मेरा जीवन अकसर जल्दबाजी और
अशांति से भरा हुआ होता है। मैं एक ज़िम्मेदारी से दूसरी की ओर भागती हुई, अपने मार्ग में फोन करती हूँ, और जो कार्य हो गए हैं उन्हें अपने कार्यों की सूची में से हटाती रहती
हूँ, किन्तु सूची का अन्त कभी आता नहीं दिखता है। एक इतवार के दिन, बहुत थकी हुई मैं अपने घर के पीछे, आँगन में लटके हुए खटोले में निढाल
होकर लेट गई। मेरा फोन घर के अन्दर था, और मेरे बच्चे तथा
मेरे पति भी घर के अन्दर ही थे; मैं वहाँ अकेली थी, मेरा
ध्यान बँटाने के लिए कुछ नहीं था। पहले तो मेरा इरादा बस कुछ ही पल लेटकर आराम
करने का था, परन्तु उस शान्त वातावरण में, जब ध्यान बंटाने के लिए और कुछ भी नहीं था, तब
मैंने अपने आस-पास की कुछ बातों पर ध्यान देना आरंभ किया,
जिन्होंने मुझे और कुछ समय वहाँ रुक कर आराम करने के लिए प्रेरित किया। मेरे खटोले
के धीरे-धीरे हिलने की आवाज़, पास के फूलों में मधुमक्खियों
का भिनभिनाना, ऊपर उड़ती हुई चिड़ियों के पंखों का फड़फड़ाना, आकाश का चटकीला नीला रंग, और हवा में तैरते हुए बादलों के आकार – सभी बहुत मनमोहक लग रहे थे।
सृष्टिकर्ता परमेश्वर की
सृष्टि पर ध्यान करने से मैं सृष्टिकर्ता की रचनात्मकता से भाव-विभोर हो गई, मेरी
आँखें नम हो गईं। जब मैंने अपने जीवन की गति को कम किया और अपने आस-पास की बातों
को देखना तथा सुनना आरंभ किया, तब मैं सृष्टिकर्ता की अद्भुत सृष्टि के लिए उसके प्रति कृतज्ञ होकर उसकी
आराधना के लिए प्रेरित हुई। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 104 के भजनकार ने भी
परमेश्वर की सृष्टि को देखकर कुछ ऐसे ही भाव व्यक्त करते हुए कहा, “तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी
तृप्त रहती है” (पद 13)।
भाग-दौड़ से भरे जीवन के मध्य
शान्त हो जाने के कुछ पल हमें हमारे सृष्टिकर्ता की अद्भुत सृष्टि और उसकी
सामर्थ्य का ध्यान करवा सकते हैं! उसने हमें अपनी सामर्थ्य और कोमलता के प्रमाणों
से घेरा हुआ है; उसने ही
ऊँचे पर्वत और पक्षियों के लिए डालियाँ बनाई हैं; भजनकार के
साथ हम भी अपने सृष्टिकर्ता के लिए कह सकते हैं: “हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं!
इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है” (पद 24)। - कर्स्टन होल्मबर्ग
परमेश्वर की रचनात्मक सामर्थ्य हमारे चारों विद्यमान है।
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ्य, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं,
यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों
1:20
बाइबल पाठ: भजन 104:10-24
भजन संहिता 104:10 तू नालों में सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते हैं,
भजन संहिता 104:11 उन से मैदान के सब जीव- जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं।
भजन संहिता 104:12 उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं।
भजन संहिता 104:13 तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के
फल से पृथ्वी तृप्त रहती है।
भजन संहिता 104:14 तू पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्न आदि उपजाता है,
और इस रीति भूमि से वह भोजन-वस्तुएं उत्पन्न
करता है,
भजन संहिता 104:15 और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।
भजन संहिता 104:16 यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं।
भजन संहिता 104:17 उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है।
भजन संहिता 104:18 ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं।
भजन संहिता 104:19 उसने नियत समयों के लिये चन्द्रमा को बनाया है; सूर्य अपने अस्त होने का समय जानता है।
भजन संहिता 104:20 तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं।
भजन संहिता 104:21 जवान सिंह अहेर के लिये गरजते हैं, और ईश्वर से अपना आहार मांगते हैं।
भजन संहिता 104:22 सूर्य उदय होते ही वे चले जाते हैं और अपनी मान्दों में जा बैठते
हैं।
भजन संहिता 104:23 तब मनुष्य अपने काम के लिये और संध्या तक परिश्रम करने के लिये
निकलता है।
भजन संहिता 104:24 हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि
से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति
से परिपूर्ण है।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 9-11
- मरकुस 5:1-20
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें