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शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

चरित्र या ख्याति?


   प्रसिद्ध बास्केटबॉल प्रशिक्षक जौन वुडन (1910-2010) का मानना था कि चरित्र ख्याति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। वे अकसर अपने खिलाड़ियों से कहा करते थे कि, "आपकी ख्याति वह है जैसा दूसरे लोग आपको देखते हैं; परन्तु आपका चरित्र वह है जो आप वास्तव में हैं। केवल आप ही हैं जो अपने चरित्र को जानते हैं। आप दूसरों को धोखा दे सकते हैं, लेकिन अपने आप को धोखा नहीं दे सकते।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रकाशितवाक्य नामक पुस्तक में हम पुनरुथित प्रभु यीशु द्वारा सात मसीही मण्डलियों को उनके बारे में कही गई बातें पाते हैं। सरदीस की मण्डली के लिए प्रभु यीशु ने कहा, "और सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि, जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूं, कि तू जीवता तो कहलाता है, पर, है मरा हुआ" (प्रकाशितवाक्य 3:1)। प्रभु उनकी हकीकत को जानता था, और निःसन्देह उस मण्डली के लोग स्वयं भी अपनी इस हकीकत को जानते थे। प्रभु यीशु ने उन्हें सचेत किया कि वे जागरूक हों और अपने आत्मिक जीवन को सुदृढ़ करें जो समाप्त होने को था (पद 2)। इसके लिए प्रभु ने उन से अनुरोध किया कि वे उस सत्य को स्मरण करें जो उन्हें दिया गया था, उसका पालन करें और पुनः सच्चाई की ओर फिरकर नई दिशा में अग्रसर हों (पद 3)।

   जब प्रभु हमें दिखाता है कि हमारे जीवनों में क्या गलत है, तो साथ ही वह उस गलती को सुधारने का मार्ग भी बताता है। जब भी हम अपने पापों से फिरकर पश्चाताप में उसके पास आते हैं, वह हमें क्षमा करता है और हमें सामर्थ देता है कि हम एक नई शुरुआत कर सकें।

   प्रभु यीशु को जानने और मानने से होने वाला परिवर्तन, एक आडंबरी एवं झूठी आत्मिक ख्याति का एक सच्चे और खरे चरित्र में परिवर्तित होना, कितना उन्मुक्त कर देने वाला होता है, यह अनुभव से ही जाना जा सकता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


हमारे चरित्र का सही आँकलन वे कार्य हैं जो हम तब करते हैं जब हमें कोई नहीं देख रहा होता है।

और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। - 1 इतिहास 28:9

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 3:1-6
Revelation 3:1 और सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि, जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूं, कि तू जीवता तो कहलाता है, पर, है मरा हुआ। 
Revelation 3:2 जागृत रह, और उन वस्‍तुओं को जो बाकी रह गई हैं, और जो मिटने को थी, उन्हें दृढ़ कर; क्योंकि मैं ने तेरे किसी काम को अपने परमेश्वर के निकट पूरा नहीं पाया। 
Revelation 3:3 सो चेत कर, कि तू ने किस रीति से शिक्षा प्राप्त की और सुनी थी, और उस में बना रह, और मन फिरा: और यदि तू जागृत न रहेगा, तो मैं चोर की नाईं आ जाऊंगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पडूंगा। 
Revelation 3:4 पर हां, सरदीस में तेरे यहां कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हों ने अपने अपने वस्‍त्र अशुद्ध नहीं किए, वे श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए मेरे साथ घूमेंगे क्योंकि वे इस योग्य हैं। 
Revelation 3:5 जो जय पाए, उसे इसी प्रकार श्वेत वस्‍त्र पहिनाया जाएगा, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्‍तक में से किसी रीति से न काटूंगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्‍वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा। 
Revelation 3:6 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75


शुक्रवार, 28 जून 2013

दृष्टिकोण

   विश्व के दो महाशक्तियों अमेरिका और उसके साथी देश, तथा रूस और उसके साथी देशों के बीच 1947 से 1991 तक एक लंबा शीत युद्ध चला जिसमें दोनों ही एक दूसरे से बढ़कर सैन्य क्षमता रखने वाले और एक दूसरे से बलवन्त रहने के प्रयास में लगे रहे। एक दूसरे पर शीर्षता पाने के लिए विकसित किए जाने वाले उनके हथियारों में प्रमुख स्थान था परमाणु हथियारों का। इस होड़ के दौरान प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एल्बर्ट आईन्सटाइन ने एक बहुत अर्थपूर्ण बात कही जो आज तक भी बहुत प्रसिद्ध और उद्धरित होने वाली बात रही है; उन्होंने कहा, "मैं यह तो नहीं जानता कि तीसरा विश्वयुद्ध किस प्रकार के हथियारों से लड़ा जाएगा, लेकिन चौथा विश्वयुद्ध अवश्य ही लाठियों और पत्थरों से लड़ा जाएगा।" आईन्स्टाइन के लिए परमाणु हथियारों से युद्ध लड़े जाने के परिणामों का यह एक स्पष्ट भावी दृष्टिकोण का क्षण था। वह भलि-भाँति यह समझ सके कि चाहे परमाणु युद्ध लड़ने के कारण कोई भी हों, परिणाम संसार भर के लिए अति भीष्ण और अति विध्वंसकारी होंगे।

   दुर्भाग्यवश हम साधारणतया इतने स्पष्ट भावी दृष्टिकोण के साथ आते समय और परिणामों की ओर नहीं देखते। कभी कभी हमारे द्वारा किए गए चुनाव और निर्णयों के संभावित परिणाम आंकना कठिन होता है, और कभी कभी हम केवल अपने वर्तमान के बारे में ही सोच रहे होते हैं ना कि दूरगामी परिणामों के बारे में।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक महानायक मूसा के विषय में इब्रानियों 11:24-26 में लिखी बात दिखाती है कि मूसा ने अपने निर्णय के लिए भावी दृष्टिकोण रखा और होने वाले संभावित परिणामों को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन के लिए निर्णय लिया: "विश्वास ही से मूसा ने सयाना हो कर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्कार किया। इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा। और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं" (इब्रानियों 11:24-26)।

   मूसा के लिए यह चुनाव सरल नहीं था लेकिन वह अपने उस चुनाव की खराई और सार्थकता को पहचान सका और इसीलिए उसने आते अनन्त समय के सुखद प्रतिफलों के लिए वर्तमान में दुख उठाना अधिक भला समझा। उसके भावी दृष्टिकोण ने ही उसे वर्तमान के कष्ट सहने में सहायता करी। क्या आज हम जो मसीही विश्वासी कहलाते हैं, मूसा के समान ऐसा ही भावी दृष्टिकोण रखते हुए, मसीह यीशु के लिए निंदित होने के लिए तैयार हैं? क्या परमेश्वर के साथ बिताए जाने वाले उस आते जीवन के अनन्त सुख के लिए हम वर्तमान जीवन में मसीह यीशु के कष्टों में संभागी होने के लिए सहमत हैं? पौलुस प्रेरित ने रोम के विश्वासीयों को लिखी अपनी पत्री में स्पष्ट लिखा है "... जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं" (रोमियों 8:17)।

   आज आपका दृष्टिकोण और चुनाव क्या है? - बिल क्राऊडर


यदि हम हर बात के लिए मसीह यीशु पर निर्भर रहेंगे तो हर बात को सहने की सामर्थ भी पाते रहेंगे।

यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी। - 2 तिमुथियुस 2:11

बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:23-31
Hebrews 11:23 विश्वास ही से मूसा के माता पिता ने उसको, उत्पन्न होने के बाद तीन महीने तक छिपा रखा; क्योंकि उन्होंने देखा, कि बालक सुन्‍दर है, और वे राजा की आज्ञा से न डरे।
Hebrews 11:24 विश्वास ही से मूसा ने सयाना हो कर फिरौन की बेटी का पुत्र कहलाने से इन्कार किया।
Hebrews 11:25 इसलिये कि उसे पाप में थोड़े दिन के सुख भोगने से परमेश्वर के लोगों के साथ दुख भोगना और उत्तम लगा।
Hebrews 11:26 और मसीह के कारण निन्‍दित होने को मिसर के भण्‍डार से बड़ा धन समझा: क्योंकि उस की आंखे फल पाने की ओर लगी थीं।
Hebrews 11:27 विश्वास ही से राजा के क्रोध से न डर कर उसने मिसर को छोड़ दिया, क्योंकि वह अनदेखे को मानों देखता हुआ दृढ़ रहा।
Hebrews 11:28 विश्वास ही से उसने फसह और लोहू छिड़कने की विधि मानी, कि पहिलौठों का नाश करने वाला इस्त्राएलियों पर हाथ न डाले।
Hebrews 11:29 विश्वास ही से वे लाल समुद्र के पार ऐसे उतर गए, जैसे सूखी भूमि पर से; और जब मिस्रियों ने वैसा ही करना चाहा, तो सब डूब मरे।
Hebrews 11:30 विश्वास ही से यरीहो की शहरपनाह, जब सात दिन तक उसका चक्कर लगा चुके तो वह गिर पड़ी।
Hebrews 11:31 विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उसने भेदियों को कुशल से रखा था।


एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 11-13 
  • प्रेरितों 9:1-21


गुरुवार, 27 जून 2013

उपनाम

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा फिलिप्पी की मसीही मण्डली को लिखी पत्री में एक नाम आता है "इपफ्रदीतुस"। इपफ्रदीतुस एक युनानी व्यक्ति था जिसने मसीही विश्वास को अपनाया था और मसीह यीशु का अनुयायी हो गया था। वह पौलुस का भी एक निकट सहयोगी था और मसीही प्रचार के लिए करी गई पौलुस की यात्राओं में उसने पौलुस की बहुत अच्छी सेवा करी थी। इस पत्री में पौलुस अपने इस मित्र के लिए कुछ उपनाम प्रयुक्त करता है: "पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा" (फिलिप्पियों 2:25)।

   पौलुस के लिए इपफ्रदीतुस आत्मिक रीति से एक भाई, एक विश्वासयोग्य सहकर्मी, मसीही विश्वास के प्रचार में एक कर्मठ संगी योद्धा और पौलुस द्वारा फिलिप्पियों की मण्डली को लिखी इस प्रेर्णादायक पत्री का पत्रवाहक था। इपफ्रदीतुस का जीवन भाईचारे, निष्ठा, आत्मिक सहनशक्ति और सेवाभाव का नमूना था। इपफ्रदीतुस वास्तव में एक सम्मान योग्य व्यक्तित्व था जिसने अपने जीवन से प्रगट रूप में जी कर दिखाया कि अब वह किसी काल्पनिक देवी-देवता पर नहीं वरन जीवते और सच्चे परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास रखता था और उसके लिए जीवन जीता था। पौलुस प्रेरित द्वारा रोम के मसीही विश्वासीयों को लिखी पत्री के अन्त में हम एक लंबी सूची पाते हैं उन लोगों की जिन्होंने पौलुस के साथ मसीही सेवकाई में कार्य किया और सहयोग दिया (रोमियों 16)। पौलुस उन सब के नाम के साथ उनके कार्य तथा सहयोग के अनुरूप कुछ उपनाम जोड़ देता है, जो आज भी हमें उन लोगों के मसीही सेवकाई के कार्यों के बारे में बताते हैं।

   हम मसीही विश्वासीयों के लिए हमारे नाम से भी अधिक हमारे वे मसीही विश्वास संबंधित गुण हैं जो हम अपने आस-पास के लोगों और समाज के सामने प्रदर्शित करते हैं, जैसे विश्वासयोग्य, ध्यान रखने और देखभाल करने वाले, प्रोत्साहित करने और उभारने वाले, सदबुद्धि से कार्य करने वाले इत्यादि। आज यदि आपके नाम के साथ, आपके व्यावाहरिक मसीही विश्वास को दिखाने के लिए कोई उपनाम लगाए, तो वह उपनाम क्या होगा? वह उपनाम आपके लिए सम्मान का कारण होगा या शर्मिंदगी का? - डेनिस फिशर


यदि हम अपने चरित्र का ध्यान रखें तो हमारी ख्याति स्वतः ही बन जाएगी।

पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा। - फिलिप्पियों 2:25

बाइबल पाठ: रोमियों 16:1-15
Romans 16:1 मैं तुम से फीबे की, जो हमारी बहिन और किंख्रिया की कलीसिया की सेविका है, बिनती करता हूं।
Romans 16:2 कि तुम जैसा कि पवित्र लोगों को चाहिए, उसे प्रभु में ग्रहण करो; और जिस किसी बात में उसको तुम से प्रयोजन हो, उस की सहायता करो; क्योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है।
Romans 16:3 प्रिसका और अक्विला को जो मसीह यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्कार।
Romans 16:4 उन्होंने मेरे प्राण के लिये अपना ही सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।
Romans 16:5 और उस कलीसिया को भी नमस्कार जो उन के घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को जो मसीह के लिये आसिया का पहिला फल है, नमस्कार।
Romans 16:6 मरियम को जिसने तुम्हारे लिये बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Romans 16:7 ​अन्द्रुनीकुस और यूनियास को जो मेरे कुटम्बी हैं, और मेरे साथ कैद हुए थे, और प्रेरितों में नामी हैं, और मुझ से पहिले मसीह में हुए थे, नमस्कार।
Romans 16:8 अम्पलियातुस को, जो प्रभु में मेरा प्रिय है, नमस्कार।
Romans 16:9 उरबानुस को, जो मसीह में हमारा सहकर्मी है, और मेरे प्रिय इस्तखुस को नमस्कार।
Romans 16:10 अपिल्लेस को जो मसीह में खरा निकला, नमस्कार। अरिस्तुबुलुस के घराने को नमस्कार।
Romans 16:11 मेरे कुटुम्बी हेरोदियोन को नमस्कार। नरकिस्सुस के घराने के जो लोग प्रभु में हैं, उन को नमस्कार।
Romans 16:12 त्रूफैना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं, नमस्कार। प्रिया परसिस को जिसने प्रभु में बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Romans 16:13 रूफुस को जो प्रभु में चुना हुआ है, और उस की माता को जो मेरी भी है, दोनों को नमस्कार।
Romans 16:14 असुंक्रितुस और फिलगोन और हिर्मास ओर पत्रुबास और हर्मेस और उन के साथ के भाइयों को नमस्कार।
Romans 16:15 फिलुलुगुस और यूलिया और नेर्युस और उस की बहिन, और उलुम्पास और उन के साथ के सब पवित्र लोगों को नमस्कार।


एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 8-10 
  • प्रेरितों 8:26-40