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सोमवार, 28 जनवरी 2013

संवेदनशील


   अमेरिका का कैलिफोर्निया शहर एक अति भूकम्प संवेदनशील क्षेत्र पर स्थित है और इस क्षेत्र में भूकम्प की संभावना सदा बनी रहती है। वहां के लोगों ने भूकम्प की चेतावनियों को एक हास्य-भाव में प्रस्तुत करके आने वाले सैलानीयों को आकर्षित करने का प्रयास किया है। स्थान स्थान पर होटलों के विज्ञापनों, खाने की वस्तुओं इत्यादि को विविध रूप में भूकम्प की चेतावनियों और संबंधित बातों के हास्य-भाव के साथ प्रस्तुत किया गया हैं। लेकिन एक वास्तविक भूकम्प बड़ा भयावह होता है, मैं जानता हूँ क्योंकि मैं कैलिफोर्निया का भूक्म्प अनुभव कर चुका हूँ। ये प्राकृतिक आपदाएं कभी कभी लोगों को परमेश्वर की निकटता में लाने का मार्ग भी बन जाती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के काम नामक पुस्तक में एक ऐसा ही वर्णन है। प्रभु यीशु के अनुयायी प्रेरित पौलुस और उसका साथी सिलास अपनी सुसमाचार कि सेवकाई के कारण पकड़कर बन्दीगृह में डाल दिए गए और जकड़ कर रखे गए थे। बन्दीगृह में डाले जाने से पहले उन की बहुत पिटाई भी करी गई थी। लेकिन अनुचित रीति से बन्दीगृह में डाले जाने और यातनाएं दिए जाने के बावजूद भी वे वहां पर परमेश्वर की प्रशंसा में स्तुति गीत गा रहे थे, जो सब सुन रहे थे। मध्य रात्री के लगभग एक भूकम्प आया और बन्दीगृह के द्वार और कैदियों के बन्धन खुल गए। ऐसे में जब बन्दीगृह के दारोगा ने पाया कि ना पौलुस और सिलास ने और ना ही किसी अन्य बन्दी ने भागने का प्रयत्न नहीं किया है तो वह उनके सामने गिर पड़ा और पूछने लगा, "... हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं?" (प्रेरितों १६:३०) पौलुस ने उसे उत्तर दिया, "...प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों १६:३१)। उसी समय वह उन्हें अपने घर ले गया, उसने तथा उसके परिवार जनों ने मसीह यीशु पर विश्वास करके बपतिस्मा लिया तथा परमेश्वर के घराने में सम्मिलित हो गए।

   जीवन के उतार-चढ़ाव और परिस्थितियां कभी कभी लोगों को मसीह यीशु में उद्धार के सुसमाचार के प्रति अधिक संवेदनशील कर देते हैं। क्या आप किसी ऐसे जन को जानते हैं जो कठिनाईयों से होकर निकल रहा है? प्रार्थनापूर्वक उसके साथ संपर्क में बने रहें, अपने जीवन द्वारा मसीही प्रेम और विश्वास को उसके सामने रखें तथा संवेदनशीलता के साथ मसीह में उद्धार की गवाही उसके साथ बाँटने को सदा तैयार रहें। - डेनिस फिशर


अनेक लोग समस्याओं द्वारा ही मसीह यीशु के निकट आए हैं।

कि इतने में एकाएक बड़ा भुईंडोल हुआ, यहां तक कि बन्‍दीगृह की नेव हिल गईं, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्‍धन खुल पड़े। - प्रेरितों १६:२६

बाइबल पाठ: प्रेरितों १६:२२-३४
Acts16:22 तब भीड़ के लोग उन के विरोध में इकट्ठे हो कर चढ़ आए, और हाकिमों ने उन के कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी।
Acts16:23 और बहुत बेंत लगवाकर उन्हें बन्‍दीगृह में डाला; और दारोगा को आज्ञा दी, कि उन्हें चौकसी से रखे।
Acts16:24 उसने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उन के पांव काठ में ठोक दिए।
Acts16:25 आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्‍धुए उन की सुन रहे थे।
Acts16:26 कि इतने में एकाएक बड़ा भुईंडोल हुआ, यहां तक कि बन्‍दीगृह की नेव हिल गईं, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्‍धन खुल पड़े।
Acts16:27 और दारोगा जाग उठा, और बन्‍दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि बन्‍धुए भाग गए, सो उसने तलवार खींचकर अपने आप को मार डालना चाहा।
Acts16:28 परन्तु पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा; अपने आप को कुछ हानि न पहुंचा, क्योंकि हम सब यहां हैं।
Acts16:29 तब वह दीया मंगवाकर भीतर लपक गया, और कांपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा।
Acts16:30 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं?
Acts16:31 उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।
Acts16:32 और उन्होंने उसको, और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया।
Acts16:33 और रात को उसी घड़ी उसने उन्हें ले जा कर उन के घाव धोए, और उसने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया।
Acts16:34 और उसने उन्हें अपने घर में ले जा कर, उन के आगे भोजन रखा और सारे घराने समेत परमेश्वर पर विश्वास कर के आनन्द किया।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन १९-२० 
  • मत्ती १८:२१-३५