मैं अपने हाथों के नाखून साफ करने और संवारने में लगी हुई थी, मेरा ध्यान अपने दोनो हाथों के कार्यों के प्रति गया, और मुझे अपने दाहिने हाथ पर दया आई। मेरा दाहिना हाथ ही सबसे अधिक कार्य करता है, किंतु मेरे बाएं हाथ को अधिक प्रशंसा मिलती है! मेरा दाहिना हाथ, बाएं हाथ के नाखूनों पर कुशलता और सुन्दरता से पॉलिश लगाता है, उनकी सफाई करता है और उन्हें सुन्दर बना के रखता है; मेरे बाएं हाथ में यह निपुणता नहीं है, इसलिए दाहिने हाथ के लिए प्रत्युत्तर में वह वैसे कार्य ही नहीं कर पाता। बाएं हाथ से दाहिने हाथ पर लगी पॉलिश बिखरी हुई और असमान होती है, इसलिए कम निपुण बाएं हाथ की अपेक्षा, निपुण और कार्यकुशल दाहिना हाथ देखने में भद्दा, और बांया हाथ सुन्दर प्रतीत होता है। काम कोई करता है, प्रशंसा का पात्र कोई और बन जाता है।
इन बातों के बारे में सोचते सोचते, मेरा ध्यान इसी से संबंधित एक और बात की ओर गया - मेरे चर्च के लोगों की ओर। जहां मैं आराधना के लिए जाती हूँ उस चर्च में बहुत से लोग हैं जो अपने कौशल और मेहनत के द्वारा दूसरों के लिए जीवन आसान कर देते हैं। किंतु ये मेहनती लोग शायद ही कभी किसी की नज़रों में आते हों, क्योंकि वे ऐसे काम करते हैं कि लोगों का ध्यान उनकी बजाए किसी अन्य की ओर जाता है। यह अनुचित लगता है कि इतनी मेहनत कोई करे और फिर उसे, प्रशंसा तो दूर, कोई पहिचान भी ना मिले।
किंतु वे मसीही विश्वासी जो वास्तव में सेवा-भाव से कार्य करते हैं, इस नज़रिए से इन बातों को नहीं देखते। वे सदा दूसरों को महत्व देते हैं (रोमियों १२:१०), क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर वह देखता है जो मनुष्य नहीं देखता - और सही समय पर उन्हें परमेश्वर से अपना प्रतिफल भी भरपूरी से मिलेगा (मत्ती ६:४, ६, १८; १ कुरिन्थियों १२:२४)।
क्या आज आप इस बात को लेकर दुखी हैं कि आपकी कड़ी मेहनत का श्रेय और प्रशंसा कोई और ले रहा है? निराश मत हों, धैर्य रखें। परमेश्वर हर बात का हिसाब रखता है, और न्याय तथा धार्मिकता के साथ हर बात का हिसाब चुकाएगा भी। मसीह का कोई भी अदृश्य सेवक अपने प्रतिफल से कभी भी वंचित न रहेगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक
मसीह के लिए किए गए किसी भी कार्य की उपेक्षा नहीं होती।
तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? - भजन ५६:८
बाइबल पाठ: रोमियों १२:१-११
Rom 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
Rom 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो, परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
Rom 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़ कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
Rom 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
Rom 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Rom 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
Rom 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
Rom 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे, दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।
Rom 12:9 प्रेम निष्कपट हो, बुराई से घृणा करो, भलाई मे लगे रहो।
Rom 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
Rom 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो, प्रभु की सेवा करते रहो।
Rom 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो, परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
Rom 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़ कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
Rom 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।
Rom 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
Rom 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।
Rom 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।
Rom 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे, दान देने वाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।
Rom 12:9 प्रेम निष्कपट हो, बुराई से घृणा करो, भलाई मे लगे रहो।
Rom 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
Rom 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो, प्रभु की सेवा करते रहो।
एक साल में बाइबल:
- १ शमूएल २५-२६
- लूका १२:३२-५९
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