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मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

जन्मदिन


   मुझे जन्मदिन बहुत पसन्द हुआ करते थे। मुझे आज भी याद है कि अपने पाँचवें जन्मदिन के उत्सव के दिन मैं बड़े उत्साह और आनन्द के साथ घर के बरामदे में खड़ा अपने मित्रों के आने की प्रतीक्षा कर रहा था। मैं केवल गुब्बारों, उपहारों और केक को लेकर ही उत्साहित एवं आनन्दित नहीं था; वरन इस बात से भी था कि मैं अब चार वर्ष का नहीं रहा, मैं बड़ा हो रहा हूँ।

   लेकिन जैसे जैसे मेरी आयु बढ़ती गई है, जन्मदिन कई बार उत्साह का नहीं वरन हतोत्साहित होने का कारण हुए। पिछले वर्ष जब मैंने अपना जन्मदिन मनाया, तो वह केवल वर्ष बदलने का ही नहीं वरन दशक बदलने का भी सूचक था। मेरी पत्नि मार्टी ने मुझे उत्साहित करने के लिए स्मरण कराया कि मुझे आयु में बढ़ने के लिए धन्यवादी होना चाहिए; उसने मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के भजन 71 का ध्यान करवाया, जहाँ भजनकार उसकी सारी उम्र उसके साथ बने रहने वाले परमेश्वर की बात करता है। वो परमेश्वर के विषय स्मरण करता है कि "मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला; इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा" (71:6), और वह परमेश्वर के प्रति अपने धन्यवाद की घोषणा करते हुए कहता है, "हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं" (पद 17)। और अब, जब भजनकार बुज़ुर्ग हो गया है, तो उसे यह आदर मिला है: "इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं" (पद 18)। परमेश्वर ने भजनकार की आयु के प्रत्येक वर्ष को उसके साथ बनी रहने वाली अपनी उपस्थिति से आशीषित किया था।

   अब जन्मदिन मुझे परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करवाते हैं; और यह भी स्मरण करवाते हैं कि जो परमेश्वर इतने सालों से मेरे साथ बना रहा है, मैं उसकी उपस्थिति में जाने और उसके साथ अनन्त आनन्द में निवास करने के और अधिक निकट हो रहा हूँ। - जो स्टोवैल


अपने जीवन की अनेकों आशीषें को जन्मदिन से जन्मदिन तक गिनें।

हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। - भजन 103:1-2

बाइबल पाठ: भजन 71:1-18
Psalms 71:1 हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए! 
Psalms 71:2 तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर! 
Psalms 71:3 मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है।
Psalms 71:4 हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर। 
Psalms 71:5 क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है। 
Psalms 71:6 मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला; इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा।
Psalms 71:7 मैं बहुतों के लिये चमत्कार बना हूं; परन्तु तू मेरा दृढ़ शरण स्थान है। 
Psalms 71:8 मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे। 
Psalms 71:9 बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे। 
Psalms 71:10 क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि 
Psalms 71:11 परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है; उसका पीछा कर के उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नहीं।
Psalms 71:12 हे परमेश्वर, मुझ से दूर न रह; हे मेरे परमेश्वर, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर! 
Psalms 71:13 जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए; जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएं। 
Psalms 71:14 मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा। 
Psalms 71:15 मैं अपने मुंह से तेरे धर्म का, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहूंगा, परन्तु उनका पूरा ब्योरा जाना भी नहीं जाता। 
Psalms 71:16 मैं प्रभु यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन करता हुआ आऊंगा, मैं केवल तेरे ही धर्म की चर्चा किया करूंगा।
Psalms 71:17 हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं। 
Psalms 71:18 इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 1-3
  • मत्ती 24:1-28


सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

आशीष


   मेरे पति के हृदयाघात से बच जाने के कई सप्ताह बाद तक उनके प्राणों को सुरक्षित रखने के लिए हम परमेश्वर का धन्यवाद करते रहे। अगले कुछ महीनों में बारंबार मुझसे अनेकों लोगों ने पूछा कि मैं कैसा अनुभव कर रही हूँ; और उन सब को मेरा उत्तर होता था, "आशीषित; मैं बहुत आशीषित अनुभव करती हूँ।"

   लेकिन आशीषें अनेकों स्वरूप और प्रकार में आती हैं; और कई बार हम उन्हें पहचान भी नहीं पाते हैं। जो परमेश्वर हम से चाहता है उसे करते हुए भी हम पर सताव और दुःख आ सकते हैं। कई बार हम अचंभित होते हैं कि परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर वैसा क्यों नहीं दे रहा है जैसा हम चाहते हैं, या जितनी शीघ्रता से हम उसे पाना चाहते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में पुराने नियम के एक पात्र यूसुफ के जीवन से हम ऐसा होते हुए देखते हैं। यूसुफ के लड़कपन और जवानी का जीवन बहुत अकारण दुःखों और कठिनाईयों से भरा हुआ था, जिन्हें वह एक दशक से अधिक समय तक झेलता रहा; मानवीय दृष्टिकोण से प्रतीत होता था कि परमेश्वर उसे भूल गया है, परमेश्वर ने उसे बिसरा दिया है। उसके अपने भाईयों ने डाह से भर कर पहले उसे गढ्ढे में फेंक दिया, फिर उसे उठा कर परदेश में दासत्व में बेच दिया, जहाँ झूठे आरोपों के कारण उसे बन्दीगृह में डाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रत्येक परिस्थिति और कठिनाई में परमेश्वर उसके साथ बना रहा, उसे संभालता और आशीषित करता रहा। अन्ततः उसके प्रति प्रमेश्वर की विश्वासयोग्यता सब पर प्रगट हो गई, जब परमेश्वर ने उसे उठाकर मिस्त्र में राजा के बाद का सर्वोच्च शासक बना दिया और भयानक अकाल के समय में उसके द्वारा अनेकों लोगों के प्राण बचाए गए (उत्पत्ति 37-46)।

   सुप्रसिद्ध मसीही लेखक तथा विश्वासी, सी. एस. लूईस ने लिखा: "जब हम एक आशीष खो देते हैं, तो अकसर उसके स्थान पर अनेपेक्षित रूप से परमेश्वर से कोई दूसरी प्राप्त हो जाती है।" जैसे यूसुफ पर परमेश्वर की आशीष सदा बनी रही और उचित समय पर परमेश्वर ने यूसुफ को उठाया और बढ़ाया, वैसे ही आज भी वह अपने सभी विश्वासियों के साथ भी बना रहता है, और जो उसपर भरोसा बनाए रहते हैं उन्हें उठाता तथा बढ़ाता है। - सिंडी हैस कैस्पर


सच्ची खुशी यह जानना और मानना है कि परमेश्वर सदा, हर बात में भला है।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 45:4-8
Genesis 45:4 फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उसने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिस को तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था। 
Genesis 45:5 अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है। 
Genesis 45:6 क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा। 
Genesis 45:7 सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े। 
Genesis 45:8 इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 39-40
  • मत्ती 23:23-39


रविवार, 5 फ़रवरी 2017

आशापूर्ण जीवन


   आज कल सेहत सुधारने के लिए सकारात्मक तथा आशावादी होने के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है, चाहे हम किसी कठिन बिमारी का सामना कर रहे हों या ढेरों गन्दे कपड़ों को धोने की कठिनाई का। नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफेसर, बारबरा फ्रेड्रिकसन (पी.एच.डी.) का कहना है कि हमें उन गतिविधियों में संलग्न रहने का प्रयास करना चाहिए जो आनन्द, प्रेम और अन्य सकारात्मक भावनाओं को विकसित करती हैं। लेकिन हम यह भी जानते हैं कि ऐसी अच्छी भावनाओं के लिए केवल इच्छा रखना ही काफी नहीं है। हमारे अन्दर एक बहुत मज़बूत निश्चय भी होना चाहिए कि आनन्द, शांति और प्रेम का कोई ऐसा स्त्रोत भी है जिसपर हम विश्वास कर सकते हैं, निर्भर रह सकते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 37:1-8 में दी गई सकारात्मक क्रियाओं को हम निराशा और नकारात्मक सोच के प्रतिरोध के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इस खंड में मनोदशा सुधारने वाली दी गई कुछ बातों पर ध्यान कीजिए: प्रभु में भरोसा बनाए रखो, भलाई करो, देश में बने रहो, सच्चाई में मन लगाओ (पद 3); प्रभु में आनन्दित रहो (पद 4); अपने मार्गों को प्रभु पर छोड़ दो, उस पर भरोसा रखो (पद 5); प्रभु के सामने शांत रहो, धैर्य के साथ उसकी प्रतीक्षा करो, कुड़कुड़ाओ मत (पद 7); क्रोध से परे रहो, जलजलाहट को छोड़ दो (पद 8)।

   क्योंकि उपरोक्त सभी कार्य प्रभु परमेश्वर के साथ जुड़े हुी हैं, इसलिए इन्हें महज़ काल्पनिक अथवा अव्यावहारिक सुझाव नहीं समझना चाहिए। ये सब केवल प्रभु यीशु और उससे मिलने वाली सामर्थ के कारण हमारे लिए संभव होते हैं। हमारे आशापूर्ण होने तथा रहने का सच्चा और खरा स्त्रोत है हमें पापों से मिला वह छुटकारा जो प्रभु यीशु ने क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान द्वारा संभव करवाया है, हम सब के लिए उपलब्ध करवाया है। हमारे आशापूर्ण जीवन का भरोसेमन्द स्त्रोत केवल प्रभु यीशु ही है। - डेविड मैक्कैसलैंड


संसार की बुराईयों से होने वाली निराशा में 
प्रभु यीशु में मिलने वाली आनन्त आशा भलाई का सुसमाचार है।

तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना। क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी। - नीतिवचन 23:17-18

बाइबल पाठ: भजन 37:1-15
Psalms 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर! 
Psalms 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाईं मुर्झा जाएंगे। 
Psalms 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह। 
Psalms 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।
Psalms 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा। 
Psalms 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाईं, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाईं प्रगट करेगा।
Psalms 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है! 
Psalms 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी। 
Psalms 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे। 
Psalms 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा। 
Psalms 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे। 
Psalms 37:12 दुष्ट धर्मी के विरुद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दांत पीसता है; 
Psalms 37:13 परन्तु प्रभु उस पर हंसेगा, क्योंकि वह देखता है कि उसका दिन आने वाला है।
Psalms 37:14 दुष्ट लोग तलवार खींचे और धनुष बढ़ाए हुए हैं, ताकि दीन दरिद्र को गिरा दें, और सीधी चाल चलने वालों को वध करें। 
Psalms 37:15 उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे, और उनके धनुष तोड़े जाएंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 36-38
  • मत्ती 23:1-22


शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

कीमत


   लेखक माइकल सैंडल ने अपनी पुस्तक "What Money Can't Buy" में लिखा है कि कुछ चीज़ें हैं जो पैसे से खरीदी नहीं जा सकती हैं - लेकिन आजकल उनकी संख्या बहुत कम है। बन्दीगृह में सज़ा काटने वाला 90 डॉलर प्रति रात्रि के दर से अपनी कैद-कोठरी में बेहतर सुविधाएं प्राप्त कर सकता है, विलुप्त होने की कगार पर आए हुए काले गेंडे का शिकार 250,000 डॉलर में किया जा सकता है, आपके डॉक्टर के सेल फोन का नंबर 1500 डॉलर में प्राप्त किया जा सकता है। लगता है कि जैसे हर चीज़ बिकाऊ हो गई है।

   लेकिन एक चीज़ है जिसे पैसे से कभी खरीदा नहीं जा सकता है - उद्धार अर्थात पापों से छुटकारा, पाप के चँगुल से स्वतंत्रता। यह छुटकारा, यह स्वतंत्रता केवल प्रभु यीशु मसीह ही दे सकता है, और वह संसार के सभी लोगों को इसे सेंत-मेंत देना भी चाहता है, यदि वे इसे लेने के लिए तैयार हों तो। परमेश्वर के वचन बाइबल में जब पौलुस ने हमारे उद्धार के लिए परमेश्वर की अद्भुत योजना के बारे में लिखना आरंभ किया तो उसका हृदय प्रशंसा से भर उठा, और उसने लिखा, "हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया" (इफिसियों 1:7-8)।

   क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह का बलिदान वह कीमत थी जो हमारे उद्धार के लिए परमेश्वर ने हमारे लिए चुका दी है। पापों से छुटकारे की यह कीमत केवल प्रभु यीशु ही चुका सकता था क्योंकि वही एकमात्र है जो निष्पाप, निष्कलंक, सिद्ध है, परमेश्वर का पुत्र है। ऐसे कीमती, परन्तु हमारे लिए बिना किसी कीमत उपलब्ध करवाए गए उद्धार के लिए हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया हृदयों से निकली कृतज्ञता और धन्यवाद की भेंट होनी चाहिए, उस परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह के प्रति जिसने अपने जीवन से कीमत चुका कर हमें शैतान के चँगुल में से छुड़ा लिया है (इफिसियों 1:13-14)।

   हमारे महान प्रभु परमेश्वर की स्तुति और प्रशंसा हो - हमें छुड़ाने के लिए वह पृथ्वी पर आ गया और हमारे छुटकारे की पूरी कीमत चुका दी। - मार्विन विलियम्स


केवल प्रभु यीशु की मृत्यु ही हमारे छुटकारे की कीमत चुका सकती थी।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। - 1 कुरिन्थियों 6:19-20

बाइबल पाठ: इफिसियों 1:3-14
Ephesians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उसने हमें मसीह में स्‍वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है। 
Ephesians 1:4 जैसा उसने हमें जगत की उत्‍पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। 
Ephesians 1:5 और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 
Ephesians 1:6 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्‍तुति हो, जिसे उसने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। 
Ephesians 1:7 हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। 
Ephesians 1:8 जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। 
Ephesians 1:9 कि उसने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उसने अपने आप में ठान लिया था। 
Ephesians 1:10 कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्‍ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे। 
Ephesians 1:11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जा कर मीरास बने। 
Ephesians 1:12 कि हम जिन्हों ने पहिले से मसीह पर आशा रखी थी, उस की महिमा की स्‍तुति के कारण हों। 
Ephesians 1:13 और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी। 
Ephesians 1:14 वह उसके मोल लिये हुओं के छुटकारे के लिये हमारी मीरास का बयाना है, कि उस की महिमा की स्‍तुति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 34-35
  • मत्ती 22:23-46


शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

बढ़ोतरी


   चीन में मुहावरों का प्रयोग आम बात है, और उनके मुहावरों के पीछे बहुधा कुछ नीति-कथाएं होती हैं। ऐसा ही एक मुहावरा "बढ़ने के लिए फसल को खींचना" सौंग राजवंश के शासन काल के समय के एक किसान से संबंधित है। वह किसान बहुत आतुर था कि चावल के पौधों की उसकी फसल तेज़ी से बढ़े; इसके लिए उसे एक उपाय सूझा - वह पौधों को थोड़ा सा खींचकर उन्हें लंबा कर देगा। दिन भर ऐसा करने के बाद उस किसान ने अपने चावल के खेत पर दृष्टि की, और देखकर प्रसन्न हुआ कि उसके खेत के पौधे पहले से कुछ बढ़े हुए दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसका यह आनन्द थोड़े ही समय का था; क्योंकि अगले ही दिन उसने देखा कि सारे पौधे मुर्झा गए हैं, क्योंकि उसके कार्य से उनकी जड़ों को क्षति पहुँची थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में तिमुथियुस को लिखी अपनी पत्री में प्रभु यीशु में मिलने वाले उद्धार के सुसमाचार के प्रचार का कार्य करने वाले सेवक को किसान के समान बताया है। पौलुस ने तिमुथियुस को प्रोत्साहित करने के लिए लिखा कि खेती के समान, प्रभु यीशु के चेले बनाना एक लगातार चलते रहने वाला कठिन मेहनत का कार्य है। किसान के समान ही सेवक भी लोगों के जीवनों में हल जोतता है, परमेश्वर के वचन के बीज बोता है, उन बीजों के अंकुरित होने की प्रतीक्षा करता है, उनके लिए प्रार्थना करता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे परिश्रम का फल भी शीघ्र दिखाई दे, परन्तु बढ़ोतरी समय लेती है। और जैसा उपरोक्त चीनी मुहावरे की कहानी सिखाती है, उस बढ़ोतरी में तेज़ी लाने के प्रयास बहुधा लाभदायक नहीं वरन नुकसानदेह ही होते हैं। बाइबल टीकाकार विलियम हैंड्रिकसन ने लिखा: "यदि तिमुथियुस...परमेश्वर द्वारा उसे दिए गए कार्य को अच्छे से करने के लिए पूरा-पूरा प्रयास करेगा...तो वह दूसरों के जीवनों में उसे...उन महिमामय फलों का आरंभ दिखेगा जिनका उल्लेख गलतियों 5:22-23 में है।"

   जब हम विश्वासयोग्यता के साथ परिश्रम करते हैं, धीरज के साथ प्रभु परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करते हैं, तो परमेश्वर से मिलने वाली बढ़ोतरी और फल भी देखने पाते हैं। - पोह पैंग चिया


खेत जोतना तथा बीज बोना हमारा कार्य है;
उस परिश्रम से फसल उत्पन्न करना परमेश्वर का।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:1-6; 1 कुरिन्थियों 3:5-9
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा। 
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों। 
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा। 
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता 
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता। 
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।

1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। 
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 31-33
  • मत्ती 22:1-22


गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

धन्यवादी


   ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के एक सुविख्यात शोधकर्ता के अनुसार, "यदि धन्यवादी होना कोई दवा होती तो हमारे शरीरों के प्रत्येक अंग पर भला प्रभाव डालने की क्षमता रखने के कारण वह संसार में सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन जाती।"

   कुछ लोगों के लिए धन्यवादी होने का अर्थ होता है कि अपने विचारों को उन वस्तुओं पर केंद्रित करके उलझे रहने की बजाए जो हमारे पास नहीं हैं, जो हमारे पास हैं उन पर ध्यान केंद्रित कर के उनके लिए कृतज्ञ रहने के भाव के साथ जीवन व्यतीत करना। लेकिन परमेश्वर का वचन बाइबल हमें धन्यवादी होने के इससे भी अधिक गहरे अर्थ को समझाती है। हमारा धन्यवादी होना हमारा ध्यान वहाँ लेकर जाता है जो हमारी हर आशीष का स्त्रोत है (याकूब 1:17)।

   बाइबल में अनेकों भजनों का लिखने वाला, राजा दाऊद जानता था कि वाचा के सन्दूक को सुरक्षित यरूशलेम पहुँचाने वाला वह नहीं वरन परमेश्वर था (1 इतिहास 15:26)। इसलिए उसने इस घटना को लेकर परमेश्वर के लिए धन्यवाद का भजन लिखा जो केवल कार्य सफलतापूर्वक होने के कारण आनन्दित होने पर नहीं परन्तु परमेश्वर के गुणों पर आधारित है। इस भजन के आरंभिक भाग में दाऊद कहता है: "यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो" (1 इतिहास 16:8)। इससे आगे दाऊद का यह भजन परमेश्वर की महानता में आनन्दित होने, उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले उद्धार, सृष्टि करने की उसकी सामर्थ और मनुष्यों के प्रति उसकी करुणा को प्रमुख करता है (पद 25-36)।

   आज हम हमें मिलने वाले उपहारों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए उन्हें देने वाले की आराधना और महिमा करने के द्वारा वास्तव में उसके धन्यवादी हो सकते हैं। हमारे जीवन की अच्छी बातों पर ध्यान लगाना हमारे शरीरों के लिए लाभकारी हो सकता है, परन्तु परमेश्वर पर ध्यान लगाना और सदा उसके प्रति धन्यवादी रहना हमारे प्राण-देह-आत्मा के लिए लाभकारी होता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


सच्चा धन्यवादी मन देने वाले को महत्व देता है ना कि उससे मिलने वाले उपहारों को।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:7-14
1 Chronicles 16:7 तब उसी दिन दाऊद ने यहोवा का धन्यवाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप दिया। 
1 Chronicles 16:8 यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो। 
1 Chronicles 16:9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो। 
1 Chronicles 16:10 उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो। 
1 Chronicles 16:11 यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके दर्शन के लिये लगातार खोज करो। 
1 Chronicles 16:12 उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण करो। 
1 Chronicles 16:13 हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके चुने हुए हो! 
1 Chronicles 16:14 वही हमारा परमेश्वर यहोवा है, उसके न्याय के काम पृथ्वी भर में होते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 29-30
  • मत्ती 21:23-46


बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

एक साथ


   मेरी पत्नी जैनेट ने मेरे 65वें जन्मदिन के उपल्क्ष में मेरे लिए एक नया ड्रैडनॉट डी-35 गिटार खरीदा। इस गिटार को इसके मूल रूप में 1900 के आरंभ में विकसित किया गया था। उस समय में बनाए गए गिटारों से ड्रैडनॉट कुछ अधिक बड़ा होता है, और अपनी भारी तथा ऊँची आवाज़ के लिए जाना जाता है। इसका नाम प्रथम विश्वयुद्ध में काम देने वाले विशाल युद्धपोत एच.एम.एस. ड्रैडनॉट के नाम पर पड़ा था। डी-35 का पिछला भाग अनुपम है। उच्च गुणवंता की रोज़वुड लकड़ी की चौड़ी तख़्तियों की कमी होने के कारण कारिगरों ने इसे तीन पतली तख़्तियों को एक साथ जोड़कर बनाया, जिससे इससे निकलने वाली ध्वनि और भी बेहतर हो गई।

   परमेश्वर की कारीगरी भी इस गिटार की कारीगरी के समान है। प्रभु यीशु हम बिखरे हुए मनुष्यों को एक साथ जोड़कर ऐसा बना देता है जिससे हम सामूहिक रूप से उसकी महिमा का कारण हो जाते हैं। यदि हम प्रभु यीशु की इस पृथ्वी की सेवकाई के दिनों में उनके चेलों की पृष्ठभूमि को देखें तो पाएंगे कि प्रभु ने चुँगी लेने वालों, यहूदी क्रांतिकारियों और मछुआरों को लेकर अपने चेलों का समूह बनाया, जिन्होंने फिर सारे संसार में प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा मिलने वाली पापों की क्षमा और सेंत-मेंत उद्धार का सुसमाचार फैला दिया। तब से लेकर आज तक भी प्रभु जीवन के हर क्षेत्र से अपने लिए लोगों को बुलाता आ रहा है, उन्हें एक साथ एक देह - उसकी जीवित मण्डली में जोड़कर उनसे अपनी महिमा और सेवा लेता आ रहा है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा, "जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए" (इफिसियों 4:16)।

   हमारे स्वामी के हाथों में अनेकों प्रकार के लोग एक साथ जुड़कर परमेश्वर की महिमा और आराधना का स्त्रोत बनकर उसकी और अन्य लोगों की सेवा में कार्य करने लग जाते हैं। विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए मसीही विश्वासियों का एक साथ जुड़कर परमेश्वर की महिमा का माध्यम बन जाना परमेश्वर की अद्भुत कारिगरी का उदहारण है। - डेनिस फिशर


जितना हम अकेले रहकर नहीं कर सकते, 
उससे कहीं अधिक हम एक साथ जुड़ जाने से कर पाते हैं।

क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया। - इफिसियों 2:10

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 27-28
  • मत्ती 21:1-22