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गुरुवार, 27 मार्च 2014

वास्तविक


   नेपरविले, इलिनौए की एक चर्च मण्डली बहुत प्रसन्न है क्योंकि अन्ततः उनके चर्च भवन के ऊपर नए घंटे लगाए जा सके हैं। जब चर्च भवन बनाया गया था तब घंटे लगने का स्थान तो भवन के ऊपर बनाया गया लेकिन चर्च के पास घंटे खरीद पाने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए वह स्थान ऐसे ही बिना घंटों के रिक्त पड़ा रहा। अब, अपनी 25वीं वर्षगाँठ पर वे इतने पैसे जमा करने पाए कि उस रिक्त स्थान पर तीन घंटे लगा सकें। यद्यपि वे तीनों घंटे देखने में बहुत सुन्दर हैं, परन्तु एक समस्या अभी भी बनी हुई है - वे लोग उन घंटों की आवाज़ कभी सुन नहीं पाएंगे, क्योंकि चाहे देखने में वे घंटे बहुत अच्छे और वास्तविक लगें, लेकिन हैं वे नकली, अर्थात देखने मात्र के ही हैं और कभी बज नहीं सकते!

   प्रेरित यूहन्ना ने अपनी पहली पत्री में मसीही विश्वासियों को प्रोत्साहित किया के वे ऊपरी रीति से केवल दिखाई देने वाले मसीही विश्वासी ना बनें, वरन अपने जीवन और चाल चलन के द्वारा अपने मसीही विश्वास की वास्तविकता को प्रमाणित करें। किसी व्यक्ति के विश्वास का वास्तविक होने का प्रमाण उसका परमेश्वर के साथ किसी रहस्यपूर्ण या अनोखे अनुभव का होना नहीं है वरन उस व्यक्ति का परमेश्वर को वास्तविक रीति से जानने और उससे प्रेम करने का प्रमाण है उस व्यक्ति का परमेश्वर की आधीनता और परमेश्वर के वचन बाइबल की आज्ञाकरिता में बने रहना।

   यूहन्ना ने लिखा: "पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। जो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था" (1 यूहन्ना 2:5-6)। यदि हम यह दावा करें कि हम ने प्रभु यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा पापों से क्षमा और उद्धार पाया है और परमेश्वर से प्रेम करते हैं, उसे निकटता से जानते हैं, तो फिर हमें अपने इस दावे को परमेश्वर के वचन बाइबल को जानने, मानने और पालन करने के द्वारा प्रमाणित भी करना चाहिए - यही हमारे विश्वास की वास्तविकता का प्रमाण है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर की आज्ञाकारिता उसके प्रति हमारे प्रेम और समर्पण का प्रगटिकरण है।

यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। - यूहन्ना 14:23

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:3-11
1 John 2:3 यदि हम उस की आज्ञाओं को मानेंगे, तो इस से हम जान लेंगे कि हम उसे जान गए हैं। 
1 John 2:4 जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। 
1 John 2:5 पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। 
1 John 2:6 सो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था। 
1 John 2:7 हे प्रियों, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं लिखता, पर वही पुरानी आज्ञा जो आरम्भ से तुम्हें मिली है; यह पुरानी आज्ञा वह वचन है, जिसे तुम ने सुना है। 
1 John 2:8 फिर मैं तुम्हें नई आज्ञा लिखता हूं; और यह तो उस में और तुम में सच्ची ठहरती है; क्योंकि अन्धकार मिटता जाता है और सत्य की ज्योति अभी चमकने लगी है। 
1 John 2:9 जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है। 
1 John 2:10 जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। 
1 John 2:11 पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखे अन्‍धी कर दी हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18