका सुसमाचार सुनाएं, उन्हें प्रभु यीशु के शिष्य बनाएं और उन्हें प्रभु की शिक्षाएं मानना सिखाएं (मत्ती 28:18-20)। इसी प्रकार इब्रानियों का लेखक भी हमें हमारे विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले मसीह पर ध्यान केंद्रित रखने को कहता है: "विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों 12:2)। 

   जब हम मसीह यीशु को, जो सभी मनुष्यों से कहीं अधिक बढ़कर और महान है, अपने जीवन का तथा अपने प्रचार का केंद्र बिन्दु बनाएंगे, तो उसे आदर मिलेगा और हम आशीषित होंगे। - सी. पी. हिया


मसीह यीशु को जीवन में सर्वप्रथम स्थान दें।

यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:18-20

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-9
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 6:45-71


शुक्रवार, 19 मई 2017

चँगाई


   मैं जिन डॉक्टरों को जानती हूँ वे चतुर, परिश्रमी और अनुकंपा रखने वाले हैं। उन्होंने अनेकों अवसरों पर मेरी तकलीफ में मुझे आराम दिलाया है; मैं धन्यवादी हूँ उनके रोगों का निदान करने, उचित दवाएं लिखने, टूटी हड्डियों को बैठाने और घावों को भरने के कौशल के लिए। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि मैं परमेश्वर के स्थान पर अपना विश्वास डॉक्टरों पर ही रखती हूँ।

   यह तो परमेश्वर ही जानता है कि अपनी सृष्टि की देख-भाल और रख-रखाव के लिए उसने हम मनुष्यों को अपने सहयोगी क्यों बनाया है (उत्पत्ति 2:15), और उन सहयोगियों में डॉक्टर भी हैं। डॉक्टर चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन करते हैं और परमेश्वर द्वारा की गई शरीर की रचना के संबंध में सीखते हैं। अपने इस ज्ञान के सहारे वे हमें पुनः स्वस्थ करने के तरीके बनाते हैं। परन्तु वह एकमात्र कारण जिसके कारण डॉक्टर ऐसा कर पाते हैं, परमेश्वर द्वारा हमारे शरीरों में रची गई चंगा होने की क्षमता है। यदि यह क्षमता नहीं होती किसी ऑपरेशन का कोई घाव नहीं भरता, कोई दवा कुछ भी नहीं कर पाती और डॉक्टरों का सारा ज्ञान धरा का धरा रह जाता।

   वैज्ञानिक यह सीख सकते हैं कि हमारे शरीरों की रचना कैसी है और इस ज्ञान के आधार पर हमें स्वस्थ करने में सहायक होने की विधियाँ बना सकते हैं; परन्तु अन्ततः चँगाई देने वाले वे नहीं, वरन परमेश्वर है (निर्गमन 15:26)। चिकित्सक तो परमेश्वर की रचना और कारीगिरी के साथ सहयोग करते हैं।

   इसलिए मैं विज्ञान और डॉक्टरों की कृतज्ञ हूँ, परन्तु मेरी प्रशंसा और स्तुति परमेश्वर के लिए है, जिसने इस सृष्टि की अद्भुत अभिकल्पना तथा रचना की और हम मनुष्यों को ऐसी बुध्दि दी जिससे वे उसकी इस रचना की जानकारी ले सकें, उसकी कार्यविधि को समझ सकें। इसलिए मेरा मानना है कि सारी चँगाई परमेश्वर की ओर से है, क्योंकि उसके बगैर कोई चँगाई सम्भव नहीं है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब आप सृष्टि की अद्भुत बातें देखें, तो उसके रचियता परमेश्वर का धन्यवाद करें।

कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चँगा करने वाला यहोवा हूं। - निर्गमन 15:26

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:7-15
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया। 
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया। 
Genesis 2:9 और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। 
Genesis 2:10 और उस वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई। 
Genesis 2:11 पहिली धारा का नाम पीशोन है, यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है। 
Genesis 2:12 उस देश का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं। 
Genesis 2:13 और दूसरी नदी का नाम गीहोन है, यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है। 
Genesis 2:14 और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है। 
Genesis 2:15 तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे,

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 6:22-44


गुरुवार, 18 मई 2017

शिखर


   कुछ वर्ष पहले, मैं अपने एक मित्र के साथ माउन्ट व्हिटनी परवत शिखर पर चढ़ने निकला, जिसकी ऊँचाई 14,505 फीट है और वह अमेरिका का सबसे ऊँचे पर्वत शिखर है। हम चढ़ाई आरंभ करने के स्थान पर संध्या को पहुँचे, रात के लेटने और सोने का इंतज़ाम किया, और प्रातः पहली किरण के साथ चढ़ाई आरंभ करने के उद्देश्य से सोने का प्रयास करने लगे। व्हिटनी की चढ़ाई तकनीकी रीति से कोई कठिन चढ़ाई नहीं है, परन्तु लगातार ऊपर की ओर जाता हुआ 11 मील का लंबा पैदल मार्ग है।

   हमने चढ़ना आरंभ किया, यह कठिन तो था परन्तु मार्ग में हर्षित करने वाले अद्भुत सुन्दर दृश्य, नीले पानी की झीलें, घास के हरे मैदान भी थे। परन्तु मार्ग लंबा और बहुत थका देने वाला था, और हमारी टाँगों तथा फेफड़ों की कड़ी परीक्षा ले रहा था। दिन को बीतता, और मार्ग को हमारे सामने दूर तक बना हुआ देख कर मैंने वापस लौट जाने के बारे में सोचना आरंभ कर दिया। परन्तु बीच-बीच में हमें हमारा गन्तव्य, व्हिटनी पर्वत शिखर दिखाई देता रहता था, और मैं यह सोच कर कदम आगे बढ़ाता गया कि मेरा आगे बढ़ाया हुआ प्रत्येक कदम मुझे उस शिखर के एक कदम और निकट ले आया है; यदि मैं ऐसे ही चलता रहा तो अवश्य ही वहाँ पहुँच जाऊँगा। बस इसी विचार के साथ मैं आगे बढ़ता रहा और अन्ततः शिखर पर पहुँच गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस हम मसीही विश्वासियों को आश्वस्त करता है, "...क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है" (रोमियों 13:11)। हर दिन हमें उस जीवन-शिखर के एक दिन और निकट ले आता है जब हमारा प्रभु हमें लेने आएगा और हम, जिन्होंने उस पर विश्वास किया है तथा उसे अपना जीवन समर्पित किया है, अपने तथा सारे संसार के उध्दारकर्ता प्रभु यीशु के साथ अनन्तकाल के आनन्द में होंगे। प्रतिदिन इस विचार के साथ हम शिखर की ओर बढ़ते चले जाएं। - डेविड रोपर


अभी तो हम प्रभु यीशु को बाइबल से देखते हैं; 
परन्तु एक दिन उसे आमने-सामने देखेंगे।

इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 12:1-2

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14
Romans 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है। 
Romans 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। 
Romans 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है। 
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है। 
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें। 
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में। 
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 6:1-21


बुधवार, 17 मई 2017

अराधना


   9 वर्षीय विली मायरिक को अपने घर के सामने से अगुवा कर लिया गया। अपने अगुवा करने वाले के साथ, इस बात से अनजान कि उसके साथ क्या होगा, वह कई घंटे कार में यात्रा करता रहा। उस समय में विली ने परमेश्वर की अराधना का एक गीत Every Praise (सारी अराधना) गाने का निर्णय लिया। वह उसी गीत को बारंबार, लगातार गाता रहा और उसे अगुवा करने वाला उसे गालियाँ देता रहा और चुप हो जाने के लिए कहता रहा। अन्ततः उस अगुवा करने वाले ने कार रोकी और विली को बिना कोई नुकसान पहुँचाए चले जाने दिया।

   जैसा विली ने दिखाया, परमेश्वर की अराधना करने के लिए, हमारे जीवनों में जो भी भय हैं, जो भी गलत है, हमारे अन्दर अपने ऊपर जो भी भरोसा है, वह सब छोड़कर केवल परमेश्वर के चरित्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि राजा यहोशापात के समय में इस्त्राएलियों पर तीन बड़ी जातियाँ एक साथ हमला करने के लिए आ गईं। यहोशापात ने सारी बात परमेश्वर के हाथों में छोड़ दी और परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वकता द्वारा यहोशापात को निर्देश दिया कि वह अपने सेना को लेकर युध्द भूमि में जाए, परन्तु उसे युध्द करना नहीं पड़ेगा, परमेश्वर उसकी ओर से लड़ेगा। अगले दिन युध्द भूमि में पहुँचकर, परमेश्वर के निर्देश पर, यहोशपात की सेना परमेश्वर की अराधना और स्तुति करती हुई आगे बढ़ी। सेना के आगे आगे, स्तुतिगान गाने वाले चल रहे थे, और गा रहे थे, "...यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है" (2 इतिहास 20:21)। जब इस्त्राएलियों ने अराधना करनी आरंभ की तो हमला करने आई वो तीनों सेनाएं चकरा गईं और उन्होंने एक दुसरे पर ही हमला कर दिया, एक दुसरे को ही पूर्णतः समाप्त कर दिया। इस्त्राएल को युध्द बिलकुल नहीं करना पड़ा (पद 17)।

   हम चाहे किसी युध्द का सामना कर रहे हों या अपने आप को किसी परेशानी में फंसा हुआ अनुभव कर रहे हों, हम हर परिस्थिति में, हर बात के लिए परमेश्वर की अराधना कर सकते हैं, उस पर अपना भरोसा बनाए रख सकते हैं। वह असंभव को संभव करने वाला, अराधना के सर्वथा योग्य परमेश्वर है, "क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भय योग्य है" (भजन 96:4)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


अराधना हृदय से निकलने वाली परमेश्वर की प्रशंसा है।

यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है। - मरकुस 10:27

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:12-24
2 Chronicles 20:12 हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें कुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं। 
2 Chronicles 20:13 और सब यहूदी अपने अपने बाल-बच्चों, स्त्रियों और पुत्रों समेत यहोवा के सम्मुख खड़े रहे। 
2 Chronicles 20:14 तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के बीच यहोवा का आत्मा समाया। 
2 Chronicles 20:15 और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युध्द तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है। 
2 Chronicles 20:16 कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे। 
2 Chronicles 20:17 इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा। 
2 Chronicles 20:18 तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया। 
2 Chronicles 20:19 और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे। 
2 Chronicles 20:20 बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे। 
2 Chronicles 20:21 तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है। 
2 Chronicles 20:22 जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए। 
2 Chronicles 20:23 क्योंकि अम्मोनियों और मोआबियों ने सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों डराने और सत्यानाश करने के लिये उन पर चढ़ाई की, और जब वे सेईर के पहाड़ी देश के निवासियों का अन्त कर चुके, तब उन सभों ने एक दूसरे के नाश करने में हाथ लगाया। 
2 Chronicles 20:24 सो जब यहूदियों ने जंगल की चौकी पर पहुंच कर उस भीड़ की ओर दृष्टि की, तब क्या देख कि वे भूमि पर पड़ी हुई लोथ हैं; और कोई नहीं बचा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 5:25-47


मंगलवार, 16 मई 2017

प्रेरक


   1920 के दशक में, व्यवसायिक खिलाड़ी न होते हुए भी, बॉबी जोन्स ने गोल्फ के संसार में अपना वर्चस्व बना रखा था। उनके जीवन पर बनी एक फिल्म Bobby Jones: Stroke of Genius में एक दृश्य है जहाँ एक व्यवसायिक गोल्फ खिलाड़ी उनसे पूछता है कि वे कब व्यवसायिक खिलाड़ी बनकर अन्य खिलाड़ियों के समान पैसे के लिए खेलना आरंभ करेंगे? जोन्स ने उसे उत्तर दिया कि वह गोल्फ पैसे के लिए नहीं खेलते, वरन इसलिए क्योंकि उन्हें गोल्फ से प्रेम है। उनका यह प्रेम ही उनके उत्कृष्ठ खेल का प्रेरक था।

   हमारे उद्देश्य ही हमारे कार्य, हम जो करते हैं वह क्यों करते हैं, में अन्तर लाते हैं। यह बात प्रभु यीशु के अनुयायियों पर भी लागू होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी दूसरी पत्री में, प्रेरित पौलुस अपने जीवन से इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस पूरी पत्री में पौलुस ने अपने आचरण, चरित्र और मसीह यीशु की सेवकाई के लिए अपने बुलाए जाने का बचाव किया है। उसकी इस मसीही सेवकाई के लिए जो उसके उद्देश्यों पर प्रश्न उठाते थे, उन्हें प्रत्युत्तर में पौलुस ने लिखा, "क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा" (2 कुरिन्थियों 5:14-15)।

   प्रभु यीशु का प्रेम अन्य हर प्रेरणा देने वाली बात से कहीं अधिक प्रेरक है। इस प्रेम के अन्तर्गत प्रभु यीशु के अनुयायी अपने लिए नहीं वरन उसके लिए, जिसने अपने प्राण उनके उध्दार के लिए बलिदान कर दिए, जीवन व्यतीत करते हैं। - बिल क्राउडर


जिस से हम सबसे अधिक प्रेम करते हैं, 
वही हमारे व्यवहार और चरित्र को प्रभावित करता है।

और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ। - इफिसियों 3:19 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:9-21
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें। 
2 Corinthians 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए।
2 Corinthians 5:11 सो प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा। 
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24