ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

प्रभावी जीवन

चीन की राजधानी बीजिंग में अगस्त ८, २००८ को ओलम्पिक्स खेलों का उद्‍घाटन समारोह था। उद्‍घाटन स्थल पर ९०,००० दर्शक बैठे थे, और समस्त विश्व में उस समारोह का टी.वी. पर प्रसारण हो रहा था। मैंने भी उसे टेलीविज़न पर देखा। चीन के ५००० साल के इतिहास, उप्लबधियों और चीन द्वारा संसार को दीये गए अविश्कारों जैसे कागज़ बनाना, कुतुबनुमा, आतिशबाज़ी आदि का विवरण सुनना बहुत उत्साहवर्धक और प्रभावशाली था।

राजा सुलेमान के वैभव की चर्चा सुनकर, शीबा की रानी मिलने उससे आई (१ राजा १०:४, ५)। सुलेमान की राजधानी यरुशलेम की चकाचौंध और सुलेमान की बुद्धिमता को देखकर वह कह उठी कि मैंने जो सुना था वह इसका आधा भी नहीं था (पद ७)। शीबा की रानी इस बात के लिये कायल हुई कि सुलेमान राजा की प्रजा इसलिये सुखी थी क्योंकि वे राजा से बुद्धिमानी की बातें सीखते थे (पद ८)। इन सब बातों का प्रभाव यह हुआ कि रानी ने सुलेमान के परमेश्वर को माना और उसे सुलेमान को राजा बनाने और उसके न्याय और धार्मिकता से राज्य करने के लिये परमेश्वर का धन्यवाद किया (पद ९)।

सुलेमान का अपने लोगों पर हुए प्रभाव को पढ़कर मैं संसार पर अपने प्रभाव के बारे में सोचने लगा। बात अपनी सम्पदा और योग्यता से दूसरों को प्रभावित करने की नहीं है, बात है कि दूसरों के जीवन पर हम कैसा प्रभाव डालते हैं? प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा "तुम पृथ्वी के नमक हो" (मती ५:१३) ज़रा सा नमक भोजन का स्वाद बना देता है। क्या प्रभु यीशु के चेले होने के नाते हम अपने आस पास के लोगों के जीवन पर भला प्रभाव डालते हैं?

आईये आज हम में से प्रत्येक कुछ ऐसा करे जो लोगों को प्रभु की प्रशंसा करने के लिये उत्साहित करे। - सी.पी. हिया


मसीही विश्वासी वे खिड़कियां हैं जिनमें हो कर लोग मसीह को देखते हैं।

तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्‍वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मती ५:१६


बाइबल पाठ: १ राजा १०:४-१०

जब शीबा की रानी ने सुलैमान की सब बुद्धिमानी और उसका बनाया हुआ भवन, और उसकी मेज पर का भोजन देखा,
और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते, और उसके टहलुए किस रीति खड़े रहते, और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलाने वाले कैसे हैं, और वह कैसी चढ़ाई है, जिस से वह यहोवा के भवन को जाया करता है, यह सब जब उस ने देखा, तब वह चकित हो गई।
तब उस ने राजा से कहा, तेरे कामों और बुद्धिमानी की जो कीर्ति मैं ने अपने देश में सुनी थी वह सच ही है।
परन्तु जब तक मैं ने आप ही आकर अपनी आंखों से यह न देखा, तब तक मैं ने उन बातों की प्रतीत न की, परन्तु इसका आधा भी मुझे न बताया गया था। तेरी बुद्धिमानी और कल्याण उस कीर्ति से भी बढ़कर हैं, जो मैं ने सुनी थी।
धन्य हैं तेरे जन, धन्य हैं तेरे ये सेवक जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुद्धि की बातें सुनते हैं।
धन्य है तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझ से ऐसा प्रसन्न हुआ कि तुझे इस्राएल की राजगद्दी पर विराजमान किया : यहोवा इस्राएल से सदा प्रेम रखता है, इस कारण उस ने तुझे न्याय और धर्म करने को राजा बना दिया है।
और उस ने राजा को एक सौ बीस किक्कार सोना, बहुत सा सुगन्ध द्रव्य, और मणि दिया; जितना सुगन्ध द्रव्य शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को दिया, उतना फिर कभी नहीं आया।

एक साल में बाइबल:
  • यशायाह ४१, ४२
  • १ थिसुलिनिकियों १