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गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

वास्तविक स्वामित्व


   एक चर्च के बाहर गाड़ियां खड़ी करने के लिए स्थान की कमी होने लगी। यह चर्च एक दुकान से सटा हुआ था और वह दुकान इतवार वाले दिन बन्द रहती थी। इसलिए चर्च के एक सदस्य ने जाकर दुकान के मालिक से अनुमति चाही कि वे इतवार को आराधना के समय उसकी दुकान के आगे गाड़ियाँ खड़ी कर सकें। दुकान का मालिक मान गया और बोला, "कोई समस्या नहीं; वर्ष के ५१ इतवार आप गाड़ियाँ दुकान के सामने खड़ी कर सकते हैं किंतु ५२वें इतवार को इसकी अनुमति नहीं होगी।" चर्च का वह सदस्य इस अनुमति के लिए दुकानदार का आभारी हुआ, किंतु उत्सुकतावश दुकान के मालिक से पूछा ५२वें इतवार को क्यों नहीं? दुकान मालिक ने मुसकुराते हुए उत्तर दिया, "जिससे आप लोगों को स्मरण रहे कि वह स्थान आपके चर्च का नहीं है।"

   परमेश्वर जो हमें शारीरिक और आत्मिक आशीर्वाद देता है, उन्हें अपना मान लेना या उनपर अपना अधिकार मान लेना हमारे लिए बहुत सरल होता है। इसीलिए हमें थोड़ा ठहरकर परमेश्वर के वचन बाइबल की बात को बार बार स्मरण करते रहना चाहिए कि हमारी प्रत्येक बात का वास्तविक स्वामी परमेश्वर ही है: "हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है" (१ इतिहास २९:११)। हमारे शरीर भी हमारे अपने नहीं हैं: "क्‍या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्‍दिर है जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो। क्योंकि दाम देकर मोल लिए गए हो, इसलिए अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो" (१ कुरिन्थियों ६:१९-२०)।

   १ तीमुथियुस ६:१७ हमें स्मरण दिलाता है कि "इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्‍तु परमेश्वर पर; जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।" परमेश्वर ने भरपूरी से हमें अपनी भलाई और भली बातें दीं हैं; जो कुछ उसने हमें दिया है यदि उस सब के वास्तविक स्वामी के स्वामित्व को पहचानते हुए उसके द्वारा दी गई इन आशीषों का प्रयोग तथा उपयोग उसकी महिमा के लिए करेंगे, और वह हमें फिर और भी अधिक आशीषों की भरपूरी देगा। - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर हमें आशीषें देता है जिससे हम उसे महिमा दे सकें।

क्‍योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्‍वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्‍या सिंहासन, क्‍या प्रभुतांए, क्‍या प्रधानताएं, क्‍या अधिकार, सारी वस्‍तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। - कुलुस्सियों १:१६

बाइबल पाठ: भजन ९५:१-७
Psa 95:1  आओ हम यहोवा के लिये ऊंचे स्वर से गाएं, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें! 
Psa 95:2  हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएं, और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें! 
Psa 95:3  क्योंकि यहोवा महान ईश्वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। 
Psa 95:4  पृथ्वी के गहिरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं। 
Psa 95:5  समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रख है।
Psa 95:6  आओ हम झुककर दण्डवत् करें, और अपने कर्ता यहोवा के साम्हने घुटने टेकें! 
Psa 95:7  क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते!

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह १-४ 
  • प्रकाशितवाक्य १८

बुधवार, 26 दिसंबर 2012

प्रतिक्रिया


   मेरी पत्नि मुझे बता रही थी कि उसका दिन कैसा रहा; उसने दिन में घटित एक रोचक घटना भी बताई। हमारी दो वर्षीय पोती एलियाना हमारे पास आई हुई थी और खिलौनों से खेल रही थी। खेलते हुए जब एलियाना ने घर के एक अन्य भाग में जाना चाहा तो उसकी दादी अर्थात मेरी पत्नि ने उससे कहा, "एलियाना, पहले अपने खिलौने संभाल कर रख दो, फिर जाना।" बिना क्षण भर भी रुके या सोचे, तपाक से एलियाना का चौंका देने वाला उत्तर आया, "अभी मेरे पास समय नहीं है!" भला वह दो वर्ष की बच्ची किस बात में इतनी व्यस्त रही होगी कि उसके पास समय ना हो? वास्तविक बात समय का ना होना नहीं वरन आज्ञाकारिता की इच्छा ना होना थी जिसके लिए एलियाना ने समय को बहाना बना दिया।

   मैं सोचता हूँ कि ऐसे ही कई दफा परमेश्वर भी हमारी भलाई और सुरक्षा के लिए उसके द्वारा दी हुई आज्ञाओं के प्रति हमारी अनाज्ञाकारिता और फिर बहानेबाज़ी की प्रतिक्रीयाओं से ऐसे ही विस्मित होता होगा।

   उदहरणस्वरूप, विचार कीजिए, प्रभु यीशु कहता है: "हे सब बोझ से दबे और थके लोगों मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती ११:२८); और हम प्रत्युत्तर में कहते हैं, "मेरी समस्याएं अनेक और परिस्थितियाँ बहुत विषम हैं, मुझे स्वयं ही इनका समाधान खोज लेने दें!" परमेश्वर कहता है: "शांत हो जाओ और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूँ (भजन ४६:१०); और हमारी प्रतिक्रीया होती है, "मैं बहुत व्यस्त हूँ, अभी मैं शांत नहीं हो सकता; परमेश्वर के लिए समय नहीं दे सकता!" परमेश्वर कहता है: "पवित्र बनो क्योंकि तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है" (१ पतरस १:१६), और हम उत्तर देते हैं, "लेकिन संसार और संसार की बातों में तो इतना मज़ा है; थोड़ा आनन्द इनका भी ले लेना चाहिए!" इन सब और ऐसी ही अन्य बातों में परमेश्वर हमारी प्रतिक्रिया के बारे में क्या सोचता होगा?

   परमेश्वर ने कह दिया है; अब उसकी आज्ञाकारिता ही एकमात्र उचित प्रतिक्रिया है उसके प्रति अपने प्रेम और आदर को दिखाने की। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर की आज्ञाकारिता के लिए सर्वोत्तम प्रेर्णा परमेश्वर को प्रसन्न रखने की हमारी इच्छा है।

इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो, और उसकी बात मानों, और उस से लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घ जीवन यही है... - व्यवस्थाविवरण ३०:२०

बाइबल पाठ: याकूब १:२१-२७
Jas 1:21   इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर करके, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। 
Jas 1:22  परन्‍तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं। 
Jas 1:23  क्‍योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है। 
Jas 1:24  इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्‍त भूल जाता है कि मैं कैसा था। 
Jas 1:25  पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है। 
Jas 1:26   यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है। 
Jas 1:27  हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों ओर विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।

एक साल में बाइबल: 
  • हाग्गै १-२ 
  • प्रकाशितवाक्य १७

मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

विस्मयकारी


   परमेश्वर के वचन बाइबल के मत्ती तथा लूका रचित सुसमाचारों में लिखी गई प्रभु यीशु के जन्म की गाथा से हम इतने परिचित हो गए हैं कि उसकी वास्तविकता और महत्व हमारे लिए बहुत साधारण रह गया है। जो कुछ उस समय पर हुआ उस पर ज़रा विचार कीजिए: एक स्वर्गदूत एक कुँवारी कन्या, मरियम, से आकर कहता है कि वह पवित्र आत्मा की सामर्थ से गर्भवती होगी (लूका १:२६-३८); फिर वह स्वर्गदूत उस कन्या के मंगेतर, यूसुफ, से कहता है कि जाकर उसे ब्याह लाए और होने वाले बच्चे का नाम यीशु रखे क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा (मत्ती १:२१)। रात में अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे चरवाहों को स्वर्गदूतों का समूह दिखाई देता है और बेतलेहम में जगत के उद्धारकर्ता मसीह यीशु के जन्म का समाचार देता है (लूका २:११)। सैंकड़ों मील की दूरी तय करके ज्योतिषी आकर उस राजा होने वाले बालक का पता पूछते हैं कि उसे दण्डवत कर सकें (मत्ती २:२)। सब कुछ कितना विस्मयकारी है!

   लेकिन इस से भी अधिक विस्मयकारी वह प्रतिक्रीया है जो इन सभी पात्रों ने अपने तक पहुँचे परमेश्वर के सन्देश को दी। मरियम, यूसुफ, चरवाहों और ज्योतिषियों ने ठीक वही किया जैसा उन से कहा गया था। मरियम ने अपने आप को परमेश्वर के हाथों में समर्पित कर दिया; यूसुफ उसे अपनी पत्नि बनाकर अपने घर ले आया; चरवाहे अपनी भेड़ों को छोड़कर शिशु यीशु को ढ़ूँढ़ने बेतलेहम चले गए और ज्योतिषी एक तारे के पीछे पीछे चल निकले। इनमें से किसी को भी पता नहीं था कि अब इसके बाद क्या होगा, इन सब ने केवल परमेश्वर में विश्वास के सहारे अपने कदम बढ़ा लिए कि उन से कहे गए को पूरा करें। अति विस्मयकारी!

   विश्वास में होकर परमेश्वर की आज्ञा मानने वाले इन लोगों के नाम २००० वर्ष से भी अधिक से लेकर आजतक संसार भर में आदर के साथ लिए जाते हैं, जो आदर और ख्याति इन्होंने विश्वास के एक कदम द्वारा इस पार्थिव संसार में प्राप्त करी है वह संसार के सब से वैभवशाली और पराक्रमी अधिपति भी अपने सारे सामर्थ और जीवन काल की मेहनत से कभी अर्जित नहीं कर पाए; लेकिन इससे भी बढ़कर बात तो यह है कि इनके नाम और काम परमेश्वर के अटल, अविनाशी और अमिट वचन में सदा के लिए आदर के साथ दर्ज हो गए हैं जहाँ वे आते काल और समयों में भी कीर्ति पाते रहेंगे।

   इस क्रिसमस के समय हमारे विश्वास की दशा कैसी है? क्या अनिश्चितता के समयों और अभिभूत कर देने वाली परिस्थितियों में मैं और आप भी परमेश्वर पर ऐसा ही विश्वास दिखाएंगे और उसके आज्ञाकारी होंगे? जब हम परमेश्वर के आज्ञाकारी बने रहते हैं, समयों और हालातों पर नहीं वरन अपनी नज़रें परमेश्वर पर लगाए रहते हैं तो परिणाम वास्तव में विस्मयकारी होते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


विश्वास यात्रा का लक्ष्य नहीं जानता किंतु यात्रा पर अगुवाई करने वाले को जानता है, उसे मानता है और उससे प्रेम रखता है। - चेम्बर्स

सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। - मत्ती १:२४

बाइबल पाठ: मत्ती १:१८-२५
Mat 1:18  अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Mat 1:19  सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Mat 1:20  जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्‍वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्‍तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्‍योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Mat 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्‍योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Mat 1:22  यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था वह पूरा हो। 
Mat 1:23  कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है परमेश्वर हमारे साथ। 
Mat 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Mat 1:25  और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उस ने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य १६

सोमवार, 24 दिसंबर 2012

पृथ्वी पर शान्ति?


   मैं स्वर्गदूतों दोषी ठहराना नहीं चाहता और ना ही उनके साथ कोई बहस करना चाहता हूँ, किंतु यह भी सच है कि मैं अकसर सोचता रहता हूँ कि पृथ्वी पर जिस शान्ति का वायदा स्वर्गदूतों ने प्रभु यीशु के जन्म के समय चरवाहों से किया था उसका क्या हुआ? प्रभु यीशु के जन्म के पश्चात पिछले २००० वर्षों से शान्ति इस पृथ्वी पर एक दुर्लभ बात ही रही है। तब से अब तक अनेक युद्ध अनेक स्थान पर लड़े गए और अनगिनित निर्दोष लोग मारे गए; पारिवारिक कलह और अशान्ति सारे संसार में एक बढ़ता हुआ रोग है जो परिवारों को बरबाद कर रहा है तथा जीवनों में अशान्ति फैला रहा है। समाज में तलाक की संख्या बढ़ती  ही जा रही है, प्रभु की मण्डलियों में भी विभाजन बढ़ते जा रहे हैं और हमारे अशान्त मनों में शान्ति एक सपने की तरह लगती है।

   वह वायदा करी गई शान्ति आखिर है कहाँ? थोड़ा सा विचार और मनन करें तो समझ में आता है कि प्रभु यीशु अपने साथ पृथ्वी पर शान्ति के लिए प्रत्येक आवश्यक बात लेकर आए थे। उन्होंने अपने चेलों को आश्वस्त किया: "मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे" (यूहन्ना १४:२७)। उन्होंने शान्ति के सिद्धांत सिखाए और बताए: लोग अपने पड़ौसियों से अपने समान प्रेम रखें; उन्होंने सिखाया कि हम अपने सताने वालों की ओर अपना दुसरा गाल भी फेर दें, उनके साथ अतिरिक्त मील तक जाएं, लालच से परे रहें, एक दूसरे की कमज़ोरियों को सह लें, और एक दूसरे की सेवा और एक दूसरे से वैसे ही प्रेम करें जैसे प्रभु यीशु ने हमसे किया है। यह सब करने की सामर्थ देने के लिए उन्होंने अपने प्रत्येक विश्वासी को अपना आत्मा प्रदान किया जो सदा उनके साथ रहता है।

   सच तो यह है कि इस शान्ति को लाना प्रभु ने हमारे ही हाथों में छोड़ा है। परमेश्वर के वचन बाइबल से भी हम यही सीखते हैं; प्रेरित पौलुस ने रोमियों के नाम अपनी पत्री में लिखा: "जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो" (रोमियों १२:१८)। पृथ्वी पर शान्ति की विधि प्रभु यीशु ने सिखाई है, उसके लिए आवश्यक सामर्थ भी प्रदान करी है, लेकिन उसे कार्यान्वित करना हमारे ही हाथों में है।

   इस क्रिसमस पर जब हम शान्ति के राजकुमार प्रभु यीशु के जन्म का उत्सव मनाते हैं तो पृथ्वी के लोगों को अपने जीवनों द्वारा व्यावाहरिक रूप से प्रभु यीशु की शान्ति की भेंट प्रदान करें। - जो स्टोवैल


जब हम परमेश्वर के साथ मेल और शान्ति को अपने जीवनों में स्थान देंगे तो उसे दूसरों के साथ भी बांटने पाएंगे।

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना १४:२७

बाइबल पाठ: रोमियों १२:९-२१
Rom 12:9  प्रेम निष्‍कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई में लगे रहो। 
Rom 12:10  भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्‍पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। 
Rom 12:11  प्रयत्‍न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। 
Rom 12:12  आशा में आनन्‍दित रहो; क्‍लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो। 
Rom 12:13   पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो। 
Rom 12:14   अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Rom 12:15  आनन्‍द करने वालों के साथ आनन्‍द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Rom 12:16  आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्‍तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न हो। 
Rom 12:17  बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्‍ता किया करो। 
Rom 12:18   जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Rom 12:19  हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्‍तु क्रोध को अवसर दो, क्‍योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Rom 12:20  परन्‍तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्‍योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Rom 12:21  बुराई से न हारो परन्‍तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कुक १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य १५

रविवार, 23 दिसंबर 2012

इलाज


   यदि आप का चिकित्सक आपको फोन करके गंभीर आवाज़ में कहे कि, "जितना शीघ्र हो सके आप मेरे पास चले आईए; मुझे आप के साथ कुछ अति आवश्यक बातचीत करनी है" तो आप समझ जाएंगे कि उसके पास आपके लिए कोई बुरी खबर है। यह सुनकर चाहे आपकी प्रथम प्रतिक्रीया हो कि, "नहीं! मुझे यह नहीं जानना है" फिर भी आप जाकर उसकी सुनते हैं क्योंकि जब तक आप रोग को नहीं जान लेते, उसका उपचार भी नहीं जान सकते।

   सृष्टि के महानतम चिकित्सक परमेश्वर के पास भी मानव जाति के लिए एक बुरी खबर है - उसकी आत्मिक दशा के बारे में। जब परमेश्वर के निर्देषों और आज्ञा के विरुद्ध हमारे आदि माता-पिता आदम तथा हव्वा ने वर्जित फल खाया और पाप किया तब परमेश्वर ने उनसे कहा कि अब समस्त मानव जाति आत्मिक तथा शारीरिक रूप से मृत्यु को भोगेगी - यही वह बुरी खबर है।

   परन्तु इसके साथ ही परमेश्वर ने इसका निवारण भी दिया - उसने एक उद्धारकर्ता का वायदा किया (उत्पत्ति ३:१५)। प्रेरित यूहन्ना हमें बताता है कि "इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, परन्‍तु अनुग्रह, और सच्‍चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची" (यूहन्ना १:१७)। लेकिन इस से हमें कैसे लाभ होता है? प्रभु यीशु ने इस संसार में जन्म लिया जिस से परमेश्वर का अनुग्रह मनुष्य तक पहुँच सके; वह अनुग्रह जिसके हम में से कोई भी योग्य नहीं है, क्योंकि आदम और हव्वा के समान ही हम सब ने भी पाप किया है और परमेश्वर से दूर हैं। किंतु पाप के द्वारा जो दुषप्रभाव हमारे जीवन में आए, प्रभु यीशु उन्हें पलटने के लिए आया, और केवल वह ही इस के लिए सक्षम है। प्रभु यीशु वह सत्य है (यूहन्ना १४:६) जो हमें परमेश्वर के पास लौटा लाता है; वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करने आया (मत्ती १:२१)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में होकर देखिए कि परमेश्वर आपकी आत्मिक दशा के बारे में क्या कहता है। अपने पाप-रोग की पहचान के बाद उससे उसके निवारण को भी जान लीजिए, और प्रभु यीशु में पाप से मुक्ति तथा उद्धार की मुफ्त भेंट को स्वीकार कर लीजिए। - सी. पी. हीया


पाप से उत्पन्न आत्मिक अन्धापन केवल प्रभु यीशु में पापों की क्षमा से ही ठीक हो सकता है।

इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, परन्‍तु अनुग्रह, और सच्‍चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची। - यूहन्ना १:१७

बाइबल पाठ: यूहन्ना १:१०-१८
Joh 1:10  वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्‍पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। 
Joh 1:11   वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 
Joh 1:12  परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। 
Joh 1:13  वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्‍छा से, न मनुष्य की इच्‍छा से, परन्‍तु परमेश्वर से उत्‍पन्न हुए हैं। 
Joh 1:14  और वचन देहधारी हुआ, और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। 
Joh 1:15  यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्‍योंकि वह मुझ से पहिले था। 
Joh 1:16  क्‍योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्‍त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह। 
Joh 1:17  इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्‍तु अनुग्रह, और सच्‍चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची। 
Joh 1:18   परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।

एक साल में बाइबल: 
  • नहूम १-३ 
  • प्रकाशितवाक्य १४

शनिवार, 22 दिसंबर 2012

स्तर


   मेरे पुत्र और पुत्रवधु के पास एक १२० पौंड वज़न का पालतु बुल्डौग है, उसका शरीर ताकतवर और मुँह खतरनाक दिखने वाला है और नाम है ’बडी’। जब तक हम ’मित्र’ नहीं हो गए बडी मुझ से आशंकित रहता था। जब मैं खड़ा रहता था तो वह मेरी नज़रों से अपनी नज़रें नहीं मिलाता था और दूर ही रहता था। फिर एक दिन मैं ने समझा कि यदि मैं नीचे ज़मीन पा आजाऊँ तो बडी का रवैया बदल जाता है, और वह मुझ से भयभीत नहीं रहता। मैंने ऐसा ही किया और मुझे अपने स्तर पर देखकर बडी मुझ से भयभीत नहीं रहा, मेरे पास आ गया, मेरा ’मित्र’ हो गया। उसके बाद से वह निसंकोच मेरे पास आकर मुझसे खेलने लगा और मेरे हाथों से अपनी पीठ सहलवाने के लिए प्रयासरत रहने लगा।

   बडी के इस व्यवहार से मुझे परमेश्वर के मसीह यीशु के रूप में इस पृथ्वी पर मानव स्तर और रूप में आने का भेद समझने में सहायता मिली। जब से हमारे आदि माता-पिता ने पाप किया और परमेश्वर की उपस्थिति से छुपने का प्रयास किया, तब से ही मानव जाति परमेश्वर के पास परमेश्वर की शर्तों पर आने से भयभीत रही है (यूहन्ना ३:२०)।

   क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर के स्तर तक उठ पाना संभव नहीं था, इसीलिए, जैसे यशायाह भविष्यद्वकता ने भविष्यद्वाणी करी थी, परमेश्वर ने हम मनुष्यों को अपने पास ले आने के लिए हमारे स्तर पर उतर आना स्वीकार किया। एक निम्न कोटि के सेवक के समान जीवन व्यतीत करके और हमारे पापों के लिए अपने आप को बलिदान करके उसने हमारे पापों के दण्ड को हमारे स्थान पर सह लिया और हमें दण्ड सहने से मुक्त कर दिया। वह चाहता है कि हम अपने आत्मिक अन्धकार से निकलें (यशायाह ४२:७); वह हमें मित्र बनाना चाहता है (यूहन्ना १५:१५); फिर उसपर विश्वास करने से क्यों डरना? क्या आपने मसीह यीशु को अपना मित्र बना लिया है? - मार्ट डी हॉन


अति महान और वैभवशाली परमेश्वर प्रभु यीशु में अति दीन और विनम्र दास बन गया।

मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले, बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले। - यशायाह ४२:६-७

बाइबल पाठ: यशायाह ४२:१-७
Isa 42:1  मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा। 
Isa 42:2  न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा।
Isa 42:3  कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। 
Isa 42:4  वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जोहेंगे।
Isa 42:5  ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहोवा है, वह यों कहता है: 
Isa 42:6  मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले, 
Isa 42:7  बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका ६-७ 
  • प्रकाशितवाक्य १३

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

खुला मार्ग


   मैं अकसर विश्वास से संबंधित बातों के बारे में अचरज के साथ सोचता हूँ। उदाहर्ण के रूप में, मैं जब किसी हवाईअड्डे पर खड़ा होता हूँ तो अनेक विशिष्ट दिखने वाले लोगों को व्यस्तता इधर से उधर जाते देखता हूँ। वे हाथों में अपने ब्रीफकेस लिए, कुछ देर को किसी कौफी की दुकान पर रुकते हैं और फिर किसी अगले सम्मेलन अथवा व्यवसायिक मीटिंग पर अपनी हवाई यात्रा पर निकल लेते हैं। मैं सोचता हूँ, क्या ये लोग कभी परमेश्वर के बारे में सोचने पाते हैं?

   मसीही विश्वासी दो समानन्तर विश्वों में एक अजीब से विश्वास के साथ जीते हैं। एक विश्व है इस भौतिक संसार का, जहां इमारतें हैं, तरह तरह के वस्त्र हैं, व्यवसाय की व्यसतता है, और लोग एक से दूसरे स्थान पर पैसा कमाने के लिए दौड़ते रहते हैं; और धन अर्जित करते करते, बिना पूरी तरह से उस अर्जित धन का उपयोग किए ही संसार से खाली हाथ ही कूच भी कर जाते हैं। दूसरा विश्व है आत्मिक शक्तियों, स्वर्गदूतों और किसी अदृश्य स्थान में बसे स्वर्ग और नरक का। इस भौतिक विश्व को तो हम देख और अनुभव कर सकते हैं, परन्तु अपने आप को उस अदृश्य विश्व का नागरिक मानने के लिए एक असाधारण विश्वास की आवश्यकता होती है।

   क्रिसमस वह समय है जब इन दोनों विश्वों के प्रभु का इस भौतिक संसार में प्रवेश मनाया जाता है; वह आया कि इस संसार के नियमों के अन्तर्गत जीवन जी कर इस नाशमान भौतिक विश्व से उस अदृश्य अनन्त विश्व के स्वर्ग देश में मानव जाति के प्रवेश का मार्ग बना कर संसार को प्रदान करे। प्रभु यीशु के आगमन ने दोनों विश्वों के बीच का संपर्क का मार्ग बनाया और प्रभु के कार्य तथा बलिदान और मृत्यु पर विजय ने दोनों विश्वों के परस्पर असंगति के निवार्ण का मार्ग खोल कर संसार से स्वर्ग पहुँचने का मार्ग दे दिया।

   इसीलिए प्रभु यीशु के जन्म के समय स्वर्गदूतों ने परमेश्वर की स्तुति करी, क्योंकि अब मनुष्य के लिए परमेश्वर के साथ मेल हो सकने का मार्ग खुलने पर था। आज यह मार्ग संसार के प्रत्येक जन के लिए खुला और उपलब्ध है, प्रभु यीशु में साधारण विश्वास के साथ इस भौतिक संसार में रहते हुए ही उस आते विश्व के लिए अपना भविष्य सुनिश्चित कर लीजीए, क्योंकि इस संसार से कूच करने के बाद स्वर्ग के लिए फिर कोई मार्ग नहीं है।- फिलिप यैन्सी


क्रिसमस का मुख्य श्ब्द है "इम्मैनुएल" अर्थात परमेश्वर हमारे साथ।

आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो। - लूका २:१४

बाइबल पाठ: लूका २:१-१४
Luk 2:1  उन दिनों में औगूस्‍तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं। 
Luk 2:2  यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्‍विरिनियुस सूरिया का हाकिम था। 
Luk 2:3   और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए। 
Luk 2:4   सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। 
Luk 2:5   कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। 
Luk 2:6  उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luk 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्‍योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luk 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरि्ये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्‍ड का पहरा देते थे। 
Luk 2:9  और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luk 2:10 तब स्‍वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्‍योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्‍द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luk 2:11  कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luk 2:12  और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luk 2:13 तब एकाएक उस स्‍वर्गदूत के सा्थ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luk 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका ४-५ 
  • प्रकाशितवाक्य १२