कुछ वर्ष पहले मैंने एक वियतनामी छात्र ले थाई के बारे में पढ़ा, वह भी पूर्वजों की उपासना करने वाले लोगों में से था। उसे अपनी मृतक दादी से प्रार्थना करने में सबसे अधिक शांति मिलती थी क्योंकि वह उनसे बहुत प्रेम करता था, उनके बहुत निकट था। यह उसके लिए बहुत आत्मीय और व्यक्तिगत था।
लेकिन जब वह वियतनाम से अमेरिका पढ़ने के लिए आया तो ले थाई का परिचय मसीही विश्वास से हुआ। उसे यह अमेरिकी सोच-विचार पर आधारित एक काल्पनिक-कथा के समान लगा। उसके लिए यह किसी परदेशी देवता कि आराधाना करने के समान था।
फिर क्रिसमस के त्यौहार पर एक मित्र ने उसे अपने घर आने का निमंत्रण दिया। वहां उसने एक मसीही विश्वासी परिवार में उनके विश्वास को कार्य करते देखा, एक बार फिर उसने प्रभु यीशु मसीह की कहानी सुनी। ले थाई ने ध्यानपूर्वक सुना। फिर उसने परमेश्वर के वचन में यूहन्ना रचित सुसमाचार के तीसरे अध्याय से "नया जन्म" पाने के बारे में पढ़ा और उसने प्रश्न पुछने आरंभ किए। उसके मन में पवित्र आत्मा ने कार्य करना आरंभ किया और कुछ समय पश्चात वह जान गया कि मसीही विश्वास कल्पनाओं पर नहीं सच्चाई पर आधारित है। उसने प्रभु यीशु को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया।
यदि कोई मसीही विश्वास को परदेशी देवता की आराधाना मानता है तो उसके साथ सुसमाचार बांटने में हमें संवेदनशील रहना चाहिए, मसीही विश्वास के यथार्थ को परखने और जांचने के लिए उसे समय देना चाहिए और उसके अपने परंपरागत विश्वास कि भर्तसना नहीं करनी चाहिए।
आदर और प्रेम के साथ सुसमाचार बांटें फिर पवित्र आत्मा को अपना कार्य करने दें। - डेव ब्रैनन
यीशु की सच्चाई को सच्चाई से परखने वाला यथार्थ को पहचाने बिना नहीं रह सकते।
बाइबल पाठ: प्रेरितों १७:१६-३१
Act 17:16 जब पौलुस अथेने में उन की बाट जोह रहा था, तो नगर को मूरतों से भरा हुआ देखकर उसका जी जल गया।
Act 17:17 सो वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से और चौक में जो लोग मिलते थे, उन से हर दिन वाद-विवाद किया करता था।
Act 17:18 तब इपिकूरी और स्तोईकी पण्डितों में से कितने उस से तर्क करने लगे, और कितनों ने कहा, यह बकवादी क्या कहना चाहता है? परन्तु औरों ने कहा, वह अन्य देवताओं का प्रचारक मालूम पड़ता है, क्योंकि वह यीशु का, और पुनरूत्थान का सुसमाचार सुनाता था।
Act 17:19 तब वे उसे अपने साथ अरियुपगुस पर ले गए और पूछा, क्या हम जान सकते हैं, कि यह नया मत जो तू सुनाता है, क्या है?
Act 17:20 क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इन का अर्थ क्या है?
Act 17:21 (इसलिये कि सब अथेनवी और परदेशी जो वहां रहते थे नई नई बातें कहने और सुनने के सिवाय और किसी काम में समय नहीं बिताते थे)।
Act 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा होकर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े माननेवाले हो।
Act 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं।
Act 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता।
Act 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्वास और सब कुछ देता है।
Act 17:26 उस ने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाई हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्धा है।
Act 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोलकर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं!
Act 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं।
Act 17:29 सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।
Act 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।
Act 17:31 क्योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।
एक साल में बाइबल:
- गिनती ७-८
- मरकुस ४:२१-४१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें