ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 15 अगस्त 2016

आशा


   मैं अपने पिता की कब्र के पास बैठी हुई प्रतीक्षा में थी कि मेरी माँ के अन्तिम संस्कार और दफनाने की क्रीया आरंभ हो। मेरा मन स्तब्ध और और मेरा मस्तिष्क सुन्न था; तीन महीने के अन्दर ही दोनों को खो देने को मैं कैसे सहन करने पाऊँगी? अब उनके मेरे साथ ना होने के कारण अपने इस वियोग में मैं अकेलेपन और दुःख तथा कुछ हद तक एक निराशा का अनुभव कर रही थी।

   क्रिया आरंभ हुई और एक पास्टर ने एक अन्य कब्र के समीप हुई कुछ बातों के बारे में परमेश्वर के वचन बाइबल से पढ़ना आरंभ किया। प्रभु यीशु मसीह की मृत्युप्रांत, सप्ताह के पहले दिन बड़ी भोर के समय कुछ महिलाएं प्रभु यीशु कि देह पर सुगन्धित द्रव्य लगाने के लिए उसकी कब्र पर पहुँचीं (मत्ती 28:1; लूका 24:1)। वहाँ पहुँच कर वे खुली हुई तथा खाली कब्र देखकर भौंचक्की रह गईं - और एक स्वर्गदूत ने उनसे कहा, "मत डरो" (मत्ती 28:5)। उन्हें उस खाली कब्र या वहाँ उपस्थित उस स्वर्गदूत से डरने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह दूत उन के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया था। उस स्वर्गदूत के मुँह से निकलने वाले अगले शब्द "वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था" (पद 6) सुनकर उन स्त्रियों में आशा जागृत हुई। क्योंकि प्रभु यीशु मृतकों में से पुनः जीवित हो उठे थे इसलिए अब मृत्यु पराजित हो चुकी थी। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कुछ ही दिन पहले कहा था: "और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे" (यूहन्ना 14:19)।

   चाहे हम अपने किसी प्रीय जन के चले जाने से दुःखी होते हैं, लेकिन मसीह यीशु के पुनरुत्थान से हमें आशा मिली है; हमें आश्वासन है कि मृत्युप्रांत भी जीवन है; प्रभु यीशु के साथ का आनन्दमय अनन्त जीवन। - ऐनी सेटास


क्योंकि हमारा प्रभु जीवता प्रभु है, इसलिए हमारे पास भी अनन्त जीवन की आशा है।

क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे। - रोमियों 6:5

बाइबल पाठ: मत्ती 28:1-10
Matthew 28:1 सब्त के दिन के बाद सप्‍ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 
Matthew 28:2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 
Matthew 28:3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्‍त्र पाले की नाईं उज्ज़्‍वल था। 
Matthew 28:4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 
Matthew 28:5 स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 
Matthew 28:6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। 
Matthew 28:7 और शीघ्र जा कर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। 
Matthew 28:8 और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गईं। 
Matthew 28:9 और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’ और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उसको दण्डवत किया। 
Matthew 28:10 तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जा कर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 91-93
  • रोमियों 15:1-13