यदि आप का चिकित्सक आपको फोन करके गंभीर आवाज़ में कहे कि, "जितना शीघ्र हो सके आप मेरे पास चले आईए; मुझे आप के साथ कुछ अति आवश्यक बातचीत करनी है" तो आप समझ जाएंगे कि उसके पास आपके लिए कोई बुरी खबर है। यह सुनकर चाहे आपकी प्रथम प्रतिक्रीया हो कि, "नहीं! मुझे यह नहीं जानना है" फिर भी आप जाकर उसकी सुनते हैं क्योंकि जब तक आप रोग को नहीं जान लेते, उसका उपचार भी नहीं जान सकते।
सृष्टि के महानतम चिकित्सक परमेश्वर के पास भी मानव जाति के लिए एक बुरी खबर है - उसकी आत्मिक दशा के बारे में। जब परमेश्वर के निर्देषों और आज्ञा के विरुद्ध हमारे आदि माता-पिता आदम तथा हव्वा ने वर्जित फल खाया और पाप किया तब परमेश्वर ने उनसे कहा कि अब समस्त मानव जाति आत्मिक तथा शारीरिक रूप से मृत्यु को भोगेगी - यही वह बुरी खबर है।
परन्तु इसके साथ ही परमेश्वर ने इसका निवारण भी दिया - उसने एक उद्धारकर्ता का वायदा किया (उत्पत्ति ३:१५)। प्रेरित यूहन्ना हमें बताता है कि "इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची" (यूहन्ना १:१७)। लेकिन इस से हमें कैसे लाभ होता है? प्रभु यीशु ने इस संसार में जन्म लिया जिस से परमेश्वर का अनुग्रह मनुष्य तक पहुँच सके; वह अनुग्रह जिसके हम में से कोई भी योग्य नहीं है, क्योंकि आदम और हव्वा के समान ही हम सब ने भी पाप किया है और परमेश्वर से दूर हैं। किंतु पाप के द्वारा जो दुषप्रभाव हमारे जीवन में आए, प्रभु यीशु उन्हें पलटने के लिए आया, और केवल वह ही इस के लिए सक्षम है। प्रभु यीशु वह सत्य है (यूहन्ना १४:६) जो हमें परमेश्वर के पास लौटा लाता है; वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करने आया (मत्ती १:२१)।
परमेश्वर के वचन बाइबल में होकर देखिए कि परमेश्वर आपकी आत्मिक दशा के बारे में क्या कहता है। अपने पाप-रोग की पहचान के बाद उससे उसके निवारण को भी जान लीजिए, और प्रभु यीशु में पाप से मुक्ति तथा उद्धार की मुफ्त भेंट को स्वीकार कर लीजिए। - सी. पी. हीया
पाप से उत्पन्न आत्मिक अन्धापन केवल प्रभु यीशु में पापों की क्षमा से ही ठीक हो सकता है।
इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई, परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची। - यूहन्ना १:१७
बाइबल पाठ: यूहन्ना १:१०-१८
Joh 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।
Joh 1:11 वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
Joh 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
Joh 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
Joh 1:14 और वचन देहधारी हुआ, और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
Joh 1:15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था।
Joh 1:16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
Joh 1:17 इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
Joh 1:18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।
एक साल में बाइबल:
- नहूम १-३
- प्रकाशितवाक्य १४
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