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मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

स्मरण



      मेरा मित्र बॉब हौर्नर प्रभु यीशु मसीह को “स्मरण करवाने का विशेषज्ञ” कहता है। और यह भला है क्योंकि हम स्वभाव से इतने अधिक भुलक्कड़ और संदेह करने वाले हैं। प्रभु यीशु ने पृथ्वी की अपनी सेवकाई के दिनों में चाहे जितनी बार उनके पास आने वालों की आवश्यकताओं की पूर्ति की हो, किन्तु फिर भी उसके प्रथम शिष्य संदेह करते रहते थे कि उनकी आवश्यकताएँ कहीं अपूर्ण न रह जाएँ। प्रभु के अनेकों आश्चर्यकर्मों को देखने के बाद भी, वे उस बड़े और गहरे अर्थ को समझने में नाकाम रहे जो प्रभु चाहता था कि वे समझें और स्मरण रखें।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में हम एक स्थान पर पढ़ते हैं कि गलील की झील में नाव से यात्रा करते समय शिष्यों को ध्यान आया कि वे रोटी लाना भूल गए हैं, और वे दबी आवाज़ में इसके बारे में आपस में बातचीत करने लगे। प्रभु यीशु ने उनके असमंजस को देख के उनसे पूछा, “यह जानकर यीशु ने उन से कहा; तुम क्यों आपस में यह विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? क्या आंखे रखते हुए भी नहीं देखते, और कान रखते हुए भी नहीं सुनते? और तुम्हें स्मरण नहीं” (मरकुस 8:17-18)। फिर प्रभु ने उन्हें स्मरण करवाया कि जब प्रभु ने पाँच हज़ार की भीड़ को पाँच रोटियों से खिलाया था तब शिष्यों ने बचे हुए भोजन की बारह टोकरियाँ उठाईं थीं। और जब प्रभु ने चार हज़ार की भीड़ को सात रोटियों से खिलाया था तब उन्होंने सात टोकरे भरकर बचा हुआ भोजन उठाया था। इसके बाद प्रभु ने उन शिष्यों से पूछा, “उसने उन से कहा, क्या तुम अब तक नहीं समझते?” (पद 21)।

      लोगों की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रभु यीशु द्वारा आश्चर्यजनक रीति से प्रावधान किए जाने के द्वारा प्रभु एक महान सत्य की ओर संकेत कर रहा था – कि वह ही जीवन की रोटी है, और उसके यह देह रोटी के समान, हम सब के लिए “तोड़ी” जानी थी, जिससे हम उससे जीवन पा सकें।

      प्रभु भोज के समय हम मसीही विश्वासी जब रोटी तोड़कर खाते हैं और कटोरे में से पीते हैं तो हम प्रभु यीशु द्वारा सँसार के प्रत्येक मनुष्य के प्रति रखे गए प्रेम और सभी के उद्धार के लिए किए गए प्रावधान को स्मरण करते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु भोज में भाग लेना प्रभु यीशु के प्रेम और प्रावधान को स्मरण करना है।

यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। - यूहन्ना 6:35

बाइबल पाठ: मरकुस 8:11-21
Mark 8:11 फिर फरीसी निकलकर उस से वाद-विवाद करने लगे, और उसे जांचने के लिये उस से कोई स्‍वर्गीय चिन्ह मांगा।
Mark 8:12 उसने अपनी आत्मा में आह मार कर कहा, इस समय के लोग क्यों चिन्‍ह ढूंढ़ते हैं? मैं तुम से सच कहता हूं, कि इस समय के लोगों को कोई चिन्ह नहीं दिया जाएगा।
Mark 8:13 और वह उन्हें छोड़कर फिर नाव पर चढ़ गया और पार चला गया।
Mark 8:14 और वे रोटी लेना भूल गए थे, और नाव में उन के पास एक ही रोटी थी।
Mark 8:15 और उसने उन्हें चिताया, कि देखो, फरीसियों के खमीर और हेरोदेस के खमीर से चौकस रहो।
Mark 8:16 वे आपस में विचार कर के कहने लगे, कि हमारे पास तो रोटी नहीं है।
Mark 8:17 यह जानकर यीशु ने उन से कहा; तुम क्यों आपस में यह विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते?
Mark 8:18 क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? क्या आंखे रखते हुए भी नहीं देखते, और कान रखते हुए भी नहीं सुनते? और तुम्हें स्मरण नहीं।
Mark 8:19 कि जब मैं ने पांच हजार के लिये पांच रोटी तोड़ी थीं तो तुम ने टुकड़ों की कितनी टोकिरयां भरकर उठाईं? उन्होंने उस से कहा, बारह टोकरियां।
Mark 8:20 और जब चार हज़ार के लिये सात रोटी थीं तो तुमने टुकड़ों के कितने टोकरे भरकर उठाए थे? उन्होंने उस से कहा, सात टोकरे।
Mark 8:21 उसने उन से कहा, क्या तुम अब तक नहीं समझते?


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 14-16
  • इफिसियों 5:1-16