एक
सर्द, जमा देने वाली ठंडी की प्रातः, मैं और मेरी बेटी चलकर स्कूल जा रहे थे, और
उस ठण्ड में हम अपने श्वास को भाप में परिवर्तित होता देखकर आनन्दित हो रहे थे। हम
भाप के उन छोटे बादलों को बनाने से आनन्दित हो रहे थे, मेरे लिए वे पल एक उपहार के
समान थे, जब मैं अपनी बेटी की संगति में आनदित हो सकती थी, जीवित अनुभव कर सकती थी।
हमारी
श्वास जो सामान्यतः अदृश्य रहती है, हवा के ठन्डे होने के कारण दिखाई दे रही थी,
और इससे मैं अपने जीवन और श्वास के स्त्रोत – हमारे सृष्टिकर्ता प्रभु के बारे में
सोचने लगी। उसी ने आदम को धरती की मिट्टी से बनाया और उसमें जीवन का श्वास फूंका,
और वही है जो हमें तथा सभी जीवित प्राणियों को जीवन का दान देता है (उत्पत्ति 2:7)।
सभी वस्तुएँ उस ही से आती हैं, हमारी श्वास भी, जिसे अन्दर-बाहर लेते हुए हम उसके
बारे में सोचते भी नहीं हैं।
हम
आज की तकनीकियों और सुविधाओं में होकर अपने आरंभ को तथा इस तथ्य को कि परमेश्वर ही
है जो हमें जीवन देता है, भूल सकते हैं। परन्तु जब हम थोड़ा थम कर यह स्मरण करते
हैं कि परमेश्वर ही हमारा सृष्टिकर्ता है, तो हम उसके प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी बन
सकते हैं। हम उससे अपने जीवन एवं कार्यों के लिए सहायता माँग सकते हैं, और कृतज्ञ
तथा धन्यवादी हृदयों के साथ उससे मिलने वाली सहायता, कृपा और सुरक्षा के लिए उसकी
आराधना कर सकते हैं। हमारा यह कृतज्ञ एवँ धन्यवादी होना औरों को भी छू सकता है, और
उन्हें भी इन बातों के प्रति सजग करके, उनके मनों से भी कृतज्ञता एवँ धन्यवाद के
साथ परमेश्वर की आराधना और स्तुति करवा सकता है। - एमी बाउचर पाई
अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ
और धन्यवादी रहो,
जिससे जीवन और सभी आशीषें मिलती हैं।
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु
परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। - 1 तिमुथियुस 6:17
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:4-8
Genesis 2:4 आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का
वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और
आकाश को बनाया:
Genesis 2:5 तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर
न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था;
Genesis 2:6 तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था
जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को
भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की
ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने
रचा था, रख दिया।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 49-50
- मत्ती 13:31-58
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