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रविवार, 23 जून 2013

भिन्न

   स्वर्ग के जिस राज्य की स्थापना के लिए प्रभु यीशु इस धरती पर आए थे उसकी मान्यताएं और मूल्य उनके आगमन के समय भी और आज भी संसार में प्रचलित मूल्यों से बहुत भिन्न और विलक्षण हैं। प्रभु यीशु के पृथ्वी पर रहने के दिनों में धर्म के अगुवे और शिक्षक लोगों की भीड़, उस भीड़ द्वारा आदर और अभिवादन, तथा अपने आप को ऊँचा दिखाना बहुत पसन्द करते थे; और आज भी यही प्रवृति देखने को मिलती है।

   प्रभु यीशु ने एक नीतिकथा द्वारा अपने शिष्यों को इस प्रवृति से बच कर रहने को समझाया; यह नीतिकथा परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 14 में मिलती है। इस नीतिकथा में कुछ लोगों के बारे में उल्लेख है जो एक विवाह के भोज में आमंत्रित थे और वहाँ पर उन्होंने अपने लिए सबसे सम्मानित स्थान चुन लिए। लेकिन जब भोज का मेज़बान उन स्थानों पर बैठाने के लिए उन लोगों को लाया जिनके लिए वे स्थान तैयार किए गए थे और इन लोगों से स्थान खाली करने को कहा, तो इन्हें बड़ी शर्मिंदगी के साथ उठकर पीछे के नीचे स्थानों पर जाना पड़ा। साथ ही प्रभु यीशु ने शिष्यों को यह भी समझाया कि उन्हें अपनी दावत में कैसे लोगों को आमंत्रित करना चाहिए और क्यों: "परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को बुला। तब तू धन्य होगा, क्योंकि उन के पास तुझे बदला देने को कुछ नहीं, परन्तु तुझे धर्मियों के जी उठने पर इस का प्रतिफल मिलेगा" (लूका 14:13-14)।

   क्या आप इस बात से निराश हैं कि समाज, पड़ौसियों और चर्च में आपको ऊँचा दर्जा नहीं दिया जाता है? क्या आप इस बात को लेकर कुँठित हैं कि आपकी योग्यता और स्थान की सही पहचान नहीं हुई है और आपको वह स्थान नहीं मिल रहा है जिसके योग्य आप अपने आप को समझते हैं? ज़रा प्रभु यीशु की बात पर ध्यान दीजिए: "जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा" (लूका 14:11)।

   परमेश्वर के राज्य का यह एक वह भिन्न मूल्य है जो संसार में आपको कहीं नहीं मिलेगा - यदि परमेश्वर से आदर और उसके द्वारा उन्नत स्थान चाहते हैं तो संसार में अपने आप को दीन और नम्र कर दें तथा संसार और संसार के लोगों से कुछ भी आशा ना रखें। परमेश्वर की नज़रों में दीन बनें और उचित समय तथा परिस्थिति के द्वारा वह आपको संसार में भी आदरणीय बना देगा। - डेव एगनर


मसीह यीशु के राज्य में दीनता सदा ही घमण्ड पर विजयी रही है और रहती है।

प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा। - याकूब 4:10 

बाइबल पाठ: लूका 14:7-14
Luke 14:7 जब उसने देखा, कि नेवताहारी लोग क्योंकर मुख्य मुख्य जगहें चुन लेते हैं तो एक दृष्‍टान्‍त देकर उन से कहा।
Luke 14:8 जब कोई तुझे ब्याह में बुलाए, तो मुख्य जगह में न बैठना, कहीं ऐसा न हो, कि उसने तुझ से भी किसी बड़े को नेवता दिया हो।
Luke 14:9 और जिसने तुझे और उसे दोनों को नेवता दिया है: आकर तुझ से कहे, कि इस को जगह दे, और तब तुझे लज्ज़ित हो कर सब से नीची जगह में बैठना पड़े।
Luke 14:10 पर जब तू बुलाया जाए, तो सब से नीची जगह जा बैठ, कि जब वह, जिसने तुझे नेवता दिया है आए, तो तुझ से कहे कि हे मित्र, आगे बढ़कर बैठ; तब तेरे साथ बैठने वालों के साम्हने तेरी बड़ाई होगी।
Luke 14:11 और जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।
Luke 14:12 तब उसने अपने नेवता देने वाले से भी कहा, जब तू दिन का या रात का भोज करे, तो अपने मित्रों या भाइयों या कुटुम्बियों या धनवान पड़ोसियों को न बुला, कहीं ऐसा न हो, कि वे भी तुझे नेवता दें, और तेरा बदला हो जाए।
Luke 14:13 परन्तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को बुला।
Luke 14:14 तब तू धन्य होगा, क्योंकि उन के पास तुझे बदला देने को कुछ नहीं, परन्तु तुझे धर्मियों के जी उठने पर इस का प्रतिफल मिलेगा।


एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 9-10 
  • प्रेरितों 7:1-21