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बुधवार, 9 जून 2021

प्रार्थना

 

          एबी उस समय हाई स्कूल की छात्रा थी, जब उसने और उसकी माँ ने एक वायु-यान दुर्घटना का समाचार सुना, जिसमें एक लड़का घायल होने से गंभीर हालत में था, जबकि उसके पिता और सौतेली माँ का उस दुर्घटना में निधन हो गया था। वे उन लोगों को नहीं जानते थे, लेकिन एबी की माँ ने कहा कि उन्हें उस लड़के के लिए प्रार्थनाएँ करनी चाहिएँ, और उन्होंने की भी।

          कुछ वर्षों के बाद, जब एक दिन जब एबी विश्वविद्यालय में अपनी कक्षा में आई तो एक लड़के ने उसे अपने साथ की सीट पर बैठने के लिए आमंत्रित किया, और एबी ने स्वीकार कर लिया। उस लड़के का नाम ऑस्टिन हैच था; वह वही लड़का था जिसके लिए एबी ने प्रार्थनाएँ की थीं। उन दोनों में मित्रता हुई और बढ़ती गई, और फिर 2018 में उनका विवाह हो गया। उनके विवाह से कुछ पहले एक साक्षात्कार में एबी ने कहा, “अब यह सोचना इतना विचित्र सा लगता है कि मैं अनजाने में ही अपने भावी पति के लिए प्रार्थनाएं कर रही थी।”

          हमारे लिए, बिना दूसरों के लिए प्रार्थना करने का समय निकाले, अपनी प्रार्थनाओं को अपनी ही व्यक्तिगत आवश्यकताओं और अपने निकट के लोगों के लिए ही सीमित रखना बहुत सरल होता है। किन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में लिखा,और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो” (इफिसियों 6:18); और 1 तिमुथियुस 2:1-2 हमें सभी के लिए प्रार्थना करने को कहता है, अधिकारियों के लिए भी।

          हम औरों के लिए भी प्रार्थनाएँ करें – उनके लिए भी जिन्हें हम नहीं जानते हैं। यह “एक दूसरे के भार उठाने” (गलातियों 6:2) का एक तरीका है। - डेव ब्रैनन

 

प्रभु परमेश्वर, मुझे औरों के लिए प्रार्थनाएँ करने वाला बनाएं।


अब मैं सब से पहिले यह उपदेश देता हूं, कि बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएं। राजाओं और सब ऊंचे पद वालों के निमित्त इसलिये कि हम विश्राम और चैन के साथ सारी भक्ति और गम्भीरता से जीवन बिताएं। - 1 तीमुथियुस 2:1-2

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:16-20

इफिसियों 6:16 और उन सब के साथ विश्वास की ढाल ले कर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको।

इफिसियों 6:17 और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो।

इफिसियों 6:18 और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।

इफिसियों 6:19 और मेरे लिये भी, कि मुझे बोलने के समय ऐसा प्रबल वचन दिया जाए, कि मैं हियाव से सुसमाचार का भेद बता सकूं जिस के लिये मैं जंजीर से जकड़ा हुआ राजदूत हूं।

इफिसियों 6:20 और यह भी कि मैं उस के विषय में जैसा मुझे चाहिए हियाव से बोलूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 32-33
  • यूहन्ना 18:19-40


गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

सरल और सहज



      वाशिंगटन पोस्ट नामक समाचार पत्र में छपे एक लेख में कुछ तकनीकी विद्वानों द्वारा मानव जीवन को अमर करने के प्रयासों के विषय बताया गया; इस परियोजना पर काम करने वाले इसके लिए अरबों खर्च करने को तैयार हैं।

      परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि यह प्रभु यीशु मसीह द्वारा दो हज़ार वर्ष पहले ही संभव कर दिया गया है। प्रभु यीशु ने कहा, “यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (यूहन्ना 11:25-26)। प्रभु यीशु मसीह ने यह प्रतिज्ञा दी कि जो कोई उनपर विश्वास करेगा उसका कभी, किसी भी पारिस्थित में अन्त नहीं होगा। इसे थोड़ा स्पष्ट कर दें – हमारे शरीर मर सकते हैं, और मर भी जाएंगे; परन्तु हमारा वह भाग जो हमारे विचार, विवेक, बुद्धि, स्मरण और स्मृतियों, प्रेम आदि से संबंधित है, जो हमारा वास्तविक भीतरी मनुष्यत्व है, जिसे हम “मैं” कहते हैं वह कभी नहीं मरेगा – वह सदा प्रभु के साथ स्वर्ग में रहेगा।

      और सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे अनन्त जीवन को प्राप्त करने के लिए केवल उसे परमेश्वर के उपहार के रूप में स्वीकार भर करना है, इसके लिए अपना कोई कार्य या प्रयास नहीं करना है, अपने आप को इसके योग्य जताने या बनाने के लिए कुछ भी नहीं करना है, केवल प्रभु यीशु से अपने पापों की क्षमा माँग कर, अपना जीवन उसे समर्पित कर देना है, और प्रत्युत्तर में उससे यह अविनाशी, आशीषित जीवन उपहार स्वरूप स्वीकार कर लेना है।

      कुछ लोग कहते हैं कि इतनी बड़ी बात इतनी सरल और सहज कैसे हो सकती है? मेरा उत्तर है, जैसा बाइबल में लिखा है, यदि परमेश्वर ने हमसे हमारे जन्म लेने से भी पहले प्रेम किया और यह चाहा कि हम उसके साथ सदा काल के लिए स्वर्ग में रहें, तो वह ऐसा होना कठिन क्यों बनाएगा; इसे सरल और सहज क्यों नहीं रखेगा?


मसीह यीशु ने मृत्यु के अँधेरे द्वार को अनन्त जीवन के ज्योतिर्मय द्वार से बदल दिया है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:17-27
John 11:17 सो यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
John 11:18 बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
John 11:19 और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्‍ति देने के लिये आए थे।
John 11:20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।  


एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13



शुक्रवार, 1 जून 2018

सही समय



   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड के नियमों के अनुसार जीवन सीधा-सादा प्रतीत होता है – परमेश्वर के आज्ञाकारी बने रहो और आशीषें प्राप्त करो; उसके अनाज्ञाकारी बनो और मुसीबतों का सामने करने को तैयार रहो। यह संतुष्टि देने वाली आध्यात्मिकता हो सकती है; परन्तु क्या यह इतनी सरल है भी?

   बाइबल के एक पात्र राजा आसा की कहानी तो इसी नमूने के अनुसार दिखाई देती है। राजा आसा ने अपनी प्रजा को झूठे देवताओं से पृथक किया, और उसके राज्य में संपन्नता आई (2 इतिहास 15:1-19)। फिर अपने राज्य के बाद के समय में वह परमेश्वर की बजाए अपने आप पर निर्भर रहने लगा (16:2-7) और उसके शेष जीवन भर युद्ध और बीमारियाँ उसे घेरे रहीं (पद 12)।

   इस कहानी को देखकर एक सीधा सा निष्कर्ष निकाल लेना सरल है। परन्तु हनानी भविष्यद्वक्ता ने आसा को सचेत करते समय उससे कहा “जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है” परमेश्वर उन्हें सामर्थी करता है (16:9)। हमारे मनों को सामर्थी होने की भला क्या आवश्यकता है? क्योंकि सही कार्य करने के लिए साहस और धीरज की आवश्यकता होती है।

   इस बारे में बाइबल से कुछ लोगों के जीवनों के उदाहरणों को देखें: अय्यूब को सृष्टि की महानतम त्रासदी सहने में प्रमुख भूमिका निभानी पड़ी; उसका दोष? “वह खरा और सीधा था” (अय्यूब 1:8)। यूसुफ पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया गया और उसे वर्षों तक, परमेश्वर के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, कैदखाने को सहना पड़ा (उत्पत्ति 39:19-41:1)। यिर्मयाह को मारा-पीटा गया और काठ में ठोक दिया गया (यिर्मयाह 20:2)। उसका क्या दोष था? वह भविष्यद्वक्ता, परमेश्वर की ओर से बलवई लोगों को सच बताता था (26:15)।

            जीवन इतना सरल नहीं है, और परमेश्वर के मार्ग हमारे मार्गों से भिन्न हैं। सही निर्णय लेने और उस पर बने रहने के लिए कीमत चुकानी पड़ सकती है। परन्तु परमेश्वर की अनन्त योजना में, उसकी आशीषें सही समय पर आ जाती हैं। - टिम गुस्ताफासन


जो परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, परमेश्वर उनकी सहायता करता है।

क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है। - यशायाह 55:8-9

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 16:7-14
2 Chronicles 16:7 उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है।
2 Chronicles 16:8 क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उस में बहुत ही रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ में कर दिया।
2 Chronicles 16:9 देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा।
2 Chronicles 16:10 तब आसा दर्शी पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों को पीसने भी लगा।
2 Chronicles 16:11 आदि से ले कर अन्त तक आसा के काम यहूदा और इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त में लिखे हैं।
2 Chronicles 16:12 अपने राज्य के उनतीसवें वर्ष में आसा को पांव का रोग हुआ, और वह रोग अत्यन्त बढ़ गया, तौभी उसने रोगी हो कर यहोवा की नहीं वैद्यों ही की शरण ली।
2 Chronicles 16:13 निदान आसा अपने राज्य के एकतालीसवें वर्ष में मर के अपने पुरखाओं के साथ सो गया।
2 Chronicles 16:14 तब उसको उसी की कब्र में जो उसने दाऊदपुर में खुदवा ली थी, मिट्टी दी गई; और वह सुगन्धद्रव्यों और गंधी के काम के भांति भांति के मसालों से भरे हुए एक बिछौने पर लिटा दिया गया, और बहुत सा सुगन्धद्रव्य उसके लिये जलाया गया।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 15-16
  • यूहन्ना 12:27-50



शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

सरल


   संयुक्त राज्य अमेरिका के चौथे राष्ट्रपति, जेमस मैडिसन ने अमेरिका के संविधान के बनाए जाने में सहयोग दिया था। उन्होंने अपने सह-कार्यकर्ताओं को सचेत किया था कि वे ऐसे नियम नहीं बनाएं जो इतने भारी-भरकम हों कि पढ़े ना जा सकें, या इतने जटिल हों कि समझे ना जा सकें। आज जब मैं कुछ कार्यों के लिए भरे जाने वाले सरकारी दस्तावेज़ों को देखता हूँ तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन की नियम बनाने वालों के द्वारा उनकी यह सलाह अभी तक ठीक से समझी तथा स्वीकार नहीं की गई है।

   ऐसे ही अनेक बार परमेश्वर द्वारा संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के साथ भी होता है; उस सरल से सुसमाचार को आवश्यकता से अधिक जटिल बना कर प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन हम आनन्दित हो सकते हैं कि परमेश्वर द्वारा सारे संसार के उद्धार के लिए दिए गए इस सुसमाचार को परमेश्वर का वचन बाइबल बड़े स्पष्ट और सरलता से समझी जा सकने वाली भाषा में प्रस्तुत करता है। प्रभु यीशु ने निकुदिमुस से, जो शास्त्रों का ज्ञाता तथा धर्माधिकारियों का एक प्रमुख था कहा, "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। अपने पकड़वाए जाने से पहले चेलों से अपनी बातचीत के दौरान "यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6)। अनन्त जीवन पाने के लिए फिल्प्पी के जेलर द्वारा किए गए प्रश्न के उत्तर में प्रेरित पौलुस ने उससे कहा, "...प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों 16:31); तथा कुरिन्थुस की मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस ने उन्हें स्मरण दिलाया "इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा" (1 कुरिन्थियों 15:3-4)।

   जगत से किए गए परमेश्वर के प्रेम की गाथा बहुत सरल है; परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार के सभी लोगों को उनके पापों के दण्ड और अनन्त काल की मृत्यु से बचाने के लिए भेजा, और यह प्रभु यीशु पर स्वेच्छा से लाए गए साधारण विश्वास द्वारा संभव है। यह अद्भुत सुसमाचार इतना सरल है कि एक बच्चा भी इसे समझ सकता है, इतना कारगर है कि संसार का कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा पापी क्यों ना समझा जाता हो, इसे स्वीकार करने के द्वारा निश्चित ही क्षमा और उद्धार पा सकता है। इस अवसर को नज़रंदाज़ ना करें, सुसमाचार को स्वीकार कर लें। - डेव ऐगनर


प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा हम परमेश्वर से पापों के दण्ड की क्षमा और उद्धार प्राप्त करते हैं।

हम तुम्हें और कुछ नहीं लिखते, केवल वह जो तुम पढ़ते या मानते भी हो, और मुझे आशा है, कि अन्‍त तक भी मानते रहोगे। - 2 कुरिन्थियों 1:13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:1-4, 35, 42-50
1 Corinthians 15:1 हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 
1 Corinthians 15:2 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। 
1 Corinthians 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। 
1 Corinthians 15:4 ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। 

1 Corinthians 15:35 अब कोई यह कहेगा, कि मुर्दे किस रीति से जी उठते हैं, और कैसी देह के साथ आते हैं? 

1 Corinthians 15:42 मुर्दों का जी उठना भी ऐसा ही है। शरीर नाशमान दशा में बोया जाता है, और अविनाशी रूप में जी उठता है। 
1 Corinthians 15:43 वह अनादर के साथ बोया जाता है, और तेज के साथ जी उठता है; निर्बलता के साथ बोया जाता है; और सामर्थ के साथ जी उठता है। 
1 Corinthians 15:44 स्‍वाभाविक देह बोई जाती है, और आत्मिक देह जी उठती है: जब कि स्‍वाभाविक देह है, तो आत्मिक देह भी है। 
1 Corinthians 15:45 ऐसा ही लिखा भी है, कि प्रथम मनुष्य, अर्थात आदम, जीवित प्राणी बना और अन्‍तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना। 
1 Corinthians 15:46 परन्तु पहिले आत्मिक न था, पर स्‍वाभाविक था, इस के बाद आत्मिक हुआ। 
1 Corinthians 15:47 प्रथम मनुष्य धरती से अर्थात मिट्टी का था; दूसरा मनुष्य स्‍वर्गीय है। 
1 Corinthians 15:48 जैसा वह मिट्टी का था वैसे ही और मिट्टी के हैं; और जैसा वह स्‍वर्गीय है, वैसे ही और भी स्‍वर्गीय हैं। 
1 Corinthians 15:49 और जैसे हम ने उसका रूप जो मिट्टी का था धारण किया वैसे ही उस स्‍वर्गीय का रूप भी धारण करेंगे। 
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है।

एक साल में बाइबल:
  • 1 शमूएल 15-16
  • लूका 10:25-42