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गुरुवार, 28 जनवरी 2010

मरफी के नियम

मरफी के नियम जीवन के अनुभवों से निकाले गये निष्कर्ष हैं। शायद आपने यह सुना होगा, "कुछ ग़लत होना है तो ज़रूर होगा।" एक और नियम है, "आप ऐसे ही कुछ नहीं कर सकते, हर काम का कोई परिणाम ज़रूर होता है।"

मेरा अनुभव भी मरफी के नियमों को साबित करता है। ऊपर कहे हुए दूसरे नियम को मैं आदर्ष नियम मानकर दीवार पर लटकाने योग्य मानता हूँ। गलत चुनाव के दुष्परिणाम होते हैं। उदाहरण के लिए अगर हम सुख-विलास के लिए जीवन बिताते हैं, तो वह हमारी सन्तानों, पोतों और परपोतों को प्रभावित करेगा (निर्गमन २०:४,५)।

अगर हम परमेश्वर से अलग होकर चलते हैं तो हमारे बच्चे भी उसी रास्ते को अपना लेते हैं, जो हमने लिया। बाद में अगर हम परमेश्वर की ओर मुड़ेंगे तौभी शायद वे नहीं मुड़ेंगे।

परन्तु अच्छी खबर यह है कि परमेश्वर के प्रति भक्ति के अच्छे परिणाम होते हैं। विश्वास का जीवन बिताने वाले माँ-बाप का अच्छा प्रभाव उनकी सन्तानों पर होता है। अगर वे लंबे काल तक जीवित रहेंगे तो कई पीढ़ी तक अपने विश्वास का फल देख सकते हैं। अपनी सन्तानों को मसीह के लिए जीते हुए देखने में बूढ़े लोगों को कितनी सन्तुष्टि होती है।

मरफी और बाइबल इस एक बात में सहमत हैं कि "हर कार्य के परिणाम होते हैं।" - हैडौन रोबिन्सन

जो मसीह के पीछे चलते हैं वे दूसरों को सही दिशा में ले चलते हैं।

बाइबल पाठ: तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना। - निर्गमन २०:३

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन १९,२०
  • मत्ती १८:२१-३५